🧾 सबसे पहले — ब्लॉग की ड्राफ्टिंग (Outline) आपका ब्लॉग “ सिंधु घाटी सभ्यता (Indus Valley Civilization) ” पर होगा, और इसे SEO और शैक्षणिक दोनों दृष्टि से इस तरह ड्राफ्ट किया गया है ।👇 🔹 ब्लॉग का संपूर्ण ढांचा परिचय (Introduction) सिंधु घाटी सभ्यता का उद्भव और समयकाल विकास के चरण (Pre, Early, Mature, Late Harappan) मुख्य स्थल एवं खोजें (Important Sites and Excavations) नगर योजना और वास्तुकला (Town Planning & Architecture) आर्थिक जीवन, कृषि एवं व्यापार (Economy, Agriculture & Trade) कला, उद्योग एवं हस्तकला (Art, Craft & Industry) धर्म, सामाजिक जीवन और संस्कृति (Religion & Social Life) लिपि एवं भाषा (Script & Language) सभ्यता के पतन के कारण (Causes of Decline) सिंधु सभ्यता और अन्य सभ्यताओं की तुलना (Comparative Study) महत्वपूर्ण पुरातात्त्विक खोजें और केस स्टडी (Key Archaeological Cases) भारत में आधुनिक शहरी योजना पर प्रभाव (Legacy & Modern Relevance) निष्कर्ष (Conclusion) FAQ / सामान्य प्रश्न 🏛️ अब ...
प्राचीन भारतीय साहित्य आम धारणा की अवज्ञा करता है कि यह वेदों और उपनिषदों आदि पवित्र ग्रंथों तक ही सीमित था। प्राकृत में साहित्य की भरमार है। जय धार्मिक लक्ष्यार्थ से अंसलग्न यथार्थवाद और नैतिक मूल्यों से भरा है। प्राचीन काल की रचनाओं का सबसे लोकप्रिय समूह वेद है। यह धार्मिक अनुष्ठानों के साथ ही दैनिक स्थितियों में उपयोग किए जाने वाले पवित्र ग्रंथ हैं। लेकिन साथ ही इस खंड में इस अवधि के दौरान प्राचीन काल की दो प्रमुख भाषाओं संस्कृत और प्राकृत मे रचित महाकाव्य और गीत आत्मक रचनाओं का भी समावेश है। वेद वेद शब्द ज्ञान का प्रतीक है तुम्हें पृथ्वी और उससे परे अपने समस्त जीवन का संचालन करने हेतु मनुष्य को ज्ञान उपलब्ध है कराने के विषय में है। इसमें काव्यात्मक शैली में लिखा गया है और इनकी भाषा प्रतीक और मित्थको से भरी है। प्रारंभ में वेद ब्राह्मण परिवार की पीढ़ियों द्वारा मौखिक रूप से प्रदान किए जाते थे लेकिन इतिहासकारों द्वारा ही अनुमान लगाया जाता है कि3000 ईसा पूर्व 1000 ईसा के आसपास इन्हें संकलित किया गया। हिंदू परंपरा में इन्हें पवित्र माना जाता है क्यों...