Skip to main content

Indus Valley Civilization क्या है ? इसको विस्तार से विश्लेषण करो ।

🧾 सबसे पहले — ब्लॉग की ड्राफ्टिंग (Outline) आपका ब्लॉग “ सिंधु घाटी सभ्यता (Indus Valley Civilization) ” पर होगा, और इसे SEO और शैक्षणिक दोनों दृष्टि से इस तरह ड्राफ्ट किया गया है ।👇 🔹 ब्लॉग का संपूर्ण ढांचा परिचय (Introduction) सिंधु घाटी सभ्यता का उद्भव और समयकाल विकास के चरण (Pre, Early, Mature, Late Harappan) मुख्य स्थल एवं खोजें (Important Sites and Excavations) नगर योजना और वास्तुकला (Town Planning & Architecture) आर्थिक जीवन, कृषि एवं व्यापार (Economy, Agriculture & Trade) कला, उद्योग एवं हस्तकला (Art, Craft & Industry) धर्म, सामाजिक जीवन और संस्कृति (Religion & Social Life) लिपि एवं भाषा (Script & Language) सभ्यता के पतन के कारण (Causes of Decline) सिंधु सभ्यता और अन्य सभ्यताओं की तुलना (Comparative Study) महत्वपूर्ण पुरातात्त्विक खोजें और केस स्टडी (Key Archaeological Cases) भारत में आधुनिक शहरी योजना पर प्रभाव (Legacy & Modern Relevance) निष्कर्ष (Conclusion) FAQ / सामान्य प्रश्न 🏛️ अब ...

राष्ट्रीय आंदोलन और भारत में कांग्रेस पार्टी का उदय indian National Movement and indian National Congress

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस(1885)

  • भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना एक अवकाश प्राप्त अंग्रेज अधिकारी ए .ओ. ह्यूम द्वारा 1885 ईसवी में की गई।

  • गोकुलदास तेजपाल संस्कृत महाविद्यालय बम्बई में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का पहला अधिवेशन हुआ। इसके प्रथम अध्यक्ष हुए व्योमेश चंद्र बनर्जी थे, इसमें 72 प्रतिनिधियों ने भाग लिया था।

बंगाल विभाजन(1905 ई)

  • राष्ट्रीय चेतना का दमन करने के लिए लॉर्ड कर्जन ने 20 जुलाई 1905 को बंगाल विभाजन की घोषणा की ।जो 16 अगस्त 1905 से प्रभावी हुई।

  • इस अवसर पर रविंद्र टैगोर ने आमार सोनार बांग्ला नमक गीत लिखा जो बाद में बांग्लादेश का राष्ट्रगान बना।

  • 16 अक्टूबर 1905 को बंगाल विभाजन के दिन पूरे देश में शोक दिवस मनाया गया ।इसके विरोध में स्वदेशी एवं बहिष्कार आंदोलन हुए।


मुस्लिम लीग की स्थापना(1906 ई.)

  • नवाब सलीमुल्लाह के नेतृत्व में 30 दिसंबर 1906 को ढाका में मुस्लिम लीग की स्थापना हुई।

  • सलीमुल्लाह लीग के संस्थापक अध्यक्ष थे, जबकि प्रथम अधिवेशन की अध्यक्षता मुस्ताक हुसैन ने की।


  • मुस्लिम लीग ने अमृतसर अधिवेशन(1908 ई.) में मुसलमानों के लिए पृथक निर्वाचन मंडल की मांग की जिसे 1909 ईसवी में मार्ले मिंटो सुधारों में मान लिया गया।


दिल्ली दरबार(1911 ई.)

1911 ईस्वी में दिल्ली में एक भव्य दरबार का आयोजन इंग्लैंड के सम्राट चार्ज पंचमी महारानी मेरी के स्वागत में किया गया।

इसमें बंगाल का विभाजन रद्द करने तथा भारत की राजधानी कलकत्ता से दिल्ली स्थानांतरित करने की घोषणा हुई।

  • बिहार तथा उड़ीसा को बंगाल से अलग कर दिया गया तथा असम( सिलहट सहित) को 1874 ईसवी की स्थिति में लाया। 


होमरूल आंदोलन 1916  ई

एनी बेसेंट ने सितंबर 1916 में अडयार में इसकी स्थापना की। इसके प्रथम सचिव जाॅर्ज अरुंडेल थे बाल गंगाधर तिलक ने 28 अप्रैल 1916 को बेलगांव पूना में होमरूल लीग गठित की।


राष्ट्रीय आंदोलन( गांधी युग)

महात्मा गांधी

  • 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में महात्मा गांधी का जन्म हुआ।  वह 1893 ईस्वी में दक्षिण अफ्रीका गए तथा रंगभेद नीति के खिलाफ आवाज उठाई।

  • जनवरी 1915 में भारत लौटे।
  • 1916 ईस्वी में महात्मा गांधी ने अहमदाबाद के निकट साबरमती आश्रम की स्थापना की.
(चम्पारन सत्याग्रह 1917)

  • बिहार के चंपारण के किसानों ने अंग्रेज मालिकों से एक करार कर रखा था, जिसके अंतर्गत किसानों को अपनी कृषिभूमि  के 3\20 वें भाग पर नील की खेती करनी होती थी। इस पद्धति को तिनकठिया पद्धति के नाम से जाना जाता है।

  • गांधी जी वहां गए और सरकार पर अवैध रूप से वसूले गए धन का भाग वापस करने पर जोर डाला। सरकार ने वसूले गए धन का 25% भाग वापस कर दिया।

  • यहीं पर रविंद्र नाथ टैगोर ने महात्मा गांधी को महात्मा की उपाधि दी थी।

गांधी जी का भारत में सत्याग्रह का यह प्रथम प्रयास था।अप्रैल 1917 में बिहार के चंपारण में किसानों पर नील की खेती के लिए तिनकठिया पद्धति के द्वारा किए जा रहे अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाई.

  • चंपारण के पश्चात गांधीजी ने अहमदाबाद में हड़ताल(1918) के मुद्दे पर हस्तक्षेप किया.

  • वर्ष 1918 में गुजरात के खेड़ा में लगान अदायगी के विरुद्ध आंदोलन चलाया.

रोलेट एक्ट:-

  • भारत में क्रांतिकारी भावना को समाप्त करने के लिए ब्रिटिश सरकार ने न्यायाधीश सर सिडनी रौलट की अध्यक्षता में एक कमेटी नियुक्ति की.

  • 1919 ईसवी में जो विधेयक लाया गया उसे रोलेट एक्ट अथवा काला कानून कहा गया


जलियांवाला बाग हत्याकांड:

  • 13 अप्रैल 1919 को बैसाखी के दिन अमृतसर के जलियांवाला बाग में डॉक्टर सत्यपाल एवं सैफुद्दीन किचलू की गिरफ्तारी के विरोध में एक सार्वजनिक सभा का आयोजन किया गया था. यह सभा हंसराज ने बुलाई थी. जो बाद में सरकारी गवाह बन गया.
  • इसी गिरफ्तारी का विरोध करने के लिए 13 अप्रैल 1919 को अमृतसर के जलियांवाला बाग में एक जनसभा आयोजित की गई, जिस पर जनरल डायर ने गोली चलवा दी ,जिससे सैकड़ों लोग मारे गए.

  • इस हत्याकांड के विरोध में रविंद्र नाथ टैगोर ने सरकार को नाइटहुड( सर) की दी वापस कर दी तथा शंकर नायर ने वायसराय की कार्यकारणी पद से त्यागपत्र दे दिया.

  • 13 मार्च 1940 को सरदार उधम सिंह ने कैक्सटन हाल( लंदन) मे एक मीटिंग को संबोधित कर रहे जनरल डायर की गोली मारकर हत्या कर दी और इस हत्याकांड का बदला लिया।

खिलाफत आंदोलन(1920 ईसवी)
  • प्रथम विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटेन और उसके सहयोगियों द्वारा तुर्की पर किए गए अत्याचारों ने मुसलमानों को गहरा आघात पहुंचाया. इसके परिणाम स्वरूप सितंबर 1919 में अखिल भारतीय खिलाफत कमेटी का गठन किया गया. 


  • इस आंदोलन में मोहम्मद अली और शौकत अली ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

  • 10 अगस्त 1920 को संपन्न सीवर्ष की संधि के बाद तुर्की का विभाजन कर दिया गया.
  • 23 नवंबर 1919 में अखिल भारतीय खिलाफत कमेटी के दिल्ली अधिवेशन की अध्यक्षता गांधीजी ने की.

  • 31 अगस्त 1920 को खिलाफत दिवस मनाया गया इस आंदोलन का नेतृत्व मोहम्मद अली और शौकत अली ने किया.

असहयोग आंदोलन(1920)
  • लाला लाजपत राय की अध्यक्षता में हुए कलकत्ता अधिवेशन में गांधी जी के नेतृत्व में असहयोग आंदोलन का प्रस्ताव पारित हुआ. असहयोग आंदोलन भारत का सबसे बड़ा जन आंदोलन था.

  • इस आंदोलन के दौरान विद्यार्थियों द्वारा शिक्षण संस्थानों का बहिष्कार ,वकीलों द्वारा न्यायालयों का बहिष्कार और गांधी जी द्वारा अपनी केसर- ए - हिंद की उपाधि वापस की गई.
  • लाला लाजपत राय की अध्यक्षता में कलकता अधिवेशन में असहयोग आंदोलन का प्रस्ताव पारित हुआ. अगस्त 1920 में गांधी जी ने असहयोग आंदोलन की शुरुआत की.

  • इस आंदोलन के दौरान शिक्षण संस्थानों तथा न्यायालयों का बहिष्कार किया गया.

  • मोहम्मद अली को सर्वप्रथम इस आंदोलन में गिरफ्तार किया गया.

  • उत्तर  प्रदेश के गोरखपुर जिले में स्थित चौरी चौरा में 5 फरवरी 1922 को प्रदर्शनकारी भीड़ द्वारा पुलिस के 22 जवानों को थाने के अंदर जिंदा जला दिया गया।

  • इस घटना से आहत होकर गांधी जी ने 12 फरवरी 1922 को असहयोग आंदोलन वापस ले लिया।

साइमन कमीशन(1927 ई.)

  • ब्रिटिश सरकार ने सर जॉन साइमन के नेतृत्व में 7 सदस्यों वाले आयोग की स्थापना की जिसमें सभी सदस्य अंग्रेज थे.3 फरवरी 1928 को यह कमीशन बम्बई पहुंचा।

  • इस आयोग का कार्य इस बात की सिफारिश  करना था कि भारत के संवैधानिक विकास का स्वरूप कैसा हो।

  • इस आयोग में किसी भी भारतीय को शामिल नहीं करने के कारण भारत में इसका तीव्र विरोध हुआ।

  • आयोग के विरोध के दौरान लाहौर में लाठी की गहरी चोट के कारण 1928 में लाला लाजपत राय की मृत्यु हो गई।


नेहरू रिपोर्ट(1928)

  • 11 मई 1928 को पंडित मोतीलाल नेहरू की अध्यक्षता में भारतीय संविधान के प्रारूप को तैयार करने के लिए 8 सदस्यीय  समिति गठित की गई।

  • इस समिति ने अगस्त 1928 में संविधान का प्रारूप तैयार किया जिसे नेहरू रिपोर्ट कहते हैं।

  • नेहरू रिपोर्ट में भारत के डोमिनियन स्टेटस का समर्थन किया गया था। इसमें संघीय प्रणाली संयुक्त निर्वाचन प्रणाली तथा प्रांतीय स्वायत्तता को स्वीकार किया गया।


पूर्ण स्वराज की घोषणा(1929)

  • दिसंबर 1929 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का वार्षिक अधिवेशन लाहौर में हुआ.

  • इस ऐतिहासिक अधिवेशन में कांग्रेस अध्यक्ष जवाहरलाल नेहरू ने पूर्ण स्वराज की घोषणा की.

  • 26 जनवरी 1930 को पूरे देश में स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया.


सविनय अवज्ञा आंदोलन(1930)

  • गांधी ने इरविन के समकक्ष 13 जनवरी 1930 को 11 सूत्रीय प्रस्ताव रखा।

  • गांधी जी द्वारा प्रस्तुत मांगों पर विचार ना करने के कारण सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू किया गया।

  • 12 मार्च 1930 को गांधी जी ने 78 स्वयंसेवकों के साथ साबरमती आश्रम से 240 मील का दांडी मार्च किया तथा 6 अप्रैल को नमक कानून तोड़ा गया।

  • सुभाष चंद्र बोस ने गांधी जी की दांडी मार्च की तुलना नेपोलियन के एल्बा से पेरिस यात्रा से की।


प्रथम गोलमेज सम्मेलन(1930)

  • यह सम्मेलन 12 नवंबर 1930 से लंदन में आयोजित किया गया. कांग्रेस ने इसका बहिष्कार किया. हरिजन प्रतिनिधि डॉक्टर भीमराव अंबेडकर तीनों सम्मेलन में शामिल हुए.

गांधी इरविन समझौता(1931)

  • महात्मा गांधी और वायसराय इरविन के मध्य 5 मार्च 1931 को समझौता हुआ जिसे गांधी इरविन समझौता कहा जाता है।

द्वितीय गोलमेज सम्मेलन(1931)

  • यह सम्मेलन 7 सितंबर 1931 से 1 दिसंबर 1931 तक लंदन में हुआ जिसमें कांग्रेस ने भाग लिया.

  • यह सम्मेलन सांप्रदायिक समस्या पर विवाद के कारण असफल रहा। लंदन से वापस आकर गांधीजी ने पुनः सविनय अवज्ञा आंदोलन प्रारंभ किया।

तृतीय गोलमेज सम्मेलन(1932)

  • 17 नवंबर 1932 से आरंभ तृतीय गोलमेज सम्मेलन में कांग्रेस ने भाग नहीं लिया।

  • तीनो गोलमेज सम्मेलनों के दौरान इंग्लैंड का प्रधानमंत्री रैम्जे मैकडोनाल्ड था।

सांप्रदायिक निर्णय(1932)

  • ब्रिटिश प्रधानमंत्री रैम्जे मैकडोनाल्ड ने 16 अगस्त 1932 को कम्युनल अवार्ड की घोषणा की। इसमें दलित वर्गों के लिए पृथक निर्वाचन का प्रस्ताव था।

  • इसके विरोध में गांधी जी ने जेल में ही 20 सितंबर 1932 को आमरण अनशन प्रारंभ कर दिया।


मदन मोहन मालवीय राजेंद्र प्रसाद और राजगोपालाचारी के प्रयत्नों  से 26 सितंबर 1932 को गांधीजी और अंबेडकर के बीच पूना समझौता हुआ। समझौते के अंतर्गत संयुक्त निर्वाचन के सिद्धांत को स्वीकारा  गया साथ ही हरिजनों के लिये सुरक्षित 75 स्थानों को बढ़ाकर 148 कर दिया गया।


क्रांतिकारी राष्ट्रवाद

  • भारत में प्रथम क्रांतिकारी घटना 22 जून 1897 को घटी थी जब चाफेकर बंधुओं ने पूना में प्लेग अधिकारियों आयस्ट एवं रैंड की हत्या कर दी थी।


  • अभिनव भारत की स्थापना वी डी सावरकर  ने की थी। श्यामजी कृष्ण वर्मा ने वर्ष 1905 मे लंदन में इंडिया हाउस की स्थापना की थी।

  • उन्नीस सौ आठ में खुदीराम बोस एवं प्रफुल्ला चाकी द्वारा मुजफ्फरपुर के जज किंग्सफोर्ड की हत्या का प्रयास किया गया।

  • अनन्त कहारे को नासिक जेल के जज जैक्सन की हत्या(1909 ई.) मदनलाल ढींगरा को कर्नल वायली हत्याकांड(1909 ई.) के आरोप में फांसी दी गई.

  • 1912 ई. मे लाॅर्ड हाॅर्डिंग के जुलूस पर रास बिहारी बोस ने बम फेंका था।

  • शचीन्द्र सान्याल ,जोगेशचन्द्र चटर्जी, रामप्रसाद बिस्मिल और चन्द्रशेखर आजाद ने अक्टूबर 1924 मे कानपुर मे क्रांतिकारी संस्था हिन्दुस्तान रिपब्लिक एसोसिएशन (एच आर ए) का गठन किया।

  • इस संस्था द्वारा 9अगस्त 1925 को लखनऊ सहारनपुर सम्भाग के काकोरी स्थान पर ट्रेन मे डकैती  कर सरकारी खजाना  लूटा  गया।यह घटना काकोरी काण्ड के नाम से चर्चित है।

  • काकोरी षड्यंत्र  मे रामप्रसाद बिस्मिल ,अशफाक उल्ला ,रोशन सिंह और राजेन्द्र लाहिड़ी को फासी दी गयी।


  • लाला लाजपत राय पर लाठियों से प्रहार करने वाले पुलिस अधिकारी साण्डर्स(लाहौर ) की हत्या 17 दिसम्बर 1928  को भगत सिंह चन्द्रशेखर आजाद और राजगुरु ने की।

  • भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने 8 अप्रैल 1929 को केंद्रीय विधान मंडल में बम फेंका.

  • बंगाल के प्रसिद्ध क्रांतिकारी मास्टर सूर्य सेन के नेतृत्व में 1930 ईस्वी में चटगांव शस्त्रागार पर धावा बोला गया था.

  • चंद्रशेखर आजाद 27 फरवरी 1931 को पुलिस मुठभेड़ इलाहाबाद के अल्फ्रेड पार्क में शहीद हुए .23 मार्च 1931 को भगत सिंह सुखदेव और राजगुरु को लाहौर में फांसी दी गई.

  • अक्टूबर 1943 में सुभाष चंद्र बोस को आजाद हिंद फौज का सर्वोच्च सेनापति बनाया गया.

  • दिल्ली चलो तथा तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा का नारा सुभाष चंद्र बोस ने दिया था.

  • आजाद हिंद फौज के गठन का विचार सर्वप्रथम कैप्टन मोहन सिंह के मन में आया था.

अगस्त प्रस्ताव(1940)

  • अगस्त प्रस्ताव में भारत के लिए डोमिनियन स्टेटस को मुख्य लक्ष्य माना गया. युद्ध के पश्चात संविधान सभा के गठन का लक्ष्य रखा गया.

  • कांग्रेस ने अगस्त प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया.

क्रिप्स मिशन(1942)

  • डोमिनियन स्टेटस के साथ भारतीय संघ की स्थापना क्रिप्स मिशन में प्रस्तावित थी.

  • युद्ध के पश्चात प्रांतीय विधानसभाओं द्वारा संविधान सभा के सदस्यों का चुनाव करने की बात की गई.

  • गांधीजी ने क्रिप्स योजना के बारे में कहा था यह एक आगे की तारीख का चेक( post dated cheque) है.

भारत छोड़ो आंदोलन(1942)

  • 8 अगस्त 1942 को बम्बई (ग्वालिया टैंक ) में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की बैठक में भारत छोड़ो प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया।

  • गांधी जी ने लोगों को करो या मरो का नारा दिया।

  • 9 अगस्त 1942 को सभी प्रमुख कांग्रेसी नेताओं की गिरफ्तारी हुई इस दौरान बलिया( उत्तर प्रदेश), तामलुक( बंगाल) एवं सातारा( महाराष्ट्र) मे समांतर सरकारों का गठन किया गया।

  • मुस्लिम लीग ने भारत छोड़ो आंदोलन का विरोध किया। 23 मार्च 1943 को पाकिस्तान दिवस मनाया गया।

राजगोपालाचारी फार्मूला(1944)

  • इसमें मुस्लिम लीग को तुरंत भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन का समर्थन करने को कहा गया।

  • युद्ध के उपरांत मुस्लिम बहुसंख्यक क्षेत्रों को आत्म निर्धारण का अधिकार देने की बात थी।

  • देश के विभाजन की स्थिति में रक्षा वाणिज्य एवं दूरसंचार के संचालन की व्यवस्था एक समझौते द्वारा की जाए।

  • जिन्ना ने फार्मूले को अस्वीकार कर दिया क्योंकि वे द्विराष्ट्र सिद्धांत को स्वीकार करते थे।

वेवेल योजना

( शिमला सम्मेलन 1945)

  • इस योजना में कहा गया कि गवर्नर जनरल एवं commander-in-chief को छोड़कर गवर्नर जनरल की कार्यकारिणी के सभी सदस्य भारतीय होंगे.

  • परिषद में हिंदू और मुसलमानों की संख्या बराबर रखे जाने की बात की गई.

  • मुस्लिम लीग ने शर्त रखी कि परिषद के सभी मुस्लिम सदस्यों का मनोनयन वह खुद करेगी.

कैबिनेट मिशन(1946)

  • पाकिस्तान का प्रस्ताव आज स्वीकृत. प्रांतों को स्वायत्तता तथा अवशिष्ट शक्तियां.

  • प्रांतीय विधानसभाओं द्वारा संविधान सभा के सदस्यों का चयन ।रक्षा विदेश मामले एवं संचार के लिए एक सामान्य केंद्र की व्यवस्था।

  • देसी रियासतें उत्तराधिकारी सरकार या ब्रिटिश सरकार से समझौता करने हेतु स्वतंत्र।

  • जून 1946 में लीग तथा कांग्रेस दोनों ने कैबिनेट मिशन योजना को स्वीकार कर लिया।

  • मुस्लिम लीग अगस्त  1946 को प्रत्यक्ष कार्यवाही दिवस मनाने की घोषणा की।

  • सितंबर 1946 में जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में अंतरिम सरकार का गठन हुआ अक्टूबर 1946 में मुस्लिम लीग अंतरिम सरकार में शामिल हुई।

  • फरवरी 1947 में कांग्रेस के सदस्यों ने मुस्लिम लीग के सदस्यों को अंतरिम सरकार से निष्कासित करने की मांग की लीग ने संविधान सभा को भंग करने की मांग उठाई।

एटली की घोषणा

  • इस घोषणा में 30 जून 1948 तक सत्ता हस्तांतरण करने की बात की गई सत्ता हस्तांतरण या तो एक सामान्य केंद्र द्वारा या कुछ क्षेत्रों में प्रांतीय सरकारों को गठित करने की घोषणा द्वारा हुई


माउंटबेटन योजना( 3 जून 1947)

  • 22 मार्च 1947 को भारत के अंतिम ब्रिटिश वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन भारत आए

  • 3 जून 1947 को लॉर्ड माउंटबेटन द्वारा एक योजना की घोषणा की गई जिसे माउंटबेटन योजना के नाम से भी जाना जाता है

  • माउंटबेटन योजना के आधार पर भारतीय स्वतंत्रता विधेयक ब्रिटिश संसद में 4 जुलाई 1947 को प्रस्तुत किया गया जिसे 18 जुलाई को स्वीकृति मिली


भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के उद्बोधक नारे


स्वराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है-

लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक

सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा-

मोहम्मद इकबाल

तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा-

नेताजी सुभाष चंद्र बोस

हू इंडिया डाइज 
जवाहरलाल नेहरू

सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है देखना है जोर कितना बाजुए कातिल में है-

राम प्रसाद बिस्मिल

हिंदी हिंदू हिंदुस्तान 
भारतेंदु हरिश्चंद्र

वंदे मातरम 
बंकिम चंद्र चटर्जी

वेदों की ओर लौटो-
 महर्षि दयानंद सरस्वती

इंकलाब जिंदाबाद -
सरदार भगत सिंह

दिल्ली चलो-
 नेताजी सुभाष चंद्र बोस

करो या मरो -
महात्मा गांधी

पूर्ण स्वराज -
पंडित जवाहरलाल नेहरू

जय हिंद -
नेताजी सुभाष चंद्र बोस

अंग्रेजों भारत छोड़ो-
 महात्मा गांधी

विजयी विश्व तिरंगा प्यारा-
 श्याम लाल गुप्ता





    

Comments

Popular posts from this blog

पर्यावरण का क्या अर्थ है ?इसकी विशेषताएं बताइए।

पर्यावरण की कल्पना भारतीय संस्कृति में सदैव प्रकृति से की गई है। पर्यावरण में सभी भौतिक तत्व एवं जीव सम्मिलित होते हैं जो प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से उसकी जीवन क्रियाओं को प्रभावित करते हैं। भारत में पर्यावरण परिवेश या उन स्थितियों का द्योतन करता है जिसमें व्यक्ति या वस्तु अस्तित्व में रहते हैं और अपने स्वरूप का विकास करते हैं। पर्यावरण में भौतिक पर्यावरण और जौव पर्यावरण शामिल है। भौतिक पर्यावरण में स्थल, जल और वायु जैसे तत्व शामिल हैं जबकि जैव पर्यावरण में पेड़ पौधों और छोटे बड़े सभी जीव जंतु सम्मिलित हैं। भौतिक और जैव पर्यावरण एक दूसरों को प्रभावित करते हैं। भौतिक पर्यावरण में कोई परिवर्तन जैव पर्यावरण में भी परिवर्तन कर देता है।           पर्यावरण में सभी भौतिक तत्व एवं जीव सम्मिलित होते हैं जो प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से उसकी जीवन क्रियाओं को प्रभावित करते हैं। वातावरण केवल वायुमंडल से संबंधित तत्वों का समूह होने के कारण पर्यावरण का ही अंग है। पर्यावरण में अनेक जैविक व अजैविक कारक पाए जाते हैं। जिनका परस्पर गहरा संबंध होता है। प्रत्येक  जीव को जीवन के लिए...

सौरमंडल क्या होता है ?पृथ्वी का सौरमंडल से क्या सम्बन्ध है ? Saur Mandal mein kitne Grah Hote Hain aur Hamari Prithvi ka kya sthan?

  खगोलीय पिंड     सूर्य चंद्रमा और रात के समय आकाश में जगमगाते लाखों पिंड खगोलीय पिंड कहलाते हैं इन्हें आकाशीय पिंड भी कहा जाता है हमारी पृथ्वी भी एक खगोलीय पिंड है. सभी खगोलीय पिंडों को दो वर्गों में बांटा गया है जो कि निम्नलिखित हैं - ( 1) तारे:              जिन खगोलीय पिंडों में अपनी उष्मा और प्रकाश होता है वे तारे कहलाते हैं .पिन्ड गैसों से बने होते हैं और आकार में बहुत बड़े और गर्म होते हैं इनमें बहुत अधिक मात्रा में ऊष्मा और प्रकाश का विकिरण भी होता है अत्यंत दूर होने के कारण ही यह पिंड हमें बहुत छोटे दिखाई पड़ते आता है यह हमें बड़ा चमकीला दिखाई देता है। ( 2) ग्रह:             जिन खगोलीय पिंडों में अपनी उष्मा और अपना प्रकाश नहीं होता है वह ग्रह कहलाते हैं ग्रह केवल सूरज जैसे तारों से प्रकाश को परावर्तित करते हैं ग्रह के लिए अंग्रेजी में प्लेनेट शब्द का प्रयोग किया गया है जिसका अर्थ होता है घूमने वाला हमारी पृथ्वी भी एक ग्रह है जो सूर्य से उष्मा और प्रकाश लेती है ग्रहों की कुल संख्या नाम है।...

भारतीय संविधान का स्वरूप संघात्मक है किंतु उसका सार एकात्मक है . इस कथन पर टिप्पणी कीजिए? (the Indian constitutional is Federal in form but unitary is substance comments

संविधान को प्राया दो भागों में विभक्त किया गया है. परिसंघात्मक तथा एकात्मक. एकात्मक संविधान व संविधान है जिसके अंतर्गत सारी शक्तियां एक ही सरकार में निहित होती है जो कि प्राया केंद्रीय सरकार होती है जोकि प्रांतों को केंद्रीय सरकार के अधीन रहना पड़ता है. इसके विपरीत परिसंघात्मक संविधान वह संविधान है जिसमें शक्तियों का केंद्र एवं राज्यों के बीच विभाजन रहता और सरकारें अपने-अपने क्षेत्रों में स्वतंत्र रूप से कार्य करती हैं भारतीय संविधान की प्रकृति क्या है यह संविधान विशेषज्ञों के बीच विवाद का विषय रहा है. कुछ विद्वानों का मत है कि भारतीय संविधान एकात्मक है केवल उसमें कुछ परिसंघीय लक्षण विद्यमान है। प्रोफेसर हियर के अनुसार भारत प्रबल केंद्रीय करण प्रवृत्ति युक्त परिषदीय है कोई संविधान परिसंघात्मक है या नहीं इसके लिए हमें यह जानना जरूरी है कि उस के आवश्यक तत्व क्या है? जिस संविधान में उक्त तत्व मौजूद होते हैं उसे परिसंघात्मक संविधान कहते हैं. परिसंघात्मक संविधान के आवश्यक तत्व ( essential characteristic of Federal constitution): - संघात्मक संविधान के आवश्यक तत्व इस प्रकार हैं...