🧾 सबसे पहले — ब्लॉग की ड्राफ्टिंग (Outline) आपका ब्लॉग “ सिंधु घाटी सभ्यता (Indus Valley Civilization) ” पर होगा, और इसे SEO और शैक्षणिक दोनों दृष्टि से इस तरह ड्राफ्ट किया गया है ।👇 🔹 ब्लॉग का संपूर्ण ढांचा परिचय (Introduction) सिंधु घाटी सभ्यता का उद्भव और समयकाल विकास के चरण (Pre, Early, Mature, Late Harappan) मुख्य स्थल एवं खोजें (Important Sites and Excavations) नगर योजना और वास्तुकला (Town Planning & Architecture) आर्थिक जीवन, कृषि एवं व्यापार (Economy, Agriculture & Trade) कला, उद्योग एवं हस्तकला (Art, Craft & Industry) धर्म, सामाजिक जीवन और संस्कृति (Religion & Social Life) लिपि एवं भाषा (Script & Language) सभ्यता के पतन के कारण (Causes of Decline) सिंधु सभ्यता और अन्य सभ्यताओं की तुलना (Comparative Study) महत्वपूर्ण पुरातात्त्विक खोजें और केस स्टडी (Key Archaeological Cases) भारत में आधुनिक शहरी योजना पर प्रभाव (Legacy & Modern Relevance) निष्कर्ष (Conclusion) FAQ / सामान्य प्रश्न 🏛️ अब ...
क्या हमने अपनी दिशा को दी है? टीवी और सोशल मीडिया के बहकावे में क्या हमारे सोचने और समझने की क्षमता नष्ट कर दी है?
आजादी के करीब 74 साल हो चुके हैं हमने अपना 73 वा स्वतंत्र दिवस भी बड़े ही उत्साह पूर्वक मनाया है. स्वतंत्र दिवस को देखकर ऐसा लगता है कि भारत में विश्व में अपना एक अलग ही मुकाम हासिल कर लिया भारतीय इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की चमक दमक जहां हमें यह मानने को विवश करती है कि हम एक संपन्न राष्ट्र हैं और आने वाले वक्त में जहां हम विश्व के शीर्ष देशों के नेतृत्व का सपना हमारे देश की सरकार के कुछ दूरदर्शी लोग यह बताते हैं कि आने वाले समय में भारत विश्व गुरु का तमगा लेकर चलेगा इस प्रकार की बातों को हमारे देश की मिडिल क्लास के लोगों खासतौर पर वे युवा इसको सत्यम समझते हैं जिनके मां-बाप जीवन भर नौकरी करके कुछ संपत्ति का आयोजन किया है कि आने वाले खराब वक्त में जो कि हर मां-बाप जो कि जमीनी हकीकत को पहचानता है कि जब वक्त का दौर खराब होगा तब मेरे द्वारा अर्जित की गई संपत्ति जरूरी समय में मेरे परिवार के काम आएगी ऐसी सोच हर मां-बाप की होती है.
लेकिन आज का युवा जिस प्रकार से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के मीठे बोल में फंसता जा रहा है जिस प्रकार हमारा मीडिया सरकार से सवाल करने की बजाय वह देश के सामने विपक्ष से सवाल पूछता है यह आधुनिक राजनीति की पर पार्टी के लिए बेहद खतरनाक आने वाले समय में साबित हो सकती है हमारे देश के युवा को टीवी के माध्यम से उनके भविष्य के साथ धोखा किया जा रहा है यदि आप सरकार से सवाल नहीं पूछ सकते हैं तो भारतीय लोकतंत्र का क्या स्थिति बचेगा हमें यहां सोचना होगा कि मीडिया की कार्यशैली पूरी तरह से प्रश्नवाचक की भूमिका में होनी चाहिए ना कि सरकार के प्रवक्ता के रूप में कार्य करने की यदि आप इस देश को सही मायने में 1 दिन विश्व गुरु के रूप में देखना चाहते हो तो हमको सरकार से सवाल पूछना चाहिए ना कि विपक्ष से.
यदि विपक्ष इतना ही शक्तिशाली होता तो विपक्ष क्यों होता वह सत्तापति बन जाता बदलाव समय की मांग होता है यदि बदलाव नहीं होगा तो किसी की तरक्की नहीं होगी इसलिए यदि आपको जीवन में नई ऊंचाइयों को पहुंचना है तो हमें बदलाव की जरूरत है शपथ बदलाव ही जीवन में तरक्की का मार्ग बनाता है.
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