सिविल सेवा परीक्षा में भारतीय कला एवं संस्कृति एक महत्त्वपूर्ण विषय है। इसमें भारतीय कला एवं संस्कृति से सम्बन्धित प्रारंभिक परीक्षा तथा मुख्य परीक्षा में यह बहुत ही महत्त्वपूर्ण Topic में रखा गया है। इसमें अगर महत्वपूर्ण Topic की बात की जाये भारतीय वास्तुकला, मूर्तिकला और मृद्भाण्ड, भारतीय चित्रकलायें, भारतीय हस्तशिल्प, भारतीय संगीत से सम्बन्धित संगीत में आधुनिक विकास, जैसे महत्वपूर्ण विन्दुओं को UPSC Exam में पूछे जाते हैं। भारतीय कला एवं संस्कृति में भारतीय वास्तुकला को भारत में होने वाले विकास के रूप में देखा जाता है। भारत में होने वाले विकास के काल की यदि चर्चा कि जाये तो हड़प्पा घाटी सभ्यता से आजाद भारत की कहानी बताता है। भारतीय वास्तुकला में राजवंशों के उदय से लेकर उनके पतन, विदेशी शासकों का आक्रमण, विभिन्न संस्कृतियों और शैलियों का संगम आदि भारतीय वास्तुकला को बताते हैं। भारतीय वास्तुकला में शासकों द्वारा बनवाये गये भवनों की आकृतियाँ [डिजाइन] आकार व विस्तार के...
प्राचीन भारतीय साहित्य आम धारणा की अवज्ञा करता है कि यह वेदों और उपनिषदों आदि पवित्र ग्रंथों तक ही सीमित था। प्राकृत में साहित्य की भरमार है। जय धार्मिक लक्ष्यार्थ से अंसलग्न यथार्थवाद और नैतिक मूल्यों से भरा है। प्राचीन काल की रचनाओं का सबसे लोकप्रिय समूह वेद है। यह धार्मिक अनुष्ठानों के साथ ही दैनिक स्थितियों में उपयोग किए जाने वाले पवित्र ग्रंथ हैं। लेकिन साथ ही इस खंड में इस अवधि के दौरान प्राचीन काल की दो प्रमुख भाषाओं संस्कृत और प्राकृत मे रचित महाकाव्य और गीत आत्मक रचनाओं का भी समावेश है। वेद वेद शब्द ज्ञान का प्रतीक है तुम्हें पृथ्वी और उससे परे अपने समस्त जीवन का संचालन करने हेतु मनुष्य को ज्ञान उपलब्ध है कराने के विषय में है। इसमें काव्यात्मक शैली में लिखा गया है और इनकी भाषा प्रतीक और मित्थको से भरी है। प्रारंभ में वेद ब्राह्मण परिवार की पीढ़ियों द्वारा मौखिक रूप से प्रदान किए जाते थे लेकिन इतिहासकारों द्वारा ही अनुमान लगाया जाता है कि3000 ईसा पूर्व 1000 ईसा के आसपास इन्हें संकलित किया गया। हिंदू परंपरा में इन्हें पवित्र माना जाता है क्यों...