🧾 सबसे पहले — ब्लॉग की ड्राफ्टिंग (Outline) आपका ब्लॉग “ सिंधु घाटी सभ्यता (Indus Valley Civilization) ” पर होगा, और इसे SEO और शैक्षणिक दोनों दृष्टि से इस तरह ड्राफ्ट किया गया है ।👇 🔹 ब्लॉग का संपूर्ण ढांचा परिचय (Introduction) सिंधु घाटी सभ्यता का उद्भव और समयकाल विकास के चरण (Pre, Early, Mature, Late Harappan) मुख्य स्थल एवं खोजें (Important Sites and Excavations) नगर योजना और वास्तुकला (Town Planning & Architecture) आर्थिक जीवन, कृषि एवं व्यापार (Economy, Agriculture & Trade) कला, उद्योग एवं हस्तकला (Art, Craft & Industry) धर्म, सामाजिक जीवन और संस्कृति (Religion & Social Life) लिपि एवं भाषा (Script & Language) सभ्यता के पतन के कारण (Causes of Decline) सिंधु सभ्यता और अन्य सभ्यताओं की तुलना (Comparative Study) महत्वपूर्ण पुरातात्त्विक खोजें और केस स्टडी (Key Archaeological Cases) भारत में आधुनिक शहरी योजना पर प्रभाव (Legacy & Modern Relevance) निष्कर्ष (Conclusion) FAQ / सामान्य प्रश्न 🏛️ अब ...
अमेजन प्राइम में अभी हाल ही में रिलीज हुई मिर्जापुर टू को जिस प्रकार से दर्शकों की प्रतिक्रिया मिल रही है उसे देखकर लगता है कि भारत में ओटीटी प्लेटफॉर्म को जो क्रेज बढ़ रहा है आने वाले वक्त में लोगों की इसमें भूमिका और दर्शकों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है भारत में जिस प्रकार से लगभग 70 परसेंट लोग एंड्राइड फोन का इस्तेमाल कर रहे हैं वह आने वाले समय में इस की तादाद में को और भी बढ़ाएगा अगर हम बात कर लेते हैं कि अर्थी उठी जिस प्रकार से उठी थी अपने दर्शकों को अपनी ओर आकर्षित किया है यह एक के प्लेटफार्म है जिस जिस कारण से दर्शक इसमें रिलीज हुई वेब सीरीज को देखना पसंद कर रहे हैं आई एम बात कर लेते हैं मिर्जापुर के कुछ ट्रैक्टरों के बारे में
मिर्जापुर की कहानी कब शुरू होता है कालीन भैया से मिर्जापुर से लेकर लखनऊ तक उनके नाम के चर्चे हैं कालीन भैया मिर्जापुर के एक बाहुबली है अपराध की दुनिया में वह बेताज बादशाह की भूमिका में नजर आते हैं कालीन भैया के किरदार को पंकज त्रिपाठी ने सजीव रूप प्रदान किया है इसमें मिर्जापुर में उन्होंने गैंगस आफ वासेपुर के सुल्तान की याद दिलाते हुए नजर आते हैं जो क्रूरता सुल्तान का किरदार किया करता था वह यहां पर नजर आती है लेकिन इसके साथ-साथ उनका पुत्र मोह भी इसी बीच में नजर आता है भाई एक साली बाहुबली की भूमिका में नजर आते हैं जो कि अपने पिता के हर आदेश का पालन करता है और वह गांजा चरस अफीम और गैरकानूनी हथियारों का व्यापार करते हैं जिस प्रकार से पंकज त्रिपाठी ने काली मैया के कैरेक्टर को किया है उसे देखकर लगता है कि उनसे अच्छा एक्टर इस दौर में इस किरदार को नहीं कोई कर सकता था वह नवाजुद्दीन सिद्दीकी और इरफान खान की लाइन में इस दौर में नजर आते हैं इंदौर में जिस प्रकार की फिल्में और वेब सीरीज बन रही हैं उस वेब सीरीज और फिल्मों में पंकज त्रिपाठी का एक रोल होना आज के दौर में एक राइटर को उनके लिए इस प्रकार के रोग रोल लिखने की आवश्यकता है जिसको वह पूरी ईमानदारी के साथ में खा सकें.
के बारे में जितना कहा जाए कम है यह कैरेक्टर पूरा का पूरा एक बाहुबली के बेटे की रंगबाजी को दर्शाता है इस किरदार को निभाया देवेंद्र ने हम इनको प्यार के पंचनामा में लिख कर के नाम से जानते हैं लेकिन उन्होंने दिखाया कि यदि आप अच्छे एक्टर हैं तो आप किसी भी कैरेक्टर में जान डाल सकते हैं मुन्ना भैया दबंगई जो कि पूरे मिर्जापुर में सिर्फ मुन्ना भैया की दबंगई चलती है कालीन भैया तो सिर्फ नाम के बाहुबली है बल्कि मुन्ना भैया सिर्फ हथियारों का इस्तेमाल करते हैं लेकिन मुन्ना सिर्फ और सिर्फ अपने हथियार से ही बात करता है उसके अंदर अपने बाप की ताकत को पाने की एक जुनून दिखाई देता है इस करैक्टर के साथ मुन्ना त्रिपाठी ने पूरे का पूरा न्याय किया है मुन्ना त्रिपाठी की रंगबाजी का आलम यह है कि उनकी गाड़ी में दल लाइन ऑफ मिर्जापुर लिखी हुई गाड़ी से चलते हैं उनकी दबंगई जो कि उत्तर प्रदेश में जिस प्रकार से दबंगों की दबंगई चलती है जिस प्रकार से शादी समारोह में कोई भी फायर करते नजर आते हैं किसी भी के साथ छेड़छाड़ मारपीट करना एक आम बात होती है कॉलेज के अंदर जिस प्रकार से डिलीवरी करते हुए यह पुरुषों को धमकाते हैं की जिस प्रकार से गालियों से यह बात करते हैं पूरे का पूरा इन्होंने अपने कैरेक्टर के साथ न्याय किया हुआ है.
यह कहानी इस कैरेक्टर के पहले सीजन में हीरो की तरह पेश किया गया है जिसमें यह कहते हैं इनका डायलॉग एक डायलॉग है जो कि शुरू मजबूरी में किया लेकिन अब मजा आ रहा है लेकिन इस सीजन टू में इस प्रकार का भोकाल इनका नजर नहीं आता है पूरी सीरीज में यह अपाहिज और एक लाचार नजर आते हैं पहले वाले गुड्डू पंडित के विपरीत इस सीजन में नजर आ रहे हैं गुड्डू पंडित का भाव काल इस सीजन में नजर नहीं आता है जिस प्रकार के पहले सीजन में गुड्डू पंडित की दबंगई एक पहलवान के रूप में नजर आ रहे थे वह इस सीजन में नजर नहीं आती है सीजन टू में गुड्डू पंडित को राइटर ने पूरी तरह से बांध के रखा हुआ है और डायरेक्टर ने उनकी पूरी प्रतिभा और क्षमता के हिसाब से उन से काम नहीं लिया है अली फजल ने पहले सीजन में जिस प्रकार गुड्डू पंडित के कैरेक्टर को यादगार बनाया था दूसरे सीजन में यह यहां पर नजर नहीं आ रहा है गुड्डू पंडित का पहले सीजन में जिस प्रकार से भोपाल था वहां पर कतई भी नजर नहीं आ रहा है यहां पर गुड्डू पंडित एक अपाहिज और लाचार की भूमिका में हैं जिन्हें प्रेम प्रसंग के अलावा मैं अपने बदले को बार-बार उनको याद दिला जाता है उन्हें जब याद आता है तब वह आगे काम करते हैं उनके अंदर वह पहले वाले सीजन का जोश और जुनून नजर नहीं आता है.
मिर्जापुर टू सीजन में एक नए कैरेक्टर की एंट्री होती है इनका नाम है विजय वर्मा इन्हें ओटीटी प्लेटफॉर्म पर हमने कई वेब सीरीज में देखा होगा जिस प्रकार से दर से किन के कैरेक्टर को आज तक ओटीटी प्लेटफॉर्म पर देखते हैं और इन्होंने जिस प्रकार की एक्टिंग दूसरी वेब सीरीज में की है और अपने कैरेक्टर के साथ इंसाफ किया है वह मिर्जापुर टू में नजर नहीं आया है मिर्जापुर टू में यह दबंगई की भूमिका में तो नजर आते हैं लेकिन यह अपने कैरेक्टर के साथ इंसाफ करते हुए नजर नहीं आ रहे हैं इनकी इनकी तो दबंगई के रूप में होती है लेकिन धीरे-धीरे यह एक मामूली से नजर आते हैं यह पूरे करैक्टर में जान नहीं डाल पा रहे हैं या यह कह सकते हैं कि राइटर और डायरेक्टर ने इनके पूरे कैरेक्टर को अच्छी तरह से नहीं लिखा रहा है जिसकी वजह से यह पूरी सीरीज से बाहर नजर आते हुए दिखाई दे रहे हैं अगर डायरेक्टर ने इनसे अच्छी तरह से काम लिया होता है तो यह भी लोगों की जुबान पर नजर आते हैं जिस प्रकार से गुड्डू पंडित बबलू त्यागी नजर आते थे डायरेक्टर ने सिर्फ और सिर्फ मुन्ना त्रिपाठी को ही इस सीजन में लाईमलाईट पर रखा हुआ है सिर्फ और सिर्फ मुन्ना त्रिपाठी का ही भोकाल नजर आता है.
अब हम बात करते हैं इस सीजन की हीरोइन गोलू गुप्ता का करैक्टर करने वाली श्वेता त्रिपाठी की जो उनके पहले कैरेक्टर के बिल्कुल विपरीत पहले सीजन में जहां वे एक कॉलेज स्टूडेंट रहती है लेकिन यहां पर उन्होंने एक गैंगस्टर की भूमिका निभाई है जो अपनी बहन का बदला कालीन भैया और मुन्ना त्रिपाठी से लेना चाहते हैं लेकिन उनके इस प्रकार के बदलाव को मुझे लगता है कि उनकी पर्सनालिटी के हिसाब से उनकी से गैंगस्टर के रूप में लोग कम ही पसंद करेंगे उनके ज्यादा अच्छी प्रकार की एक कैरेक्टर को निभाया है उन्होंने उस करैक्टर के साथ एक जीवंत भूमिका को नहीं अंजाम दिया है.
मिर्जापुर टू की कहानी वहीं से शुरू होती है जहां पर मिर्जापुर वन की कहानी खत्म होती है शादी में जिस प्रकार मुन्ना त्रिपाठी ने जिस प्रकार गुड्डू पंडित के भाई बबलू को गोली मार देता है और गुड्डू पंडित को गोलू गुप्ता और उसकी बहन वहां से घायल अवस्था में ले जाते हैं जिसके बाद गुड्डू पंडित का इलाज करते हुए एक डॉक्टर दिखाई देता है जिसको6 मैं भी और नूडल्स ही खाने में दिए जाते हैं इस उधेड़बुन में चलती हुई कहानी में केवल और केवल देखने लायक कोई नजर आता है तो वह मुन्ना त्रिपाठी मुन्ना त्रिपाठी के डायलॉग डिलीवरी और उनके गाली देने के अंदाज से ही यह पता चलता है कि यह वास्तविकता में इन्होंने एक बाहुबली के किरदार को जीवंत रूप दे दिया है पहले सीजन में मैं जिस प्रकार से गुड्डू पंडित का डायलॉग फेमस था कि शुरू मजबूरी में किया लेकिन आपको मजा आ रहा है इस सीजन में यह हां कुछ ऐसा नजर नहीं आता है मुन्ना त्रिपाठी की डायलॉग डिलीवरी और उनकी एक्टिंग ने दिखा दिया है कि वह किसी भी करैक्टर को बखूबी निभा सकते हैं.
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