इजराइल ने बीते दिन ईरान पर 200 इजरायली फाइटर जेट्स से ईरान के 4 न्यूक्लियर और 2 मिलिट्री ठिकानों पर हमला किये। जिनमें करीब 100 से ज्यादा की मारे जाने की खबरे आ रही है। जिनमें ईरान के 6 परमाणु वैज्ञानिक और टॉप 4 मिलिट्री कमांडर समेत 20 सैन्य अफसर हैं। इजराइल और ईरान के बीच दशकों से चले आ रहे तनाव ने सैन्य टकराव का रूप ले लिया है - जैसे कि इजरायल ने सीधे ईरान पर हमला कर दिया है तो इसके परिणाम न केवल पश्चिम एशिया बल्कि पूरी दुनिया पर व्यापक असर डाल सकते हैं। यह हमला क्षेत्रीय संघर्ष को अंतरराष्ट्रीय संकट में बदल सकता है। इस post में हम जानेगे कि इस तरह के हमले से वैश्विक राजनीति, अर्थव्यवस्था, कूटनीति, सुरक्षा और अंतराष्ट्रीय संगठनों पर क्या प्रभाव पडेगा और दुनिया का झुकाव किस ओर हो सकता है। [1. ]अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति पर प्रभाव: सैन्य गुटों का पुनर्गठन : इजराइल द्वारा ईरान पर हमले के कारण वैश्विक स्तर पर गुटबंदी तेज हो गयी है। अमेरिका, यूरोपीय देश और कुछ अरब राष्ट्र जैसे सऊदी अरब इजर...
ब्राह्मंड जिसे अंग्रेजी में "यूनिवर्स " कहा जाता है। वह सम्पूर्णता है जिसमें हम और सब कुछ मौजूद है। यह एक विशाल असीम और रहस्यमय स्थान है, जिसमें अनगिनत तारे, ग्रह, गैलेक्सियाँ, और अन्य खगोलिय पिंड शामिल हैं। ब्राम्हांड के अध्ययन को खगोलविज्ञान [ एस्ट्रोनॉमी कहते हैं ।
मानव मस्तिष्क में एक क्रमबद्ध रूप में जब सम्पूर्ण विश्व का चित्र उभरा तो उसने इसे ब्राम्हांड [Cosmos की संज्ञा दी। मिस्र यूनानी परम्परा के प्रख्यात खगोलशास्त्री क्लाडियस टॉलमी ने सर्वप्रथम इसका नियमित अध्ययन कर जियोसेन्टिक अवधारणा का प्रतिपादन किया। इस अवधारणा के अनुसार, पृथ्वी ब्राम्हांड के केन्द्र में है तथा सूर्य व अन्य ग्रह इसकी परिक्रमा करते हैं। ब्राम्हाड के सम्बन्ध में यह अवधारणा लम्बे समय तक बनी रही। परन्तु 1543 ई० में कॉपरनिकस ने जब हेलियोसेट्रिंक अवधारणा का प्रतिपादन किया तो उसके पश्चात ब्राम्हांड के सम्बन्ध में एक नयी theory के तहत कॉपरनिकस ने यह बताया कि ब्राम्हांड पृथ्वी नहीं अपितु सूर्य है। इस theory से ब्राम्हांड के अध्ययन की दिशा को ही बदल कर रख दिया। 1805 ई. में ब्रिटेन के खगोलशास्त्री हरशेल ने दूरबीन की सहायता से अन्तरिक्ष का अध्ययन कर बताया कि सौरमंडल आकाशगंगा का एक अंश मात्र है।
ब्राह्मंड की उत्पत्तिः-→ ब्राह्मांड की उत्पत्ति के बारे में वैज्ञानिकों का मानना है कि यह लगभग 13.8 अरब वर्ष पहले "बिग बैंग " नामक एक महाविस्फोट से शुरू हुआ था। इस विस्फोट से ऊर्जा और पदार्थ का विशाल प्रसार हुआ, जिससे समय, स्थान और भौतिक नियम अस्तित्व में आये। बिग बैंग के तुरन्त बाद ब्राम्हांड अत्यधिक गर्म और घना था, लेकिन समय के साथ यह ठण्डा और विस्तृत होता गया ।
→ "इटली के महान गणितज्ञ गैलीलियो गैलिली ने 1605 में अपनी दूरबीन की मदद से अन्तरिक्ष पिण्डों का अध्ययन किया और कोपरनिकस के सिद्धांतों की पुष्टि की।
साधारण भाषा में बात करें तो ब्राम्हांड एक विशाल और रहस्यमयी क्षेत्र है, जो सभी ज्ञात और अज्ञात वस्तुओं ऊर्जा और पदार्थों से भरा हुआ है। इसमें ग्रह, तारे, आकाशगंगायें और अन्तरिक्ष शामिल है। ब्राम्हांड का विस्तार निरंतर हो रहा है और यह समय और स्थान दोनों में अनन्त हो सकता है।
ब्राम्हांड का स्वरूप'. →
ब्राम्हांड का स्वरूप अत्यन्त जटिल और विस्तृत है। इसे मुख्यतः निम्नलिखित भागो में बाटा जा सकता है →
[1] ग्रह और उपग्रह:→ हमारे सौरमण्डल में पृथ्वी, मंगल बृहस्पति आदि ग्रह और उनके उपग्रह शामिल है।
[2] तारे : →तारे विशाल गैस के गोले होते हैं, जो अपने अंदरुनी परमाणु संलयन के कारण चमकते हैं। हमारा सूर्य एकतारा है।
[3] आकाशगंगायें: →तारे, धूल और गैस के विशाल समूह होते हैं, जो गुरुत्वाकर्षण बल के कारण एकसाथ बंधे होते हैं। हमारी आकाशगंगा का नाम 'मिल्की वे है।
[१] ब्लैक होल :→ अत्यधिक गुरुत्वाकर्षण बल वाले क्षेत्र जो पास की वस्तुओं को अपनी ओर खींच लेते हैं।
[5] डार्क मैटर और डार्क एनर्जी : →यह अभी भी वैज्ञानिको के लिये रहस्य बने हुये हैं लेकिन माना जाता है कि ये ब्राह्मांड के अधिकांश भाग को बनाते हैं।
गैलेक्सी और सौरमण्डल : → ब्राम्हाण्ड में अनेकों गैलेक्सियां हैं। हमारी गैलेक्सी का नाम "मिल्की वे" [ दूधिया आकाशगंगा ] है। प्रत्येक गैलेक्सी में अरबों तारे होते हैं और कई तारों के चारो ओर ग्रहों के समूह होते हैं जिन्हें सौर मण्डल कहा जाता है। हमारा सौरमण्डल सूर्य और उसके आठ ग्रहों से मिलकर बना है, जिसमें पृथ्वी भी शामिल है।
तारे और ग्रहः → तारे वे खगोलीय पिण्ड हैं, जो अपने अन्दर हो रहे नाभिकीय संलयन [न्यूक्लियर फ्यूजन के कारण चमकते हैं। सूर्य एक तारा है जो पृथ्वी को प्रकाश और ऊर्जा प्रदान करता है। ग्रह वे पिण्ड है जो किसी तारे की परिक्रमा करते हैं। पृथ्वी के अलावा हमारे सौर मण्डल में सात और ग्रह हैं:→ बुध, शुक्र, मंगल, बृहस्पति शनि, अरुण [ यूरेनस), और वरुण (नेप्च्यून]।
ब्लैक होल:→ ब्राह्मांड में ब्लैक होल सबसे रहस्यमय और शक्तिशाली है। यह वे क्षेत्र होते हैं जहाँ गुरुत्वाकर्षण उतना अधिक होता है कि प्रकाश भी इससे बाहर नहीं निकल सकता। ब्लैक होल के आस-पास के क्षेत्र को "इवेंट होराइजन कहा जाता है जहाँ से कोई भी वस्तु एक बार जाने के बाद वापस नहीं आ सकती है।
ब्राह्मांड की उत्पत्ति से सम्बन्धित सिद्धान्त:→
[4.] बिग बैंग सिद्धान्त [ Big Bang Theory 7:→ जार्ज लेमेन्टर ।
[2] साम्यावस्था सिद्धान्त [steady state theory. ]:→ थॉमस गोल्ड एवं हर्मन बांडी।
[3.] दोलन सिद्धान्त [ Pulsating Universe theory 7:→ डा. एलन संडेज।
ब्राम्हांड के रहस्यों को जानने के लिये यूरोपियन सेंटर फॉर न्यूक्लियर रिसर्च "सर्न [CERIN] ने 30 मार्च 2010 को जेनेवा में पृथ्वी की सतह से 100 फीट नीचे एवं 27 km लम्बी सुरंग में लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर [LHC] नामक ऐतिहासिक महाप्रयोग सफलतापूर्वक किया। इसमें प्रोटॉन बीमों को लगभग प्रकाश की गति से टकराया गया तथा "हिग्स बोसॉन " के निर्माण का प्रयास किया गया ।
महाप्रयोग द्वारा सर्न [CERN] ने अन्ततः 4 जुलाई 2012 को हिग्स बोसॉन से मिलता-जुलता सब-एटोमिक पार्टिकल की खोज करने में सफलता हासिल की है । इससे ब्राह्मांड के रहस्यों को जानने के विषय में महत्वपूर्ण उपलब्धि माना जा रहा है। 14 फरवरी 2013 को लार्ज हैड्रन कोलाइडर को बन्द कर दिया गया था, परन्तु इसे जून 2015 से पुनः प्रारम्भ कर दिया गया है।
प्रत्येक आकाशगंगा में अनुमानतः 100 अरब तारे होते हैं। "लिमन अल्फा ब्लॉब्स अमीबा के आकार की एवं 20 करोड प्रकाश वर्ष चौडी विशालकाय आकाशगंगाओं और गैसों का समूह है। " एंड्रोमेडा हमारी आकाशगंगा के सबसे निकट की आकाशगंगा है। जो हमारी आकाशगंगा से 2.2 मिलियन प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित है।
हमारी आकाशगंगा को मंदाकिनी कहा जाता है। इसकी आकृति "सर्पिल " [spiral] है।
"आरियन नेबुला हमारी आकाशगंगा के सबसे शीतल और चमकीले तारों का समूह है। हमारी आकाशगंगा का व्यास एक लाख प्रकाश वर्ष है।
"सूर्य हमारी आकाश- गंगा का एक तारा है। यह आकाशगंगा की परिक्रमा 200 मिलियन 20 करोड वर्ष ] से भी अधिक समय से कर रहा है।
प्लेनेमस सौरमण्डल से बाहर बिल्कुल एक जैसे दिखने वाले जुडवा पिण्डों का एक समूह है। साइरस या डॉग स्टार पृथ्वी से 9 प्रकाश वर्ष दूर स्थित है तथा सूर्य के दोगुने द्रव्यमान वाला तारा है । यह सूर्य से 20 गुना अधिक चमकीला है एवं यह रात्रि में दिखाई पड़ने वाल। सर्वाधिक चमकीला तारा है।
" प्रॉक्सिमा" सेन्चुरी सूर्य का निकटतम तारा है। यह सूर्य से 4.3 प्रकाश वर्ष दूर है।
Important point:→
→ ब्लैकहोल की संकल्पना को प्रतिपादित करने का श्रेय "जॉन व्हीलर को दिया जाता है।
→ रॉग ब्लैकहोल दो या अधिक ब्लैकहोलों का समूह है।
→ क्वेसर एक चमकीला खगोलीय पिंड है, जो अत्यधिक मात्रा में ऊर्जा उत्सर्जित करता है।
→ नासा ने अब तक पहचाने गये सबसे पुराने तारे की खोज की है, जिसे केप्लर 444 नाम दिया गया है।
उदाहरण:→
ब्राम्हांड के विस्तार को समझने के लिये एक उदाहरण लिया जा सकता है - बिग बैंग थ्योरी। इस सिद्धान्त के अनुसार ब्राम्हांड लगभग 13.8 अरब साल पहले एक बिन्दु से शुरू हुआ और तब से निरन्तर फैल रहा है। यह एक बड़े विस्फोट के साथ शुरू हुआ जिसे "बिग बैंग कहा जाता है। और इसके बाद ब्राम्हाड का विस्तार हुआ।
ब्राम्हांड का अध्ययन: →
ब्रम्हांड का अध्ययन खगोलशास्त्र के माध्यम से किया जाता है। वैज्ञानिक विभिन्न प्रकार की दूरबीनों और उपकरणों का उपयोग करके ब्राम्हांड के रहस्यों को जानने की कोशिश करते हैं। हबल स्पेस टेलीस्कोप और जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप जैसे उपकरण ब्राह्मांड की गहन समझ प्रदान करने में मदद करते हैं।
ब्राह्मांड की विशालता: →
ब्राह्मांड की विशालता का अंदाजा लगाना भी मुश्किल है। पृथ्वी से निकटतम तारा प्रणाली, अल्फा सेटॉरी हमसे लगभग 4.37 प्रकाश वर्ष दूर है। एक प्रकाश-वर्ष वह दूरी है जो प्रकाश एक वर्ष में तय करता है जो लगभग 9.46 ट्रिलियन किलोमीटर के बराबर होती है। इसी प्रकार, ब्राह्मांड में गैलेक्सियों की संख्या भी अरबों में है। ब्राह्मांड की जटिलता और विशालता हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि हम इस ब्रम्हांड में कितने छोटे और अद्वितीय है। वैज्ञानिक निरंतर नई-नई खोजें कर रहे हैं ताकि ब्राह्मांड के रहस्यों को और गहराई से समझा जा सके। ब्राह्मांड का अध्ययन न केवल हमें अपनी स्थिति का बोध कराता है, बल्कि यह हमें यह भी सिखाता है कि ज्ञान की कोई सीमा नहीं है।
निष्कर्ष :→ ब्राह्मांड एक विशाल और रहस्यमयी क्षेत्र है, जो अनगिनत रहस्यों से भरा हुआ है। इसका अध्ययन न केवल हमें अपनी पृथ्वी और सौर मण्डल के बारे में जानकारी देता है। बल्कि यह भी समझने में मदद करता है कि हम इस विशाल विस्तार में कहां खड़े हैं। वैज्ञानिक खोज और अनुसंधान हमें ब्राह्मांड के और भी गहरे रहस्यों को जानने के लिये प्रेरित करते रहते हैं।
ब्राह्मांड के बारे में कुछ रोचक तथ्य : →
• ब्राह्मांड में काले छिद्र नामक रहस्यमय वस्तुयें हैं जिनका गुरुत्वाकर्षण इतना मजबूत होता है कि प्रकाश भी उनसे बच नहीं सकता।
• ब्रह्मांड में न्यूट्रॉन तारे भी है, जो सूर्य से भी घने होते हैं।
• ब्रह्मांड में एक्सोप्लैनेट नामक ग्रह भी हैं जो हमारे सौर मण्डल के बाहर स्थित है।
• वैज्ञानिकों का मानना है कि ब्रह्मांड में बहु-आयामी हो सकता है जिसका अर्थ है कि इसमें तीन आयामों से अधिक आयाम हो सकते हैं।
# ब्रह्मांड का अध्ययन खगोल विज्ञान नामक विज्ञान की शाखा द्वारा किया जाता है। खगोलशास्त्री दूरबीन उपग्रहों और अन्य उपकरणों का उपयोग करके ब्राह्मांड का अध्ययन करते हैं।
ब्राम्हांड एक अद्भुत और रहस्यमय जगह है जिसके बारे में हम अभी भी बहुत कम जानते हैं। वैज्ञानिकों का निरंतर शोध ब्राम्हांड के बारे में हमारी समझ को बढ़ा रहा है और हमें इस अद्भुत स्थान के बारे में और अधिक रोमांचक खोजें करने की उम्मीद है।
ब्रम्हाण्ड की संरचनाः → ब्राहांड में अरबों आकाशगंगायें हैं जिनमें से प्रत्येक में अरबों तारें हैं। इनमें से कई तारे ग्रह प्रणालियों के साथ हैं और कुछ ग्रहों पर जीवन मौजूद हो सकता है। ब्रम्हांड अंधेरा पदार्थ और अंधेरी ऊर्जा भी मौजूद है जिनके बारे में हम अभी भी पूरी तरह से नहीं जानते हैं।
ब्रह्मांड लगातार फैल रहा है। इसका मतलब है कि आकाशगंगायें एक - दूसरे से दूर जा रही हैं। और ब्रह्मांड का आकार बढ रहा है। वैज्ञानिकों का मानना है कि ब्रह्मांड हमेशा के लिये फैलता रहेगा, या अन्नतः सिकुड जायेगा।
ब्रह्मांड के बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्यः →
• ब्रह्मांड का व्यास 93 अरब प्रकाश वर्ष से अधिक है।
• ब्राह्मांड में काले छिद्र, न्यूट्रॉन तारे, एक्सोप्लैनेट और बहुआयामी हो सकता है।
• ब्रह्मांड का अध्ययन खगोल विज्ञान द्वारा किया जाता है।
UPSC परीक्षा के लिये महत्वपूर्णः →
• ब्रह्मांड की उत्पत्ति, संरचना और विस्तार से सम्बन्धित अवधारणायें UPSC परीक्षा में अक्सर पूछे जाते है।
• छात्रों को इन अवधारणाओं की अच्छी समझ होनी चाहिये और उन्हें विभिन्न प्रश्नों में लागू करने में सक्षम होना चाहिये।
• ब्रह्मांड से सम्बन्धित कुछ महत्वपूर्ण वैज्ञानिकों और उनकी खोजों के बारे में भी जानकारी होनी चाहिये ।
. • महाविस्फोटक सिंद्धान्त: → यह ब्रह्मांड की उत्पत्ति का सबसे व्यापक रूप से स्वीकृत सिद्धांत है। यह बताता है कि ब्रह्मांड लगभग 13.8 अरब साल पहले एक अत्यंत घने और गर्म अवस्था में था, और फिर तेजी से फैलने और ठंडा होने लगा।
• अन्य सिद्धांत:→ कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि ब्रह्मांड हमेशा से अस्तित्व में रहा है, या यह एक आवर्तक चक्र का हिस्सा है।
Structure of Universe:→
• आकाशगंगायें: → ब्रह्मांड में अरबों आकाशगंगायें हैं जिनमें से प्रत्येक में अरबों तारे, गैस और धूल के बादल होते हैं।
• तारेः → तारे विशाल गैस के गोले हैं, जो नाभिकीय सलयन द्वारा ऊर्जा उत्पन्न करते हैं । सूर्य हमारे सौर मंडल का तारा है।
• ग्रहः → ग्रह तारे की परिक्रमा करने वाले ठोस पिण्ड हैं कुछ ग्रहों में जीवन का समर्थन करने की क्षमता हो सकती है।
हबल का नियम; → यह नियम बताता है कि दूर की आकाशगंगा में जितनी अधिक होंगी वे उतनी ही तेजी से हमसे दूर जा रही होगी।
ब्रह्मांड की गतिः → वैज्ञानिकों का अनुमान है कि ब्राह्मांड लगभग 70 km प्रति सेकण्ड की गति से फैल रहा है।
Comments