इजराइल ने बीते दिन ईरान पर 200 इजरायली फाइटर जेट्स से ईरान के 4 न्यूक्लियर और 2 मिलिट्री ठिकानों पर हमला किये। जिनमें करीब 100 से ज्यादा की मारे जाने की खबरे आ रही है। जिनमें ईरान के 6 परमाणु वैज्ञानिक और टॉप 4 मिलिट्री कमांडर समेत 20 सैन्य अफसर हैं। इजराइल और ईरान के बीच दशकों से चले आ रहे तनाव ने सैन्य टकराव का रूप ले लिया है - जैसे कि इजरायल ने सीधे ईरान पर हमला कर दिया है तो इसके परिणाम न केवल पश्चिम एशिया बल्कि पूरी दुनिया पर व्यापक असर डाल सकते हैं। यह हमला क्षेत्रीय संघर्ष को अंतरराष्ट्रीय संकट में बदल सकता है। इस post में हम जानेगे कि इस तरह के हमले से वैश्विक राजनीति, अर्थव्यवस्था, कूटनीति, सुरक्षा और अंतराष्ट्रीय संगठनों पर क्या प्रभाव पडेगा और दुनिया का झुकाव किस ओर हो सकता है। [1. ]अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति पर प्रभाव: सैन्य गुटों का पुनर्गठन : इजराइल द्वारा ईरान पर हमले के कारण वैश्विक स्तर पर गुटबंदी तेज हो गयी है। अमेरिका, यूरोपीय देश और कुछ अरब राष्ट्र जैसे सऊदी अरब इजर...
भारत अपने पडोसी देशों के साथ, हमेशा से ही व्यापारिक और सकारात्मक रिश्तों का पक्षधर रहा है। अगर बात करें हम बाग्लादेश की तो भारत ने हमेशा से" ही बाग्लादेश के साथ अपने सम्बधों के साथ व्यापारिक पक्षों को भी मजबूती प्रदान करता चला आ रहा है। बाग्लादेश दक्षिण एशिया में भारत का सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर है। बाग्लादेश भारतीय एक्सपोर्ट के लिये दुनिया का चौथा सबसे बड़ा बाजार है। बाग्लादेश, भारत का छठा सबसे बड़ा बिजनेस पार्टनर है।
भारत - बाग्लादेश मैत्री पाइप लाइन को इण्डिया- बाग्लादेश फ्रेंडशिप पाइप लाइन प्रोजेक्ट यानि कि आईबीएफपीएल कहा गया है। दोनों देशों के बीच ये सीमा पार पहली ऊर्जा पाइप लाइन है। इसका शिलान्यास सितम्बर 2018 में दोनों देशों के प्रधानमनियों द्वारा किया गया था। इस पाइपलाइन की लम्बाई कि बात कि जाये तो यह 131 किलोमीटर कि है। और इसका अधिकांश हिस्सा लगभग 125 km का क्षेत्र बाग्लादेश में ही पड़ता है। सिर्फ 5 से 6 Kam का क्षेत्र ही भारत में हैं।
इस मैत्री पाइपलाइन कि लागत कि बात कि जाये,तो यह तकरीबन 377 करोड़ लागत का प्रोजेक्ट है। इस पाइप लाइन के बांग्लादेश में निर्मित हिस्से पर लगभग 285 करोड का खर्च आया है। जिसे भारत सरकार के द्वारा अनुदान के रूप से वहन किये जाने का निर्णय लिया गया है।
यह पाइपलाइन भारत के पश्चिम बंगाल के सिलीगुढी स्थित विपणन टर्मिनल से बाग्लादेश पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन के परबतीपुर डिपो तक डीजल पहुँचाया जायेगा। नुमालीगढ़ रिफायनरी 2015 से ही बाग्लादेश को पेट्रोलियम पदार्थों की आपूर्ति कर रही है। इस पाइपलाइन के जरिये परिवहन लागत में कमी लाते हुये पर्यावरण मित्र तरीके से 10 लाख टन हाईस्पीड डीजल की वार्षिक आपूर्ति बाग्लादेश को की जा सकेगी। ऐसी पहली पाइपलाइन भारत के बिहार स्थित मोतिहारी से नेपाल के आमलेखगंज के बीच बिछाई गई है। यह करीब 70 किलोमीटर लम्बी और 'इसकी क्षमता 20 लाख टन प्रति वर्ष है।
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