सिविल सेवा परीक्षा में भारतीय कला एवं संस्कृति एक महत्त्वपूर्ण विषय है। इसमें भारतीय कला एवं संस्कृति से सम्बन्धित प्रारंभिक परीक्षा तथा मुख्य परीक्षा में यह बहुत ही महत्त्वपूर्ण Topic में रखा गया है। इसमें अगर महत्वपूर्ण Topic की बात की जाये भारतीय वास्तुकला, मूर्तिकला और मृद्भाण्ड, भारतीय चित्रकलायें, भारतीय हस्तशिल्प, भारतीय संगीत से सम्बन्धित संगीत में आधुनिक विकास, जैसे महत्वपूर्ण विन्दुओं को UPSC Exam में पूछे जाते हैं। भारतीय कला एवं संस्कृति में भारतीय वास्तुकला को भारत में होने वाले विकास के रूप में देखा जाता है। भारत में होने वाले विकास के काल की यदि चर्चा कि जाये तो हड़प्पा घाटी सभ्यता से आजाद भारत की कहानी बताता है। भारतीय वास्तुकला में राजवंशों के उदय से लेकर उनके पतन, विदेशी शासकों का आक्रमण, विभिन्न संस्कृतियों और शैलियों का संगम आदि भारतीय वास्तुकला को बताते हैं। भारतीय वास्तुकला में शासकों द्वारा बनवाये गये भवनों की आकृतियाँ [डिजाइन] आकार व विस्तार के...
भारत अपने पडोसी देशों के साथ, हमेशा से ही व्यापारिक और सकारात्मक रिश्तों का पक्षधर रहा है। अगर बात करें हम बाग्लादेश की तो भारत ने हमेशा से" ही बाग्लादेश के साथ अपने सम्बधों के साथ व्यापारिक पक्षों को भी मजबूती प्रदान करता चला आ रहा है। बाग्लादेश दक्षिण एशिया में भारत का सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर है। बाग्लादेश भारतीय एक्सपोर्ट के लिये दुनिया का चौथा सबसे बड़ा बाजार है। बाग्लादेश, भारत का छठा सबसे बड़ा बिजनेस पार्टनर है।
भारत - बाग्लादेश मैत्री पाइप लाइन को इण्डिया- बाग्लादेश फ्रेंडशिप पाइप लाइन प्रोजेक्ट यानि कि आईबीएफपीएल कहा गया है। दोनों देशों के बीच ये सीमा पार पहली ऊर्जा पाइप लाइन है। इसका शिलान्यास सितम्बर 2018 में दोनों देशों के प्रधानमनियों द्वारा किया गया था। इस पाइपलाइन की लम्बाई कि बात कि जाये तो यह 131 किलोमीटर कि है। और इसका अधिकांश हिस्सा लगभग 125 km का क्षेत्र बाग्लादेश में ही पड़ता है। सिर्फ 5 से 6 Kam का क्षेत्र ही भारत में हैं।
इस मैत्री पाइपलाइन कि लागत कि बात कि जाये,तो यह तकरीबन 377 करोड़ लागत का प्रोजेक्ट है। इस पाइप लाइन के बांग्लादेश में निर्मित हिस्से पर लगभग 285 करोड का खर्च आया है। जिसे भारत सरकार के द्वारा अनुदान के रूप से वहन किये जाने का निर्णय लिया गया है।
यह पाइपलाइन भारत के पश्चिम बंगाल के सिलीगुढी स्थित विपणन टर्मिनल से बाग्लादेश पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन के परबतीपुर डिपो तक डीजल पहुँचाया जायेगा। नुमालीगढ़ रिफायनरी 2015 से ही बाग्लादेश को पेट्रोलियम पदार्थों की आपूर्ति कर रही है। इस पाइपलाइन के जरिये परिवहन लागत में कमी लाते हुये पर्यावरण मित्र तरीके से 10 लाख टन हाईस्पीड डीजल की वार्षिक आपूर्ति बाग्लादेश को की जा सकेगी। ऐसी पहली पाइपलाइन भारत के बिहार स्थित मोतिहारी से नेपाल के आमलेखगंज के बीच बिछाई गई है। यह करीब 70 किलोमीटर लम्बी और 'इसकी क्षमता 20 लाख टन प्रति वर्ष है।
Comments