Drafting और Structuring the Blog Post Title: "असुरक्षित ऋण: भारतीय बैंकिंग क्षेत्र और अर्थव्यवस्था पर प्रभाव, और RBI की भूमिका" Structure: परिचय असुरक्षित ऋण का मतलब और यह क्यों महत्वपूर्ण है। भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में असुरक्षित ऋणों का वर्तमान परिदृश्य। असुरक्षित ऋणों के बढ़ने के कारण आसान कर्ज नीति। उधारकर्ताओं की क्रेडिट प्रोफाइल का सही मूल्यांकन न होना। आर्थिक मंदी और बाहरी कारक। बैंकिंग क्षेत्र पर प्रभाव वित्तीय स्थिरता को खतरा। बैंकों की लाभप्रदता में गिरावट। अन्य उधारकर्ताओं को कर्ज मिलने में कठिनाई। व्यापक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव आर्थिक विकास में बाधा। निवेश में कमी। रोजगार और व्यापार पर नकारात्मक प्रभाव। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की भूमिका और समाधान सख्त नियामक नीतियां। उधार देने के मानकों को सुधारना। डूबत ऋण प्रबंधन (NPA) के लिए विशेष उपाय। डिजिटल और तकनीकी साधनों का उपयोग। उदाहरण और केस स्टडी भारतीय बैंकिंग संकट 2015-2020। YES बैंक और IL&FS के मामले। निष्कर्ष पाठकों के लिए सुझाव और RBI की जिम्मेदारी। B...
प्राचीन भारतीय साहित्य आम धारणा की अवज्ञा करता है कि यह वेदों और उपनिषदों आदि पवित्र ग्रंथों तक ही सीमित था। प्राकृत में साहित्य की भरमार है। जय धार्मिक लक्ष्यार्थ से अंसलग्न यथार्थवाद और नैतिक मूल्यों से भरा है। प्राचीन काल की रचनाओं का सबसे लोकप्रिय समूह वेद है। यह धार्मिक अनुष्ठानों के साथ ही दैनिक स्थितियों में उपयोग किए जाने वाले पवित्र ग्रंथ हैं। लेकिन साथ ही इस खंड में इस अवधि के दौरान प्राचीन काल की दो प्रमुख भाषाओं संस्कृत और प्राकृत मे रचित महाकाव्य और गीत आत्मक रचनाओं का भी समावेश है। वेद वेद शब्द ज्ञान का प्रतीक है तुम्हें पृथ्वी और उससे परे अपने समस्त जीवन का संचालन करने हेतु मनुष्य को ज्ञान उपलब्ध है कराने के विषय में है। इसमें काव्यात्मक शैली में लिखा गया है और इनकी भाषा प्रतीक और मित्थको से भरी है। प्रारंभ में वेद ब्राह्मण परिवार की पीढ़ियों द्वारा मौखिक रूप से प्रदान किए जाते थे लेकिन इतिहासकारों द्वारा ही अनुमान लगाया जाता है कि3000 ईसा पूर्व 1000 ईसा के आसपास इन्हें संकलित किया गया। हिंदू परंपरा में इन्हें पवित्र माना जाता है क्यों...