🧾 सबसे पहले — ब्लॉग की ड्राफ्टिंग (Outline) आपका ब्लॉग “ सिंधु घाटी सभ्यता (Indus Valley Civilization) ” पर होगा, और इसे SEO और शैक्षणिक दोनों दृष्टि से इस तरह ड्राफ्ट किया गया है ।👇 🔹 ब्लॉग का संपूर्ण ढांचा परिचय (Introduction) सिंधु घाटी सभ्यता का उद्भव और समयकाल विकास के चरण (Pre, Early, Mature, Late Harappan) मुख्य स्थल एवं खोजें (Important Sites and Excavations) नगर योजना और वास्तुकला (Town Planning & Architecture) आर्थिक जीवन, कृषि एवं व्यापार (Economy, Agriculture & Trade) कला, उद्योग एवं हस्तकला (Art, Craft & Industry) धर्म, सामाजिक जीवन और संस्कृति (Religion & Social Life) लिपि एवं भाषा (Script & Language) सभ्यता के पतन के कारण (Causes of Decline) सिंधु सभ्यता और अन्य सभ्यताओं की तुलना (Comparative Study) महत्वपूर्ण पुरातात्त्विक खोजें और केस स्टडी (Key Archaeological Cases) भारत में आधुनिक शहरी योजना पर प्रभाव (Legacy & Modern Relevance) निष्कर्ष (Conclusion) FAQ / सामान्य प्रश्न 🏛️ अब ...
जिस प्रकार सरकार द्वारा पूरे देश में लॉक डाउन की अवधि को धीरे धीरे कई खंडों में विभाजित करके इस देश में करीब करीब 3 महीने का जो लॉकडाउन सरकार के द्वारा लगाया गया था उस लॉक डाउन की वजह से भारत देश की अर्थव्यवस्था में काफी गिरावट देखी गई जिसकी वजह से यहां का व्यापार नष्ट हो गया लघु उद्योगों का व्यापार जो कि असंगठित क्षेत्र में आते हैं वे सभी प्रकार के क्षेत्र और उस में कार्य करने वाले मजदूरों ने अपने रोजगार से हाथ धोना पड़ा ऐसी स्थितियां ना केवल भारत में बल्कि और भी कई देशों में देखी गई लेकिन इस लॉकडाउन का सबसे ज्यादा असर दूसरे देशों की अपेक्षा भारत की अर्थव्यवस्था पर कुछ ज्यादा ही पड़ा जिसकी वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था में करीब 70 साल में - 23 परसेंट की गिरावट देखी गई हम से आगे का विरोध करने वाला हमारा पड़ोसी देश बांग्लादेश का परफॉर्मेंस हम से कई गुना बेहतर दिखाई दिया.
नए साल के आगमन और दशहरा और दिवाली के त्योहारों के आने से खुदरा व्यापारियों और मैन्युफैक्चरस के लिए अमूमन खुशहाली का दौर होता है कार से लेकर टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुएं कपड़े और मोबाइल फोन तक तमाम चीजों की खूब मांग रहती है इस बार इसे हर साल के मुकाबले कहीं ज्यादा उम्मीद के साथ देखा जा रहा है कारोबारी उम्मीद लगाए हैं कि महान में इजाफा होगा लेकिन खर्च करेंगे और आखिरकार अर्थव्यवस्था की पारी पूरी बहाली की राह खुल जाएगी बिना केवल लॉकडाउन के दौरान हुए घाटे की भरपाई कर पाएंगे बल्कि इतनी कमाई होगी कि बात के महीने में जब आमतौर पर मांग कम होती है टिके रह सकेंगे.
उम्मीद की वजह भी है उद्योगों के कई व्यापारियों से बात करने और उनका कहना है कि सितंबर और अक्टूबर के महीने में अलग-अलग क्षेत्रों में कम या ज्यादा उपभोक्ता मोहन लौट आई है इसकी वजह से बाकी आने वाले त्योहारी मौसम के लिए उम्मीदें कायम है हालांकि इससे यह सच्चाई नहीं छुप जाती कि देश की अर्थव्यवस्था की जो स्थिति - 23 परसेंट जो कि महासंघ की हालत में है और ज्यादा अनुमानों के मुताबिक एक वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि करीब 10 फ़ीसदी की गिरावट का सामना कर सकती है त्योहारी मौसम में अच्छा प्रदर्शन इस धक्के को कम कर सकता है और तेजी से बहाली में मदद कर सकता है.
मार्च की 25 तारीख से पूर्ण या आंशिक लॉकडाउन के सिलसिले के बाद अब जब देश के ज्यादातर हिस्से फिर खुल रहे हैं देश का करीब 950 अरब डॉलर लगभग ₹700000000 का और 4 पॉइंट 6 करोड़ लोगों को रोजगार देने वाला खुदरा क्षेत्र बहाली के शुरुआती संकेत दिखा रहा है हालांकि मॉल में लोग अभी कम आ रहे हैं लेकिन इसे छोड़ दें तो ज्यादातर खुदरा कारोबारियों का कहना है कि बिक्री दोनों में सुधार देखा जा रहा है संगठित रिटेल में करीब 5 करोड़ स्टोरों की नुमाइंदगी करने वाले रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के मुताबिक बीते 4 महीनों में इस सेक्टर में लगातार सुधार आता दिखाएं जून में पिछले साल के इसी महीने के मुकाबले बिक्री 40 फ़ीसदी तक रही थी जबकि बाद के 3 महीनों में 50 फ़ीसदी 60 फ़ीसदी और 70 फ़ीसदी रही है इसी से मिलता-जुलता रुझान असंगठित क्षेत्र में भी दिख रहा है इलेक्ट्रॉनिक्स और मोबाइल फोन क्षेत्र दूसरों से बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं.
हालांकि खुदरा कारोबारी बाजार में उछाल की उम्मीद से उत्साहित है लेकिन फोन पर सतर्कता का एहसास भी है इसके पीछे कोविड-19 के मामलों की दूसरी लहराने का डर है वैसे ही जैसे कई यूरोपीय देशों में आई है और जिसने कर्फ्यू और लॉकडाउन के नए दौर के लिए मजबूर कर दिया है भारत में रोज को भी के नए मामलों में कमी आती दिख रही है 24 अक्टूबर को लगभग 50000 नए मामले सामने आए जो 28 जुलाई के बाद एक दिन में आज सबसे कम मामलों में से एक है मगर सर्दियों की दस्तक के साथ इस रुझान के उलट ने की आशंका है जिसके नतीजे और लॉकडाउन लगाने पड़ सकते हैं.
ऑटोमोबाइल क्षेत्र में भारत की सबसे बड़ी कार बनाने वाली कंपनी मारुति सुजुकी का कहना है कि खुदरा आंकड़ों की मानें तो बिक्री निश्चित रूप से मारुति सुजुकी ने सितंबर में सालाना आधार पर बिक्री में 30 फ़ीसदी की बढ़ोतरी दर्ज करते हुए कई कारें बेची इससे पहले करीब कम कार्य में जीते दुपहिया बनाने वाली बड़ी कंपनी बजाज ऑटो ने सितंबर में सालाना आधार पर 10 फ़ीसदी की वृद्धि दर्ज करके इसी महीने करीब अपने आने वाले समय में 20 परसेंट की तेजी के साथ बढ़ोतरी की इसके मुकाबले कम हुई हुंडई मोटर इंडिया की बिक्री सितंबर में सालाना आधार पर महज 3.8 फ़ीसदी बढ़ी सितंबर 2019 में 6 पॉइंट 5 परसेंट निचले स्तर पर है.
ई-कॉमर्स क्षेत्र में जहां महामारी के दौरान भी अच्छी बिक्री देखी गई क्योंकि लोग दुकानों पर जाने की वजह ऑनलाइन खरीद पर ज्यादा जोर दे रहे थे पिछले कुछ महीनों में वृद्धि और ज्यादा बड़ी ऑनलाइन बिक्री पर नजर रखने वाली कंसल्टेंसी के अनुमान के मुताबिक इस अवधि के पहले 4 से 5 दिनों में e-retail पर करीब 3.1 अरब डॉलर के समान भेजे गए.
दूसरी तरफ रियल एस्टेट सेक्टर को महामारी के दौरान जद्दोजहद करनी पड़ी 8 पॉइंट 8 लाख करोड़ रुपए के क्षेत्र में हालांकि पिछले 2 महीनों के दौरान कुछ बड़े रियल स्टेट्स बाजारों में संपत्ति की खरीद-फरोख्त में इजाफा हुआ लेकिन अभी भी यह कहना जल्दबाजी होगी कि खरीददार बाजार में लौट रहे हैं.
सबसे बुरा हाल ट्रैवल और टूरिज्म क्षेत्र में इस महामारी का हुआ टूरिस्ट जहां भारत में यात्रा करने कब आ रहे थे और महामारी के कारण जिस प्रकार की विमान सेवाएं और यातायात सेवाएं बंद थी उस प्रकार उनको काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था भारत में यह क्षेत्र सबसे निचले पायदान पर रहा.
कृषि क्षेत्र में भारत की अर्थव्यवस्था में काफी बड़ा सहयोग किया था जिन किसानों की स्थिति का जायजा और जिन किसानों की स्थिति और बेकारी को सरकार ने अनदेखा कर रखा है उन्हीं किसानों की वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि क्षेत्र में 4% की ग्रोथ दर्ज की है जो कि आने वाले समय में यह सबसे बड़ी ग्रुप पूरे सेक्टर में मानी जा रही है.
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