इजराइल ने बीते दिन ईरान पर 200 इजरायली फाइटर जेट्स से ईरान के 4 न्यूक्लियर और 2 मिलिट्री ठिकानों पर हमला किये। जिनमें करीब 100 से ज्यादा की मारे जाने की खबरे आ रही है। जिनमें ईरान के 6 परमाणु वैज्ञानिक और टॉप 4 मिलिट्री कमांडर समेत 20 सैन्य अफसर हैं। इजराइल और ईरान के बीच दशकों से चले आ रहे तनाव ने सैन्य टकराव का रूप ले लिया है - जैसे कि इजरायल ने सीधे ईरान पर हमला कर दिया है तो इसके परिणाम न केवल पश्चिम एशिया बल्कि पूरी दुनिया पर व्यापक असर डाल सकते हैं। यह हमला क्षेत्रीय संघर्ष को अंतरराष्ट्रीय संकट में बदल सकता है। इस post में हम जानेगे कि इस तरह के हमले से वैश्विक राजनीति, अर्थव्यवस्था, कूटनीति, सुरक्षा और अंतराष्ट्रीय संगठनों पर क्या प्रभाव पडेगा और दुनिया का झुकाव किस ओर हो सकता है। [1. ]अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति पर प्रभाव: सैन्य गुटों का पुनर्गठन : इजराइल द्वारा ईरान पर हमले के कारण वैश्विक स्तर पर गुटबंदी तेज हो गयी है। अमेरिका, यूरोपीय देश और कुछ अरब राष्ट्र जैसे सऊदी अरब इजर...
अभी हाल ही में रिलीज हुई ओटीटी प्लेटफॉर्म सोनी लिव पर इन 1 फिल्म लघुशंका जोकि सुर्खियों में बनी हुई है अगर हम बात फिल्म की कहानी यह करते हैं तो यह कहानी बिहार में बसे शादी के योग्य लड़की श्रुति की कहानियां जिसे रात में नींद में बिस्तर गिला करने की आदत है पिछले एक माह से होम्योपैथिक दवा के चलते सब ठीक था मगर फिर से ऐसा होने लगा उसकी इस बीमारी से स्वयं श्रुति और उसके माता-पिता भी हमेशा शर्मिंदगी महसूस करते हैं अब समस्या यह है कि 2 दिन बाद श्रुति की शादी होने वाली है और ससुराल पक्ष को नहीं बताया गया है कि श्रुति को नींद में बिस्तर गिला करने की आदत है पति का मानना है कि उसके होने वाले पति और ससुराल बच्चों को इस बात की जानकारी दे देनी चाहिए इस बात पर घर के अंदर बहस छिड़ जाती है जिसमें सुरती का में मेरा भाई अपने शब्दों के बाण से सोती वह पूरे परिवार को शर्मिंदा करने की कोशिश करता है मजाक करते हुए वह डायपर ला कर देता है तो श्रुति की मां कहती है डायपर पहनकर सुहागरात मनाएगी श्रुति के पिता चाहते हैं कि शादी कर दी जाए पूरे परिवार में जबरदस्त हंगामा होता एक निर्णय लेते हुए कहती है कि यह शादी होगी अब शादी के बाद क्या होगा इसके लिए तो लघु शंका देखनी पड़ेगी.
अगर हम फिल्म की समीक्षा की बात करें तो यह बेहतरीन तरीके से इस मुद्दे को उकेरा गया है यह एक संवेदनशील मुद्दे को सरल और आकर्षक बनाए रखने का भरसक प्रयास है उन्होंने परिवार के भीतर की चर्चा को सही अंदाज में दिखाया जहां परिवार के सदस्य व रिश्तेदार शादी ऐसे मौके पर बड़े संवेदनशील और रहस्यमई घटना की आस लगाए रहते हैं उन्होंने चल रही शादी की तैयारी के आसपास की अराजकता और हंगामा को सही मात्रा में हास्य के साथ जुड़ा है इसके लेखक तना हुआ और यह प्रवाह के साथ है लेकिन इसका चरमोत्कर्ष पूर्वानुमान की योग्य लेकिन क्लाइमेट में पहुंचते-पहुंचते लेखक व निर्देशक गए इस नाजुक मुद्दे पर गंभीर चर्चा आगे होनी चाहिए थी पर अचानक ही फिल्में ऐसे मोड़ पर खत्म होती है कि दर्शक ठगा सा महसूस करते हैं.
सुतिया किरदार के साथ श्वेता त्रिपाठी ने पूरा न्याय किया है और इस तरह के किरदार उन पर जाते हैं लेकिन जिस प्रकार से उन्होंने मिर्जापुर टू सीजन में किरदार निभाया उस तरह का किरदार उन पर नहीं चलता है उनके चेहरे के भाव और बॉडी लैंग्वेज के संवादों के मुंह से अधिक प्रभाव पड़ता है चिंतित माता पिता के रूप में कनुप्रिया पंडित और नरोत्तम वैद्य ने शानदार अभिनय किया है पति के किरदार में छोटी भूमिका में योगेंद्र विक्रम सिंह अपनी छाप छोड़ जाते हैं.
लेखक व निर्देशक निखिल महत्व प्रा की तारीफ जितनी की जाए वह कम है लेकिन वह पिक्चर को आखिर तक बांधने में असफल नजर आते हैं लेकिन उनकी लेखन चिंता और निर्देशन क्षमता पर अगर कोई टिप्पणी करने की बात है तो सिर्फ यह है कि उनको एक अच्छी भूमिका के लिए कलाकारों और उनके सहयोगियों द्वारा एक ठीक प्रकार से प्रदर्शित न कर पाने का एक वर्ग हमेशा ही बना रहेगा.
यह एक शॉर्ट फिल्म के रूप में है जिसकी अवधि मात्र 15 मिनट है.
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