🧾 सबसे पहले — ब्लॉग की ड्राफ्टिंग (Outline) आपका ब्लॉग “ सिंधु घाटी सभ्यता (Indus Valley Civilization) ” पर होगा, और इसे SEO और शैक्षणिक दोनों दृष्टि से इस तरह ड्राफ्ट किया गया है ।👇 🔹 ब्लॉग का संपूर्ण ढांचा परिचय (Introduction) सिंधु घाटी सभ्यता का उद्भव और समयकाल विकास के चरण (Pre, Early, Mature, Late Harappan) मुख्य स्थल एवं खोजें (Important Sites and Excavations) नगर योजना और वास्तुकला (Town Planning & Architecture) आर्थिक जीवन, कृषि एवं व्यापार (Economy, Agriculture & Trade) कला, उद्योग एवं हस्तकला (Art, Craft & Industry) धर्म, सामाजिक जीवन और संस्कृति (Religion & Social Life) लिपि एवं भाषा (Script & Language) सभ्यता के पतन के कारण (Causes of Decline) सिंधु सभ्यता और अन्य सभ्यताओं की तुलना (Comparative Study) महत्वपूर्ण पुरातात्त्विक खोजें और केस स्टडी (Key Archaeological Cases) भारत में आधुनिक शहरी योजना पर प्रभाव (Legacy & Modern Relevance) निष्कर्ष (Conclusion) FAQ / सामान्य प्रश्न 🏛️ अब ...
वर्तमान विश्व के अन्य लोकतंत्र के समान भारत भी एक प्रतिनिधि आत्मक लोकतंत्र है इसका तात्पर्य शासन की ऐसी प्रणाली से है जिसमें राजनीतिक निर्णय जनता के निर्वाचित प्रतिनिधियों के द्वारा किया जाता है. प्रतिनिधियों को चुनने की समान प्रक्रिया चुनाव अथवा मतदान कहलाती है जो कि लोकतंत्र का मूल आधार है अतः चुनाव को सार्थक एवं प्रतिनिधि आत्मक बनाने के लिए मताधिकार की व्यवस्था की गई है. लोकतांत्रिक देशों में मताधिकार वयस्क नागरिकों को संपत्ति शिक्षा प्रजाति धर्म लिंग और अन्य किसी भेदभाव के बिना प्राप्त है जिसे सार्वभौम व्यस्क मताधिकार कहते हैं. लोकतांत्रिक देशों में चुनाव का एक अन्य महत्वपूर्ण पक्ष यह है कि चुनाव नियमित अवधि पर करवाए जाते हैं दूसरे शब्दों में चुनाव द्वारा प्रतिनिधियों को निश्चित अवधि के लिए निर्वाचित किया जाता है तथा अवधि समाप्ति के पश्चात दोबारा नया जनादेश प्राप्त करना आवश्यक. चुनाव करवाने के लिए प्रत्येक देश द्वारा निर्धारित विभिन्न अंग नियम तथा उप नियम होते हैं इन्हीं तरीकों तथा नियमों के समूह को निर्वाचन प्रणाली कहा जाता है. निर्वाचन प्रणाली मुक्ता वह तरीका है जो निर्वाचक और द्...