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UPSC परीक्षा में मोहनजोदड़ो के विशाल स्नानागार के बारे में परिचर्चा करो?

सिविल सेवा परीक्षा में भारतीय कला एवं संस्कृति एक महत्त्वपूर्ण विषय है। इसमें भारतीय कला एवं संस्कृति से सम्बन्धित प्रारंभिक परीक्षा तथा मुख्य परीक्षा में यह बहुत ही महत्त्वपूर्ण Topic में रखा गया है। इसमें अगर महत्वपूर्ण Topic की बात की जाये भारतीय वास्तुकला, मूर्तिकला और मृद्भाण्ड, भारतीय चित्रकलायें, भारतीय हस्तशिल्प, भारतीय संगीत से सम्बन्धित संगीत में आधुनिक विकास, जैसे महत्वपूर्ण विन्दुओं को UPSC Exam में पूछे जाते हैं।                      भारतीय कला एवं संस्कृति में भारतीय वास्तुकला को भारत में होने वाले विकास के रूप में देखा जाता है। भारत में होने वाले विकास के काल की यदि चर्चा कि जाये तो हड़प्पा घाटी सभ्यता से आजाद भारत की कहानी बताता है। भारतीय वास्तुकला में राजवंशों के उदय से लेकर उनके पतन, विदेशी शासकों का आक्रमण, विभिन्न संस्कृतियों और शैलियों का संगम आदि भारतीय वास्तुकला को बताते हैं।          भारतीय वास्तुकला में शासकों द्वारा बनवाये गये भवनों की आकृतियाँ [डिजाइन] आकार व विस्तार के...

असुरक्षित ऋण क्या होते हैं? भारतीय बैंकिंग संकट, अर्थव्यवस्था पर प्रभाव और RBI के समाधान की एक विस्तृत विवेचना करो।

असुरक्षित ऋण: भारतीय बैंकिंग क्षेत्र और अर्थव्यवस्था पर प्रभाव, और RBI की भूमिका Structure: परिचय असुरक्षित ऋण का मतलब और यह क्यों महत्वपूर्ण है। भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में असुरक्षित ऋणों का वर्तमान परिदृश्य। असुरक्षित ऋणों के बढ़ने के कारण आसान कर्ज नीति। उधारकर्ताओं की क्रेडिट प्रोफाइल का सही मूल्यांकन न होना। आर्थिक मंदी और बाहरी कारक। बैंकिंग क्षेत्र पर प्रभाव वित्तीय स्थिरता को खतरा। बैंकों की लाभप्रदता में गिरावट। अन्य उधारकर्ताओं को कर्ज मिलने में कठिनाई। व्यापक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव आर्थिक विकास में बाधा। निवेश में कमी। रोजगार और व्यापार पर नकारात्मक प्रभाव। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की भूमिका और समाधान सख्त नियामक नीतियां। उधार देने के मानकों को सुधारना। डूबत ऋण प्रबंधन (NPA) के लिए विशेष उपाय। डिजिटल और तकनीकी साधनों का उपयोग। उदाहरण और केस स्टडी भारतीय बैंकिंग संकट 2015-2020। YES बैंक और IL&FS के मामले। निष्कर्ष पाठकों के लिए सुझाव और RBI की जिम्मेदारी। Blog Post परिचय असुरक्षित ऋण (Non-Performing Assets या NPA...

भारत बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन क्या है ?

भारत अपने पडोसी देशों के साथ, हमेशा से ही व्यापारिक और सकारात्मक रिश्तों का पक्षधर रहा है। अगर बात करें हम  बाग्लादेश की तो भारत ने हमेशा से" ही बाग्लादेश के साथ अपने सम्बधों के साथ व्यापारिक पक्षों को भी मजबूती प्रदान करता चला आ रहा है। बाग्लादेश दक्षिण एशिया में भारत का सबसे  बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर है। बाग्लादेश भारतीय एक्सपोर्ट के लिये दुनिया का चौथा सबसे  बड़ा बाजार है। बाग्लादेश, भारत का छठा सबसे बड़ा बिजनेस पार्टनर है।       भारत - बाग्लादेश मैत्री पाइप लाइन को इण्डिया- बाग्लादेश फ्रेंडशिप पाइप लाइन प्रोजेक्ट यानि कि आईबीएफपीएल कहा गया है। दोनों देशों के बीच ये सीमा पार पहली ऊर्जा पाइप लाइन है। इसका शिलान्यास सितम्बर 2018 में दोनों देशों के प्रधानमनियों द्वारा किया गया था। इस  पाइपलाइन की लम्बाई कि बात कि जाये तो यह 131 किलोमीटर कि है। और इसका अधिकांश हिस्सा लगभग 125 km का क्षेत्र बाग्लादेश में ही पड़ता है। सिर्फ 5 से 6 Kam का क्षेत्र ही भारत में हैं। इस मैत्री पाइपलाइन कि लागत कि बात कि जाये,तो यह तकरीबन 377  करोड़ लागत का प्रोज...

At what time was demonetization done in India? Describe the main reason for demonetization.भारत में नोटबंदी किस-किस समय पर की गई थी? नोटबंदी करने के प्रमुख कारण का वर्णन करो।

Demonetization :.  The government abolishes or discontinues the old currency which is in common circulation and introduces the new currency.  Which we call demonetization.  Which we know in common language as note bandi.   Reasons for demonetization by the government: The government decides to demonetize due to the following reasons -  [1] When black money, corruption and fake notes increase and all these processes cause great harm to the economy of any country, then the government tries to curb them by demonetization.  [2] Demonetization not only curbs black money and corruption but also curbs activities like fake notes and terrorism.  Because the currency held by terrorists is no longer legal tender.  [3] Due to the government's sudden decision of demonetization, black money itself gets destroyed because no person is able to muster the courage to exchange a large amount for a new amount.   Demonetization in India: So far, tough decisions li...

G7 ग्रुफ क्या है और इसके क्या कार्य हैं?

G7  जिसे सात समूह के संगठन रूप में भी जाना जाता है। यह एक अंतर-सरकारी संगठन है, जिसका गठन वर्ष 1975 में किया गया था। यह यूरोपीय संघ के साथ-साथ 7 देशों की अर्थव्यवस्थाओं का एक अनौपचारिक समूह  है । यूरोपीय संघ (EU) एक संप्रभु सदस्य राज्य नही बल्कि यह अद्वितीय सुपरनॅशनल संगठन है।  G7 दुनिया की सात सबसे बडी विकसित अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों का समूह है, इसमें सात देश फ्रांस, जर्मनी, जापान, इटली, कनाडा, ब्रिटेन और अमेरिका शामिल है।  G7 ग्रुफ नीति-निर्माताओं और सभी देशों के बीच वैश्विक रूप से एक मंच का कार्य करता है। G7 संगठन की स्थापना आज से 50 वर्ष पहले 1973 में की गई थी। इसको पहले विश्व आर्थिक शिखर सम्मेलन के रूप भी जाना जाता था। इसे 1975 में फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति वालेरी गिस्कार्ड डी एस्टाइंग और तत्कालीन संघीय चांसलर हेल्मुट श्मिट द्वारा इसकी आधारशीला रखी गयी थी।  सबसे पहले इस संगठन में 6 देशों फ्रांस, इटली, जापान, ब्रिटेन, अमेरिका और पश्चिमी जर्मनी द्वारा इसकी स्थापना की गयी थी। G-7 का कोई औपचारिक चार्टर या सचिवालय नही है। प्रेसीडेंसी जो प्रत्येक वर्ष सदस्य देश...

केंद्र सरकार के बजट 2023 24 में देश के अमृत काल की दिशा में अपनाई गई कौन-कौन सी प्रमुख प्राथमिकताएं हैं?What are the major priorities adopted in the Central Government's Budget 2023-24 towards the Amrit Kaal of the country?

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 112 के अनुसार , एक वर्ष के केन्द्रीय बजट को वार्षिक वित्तीय विवरण ( Annual financial Statement ) कहा जाता है । यह एक वित्तीय वर्ष में सरकार की अनुमानित प्राप्तियों और व्यय का विवरण है । ( जो चालू वर्ष में 1 अप्रैल से शुरू होकर अगले वर्ष 31 मार्च को समाप्त होता है । केन्द्र सरकार द्वारा वित्त वर्ष 2023-24 के केन्द्रीय बजट में व्यक्त योजनाओं को निम्नप्रकार से है शामिल किया है जिससे देश के विकास में सतत गति बनी रही ।  विकास और  रोजगार का सृजन करना : → इस वित्तवर्ष 2023-24 में केन्द्रीय बजट के माध्यम से भारत के विकास में रोजगार देने का संकल्प रखा गया है । जिससे देश में बढ़ रही बेरोजगारी पर काबू पाया जा सके । जिससे देश के विकास में और भी ज्यादा सहयोग किया जा सके । युवाओं पर फोकस के साथ नागरिकों के लिये अवसर प्रदान करना जिससे वे लोग देश की विकास गति को और भी तेजी से बढ़ा सके ।    वचितों को समग्र प्राथमिकता  मजबूत और न्यूनतम सरकार स्थिर मैक्रो - इकोनामिक पर्यावरण         न्यूनतम सरकार   अधिकतम शासन पूँजीगत परिव्यय...

भारतीय वित्तीय एवं पूंजी बाजार( indian financial and capital market)

वित्तीय बाजार का अर्थ एवं कार्य: वित्तीय बाजार ऋण दाता व ऋणी के मध्य अंतरण प्रक्रिया है ,जिसके माध्यम से वित्तीय कोषों  के हस्तांतरण में सुगमता आती है ।इसमें निवेश वित्तीय संस्थाओं और अन्य मध्यस्थों को शामिल किया जाता है जिन्हें विभिन्न संपत्तियों व साखपत्रों के व्यवसायिक विक्रय हेतु औपचारिक नियमों और संचार माध्यमों से जोड़ दिया जाता है अर्थात वे व्यक्ति जिनके पास अधिक धन है वे अपना धन उन व्यक्तियों को उनकी आवश्यकता की पूर्ति हेतु उधार देते हैं जिन्हें इसकी आवश्यकता है।      व्यवसाय के क्षेत्र में भी मुद्रा आधिक्य   निवेशको एवं ऋण दाताओं से व्यवसायियों की तरफ माल व सेवाओं के उत्पादन अथवा विक्रय के लिए प्रवाहित होता है । प्रकार हम दो विभिन्न समूहों को पाते हैं जिनमें एक समूह वह है जो धन का निवेश करता है अथवा ऋण प्रदान करता है ।दूसरा समूह वह है जो ऋण प्राप्त करता है और धन का उपयोग करता है।        वित्तीय बाजार में क्रेता और विक्रेता के मध्य पारस्परिक वार्तालाप के फल स्वरुप के क्रय विक्रय की जाने वाली वित्तीय संपत्ति के मूल्य निर्धारण से संबंधित...