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असुरक्षित ऋण क्या होते हैं? भारतीय बैंकिंग संकट, अर्थव्यवस्था पर प्रभाव और RBI के समाधान की एक विस्तृत विवेचना करो।

Drafting और Structuring the Blog Post Title: "असुरक्षित ऋण: भारतीय बैंकिंग क्षेत्र और अर्थव्यवस्था पर प्रभाव, और RBI की भूमिका" Structure: परिचय असुरक्षित ऋण का मतलब और यह क्यों महत्वपूर्ण है। भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में असुरक्षित ऋणों का वर्तमान परिदृश्य। असुरक्षित ऋणों के बढ़ने के कारण आसान कर्ज नीति। उधारकर्ताओं की क्रेडिट प्रोफाइल का सही मूल्यांकन न होना। आर्थिक मंदी और बाहरी कारक। बैंकिंग क्षेत्र पर प्रभाव वित्तीय स्थिरता को खतरा। बैंकों की लाभप्रदता में गिरावट। अन्य उधारकर्ताओं को कर्ज मिलने में कठिनाई। व्यापक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव आर्थिक विकास में बाधा। निवेश में कमी। रोजगार और व्यापार पर नकारात्मक प्रभाव। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की भूमिका और समाधान सख्त नियामक नीतियां। उधार देने के मानकों को सुधारना। डूबत ऋण प्रबंधन (NPA) के लिए विशेष उपाय। डिजिटल और तकनीकी साधनों का उपयोग। उदाहरण और केस स्टडी भारतीय बैंकिंग संकट 2015-2020। YES बैंक और IL&FS के मामले। निष्कर्ष पाठकों के लिए सुझाव और RBI की जिम्मेदारी। B...

DALIT VS humaara samaaz

 Dalit sabad ko dekhe jo ki samaaz ki samazeek paribhasa jo kai sadiyo se chali aayi h .dalit da se dabaana  l se latiyaana jo ki ess desh ki samaaz ki jo kuch manav ki soch ko paribhasith karti h.

Lekin isase alag jo dalit ke naam per sabhi partiyo ko sirf apna vote bank hi nazar aata h .yah ek prakaar ki sirf yojana jo  ki sirf kuch sabdo ka malhum laga kar ke hi dalit ki atama ki saanti miljati h.

agar hum aaj bhi kisi ke baare me baat kre yadi aap up ya bihaar me ho pahli pahchaan app kuan ho ?

aap ko apna kaam nhi balki jaati ko batana h .ki aap kis jaati se ho .abhi Hathrus me jis prakaar se media ne us ghatana ko dalit vs savaarn bana diya to esses hi pata chalta h ki hum 2020 me aakarke bhi jaati aur dharm ke mohpass me bande hua ha.


2012 ke nirbhaya ki ghatana se logo ko jis prakaar se humaari baheno aur betiyo ki chinta nazar aayi thi wo yaha per sirf is liye gayab thi kyoki yaha dalit ki beti  thi .ya yaha per saavaarn ladako ka naam aya h

 kya apradh ko jaati se pahchana jayega  ki yadi rape jaisi ghatana kisi dalit ke saat hoti h to usko insaaf dilaane ki jimedaari dalit sagthan le wo dalit ki beti h .yani wo bharat desh ki beti nahi h.


agar samaaz ki ye soch h to esse sammaz sabse jyada chinta usko kudh karna hoga kya wakai me unka desh mahaan banega.

    yaar ye desh wakaai me hum sabse teji se growth kar sakte  bs humko sirf jaati aur dharm ke bich deewaar h usko girana hoga .mera matlab h kihumko yeh sochana hoga  manav sirf manav hota h .humko hamesha se hi ek dosare ki madaad karte rahna hoga .maddad sirf paise se nhi ki jati kabhi kisi ko achi salaah de de karke madad ho sakti h . kisi ke suckh dukh m saat dene se bhi madaad ho sakti h.


humaare desh ke neta rajneta sena ki baadi badi misale dete h.deshbhakti  humaare desh ka iihaas rahi h 

lekin aaj main kai baar socialmedia ke madhyam se dekhata hu  koi fuaji hospital me apne baap ka ilaaj karwaane keliye sanghars kar raha h tokoi court ke mukdamo zameeni wiwado se lar raha .

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