इजराइल ने बीते दिन ईरान पर 200 इजरायली फाइटर जेट्स से ईरान के 4 न्यूक्लियर और 2 मिलिट्री ठिकानों पर हमला किये। जिनमें करीब 100 से ज्यादा की मारे जाने की खबरे आ रही है। जिनमें ईरान के 6 परमाणु वैज्ञानिक और टॉप 4 मिलिट्री कमांडर समेत 20 सैन्य अफसर हैं। इजराइल और ईरान के बीच दशकों से चले आ रहे तनाव ने सैन्य टकराव का रूप ले लिया है - जैसे कि इजरायल ने सीधे ईरान पर हमला कर दिया है तो इसके परिणाम न केवल पश्चिम एशिया बल्कि पूरी दुनिया पर व्यापक असर डाल सकते हैं। यह हमला क्षेत्रीय संघर्ष को अंतरराष्ट्रीय संकट में बदल सकता है। इस post में हम जानेगे कि इस तरह के हमले से वैश्विक राजनीति, अर्थव्यवस्था, कूटनीति, सुरक्षा और अंतराष्ट्रीय संगठनों पर क्या प्रभाव पडेगा और दुनिया का झुकाव किस ओर हो सकता है। [1. ]अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति पर प्रभाव: सैन्य गुटों का पुनर्गठन : इजराइल द्वारा ईरान पर हमले के कारण वैश्विक स्तर पर गुटबंदी तेज हो गयी है। अमेरिका, यूरोपीय देश और कुछ अरब राष्ट्र जैसे सऊदी अरब इजर...
बाबर ( 1526 - 1530) दिल्ली सल्तनत का अंतिम शासक इब्राहिम लोदी को 1526 में पराजित कर बाबर ने मुगल साम्राज्य की स्थापना की. बाबर फरगना का शासक था बाबर को भारत आने का निमंत्रण पंजाब के सूबेदार दौलत खालो दी तथा इब्राहिम लोदी के चाचा आलम खान लोधी ने दिया था. बाबर ने पानीपत के प्रथम युद्ध से पूर्व भारत पर 4 बार आक्रमण किया था पानीपत विजय उसका पांचवा आक्रमण था. बाबा ने जिस समय भारत पर आक्रमण किया था उस समय भारत में बंगाल मालवा गुजरात सिंह कश्मीर मेवाड़ खानदेश विजयनगर और बहमनी आदि एक स्वतंत्र राज्य थे. बाबर का पानीपत के बाद दूसरा महत्वपूर्ण युद्ध राणा सांगा के विरुद्ध खानवा का युद्ध 1527 में हुआ था जिसमें विजय के पश्चात बाबर ने गाजी की उपाधि धारण की थी. बाबा ने 1528 में मेदनी राय को परास्त कर चंदेरी पर अधिकार कर लिया. बाबर ने 1529 में घाघरा के युद्ध में बिहार और बंगाल की संयुक्त अफगान सेना को पराजित किया जिसका नेतृत्व महमूद लोदी कर रहा था. बाबर ने पानीपत के प्रथम" तुलगमा युद्ध पद्धति का प्रयोग किया था जिसे उसने उस जैपकों से ग्रहण किया था. बाबर ने अपनी आत्मकथा बाबरनामा में विजय...