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Showing posts from March, 2020

असुरक्षित ऋण क्या होते हैं? भारतीय बैंकिंग संकट, अर्थव्यवस्था पर प्रभाव और RBI के समाधान की एक विस्तृत विवेचना करो।

Drafting और Structuring the Blog Post Title: "असुरक्षित ऋण: भारतीय बैंकिंग क्षेत्र और अर्थव्यवस्था पर प्रभाव, और RBI की भूमिका" Structure: परिचय असुरक्षित ऋण का मतलब और यह क्यों महत्वपूर्ण है। भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में असुरक्षित ऋणों का वर्तमान परिदृश्य। असुरक्षित ऋणों के बढ़ने के कारण आसान कर्ज नीति। उधारकर्ताओं की क्रेडिट प्रोफाइल का सही मूल्यांकन न होना। आर्थिक मंदी और बाहरी कारक। बैंकिंग क्षेत्र पर प्रभाव वित्तीय स्थिरता को खतरा। बैंकों की लाभप्रदता में गिरावट। अन्य उधारकर्ताओं को कर्ज मिलने में कठिनाई। व्यापक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव आर्थिक विकास में बाधा। निवेश में कमी। रोजगार और व्यापार पर नकारात्मक प्रभाव। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की भूमिका और समाधान सख्त नियामक नीतियां। उधार देने के मानकों को सुधारना। डूबत ऋण प्रबंधन (NPA) के लिए विशेष उपाय। डिजिटल और तकनीकी साधनों का उपयोग। उदाहरण और केस स्टडी भारतीय बैंकिंग संकट 2015-2020। YES बैंक और IL&FS के मामले। निष्कर्ष पाठकों के लिए सुझाव और RBI की जिम्मेदारी। B...

भारतीय भाषाओं का विकास succession of indian language

प्राचीन भारतीय साहित्य आम धारणा की अवज्ञा करता है कि यह वेदों  और उपनिषदों आदि  पवित्र ग्रंथों तक ही सीमित था। प्राकृत में साहित्य की भरमार है। जय धार्मिक लक्ष्यार्थ से अंसलग्न यथार्थवाद और नैतिक मूल्यों से भरा है। प्राचीन काल की रचनाओं का सबसे लोकप्रिय समूह वेद है। यह धार्मिक अनुष्ठानों के साथ ही दैनिक स्थितियों में उपयोग किए जाने वाले  पवित्र ग्रंथ हैं। लेकिन साथ ही इस खंड में इस अवधि के दौरान प्राचीन काल की दो प्रमुख भाषाओं संस्कृत और प्राकृत मे रचित महाकाव्य और गीत आत्मक रचनाओं का भी समावेश है। वेद वेद शब्द  ज्ञान का प्रतीक है तुम्हें पृथ्वी और उससे परे अपने समस्त जीवन का संचालन करने हेतु मनुष्य को ज्ञान उपलब्ध है कराने के विषय में है। इसमें काव्यात्मक शैली में लिखा गया है और इनकी भाषा प्रतीक और मित्थको से भरी है। प्रारंभ में वेद ब्राह्मण परिवार की पीढ़ियों द्वारा मौखिक रूप से प्रदान किए जाते थे लेकिन इतिहासकारों द्वारा ही अनुमान लगाया जाता है कि3000 ईसा पूर्व 1000 ईसा के आसपास इन्हें संकलित किया गया। हिंदू परंपरा में इन्हें पवित्र माना जाता है क्यों...

विध्यार्थि जीवन मे शिक्षा का महत्त्व EDUCATION IS THE BEST FRIEND IN OUR LIFE

आधुनिक भारत के लिए महत्वपूर्ण और अनिवार्य होते हुए भी केवल जानकारी हासिल करना अथवा तकनीकी कौशल अर्जित करना ही शिक्षा का उद्देश्य नहीं है. ऐसा संतुलित मानसिक विकास करना ऐसी विवेक पूर्ण आवृत्ति और लोकतांत्रिक भावना पैदा करना है जो हमें जिम्मेदार नागरिक बनाएं।  ( डॉक्टर   सर्वपल्ली राधाकृष्णन) मानव जीवन में शिक्षा की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है ।        शिक्षा जीवन की परिस्थितियों का सामना करने की योग्यता पैदा करती है। शिक्षा ही जीवन यापन के लिए पैसा कमाने की योग्यता पैदा करती है और श्रेष्ठ जीवन जीना सिखाती है। इसी के माध्यम से हमें विविध विषयों का ज्ञान होता है और अतीत एवं वर्तमान के बारे में तरह-तरह की जानकारियां प्राप्त होती हैं अंधविश्वास मिटते हैं और सुख एवं आराम के साधन मिलते हैं।           दुर्भाग्य से हमारे देश की 70% आबादी गांव और झुग्गी झोपड़ियों में रहती है तथा अत्यन्त अज्ञान की शिकार है इसका मूL कारण यहां पर व्याप्त अशिक्षा और बेकारी है। यहां शिक्षा का अर्थ ही येन केन प्रकारेण 10वीं या 12वीं का सर्ट...

Dalit पूँजीवाद और indian सामाजिक अर्थव्यवस्था

आज हम थोड़ा सा विचित्र बातों के बारे में चर्चा करेंगे। यहां पर हम विचित्र क्यों बोल रहे हैं थोड़ा सा यह समझना होगा। क्योंकि जिस प्रकार से हमारा देश बरसों से धर्म और जाति व्यवस्था के आधार पर अपने आप में एक अग्रसर रूप से कभी धीमी गति से तो कभी तीव्र गति से आगे बढ़ता रहा है। लेकिन आज भी समाज का एक तबका एक अलग पहचान के लिए आज भी लालायित होता रहा है। इस तबके को हर वक्त किसी न किसी राजनीतिक पार्टी द्वारा समाज के कुछ ठेकेदारों द्वारा और कभी किसी प्रकार की नौकरी के प्रलोभन के उनकी सोच के साथ कभी भी परिवर्तन का अवसर नहीं दिया गया है तो चलिए आज हम बात कर लेते हैं ऐसे ही दलित पूंजीवाद में अंबेडकर समाज की।  दलित पूंजीवाद दलित इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री यानी डिक्की की शुरुआत के साथ भारत में दलित आंदोलन की जरूरतों के अनुसार पूंजीवादी तर्कों का आरंभ हुआ। इसके साथ ही हाशिए पर स्थित समूहों को सम्मिलित कर विकास सुनिश्चित करने की नव उदारवादी क्षमता के मुद्दे की पैरों कारी की गई है। समकालीन राजनीतिक और आर्थिक विकास के संबंध में बाबा साहब अंबेडकर के विचार थे कि दलितों क...

BLSI Industry

इलेक्ट्रॉनिक्स में अकल्पनीय विकास हुआ है कल का मोबाइल आज खिलौना बन गया है। आज मोबाइल में वे  सब कुछ है जिसके लिए हमें पहले अलग-अलग मशीनें खोलनी पड़ती थी। टीवी की जगह पुराने रूप को इतनी जल्दी कबाड़ में जगह मिल जाएगी सोचा भी नहीं था। हर इलेक्ट्रॉनिक गैजेट नया हो रहा है कैसे यही कुछ है इस लेख में जो इस क्षेत्र में आने वाले युवाओं के लिए प्रेरणा बनेगा। सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री के बारे में बहुत कुछ लिखा और कहा जा चुका है 1980 के उत्तरार्ध और 1990 के दशक की शुरुआत में  र टीसीएस  इंफोसिस विप्रो औ जैसी बड़ी कंपनियों ने सॉफ्टवेयर विकास की दिशा में काम शुरू किया था। इसके बाद वाई 2 के समस्या ने सिर उठाया ।भारतीय सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री की वैश्विक मानचित्र पर पुख्ता पहचान बनी थी। इसके बाद इस इंडस्ट्री ने मुड़कर नहीं देखा। देश में  BLSI  इंडस्ट्री वीएलएसआई (वेरी लार्ज स्केल इंटीग्रेशन) इंडस्ट्री या सेमीकंडक्टर चिप डिजाइन इंडस्ट्री की शुरुआत देश में उन्हीं दिनों हुई थी जब टैक्सास  instrument ने1985 में बेंगलुरु में अपना चिप डिजाइन सेंटर खोला था ।इससे पूर्व198...

हमारा अन्तरिक्ष और आस पास का क्षेत्र OUR SPACE AND AKSHGANGA

मानव सभ्यता के विकास के साथ-साथ सबसे ज्यादा चिंतन एवं शोध अगर किसी एक विषय पर हुआ है तो वह है ब्रह्मांड की उत्पत्ति एवं वे पदार्थ जिनसे यह ब्रह्मांड वर्तमान स्वरूप में हमारे सामने हैं इस प्रश्न का उत्तर भारतीय दार्शनिकों के साथ ही यूनान के दार्शनिकों ने प्राचीन समय से ही लगातार खोजने का प्रयास किया है विश्व की लगभग सभी सभ्यताओं ने अलग-अलग समय पर ब्रह्मांड की उत्पत्ति एवं विकास के सिद्धांत को प्रतिपादित किया।  भारतीय दार्शिनिकोंऔर सइनेटिस्टों  ने  प्राच्य सिद्धांतों के अनुसार पृथ्वी जल अग्नि वायु एवं आकाश पांच महाभूतों को बहुत पहले इस ब्रह्मांड के निर्माण के लिए आवश्यक तत्व बताया जबकि यूनानी दार्शनिक एवं वैज्ञानिक आकाश को छोड़कर उपयुक्त चार पदार्थों पृथ्वी जल अग्नि एवं वायु को इस ब्रह्मांड के पदार्थों की संरचना का आधार मानते थे आधुनिक विज्ञान के  विकास के साथ ही अरु  या परमाणु एवं इनके निर्माण में प्रयुक्त आंकड़ों की चर्चा लगभग 400 बीसी के आसपास शुरू हुई अत्यधिक विकसित तकनीक के इस युग में वैज्ञानिक परमाणु की संरचना को पूर्ण रूप से समझने में सफल हुए हैं ...

Corona virus क्या है? इससे बचने के उपाय

विश्व स्वास्थ्य संगठन(WHO) ने कोरोना वायरस (Corona virus)को अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ आपातकाल घोषित कर दिया है। चीन ने अब तक कोरोना वायरस की वजह से 1300 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है मीडिया रिपोर्ट के अनुसार हुबेई मे14846 और लोग इस वायरस से संक्रमित पाए गए कोरोनावायरस का प्रभाव बार्सिलोना में होने वाली मोबाइल वर्ल्ड कांग्रेस का आयोजन 24 से 27 फरवरी तक होने वाले इस आयोजन को रद्द कर दिया गया। चीन में कोरोना वायरस के कारण से अर्थव्यवस्था पर इसकी बहुत बड़ी मार झेलनी पड़ रही है चीन की अर्थव्यवस्था को हो रहे नुकसान की एक बड़ी वजह वायरस को फैलने से रोकने हेतु होने वाला खर्चा है चीन में कोरोना वायरस थामने  का नाम ही नहीं ले रहा है। चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ आयोग के अनुसार 4 फरवरी 2020 को इसे 65 लोगों की जान गई थी और यह सभी हुबेई प्रांत और उसकी राजधानी बुहान से थे।                   यह वायरस वुहान से ही चीन समेत दुनिया क 31 देशों में फैल चुका है कई देशों ने अपने नागरिकों को चीन में न  जाने की सलाह दी है कुछ देशों में चीन के लिए अपनी...