Drafting और Structuring the Blog Post Title: "असुरक्षित ऋण: भारतीय बैंकिंग क्षेत्र और अर्थव्यवस्था पर प्रभाव, और RBI की भूमिका" Structure: परिचय असुरक्षित ऋण का मतलब और यह क्यों महत्वपूर्ण है। भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में असुरक्षित ऋणों का वर्तमान परिदृश्य। असुरक्षित ऋणों के बढ़ने के कारण आसान कर्ज नीति। उधारकर्ताओं की क्रेडिट प्रोफाइल का सही मूल्यांकन न होना। आर्थिक मंदी और बाहरी कारक। बैंकिंग क्षेत्र पर प्रभाव वित्तीय स्थिरता को खतरा। बैंकों की लाभप्रदता में गिरावट। अन्य उधारकर्ताओं को कर्ज मिलने में कठिनाई। व्यापक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव आर्थिक विकास में बाधा। निवेश में कमी। रोजगार और व्यापार पर नकारात्मक प्रभाव। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की भूमिका और समाधान सख्त नियामक नीतियां। उधार देने के मानकों को सुधारना। डूबत ऋण प्रबंधन (NPA) के लिए विशेष उपाय। डिजिटल और तकनीकी साधनों का उपयोग। उदाहरण और केस स्टडी भारतीय बैंकिंग संकट 2015-2020। YES बैंक और IL&FS के मामले। निष्कर्ष पाठकों के लिए सुझाव और RBI की जिम्मेदारी। B...
पिछले कुछ दशकों में जलवायु परिवर्तन एक प्रमुख चिंता का विषय बन गया है। इसके पीछे मुख्य कारणों में से एक है ग्रीनहाउस गैसों का बढ़ता उत्सर्जन, जिनमें मीथेन (CH₄) एक बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस लेख में हम मीथेन उत्सर्जन, इसके प्रभाव और इसे कम करने के वैश्विक प्रयासों पर सरल भाषा में चर्चा करेंगे। मीथेन क्या है और इसका जलवायु पर क्या प्रभाव है? मीथेन एक शक्तिशाली ग्रीनहाउस गैस है, जो वातावरण में गर्मी को रोककर धरती की सतह के तापमान को बढ़ाती है। यह कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) की तुलना में लगभग 80 गुना अधिक प्रभावी होती है, यानी ये बहुत तेजी से धरती को गर्म कर सकती है। हालाँकि, मीथेन वायुमंडल में केवल 7 से 12 साल तक ही रहती है, जबकि CO₂ सैकड़ों सालों तक वातावरण में बनी रहती है। इस कारण मीथेन को कम करने से हम अल्पावधि में जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित कर सकते हैं। मीथेन उत्सर्जन के स्रोत:→ मीथेन के उत्सर्जन के मुख्य स्रोतों को तीन प्रमुख क्षेत्रों में बांटा जा सकता है:→ 1. ऊर्जा क्षेत्र:→ तेल, गैस, और कोयले का उपयोग करने से मीथेन उत्सर्जन होता है। 2. कृषि:→ पशुधन (जैसे गाय) ...