🧾 सबसे पहले — ब्लॉग की ड्राफ्टिंग (Outline) आपका ब्लॉग “ सिंधु घाटी सभ्यता (Indus Valley Civilization) ” पर होगा, और इसे SEO और शैक्षणिक दोनों दृष्टि से इस तरह ड्राफ्ट किया गया है ।👇 🔹 ब्लॉग का संपूर्ण ढांचा परिचय (Introduction) सिंधु घाटी सभ्यता का उद्भव और समयकाल विकास के चरण (Pre, Early, Mature, Late Harappan) मुख्य स्थल एवं खोजें (Important Sites and Excavations) नगर योजना और वास्तुकला (Town Planning & Architecture) आर्थिक जीवन, कृषि एवं व्यापार (Economy, Agriculture & Trade) कला, उद्योग एवं हस्तकला (Art, Craft & Industry) धर्म, सामाजिक जीवन और संस्कृति (Religion & Social Life) लिपि एवं भाषा (Script & Language) सभ्यता के पतन के कारण (Causes of Decline) सिंधु सभ्यता और अन्य सभ्यताओं की तुलना (Comparative Study) महत्वपूर्ण पुरातात्त्विक खोजें और केस स्टडी (Key Archaeological Cases) भारत में आधुनिक शहरी योजना पर प्रभाव (Legacy & Modern Relevance) निष्कर्ष (Conclusion) FAQ / सामान्य प्रश्न 🏛️ अब ...
अभी हाल ही में रिलीज हुई ओटीटी प्लेटफॉर्म सोनी लिव पर इन 1 फिल्म लघुशंका जोकि सुर्खियों में बनी हुई है अगर हम बात फिल्म की कहानी यह करते हैं तो यह कहानी बिहार में बसे शादी के योग्य लड़की श्रुति की कहानियां जिसे रात में नींद में बिस्तर गिला करने की आदत है पिछले एक माह से होम्योपैथिक दवा के चलते सब ठीक था मगर फिर से ऐसा होने लगा उसकी इस बीमारी से स्वयं श्रुति और उसके माता-पिता भी हमेशा शर्मिंदगी महसूस करते हैं अब समस्या यह है कि 2 दिन बाद श्रुति की शादी होने वाली है और ससुराल पक्ष को नहीं बताया गया है कि श्रुति को नींद में बिस्तर गिला करने की आदत है पति का मानना है कि उसके होने वाले पति और ससुराल बच्चों को इस बात की जानकारी दे देनी चाहिए इस बात पर घर के अंदर बहस छिड़ जाती है जिसमें सुरती का में मेरा भाई अपने शब्दों के बाण से सोती वह पूरे परिवार को शर्मिंदा करने की कोशिश करता है मजाक करते हुए वह डायपर ला कर देता है तो श्रुति की मां कहती है डायपर पहनकर सुहागरात मनाएगी श्रुति के पिता चाहते हैं कि शादी कर दी जाए पूरे परिवार में जबरदस्त हंगामा होता एक निर्णय लेते हुए कहती है कि यह शादी होगी अब शादी के बाद क्या होगा इसके लिए तो लघु शंका देखनी पड़ेगी.
अगर हम फिल्म की समीक्षा की बात करें तो यह बेहतरीन तरीके से इस मुद्दे को उकेरा गया है यह एक संवेदनशील मुद्दे को सरल और आकर्षक बनाए रखने का भरसक प्रयास है उन्होंने परिवार के भीतर की चर्चा को सही अंदाज में दिखाया जहां परिवार के सदस्य व रिश्तेदार शादी ऐसे मौके पर बड़े संवेदनशील और रहस्यमई घटना की आस लगाए रहते हैं उन्होंने चल रही शादी की तैयारी के आसपास की अराजकता और हंगामा को सही मात्रा में हास्य के साथ जुड़ा है इसके लेखक तना हुआ और यह प्रवाह के साथ है लेकिन इसका चरमोत्कर्ष पूर्वानुमान की योग्य लेकिन क्लाइमेट में पहुंचते-पहुंचते लेखक व निर्देशक गए इस नाजुक मुद्दे पर गंभीर चर्चा आगे होनी चाहिए थी पर अचानक ही फिल्में ऐसे मोड़ पर खत्म होती है कि दर्शक ठगा सा महसूस करते हैं.
सुतिया किरदार के साथ श्वेता त्रिपाठी ने पूरा न्याय किया है और इस तरह के किरदार उन पर जाते हैं लेकिन जिस प्रकार से उन्होंने मिर्जापुर टू सीजन में किरदार निभाया उस तरह का किरदार उन पर नहीं चलता है उनके चेहरे के भाव और बॉडी लैंग्वेज के संवादों के मुंह से अधिक प्रभाव पड़ता है चिंतित माता पिता के रूप में कनुप्रिया पंडित और नरोत्तम वैद्य ने शानदार अभिनय किया है पति के किरदार में छोटी भूमिका में योगेंद्र विक्रम सिंह अपनी छाप छोड़ जाते हैं.
लेखक व निर्देशक निखिल महत्व प्रा की तारीफ जितनी की जाए वह कम है लेकिन वह पिक्चर को आखिर तक बांधने में असफल नजर आते हैं लेकिन उनकी लेखन चिंता और निर्देशन क्षमता पर अगर कोई टिप्पणी करने की बात है तो सिर्फ यह है कि उनको एक अच्छी भूमिका के लिए कलाकारों और उनके सहयोगियों द्वारा एक ठीक प्रकार से प्रदर्शित न कर पाने का एक वर्ग हमेशा ही बना रहेगा.
यह एक शॉर्ट फिल्म के रूप में है जिसकी अवधि मात्र 15 मिनट है.
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