सिविल सेवा परीक्षा में भारतीय कला एवं संस्कृति एक महत्त्वपूर्ण विषय है। इसमें भारतीय कला एवं संस्कृति से सम्बन्धित प्रारंभिक परीक्षा तथा मुख्य परीक्षा में यह बहुत ही महत्त्वपूर्ण Topic में रखा गया है। इसमें अगर महत्वपूर्ण Topic की बात की जाये भारतीय वास्तुकला, मूर्तिकला और मृद्भाण्ड, भारतीय चित्रकलायें, भारतीय हस्तशिल्प, भारतीय संगीत से सम्बन्धित संगीत में आधुनिक विकास, जैसे महत्वपूर्ण विन्दुओं को UPSC Exam में पूछे जाते हैं। भारतीय कला एवं संस्कृति में भारतीय वास्तुकला को भारत में होने वाले विकास के रूप में देखा जाता है। भारत में होने वाले विकास के काल की यदि चर्चा कि जाये तो हड़प्पा घाटी सभ्यता से आजाद भारत की कहानी बताता है। भारतीय वास्तुकला में राजवंशों के उदय से लेकर उनके पतन, विदेशी शासकों का आक्रमण, विभिन्न संस्कृतियों और शैलियों का संगम आदि भारतीय वास्तुकला को बताते हैं। भारतीय वास्तुकला में शासकों द्वारा बनवाये गये भवनों की आकृतियाँ [डिजाइन] आकार व विस्तार के...
1773 का रेगुलेटिंग एक्ट कोर्ट ऑफ डायरेक्टर का कार्यकाल 1 वर्ष के स्थान पर 4 वर्ष का हो गया बंगाल का प्रशासक अंग्रेजी क्षेत्रों का गवर्नर जनरल बना कलकत्ता में सुप्रीम कोर्ट की स्थापना की गई।इम्पे मुख्य न्यायधीश बना। कर्मचारियों का निजी व्यापार प्रतिबंधित कर दिया गया 1784 का पिट्स इंडिया एक्ट द्वैध शासन की स्थापना कोर्ट आफ डायरेक्टर्स तथा बोर्ड आफ कंट्रोल। गवर्नर जनरल काउंसिल के सदस्यों को नियम तथा अध्यादेश पारित करने का आदेश दिया गया। 6 कमिश्नरों के 1 बोर्ड का गठन। 1793 का चार्टर एक्ट कंपनी का भारत में व्यापार करने का अधिकार 20 वर्ष के लिए बढा। गवर्नर जनरल का बम्बई तथा मद्रास प्रेसीडेंसी पर भी प्राधिकार हो गया। 1833 का चार्टर एक्ट: बंगाल के गवर्नर को भारत का गवर्नर जनरल बना दिया गया. कंपनी का व्यापारिक एकाधिकार पूर्णतया समाप्त हो गया उसे अब केवल राजनीतिक अधिकार थे. 1858 का भारत सरकार अधिनियम: भारत का प्रशासन ब्रिटिश क्राउन को सौंपा गया. भारत का गवर्नर जनरल अब भारत का वायसराय कहलाने लगा. समस्त अधिकार भारत सचिव( secretary of state for India) को सौंप दिए गए. 15 सदस्य...