इजराइल ने बीते दिन ईरान पर 200 इजरायली फाइटर जेट्स से ईरान के 4 न्यूक्लियर और 2 मिलिट्री ठिकानों पर हमला किये। जिनमें करीब 100 से ज्यादा की मारे जाने की खबरे आ रही है। जिनमें ईरान के 6 परमाणु वैज्ञानिक और टॉप 4 मिलिट्री कमांडर समेत 20 सैन्य अफसर हैं। इजराइल और ईरान के बीच दशकों से चले आ रहे तनाव ने सैन्य टकराव का रूप ले लिया है - जैसे कि इजरायल ने सीधे ईरान पर हमला कर दिया है तो इसके परिणाम न केवल पश्चिम एशिया बल्कि पूरी दुनिया पर व्यापक असर डाल सकते हैं। यह हमला क्षेत्रीय संघर्ष को अंतरराष्ट्रीय संकट में बदल सकता है। इस post में हम जानेगे कि इस तरह के हमले से वैश्विक राजनीति, अर्थव्यवस्था, कूटनीति, सुरक्षा और अंतराष्ट्रीय संगठनों पर क्या प्रभाव पडेगा और दुनिया का झुकाव किस ओर हो सकता है। [1. ]अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति पर प्रभाव: सैन्य गुटों का पुनर्गठन : इजराइल द्वारा ईरान पर हमले के कारण वैश्विक स्तर पर गुटबंदी तेज हो गयी है। अमेरिका, यूरोपीय देश और कुछ अरब राष्ट्र जैसे सऊदी अरब इजर...
जिस प्रकार सरकार द्वारा पूरे देश में लॉक डाउन की अवधि को धीरे धीरे कई खंडों में विभाजित करके इस देश में करीब करीब 3 महीने का जो लॉकडाउन सरकार के द्वारा लगाया गया था उस लॉक डाउन की वजह से भारत देश की अर्थव्यवस्था में काफी गिरावट देखी गई जिसकी वजह से यहां का व्यापार नष्ट हो गया लघु उद्योगों का व्यापार जो कि असंगठित क्षेत्र में आते हैं वे सभी प्रकार के क्षेत्र और उस में कार्य करने वाले मजदूरों ने अपने रोजगार से हाथ धोना पड़ा ऐसी स्थितियां ना केवल भारत में बल्कि और भी कई देशों में देखी गई लेकिन इस लॉकडाउन का सबसे ज्यादा असर दूसरे देशों की अपेक्षा भारत की अर्थव्यवस्था पर कुछ ज्यादा ही पड़ा जिसकी वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था में करीब 70 साल में - 23 परसेंट की गिरावट देखी गई हम से आगे का विरोध करने वाला हमारा पड़ोसी देश बांग्लादेश का परफॉर्मेंस हम से कई गुना बेहतर दिखाई दिया. नए साल के आगमन और दशहरा और दिवाली के त्योहारों के आने से खुदरा व्यापारियों और मैन्युफैक्चरस के लिए अमूमन खुशहाली का दौर होता है कार से लेकर टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुएं ...