Skip to main content

इजरायल ईरान war और भारत ।

इजराइल ने बीते दिन ईरान पर 200 इजरायली फाइटर जेट्स से ईरान के 4 न्यूक्लियर और 2 मिलिट्री ठिकानों पर हमला किये। जिनमें करीब 100 से ज्यादा की मारे जाने की खबरे आ रही है। जिनमें ईरान के 6 परमाणु वैज्ञानिक और टॉप 4  मिलिट्री कमांडर समेत 20 सैन्य अफसर हैं।                    इजराइल और ईरान के बीच दशकों से चले आ रहे तनाव ने सैन्य टकराव का रूप ले लिया है - जैसे कि इजरायल ने सीधे ईरान पर हमला कर दिया है तो इसके परिणाम न केवल पश्चिम एशिया बल्कि पूरी दुनिया पर व्यापक असर डाल सकते हैं। यह हमला क्षेत्रीय संघर्ष को अंतरराष्ट्रीय संकट में बदल सकता है। इस post में हम जानेगे  कि इस तरह के हमले से वैश्विक राजनीति, अर्थव्यवस्था, कूटनीति, सुरक्षा और अंतराष्ट्रीय संगठनों पर क्या प्रभाव पडेगा और दुनिया का झुकाव किस ओर हो सकता है।  [1. ]अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति पर प्रभाव:   सैन्य गुटों का पुनर्गठन : इजराइल द्वारा ईरान पर हमले के कारण वैश्विक स्तर पर गुटबंदी तेज हो गयी है। अमेरिका, यूरोपीय देश और कुछ अरब राष्ट्र जैसे सऊदी अरब इजर...

भारतीय संविधान एवं संविधान का निर्माण: Indian Constitution and constitution build

Aisa likha pathriya dastavej Jo Sarkar ki ruprekha vah Pramukh written ka nirdharan Karta Hai Is Desh Ki sarvottam AVN Aadhar per dikha Ja sakta hai yah vahi dastavej hai jo Raja ke samast angom vidhayika karyapalika nyaypalika ko shaktiyan pradan Karta Hai ine teenon Ko sanvidhan ki Maar Yadon Mein rahakar Apne Kartavya ka Nirman karna hota hai ise aasani se Badla Nahin Ja sakta hai.



            अंग्रेजी भाषा भाषा के कंस्टीटूशन शब्द की उत्पत्ति लैटिन शब्द कांस्टीट्यूट से हुई है जिसका अर्थ शासन करने वाला सिद्धांत है.


               जिस देश का शासन जिन नियमों एवं सिद्धांतों के अनुसार चलता है उन सिद्धांतों या नियमों के समूह को संविधान कहा जाता है.


                  संविधान उन कानूनों या नियमों के समूह को कहते हैं जो प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से राज्य की सर्वोच्च सप्ताह की शक्ति के वितरण उपयोग को निश्चित करता है.


                  आधुनिक युग में संसार में सर्वप्रथम लिखित संविधान संयुक्त राज्य अमेरिका का है जो 1787 में फिलाडेल्फिया सम्मेलन के बाद बनाया गया था.


                  यूरोप में सबसे पहला संविधान नीदरलैंड में बना जो वर्तमान में विद्यमान है.


संविधान की परिभाषा:

        संविधान एक मौलिक दस्तावेज एवं देश की सर्वोच्च विधि माना जाता है.


           यह विभिन्न अंगों की शक्तियों का निर्धारण सृजन करता है.

           या राज्य के अंगों के अधिकार को मर्यादित कर उन्हें निरंकुश एवं तानाशाह होने से रोकता है.

               संविधान देश की जनता की आशाओं और आकांक्षाओं का पुण्य होता है


संविधान सभा के चरण:

6 दिसंबर 1946 से 14 अगस्त 1947 तक कैबिनेट मिशन के अंतर्गत संविधान सभा का कार्य.


15 अगस्त 1947 से 26 नवंबर 1949 तक संविधान सभा संप्रभुता संपन्न निकाय पदार्थ संसद के रूप में.


        27 नवंबर 1949 से 26 जनवरी 1950 संसद के रूप में.


संविधान का उद्देश्य:

सरकार के अंगो का सृजन करना जैसे विधान पालिका कार्यपालिका न्यायपालिका आदि.


सरकार के अंगों की शक्तियों जैसे कर्तव्य और दायित्व आदि को निर्धारित करना.

सरकार के सभी अंगों के बीच संबंधों को स्पष्ट करना.

संविधान का प्रयोग:

संविधान का निर्माण सर्वप्रथम एथेंस यूनान से हुआ था आधुनिक युग में यूएसए का संविधान बना जो लिखित रूप में था.


इंग्लैंड को संसदीय सरकार का उद्गम स्थान कहां जाता है एवं संयुक्त राज्य अमेरिका को अध्यक्षात्मक सरकार का जन्मदाता मानते हैं तथा स्विट्जरलैंड को गणतंत्र यह लोकतंत्र की जननी कहा जाता है.


नागरिकों के मौलिक अधिकार और मौलिक कर्तव्य नीति निर्देशक तत्व आदि का उल्लेख करना.


संविधान निर्माण की क्रमिक मांग:

सैद्धांतिक  रूप से संविधान सभा का विचार ब्रिटिश विचारक सर हेनरी मैंने प्रस्तुत किया था मैं व्यवहारिक रूप से सबसे पहले संविधान निर्माण के लिए अमेरिका में संविधान सभा का गठन किया गया था.


संविधान सभा के सिद्धांत के दर्शन सर्वप्रथम 1895 के स्वराज विधेयक में होते हैं जिसे लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक के निर्देश में तैयार किया गया था.


संविधान सभा का सुझाव सर्वप्रथम गांधी जी के द्वारा 1922 में हरिजन नामक पत्र में स्पष्ट कहा गया है कि भारत का संविधान भारतीयों को स्वयं बनाने का अधिकार होना चाहिए.


भारतीय संविधान का निर्माण एक संविधान सभा द्वारा हुआ जून 1934 में सर्वप्रथम संविधान सभा के लिए औपचारिक रूप से एक निश्चित मांग पेश की गई थी.


1936 में लखनऊ में हुए अखिल भारतीय कांग्रेस अधिवेशन में भारत के लिए प्रजातांत्रिक संविधान बनाने के लिए एक संविधान सभा की मांग प्रस्तुत की गई थी.


अगस्त प्रस्ताव 1940 में पहली बार संविधान सभा की मांग को ब्रिटिश सरकार ने आधिकारिक रूप से स्वीकार कर लिया था.

क्रिप्स प्रस्ताव 1942 में स्पष्ट रूप से संविधान सभा की रूपरेखा की बात कही गई है.


1946 में ब्रिटिश मंत्रिमंडलीय शिष्टमंडल ने अपनी योजना के अंतर्गत वर्तमान संविधान सभा की संरचना बनाई थी.

Comments

Popular posts from this blog

पर्यावरण का क्या अर्थ है ?इसकी विशेषताएं बताइए।

पर्यावरण की कल्पना भारतीय संस्कृति में सदैव प्रकृति से की गई है। पर्यावरण में सभी भौतिक तत्व एवं जीव सम्मिलित होते हैं जो प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से उसकी जीवन क्रियाओं को प्रभावित करते हैं। भारत में पर्यावरण परिवेश या उन स्थितियों का द्योतन करता है जिसमें व्यक्ति या वस्तु अस्तित्व में रहते हैं और अपने स्वरूप का विकास करते हैं। पर्यावरण में भौतिक पर्यावरण और जौव पर्यावरण शामिल है। भौतिक पर्यावरण में स्थल, जल और वायु जैसे तत्व शामिल हैं जबकि जैव पर्यावरण में पेड़ पौधों और छोटे बड़े सभी जीव जंतु सम्मिलित हैं। भौतिक और जैव पर्यावरण एक दूसरों को प्रभावित करते हैं। भौतिक पर्यावरण में कोई परिवर्तन जैव पर्यावरण में भी परिवर्तन कर देता है।           पर्यावरण में सभी भौतिक तत्व एवं जीव सम्मिलित होते हैं जो प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से उसकी जीवन क्रियाओं को प्रभावित करते हैं। वातावरण केवल वायुमंडल से संबंधित तत्वों का समूह होने के कारण पर्यावरण का ही अंग है। पर्यावरण में अनेक जैविक व अजैविक कारक पाए जाते हैं। जिनका परस्पर गहरा संबंध होता है। प्रत्येक  जीव को जीवन के लिए...

सौरमंडल क्या होता है ?पृथ्वी का सौरमंडल से क्या सम्बन्ध है ? Saur Mandal mein kitne Grah Hote Hain aur Hamari Prithvi ka kya sthan?

  खगोलीय पिंड     सूर्य चंद्रमा और रात के समय आकाश में जगमगाते लाखों पिंड खगोलीय पिंड कहलाते हैं इन्हें आकाशीय पिंड भी कहा जाता है हमारी पृथ्वी भी एक खगोलीय पिंड है. सभी खगोलीय पिंडों को दो वर्गों में बांटा गया है जो कि निम्नलिखित हैं - ( 1) तारे:              जिन खगोलीय पिंडों में अपनी उष्मा और प्रकाश होता है वे तारे कहलाते हैं .पिन्ड गैसों से बने होते हैं और आकार में बहुत बड़े और गर्म होते हैं इनमें बहुत अधिक मात्रा में ऊष्मा और प्रकाश का विकिरण भी होता है अत्यंत दूर होने के कारण ही यह पिंड हमें बहुत छोटे दिखाई पड़ते आता है यह हमें बड़ा चमकीला दिखाई देता है। ( 2) ग्रह:             जिन खगोलीय पिंडों में अपनी उष्मा और अपना प्रकाश नहीं होता है वह ग्रह कहलाते हैं ग्रह केवल सूरज जैसे तारों से प्रकाश को परावर्तित करते हैं ग्रह के लिए अंग्रेजी में प्लेनेट शब्द का प्रयोग किया गया है जिसका अर्थ होता है घूमने वाला हमारी पृथ्वी भी एक ग्रह है जो सूर्य से उष्मा और प्रकाश लेती है ग्रहों की कुल संख्या नाम है।...

भारतीय संविधान का स्वरूप संघात्मक है किंतु उसका सार एकात्मक है . इस कथन पर टिप्पणी कीजिए? (the Indian constitutional is Federal in form but unitary is substance comments

संविधान को प्राया दो भागों में विभक्त किया गया है. परिसंघात्मक तथा एकात्मक. एकात्मक संविधान व संविधान है जिसके अंतर्गत सारी शक्तियां एक ही सरकार में निहित होती है जो कि प्राया केंद्रीय सरकार होती है जोकि प्रांतों को केंद्रीय सरकार के अधीन रहना पड़ता है. इसके विपरीत परिसंघात्मक संविधान वह संविधान है जिसमें शक्तियों का केंद्र एवं राज्यों के बीच विभाजन रहता और सरकारें अपने-अपने क्षेत्रों में स्वतंत्र रूप से कार्य करती हैं भारतीय संविधान की प्रकृति क्या है यह संविधान विशेषज्ञों के बीच विवाद का विषय रहा है. कुछ विद्वानों का मत है कि भारतीय संविधान एकात्मक है केवल उसमें कुछ परिसंघीय लक्षण विद्यमान है। प्रोफेसर हियर के अनुसार भारत प्रबल केंद्रीय करण प्रवृत्ति युक्त परिषदीय है कोई संविधान परिसंघात्मक है या नहीं इसके लिए हमें यह जानना जरूरी है कि उस के आवश्यक तत्व क्या है? जिस संविधान में उक्त तत्व मौजूद होते हैं उसे परिसंघात्मक संविधान कहते हैं. परिसंघात्मक संविधान के आवश्यक तत्व ( essential characteristic of Federal constitution): - संघात्मक संविधान के आवश्यक तत्व इस प्रकार हैं...