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इजरायल ईरान war और भारत ।

इजराइल ने बीते दिन ईरान पर 200 इजरायली फाइटर जेट्स से ईरान के 4 न्यूक्लियर और 2 मिलिट्री ठिकानों पर हमला किये। जिनमें करीब 100 से ज्यादा की मारे जाने की खबरे आ रही है। जिनमें ईरान के 6 परमाणु वैज्ञानिक और टॉप 4  मिलिट्री कमांडर समेत 20 सैन्य अफसर हैं।                    इजराइल और ईरान के बीच दशकों से चले आ रहे तनाव ने सैन्य टकराव का रूप ले लिया है - जैसे कि इजरायल ने सीधे ईरान पर हमला कर दिया है तो इसके परिणाम न केवल पश्चिम एशिया बल्कि पूरी दुनिया पर व्यापक असर डाल सकते हैं। यह हमला क्षेत्रीय संघर्ष को अंतरराष्ट्रीय संकट में बदल सकता है। इस post में हम जानेगे  कि इस तरह के हमले से वैश्विक राजनीति, अर्थव्यवस्था, कूटनीति, सुरक्षा और अंतराष्ट्रीय संगठनों पर क्या प्रभाव पडेगा और दुनिया का झुकाव किस ओर हो सकता है।  [1. ]अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति पर प्रभाव:   सैन्य गुटों का पुनर्गठन : इजराइल द्वारा ईरान पर हमले के कारण वैश्विक स्तर पर गुटबंदी तेज हो गयी है। अमेरिका, यूरोपीय देश और कुछ अरब राष्ट्र जैसे सऊदी अरब इजर...

Bharat ke rashtriy Pratik ke bare mein bataiye: आजाद भारत के राष्ट्रीय प्रतीक

राष्ट्रीय प्रतीक का अर्थ:

          विश्व के प्रत्येक स्वतंत्र देश का अपना राष्ट्रध्वज, राष्ट्रीय गीत, राष्ट्रीय चिन्ह, एवं राष्ट्रगान होता है यह सब राष्ट्रीय प्रतीक ना केवल राष्ट्रीय एकता के परिचायक है अपितु देश की स्वतंत्रता के प्रतीक हैं इनमें से किसी के प्रति किया गया अपमान सारे देश का अपमान माना जाता है.


भारत के राष्ट्रीय प्रतीक:


  • राष्ट्रगान -              जन गण मन

  • राष्ट्रगीत -              वंदे मातरम

  • राष्ट्रीय ध्वज -            तिरंगा

  • राष्ट्रीय चिन्ह -           अशोक की लाट


“यह सभी राष्ट्रीय प्रतीक हमारे राष्ट्रीय आंदोलनों की देन है”

राष्ट्रगान:

  • हमारे देश के राष्ट्रीय गान में मातृभूमि की प्रशंसा की गई है जिसे कभी रविंद्र नाथ टैगोर ने लिखा है.


           पूरी कविता 5 पदों में है परंतु राष्ट्रीय गान के लिए केवल प्रथम पद लिया गया है.



राष्ट्रीय ध्वज:

22 जुलाई 1947 को मध्य भाग में चरखी के स्थान पर अशोक चक्र वाला नया झंडा जिसे पंडित जवाहरलाल नेहरू ने प्रस्तावित किया था को संविधान सभा द्वारा स्वीकृत किया गया.


  • यह आकार में आयताकार और लंबाई एवं चौड़ाई का अनुपात 3 : 2 है.

  • राष्ट्रीय ध्वज तीन विभिन्न रंगों केसरिया, सफेद और हरे रंग की समांतर पतियों में बटा है इन तीनों रंगों के अर्थ निम्न वत है -


केसरिया:
यह ध्वज की पहली पट्टी का रंग है जो शौर्य और त्याग का प्रतीक है।

सफेद:
यह ध्वज की दूसरी पट्टी का रंग है जो सत्यम पवित्रता का प्रतीक है.


हरा:
यह ध्वज की तीसरी और अंतिम पट्टी का रंग है जो संपन्न का समृद्धि और खुशहाली का प्रतीक है.


  • राष्ट्रीय ध्वज 3 रंगों का होने के कारण तिरंगा कहलाता है.

  • सफेद पट्टी के बीचों-बीच नीले रंग का एक गोलाकार चक्र है जिसमें 24 कमानिया है इस चित्र को वाराणसी के निकट सारनाथ के एक स्तंभ  से लिया गया है जिसका निर्माण सम्राट अशोक ने महात्मा बुद्ध के प्रथम प्रवचन जिसे उन्होंने इसी स्थान पर दिया था की याद में बनवाया था.


राष्ट्रीय चिन्ह:

  • सारनाथ के स्तंभ के शिखर पर एक शीर्ष है जो इतना शानदार है कि भारत सरकार ने इसे अपना राष्ट्रीय चिन्ह के रूप में अपनाया है.


राष्ट्रीय चिन्ह दो भागों में विभाजित है -

( 1) शीर्ष

( 2) आधार


शीर्ष: तीन शेर दिखाई देते हैं जो पट्टीनू में आधार पर पीठ से पीठ मिल आई हुई है वास्तव में यह चार शेर है परंतु चौथा शेर चित्र में दिखाई नहीं देता है.

आधार:

आधार में बाई और एक घोड़ा था और एक वृषभ और बीच में एक चक्र है.

राष्ट्रीय चिन्ह में बने शेर घोड़ा वृषभ एवं चक्र का अलग-अलग अर्थ होता है जो निम्नलिखित  है -

  • शेर साहस का और शक्ति का प्रतीक है.

  • घोड़ा ताकत और चाल का प्रतीक है.

  • वृषभ कठिन परिश्रम स्फूर्ति को दर्शाता है

  • चक्र धर्म का प्रतीक है


उपरोक्त सभी गुणों ऐसे हैं जिन्हें देश के सभी नागरिकों को अपने चरित्र तथा व्यवहार में अपनाना चाहिए राष्ट्रीय चीन के शीर्ष के नीचे देवनागरी लिपि में सत्यमेव जयते लिखा है जिसका अर्थ होता है सत्य की विजय.


राष्ट्रीय ध्वज को राष्ट्रीय पर्व महत्वपूर्ण सरकारी भवन एवं अन्य देशों में स्थित भारतीय दूतावास के भवनों पर फहराया जाता है.

राष्ट्रीय ध्वज को आदर के रूप में तब नीचे झुका जाता है जब किसी आदरणीय राष्ट्रीय नेता या किसी मित्र देश के माननीय व्यक्ति की मृत्यु हो गई हो.

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