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इजरायल ईरान war और भारत ।

इजराइल ने बीते दिन ईरान पर 200 इजरायली फाइटर जेट्स से ईरान के 4 न्यूक्लियर और 2 मिलिट्री ठिकानों पर हमला किये। जिनमें करीब 100 से ज्यादा की मारे जाने की खबरे आ रही है। जिनमें ईरान के 6 परमाणु वैज्ञानिक और टॉप 4  मिलिट्री कमांडर समेत 20 सैन्य अफसर हैं।                    इजराइल और ईरान के बीच दशकों से चले आ रहे तनाव ने सैन्य टकराव का रूप ले लिया है - जैसे कि इजरायल ने सीधे ईरान पर हमला कर दिया है तो इसके परिणाम न केवल पश्चिम एशिया बल्कि पूरी दुनिया पर व्यापक असर डाल सकते हैं। यह हमला क्षेत्रीय संघर्ष को अंतरराष्ट्रीय संकट में बदल सकता है। इस post में हम जानेगे  कि इस तरह के हमले से वैश्विक राजनीति, अर्थव्यवस्था, कूटनीति, सुरक्षा और अंतराष्ट्रीय संगठनों पर क्या प्रभाव पडेगा और दुनिया का झुकाव किस ओर हो सकता है।  [1. ]अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति पर प्रभाव:   सैन्य गुटों का पुनर्गठन : इजराइल द्वारा ईरान पर हमले के कारण वैश्विक स्तर पर गुटबंदी तेज हो गयी है। अमेरिका, यूरोपीय देश और कुछ अरब राष्ट्र जैसे सऊदी अरब इजर...

भारतीय सेना द्वारा किया जा मिसाइलों का परीक्षण तथा भारतीय सीमा की सुरक्षा की तैयारियां (indian Military exercises for war and its preparation)

नौसैनिक युद्धाभ्यास के तहत एंटी शिप मिसाइल दाग कर भारतीय नौसेना ने अपना पुराना जंगी जहाज डुबाया:

भारतीय नौसेना में अक्टूबर 2020 में 1 मेगा युद्धाभ्यास के तहत अपना शक्ति का प्रदर्शन करते हुए अपने एक जंगी जहाज से मिसाइल दाग कर एक अन्य लक्षित जहाज को निशाना बनाकर उसे समुद्र में डूबा दिया इस कार्यवाही के तहत डूबते हुए जहाज की वीडियो भी नौसेना ने 23 अक्टूबर को जारी की. इस सैन्य अभ्यास के तहत एंटी शिप मिसाइल आई एन एस प्रबल से दागी गई तथा निशाना बनाया गया बहुत नौसेना से हटाया हुआ गोदावरी श्रेणी का युद्धपोत था इस श्रेणी के 2 युद्धपोत नौसेना से 2015 व 2018 में हटाए गए थे. इन्हीं में से एक बहुत संदर्भित सैन्य अभ्यास के तहत एंटी से मिसाइल का निशाना बनाकर डूब गया गया. जिसका वीडियो नौसेना ने जारी किया था.  युद्धपोत को 1983 में नौसेना में शामिल किया गया था.

        अरब सागर में अक्टूबर 2020 में संपन्न मेगा नौसैनिक अभ्यास में विमान वाहक आई एन एस विक्रमादित्य के साथ का युद्ध हो तो वह लड़ाकू हेलीकॉप्टरों ने भाग लिया.


के 15 मिसाइल के जमीनी संस्कृत शौर्य का परीक्षा:


चीन के साथ सीमा पर तनाव के बीच अपनी सामरिक शक्ति को मजबूत करने की दिशा में एक कदम के तहत भारत ने स्वदेश निर्मित शौर्य मिसाइल का परीक्षण ओडिशा के तट पर एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप के ऊपर एकीकृत परीक्षण रेंज से 3 अक्टूबर 2020 को किया. नाभि की क्षमता युक्त यह हाइपरसोनिक मिसाइल वजन में हल्की है तथा 200 किलोग्राम से 1000 किलोग्राम तक के विस्फोटकों के साथ 700 से 1000 किलोमीटर की दूरी तक मार करने में सक्षम है 10 मीटर लंबी 74 सेंटीमीटर व्यास वाली सिक्स पॉइंट 2 टन वजन की या मिसाइल पनडुब्बी से लांच की जाने वाली स्वदेशी के 15 बैलिस्टिक मिसाइल का भूमि से इस्तेमाल किया जाने वाला संस्करण है . टू स्टेज लॉकेट वाली यह मिसाइल 40 किलोमीटर की ऊंचाई तक पहुंचने से पूर्व ध्वनि से 6 गुना गति से चलती है जिसके पश्चात यह क्रूड मिसाइल की तरह खुद को टारगेट तक गाइड कर सकती है.


सुपर सोनिक मिसाइल असिस्टेंट रिलीज ऑफ टारपीडो स्मार्ट सफल परीक्षण: (supersonic ok assisted release of rapido “smart”)


अपनी सामरिक शक्ति में वृद्धि की दिशा में एक और पहल के तहत रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (dRDO: Defence research and development organisation) के स्वदेश निर्मित एक सुपर सोनिक मिसाइल असिस्टेंट रिलीज ऑफ टारपीडो (supersonic missile assistant release or torpedo “ smart”) का सफल परीक्षण 5 अक्टूबर 2020 को किया गया यह परीक्षण ओडिशा के तट के निकट स्थित व्हीलर द्वीप से किया गया 650 किलोमीटर की दूरी तक मारक क्षमता वाली इस मिसाइल असिस्टेंट लाइट टारपीडो सिस्टम का हल का रूप है फोटो पर तैनात किया जा सकेगा तथा पनडुब्बियों को भी नष्ट करने की क्षमता इसमें होगी इससे शत्रु के युद्ध पोतों और पनडुब्बियों को नष्ट करने के लिए टारपीडो का मिसाइल की मदद से इस्तेमाल किया जा सकेगा डीआरडीओ के चेयरमैन डॉक्टर सतीश रेड्डी ने पनडुब्बी युद्ध के मामले में इसे गेमचेंजर आधुनिक तकनीक   करार दिया है.

एंटी रेडिएशन मिसाइल रुद्रम का सफल परीक्षण (anti radiation missile Rudram)

देश की सामरिक शक्ति में वृद्धि के लिए एक और कदम आगे बढ़ाते हुए रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन डीआरडीओ ने एक अन्य स्वदेशी एंटी रेडिएशन मिसाइल रुद्रम का परीक्षण 9 अक्टूबर 2020 को किया वायु सेना के लिए विकसित इस मिसाइल का यह परीक्षा उड़ीसा में बालासोर स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज से सुखोई थर्टी एमकेआई लड़ाकू विमान से किया गया शत्रु के सिंह नलवा रेडिएशन प्रणाली को पकड़कर उसे नष्ट करने में सक्षम इस मिसाइल का भविष्य में मिराज 2000 जैगवार तेजस व तेजस मार्क 2 विमानों से भी इस्तेमाल किया जा सकेगा शत्रु द्वारा अपनी रडार प्रणाली को यदि बंद भी कर दिया गया हो तब भी रुद्रम उसे निशाना बना सकती है नई पीढ़ी की इस एंटी रेडिएशन मिसाइल की मारक क्षमता 100 से डेढ़ सौ किलोमीटर तक समायोजित की जा सकती है तथा शत्रु के सर्विलांस राडार तथा ट्रैकिंग वाक्य में सिस्टम को आसानी से निशाना बनाया जा सकता है.

जमीन से जमीन पर मार करने वाली पृथ्वी-2 मिसाइल का परीक्षण:


रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन डीआरडीओ द्वारा एंट्री गेटेड गाइडेड मिसाइल प्रोग्राम के तहत विकसित पहली सतह से सतह पर मार करने वाली पृथ्वी-2 मिसाइल का एक रात्रि कालीन परीक्षा उड़ीसा के बालासोर जिले के चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज पर 16 अक्टूबर 2020 को किया गया 1000 किलोग्राम नाम की परंपरागत विस्फोटकों के साथ 350 किलोमीटर की दूरी तक मार करने में सक्षम इस मिसाइल के अनेक परीक्षण पहले भी किए जा चुके हैं तथा इसे सेना में पहले ही शामिल किया जा चुका है सैन्य अधिकारियों की उपस्थिति में ही इसका 16 अक्टूबर का रात्रिकालीन परीक्षण किया गया इस मिसाइल का परीक्षण इसी स्थान पर 23 सितंबर 2020 को किया गया था.

जमीनी संस्करण परीक्षण के 2 सप्ताह पश्चात सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का नौसैनिक पोत से परीक्षा:


स्वदेशी मिसाइलों के परीक्षणों की श्रंखला में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन डीआरडीओ ने सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस के समुद्र से मार करने वाले संस्करण का सफल परीक्षण 18 अक्टूबर 2020 को किया यह परीक्षण नौसेना के स्टील टेस्ट यार आई एन एस चेन्नई से किया गया उच्च स्तरीय जटिल युक्तियों का प्रदर्शन करते हुए यह मिसाइल अरब सागर स्थित एक लक्ष्य को सटीकता के साथ भेजने में सफल रहे इस प्रकार भारत व रूस के सहयोग से दोनों देशों के संयुक्त उपक्रम ब्रह्मोस एयरोस्पेस द्वारा निर्मित यह सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ने नौसेना के लिए अपनी सार्थकता इस परीक्षण से साबित की है परीक्षण के संबंध में रक्षा मंत्रालय की 18 अक्टूबर की विज्ञप्ति में कहा गया है कि एक प्रमुख मार्ग अस्त्र के रूप में ब्रह्मोस मिसाइल लंबी दूरी पर स्थित नौसेना के सतह के लक्ष्यों को पूरा करने के द्वारा नौसेना की जीत को सुनिश्चित करेगी और इस प्रकार से भारतीय नौसेना की एक और घातक प्लेटफार्म बना देगी इस परीक्षण की सफलता के लिए रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ ब्रह्मा भारतीय नौसेना को बधाई दी है डीआरडीओ के चेयरमैन श्री सतीश रेड्डी ने भी इन सभी को बधाई देते हुए कहा कि ब्रह्मोस कई प्रकार से भारतीय सशस्त्र बलों की क्षमता में वृद्धि करेगी ज्ञातव्य है कि ब्रह्मोस मिसाइल को जमीन के अतिरिक्त पनडुब्बी से भी लांच किया जा सकता है.

एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल नाग का सफल परीक्षण:


स्वदेश निर्मित एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल नाग का फाइनल यूजर्स ट्रायल राजस्थान के पोखरण रेंज पर 22 अक्टूबर 2020 को किया गया सेना वार्ड डीआरडीओ के अधिकारियों की उपस्थिति में किए गए इस फाइनल परीक्षण के तहत मिसाइल के साथ जोड़े गए वारहेड ने एक लक्ष्य 10 को निशाना बनाया नाग मिसाइल का यह परीक्षण विशेष नाग कैरियर नामिका द्वारा किया गया. यह मिसाइल अपने लक्ष्य की पहचान आसानी से कर लेती है तथा सटीक निशाना लगा सकती है इसके चलते इसे फायर एंड फॉरगेट कहा गया है भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन डीआरडीओ द्वारा विकसित इस मिसाइल के अलग-अलग मौसमों में कई परीक्षण पहले भी किए जा चुके हैं तथा 22 अक्टूबर को सफल परीक्षण के पश्चात इसका उत्पादन अब प्रारंभ कर दिया गया है नाग मिसाइल का उत्पादन जहां सार्वजनिक उपक्रम भारत डायनामाइट लिमिटेड द्वारा किया जाएगा इसके नामिका का उत्पादन मेंढक स्थित ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में किया जाएगा.


भारतीय नौसेना में नया युद्धपोत आईएनएस कवारत्ती:

चीन के साथ जारी सीमा विवाद के बीच भारत अपनी सैन्य क्षमता में निरंतर वृद्धि करने में लगा हुआ है तथा सितंबर अक्टूबर माह में ही अनेक मिसाइलों के परीक्षण के साथ-साथ तटरक्षक बल में आईसीजीएस कनकलता बरुआ शामिल करने के पश्चात 22 अक्टूबर 2020 को स्वदेश निर्मित एंटी समरीन युद्धपोत आईएनएस (        ) को नौसेना में शामिल किया गया है थल सेना अध्यक्ष जनरल एमएम नरवाने विशाखा पटना में इसे औपचारिक रूप से नौसेना में शामिल किया कोलकाता स्थित गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स द्वारा प्रोजेक्ट 28 के तहत निर्मित चार कामूर्ता क्लास युद्ध पोतों में या चौथा अंतिम स्टील थी यह तो बहुत है इसके निर्माण में 90% स्वदेशी सामग्री का इस्तेमाल किया गया है इस श्रेणी के पहले 3 युद्धपोत क्रमसा आई एन एस कामूर्ता आई एन एस कदमत आई एन एस किल्टन है जो सभी गार्डन रीच शिवबिल्डर्स द्वारा निर्मित है तथा नौसेना में पहले ही शामिल किए जा चुके हैं इन चारों में ऐसे सेंसर लगे हैं जो पनडुब्बियों का पता लगाने व उनका पीछा करने में सक्षम है इनका डिजाइन नौसेना के डायरेक्टरेट ऑफ नेवल डिजाइन द्वारा किया गया है.

तटरक्षक बल हेतु अपतटीय गश्ती पोत विग्रह का जलावरण:

भारतीय तटरक्षक बल के लिए एक 30 अगस्त e-port विग्रह की औपचारिक लांचिंग 6 अक्टूबर 2020 को चेन्नई के निकट कट्टूपल्ली ट्रैक पर हुई इस पोत का निर्माण निजी क्षेत्र की कंपनी लार्सन एंड टूब्रो द्वारा किया गया तथा यह एलएनटी द्वारा निर्मित उन सात पेट्रोल वेल्स में से एक है जिनके लिए रक्षा मंत्रालय द्वारा अनुबंध 2015 में किया गया था यह पहला अवसर था जब ऐसे पौधों के निर्माण के लिए दायित्व निजी क्षेत्र की किसी कंपनी को दिया गया था इस अनुबंध के तहत 6 पौधों की आपूर्ति l&t द्वारा की जा चुकी है आईसीजीएस विक्रम आईसीजीएस विजय आईसीजीएस वीरा आई सी जी एस वाला आईसीजीएस आईसीजीएस बदनाम कीजिए ऑफ सपोर्ट तटरक्षक बल में शामिल किए जा चुके हैं इनमें 6 ो फरवरी 2021 में एक बल में शामिल विभिन्न परीक्षणों के पश्चात इस श्रेणी के साथ में अंतिम चरण में शामिल किया जाएगा.


अटल टनल का लोकार्पण:


ले को जोड़ने वाली 10000 फुट की ऊंचाई पर विश्व की सबसे लंबी हाईवे अटल टनल (रोहतांग टनल) नरेंद्र मोदी ने 3 अक्टूबर 2020 को किया है इस अवसर पर रोहतांग में सुरंग के दक्षिणी पोर्टल पर एक जनसभा को श्री मोदी ने संबोधित किया जो करो ना मां मारी के दौरान पिछले छह माह में उनकी पहली जनसभा थी ले मनाली हाईवे पर रोहतांग दर्रे के नीचे हिमालय के पीर पंजाल रेंज में बनी यह सुरंग 9.02 किलोमीटर लंबी है मनाली से लेह की सड़क मार्ग की दूरी से 46 किलोमीटर कम हो जाएगी इससे आवाजाही में 4 घंटे का समय बचेगा साथ ही वर्ष भर आवागमन की सुविधा इस मार्ग पर उपलब्ध रहेगी इससे पूर्व बर्फबारी के समय मार्ग बाधित रहता था सामरिक दृष्टि से भी अत्यधिक महत्वपूर्ण इस सुरंग में सुरक्षा के व्यापक एवं अत्याधुनिक इंतजाम किए गए हैं पूर्व वर्षों से रोहतांग टनल नाम से निर्माणाधीन रही इस सुरंग का नामकरण दिवंगत प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेई के नाम पर अटल टनल प्रधानमंत्री श्री मोदी ने 25 अक्टूबर 2019 को श्री वाजपेई के जन्म दिवस पर किया था इस सुरंग की परिकल्पना जून 2000 में उन्होंने ही की थी तथा इसकी संभावना के अध्ययन का काम शुरू हो गया था विभिन्न अध्ययनों व सर्वेक्षणों के पश्चात इस परियोजना की आधारशिला 28 जून 2010 को तत्कालीन राष्ट्रीय सलाहकार परिषद के अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी ने रखी थी.

       उल्लेखनीय है कि जम्मू-कश्मीर में ही राष्ट्रीय राजकुमार पुत्र चार पर चेनानी व नासिरी के बीच बनी सुरंग देश में सबसे लंबी सड़क सुरंग है 9.28 किलोमीटर लंबी इस चैनल का उद्घाटन प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 2 अप्रैल 2017 को किया था.

“इस टनल का नामकरण भारतीय जनसंघ के संस्थापक श्री श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर 24 अक्टूबर 2019 को किया गया था”


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