सिविल सेवा परीक्षा में भारतीय कला एवं संस्कृति एक महत्त्वपूर्ण विषय है। इसमें भारतीय कला एवं संस्कृति से सम्बन्धित प्रारंभिक परीक्षा तथा मुख्य परीक्षा में यह बहुत ही महत्त्वपूर्ण Topic में रखा गया है। इसमें अगर महत्वपूर्ण Topic की बात की जाये भारतीय वास्तुकला, मूर्तिकला और मृद्भाण्ड, भारतीय चित्रकलायें, भारतीय हस्तशिल्प, भारतीय संगीत से सम्बन्धित संगीत में आधुनिक विकास, जैसे महत्वपूर्ण विन्दुओं को UPSC Exam में पूछे जाते हैं। भारतीय कला एवं संस्कृति में भारतीय वास्तुकला को भारत में होने वाले विकास के रूप में देखा जाता है। भारत में होने वाले विकास के काल की यदि चर्चा कि जाये तो हड़प्पा घाटी सभ्यता से आजाद भारत की कहानी बताता है। भारतीय वास्तुकला में राजवंशों के उदय से लेकर उनके पतन, विदेशी शासकों का आक्रमण, विभिन्न संस्कृतियों और शैलियों का संगम आदि भारतीय वास्तुकला को बताते हैं। भारतीय वास्तुकला में शासकों द्वारा बनवाये गये भवनों की आकृतियाँ [डिजाइन] आकार व विस्तार के...
भारत के महान पुरुषों में पतंजलि का नाम विद्वान लोग बड़े आदर से लेते हैं. संस्कृत व्याकरण का कोई विद्वान नहीं समझा जाता जिस ने इनकी पुस्तक ना पड़ी हो. पतंजलि का नाम तो बातों के लिए विख्यात है. एक तो यह कि उन्होंने व्याकरण की बड़ी अनूठी और पंडिताई से पूर्ण एक पुस्तक लिखी जिसे महाभाष्य कहते हैं. पतंजलि योग दर्शन के भी रचयिता हैं. योग दर्शन में दर्शन या शास्त्र है जिसमें मन को वश में करने का ढंग बताया गया है. पतंजलि के दर्शन के अनुसार यदि मनुष्य अपने मन और शरीर की साधना कर ले तो भाई ईश्वर का दर्शन कर सकता है. कुछ विद्वानों का कहना है कि योग शास्त्र के रचयिता पतंजलि और महाभाष्य के रचयिता पतंजलि दो अलग व्यक्ति हैं. योग शास्त्र वाले पतंजलि बहुत पहले हुए और महाभाष्य वाले उनके बहुत पीछे. खेद की बात है कि इसका ठीक-ठीक निशा अभी नहीं किया जा सका है. बहुत से लोग दोनों को एक ही मानते हैं. यदि दो पतंजलि थे तो दोनों ही असाधारण विद्वान और महान व्यक्ति थे. किंतु अधिक विद्वानों का मत है कि दोनों व्यक...