सिविल सेवा परीक्षा में भारतीय कला एवं संस्कृति एक महत्त्वपूर्ण विषय है। इसमें भारतीय कला एवं संस्कृति से सम्बन्धित प्रारंभिक परीक्षा तथा मुख्य परीक्षा में यह बहुत ही महत्त्वपूर्ण Topic में रखा गया है। इसमें अगर महत्वपूर्ण Topic की बात की जाये भारतीय वास्तुकला, मूर्तिकला और मृद्भाण्ड, भारतीय चित्रकलायें, भारतीय हस्तशिल्प, भारतीय संगीत से सम्बन्धित संगीत में आधुनिक विकास, जैसे महत्वपूर्ण विन्दुओं को UPSC Exam में पूछे जाते हैं। भारतीय कला एवं संस्कृति में भारतीय वास्तुकला को भारत में होने वाले विकास के रूप में देखा जाता है। भारत में होने वाले विकास के काल की यदि चर्चा कि जाये तो हड़प्पा घाटी सभ्यता से आजाद भारत की कहानी बताता है। भारतीय वास्तुकला में राजवंशों के उदय से लेकर उनके पतन, विदेशी शासकों का आक्रमण, विभिन्न संस्कृतियों और शैलियों का संगम आदि भारतीय वास्तुकला को बताते हैं। भारतीय वास्तुकला में शासकों द्वारा बनवाये गये भवनों की आकृतियाँ [डिजाइन] आकार व विस्तार के...
बेकरी उद्योग आजकल कुछ अधिक ही फल-फूल रहा है उसका कारण है कि हमारी नई पीढ़ी नाश्ते की मेज पर डबल रोटी मक्खन बिस्कुट जैसी चीज को ही अधिक पसंद करती है पराठों और रोटियों के नाश्ते के जमाने चलेगा हम मॉडर्न हो गये है और हमारी हर चीज पर विदेशी लोगो का प्रभाव अधिक पड़ रहा है. समय की मांग को देखते हुए हमें इस लघु उधोग को शुरू करना ही उचित है. इस उद्योग में पहला नाम ब्रेड (डबल रोटी) का ही आता है क्योंकि आजकल लोग अधिक परिश्रम वाले काम तो करते नहीं बस हल्के-फुल्के काम के साथ हल्के-फुल्के ही खाना खाते हैं. पश्चिमी देशों में तो हमारी तरह के खाने कोई नहीं खाता वह लोग तो खाने में अधिकतर डबल रोटी खाते हैं आज हमारे देश में भी ऐसा ही कुछ चलन होता जा रहा है विशेषकर बड़े शहरों में तो डबल रोटी की बिक्री दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है इसका लाभ आप भी अपना लघु उद्योग प्रारंभ करके उठा सकते हैं. कच्चा माल: - डबल रोटी बनाने में गेहूं का ही अधिकतर प्रयोग होता है इसे ही हम कच्चा माल कह सकते हैं गेहूं चुकी हमारे देश की...