Drafting और Structuring the Blog Post Title: "असुरक्षित ऋण: भारतीय बैंकिंग क्षेत्र और अर्थव्यवस्था पर प्रभाव, और RBI की भूमिका" Structure: परिचय असुरक्षित ऋण का मतलब और यह क्यों महत्वपूर्ण है। भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में असुरक्षित ऋणों का वर्तमान परिदृश्य। असुरक्षित ऋणों के बढ़ने के कारण आसान कर्ज नीति। उधारकर्ताओं की क्रेडिट प्रोफाइल का सही मूल्यांकन न होना। आर्थिक मंदी और बाहरी कारक। बैंकिंग क्षेत्र पर प्रभाव वित्तीय स्थिरता को खतरा। बैंकों की लाभप्रदता में गिरावट। अन्य उधारकर्ताओं को कर्ज मिलने में कठिनाई। व्यापक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव आर्थिक विकास में बाधा। निवेश में कमी। रोजगार और व्यापार पर नकारात्मक प्रभाव। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की भूमिका और समाधान सख्त नियामक नीतियां। उधार देने के मानकों को सुधारना। डूबत ऋण प्रबंधन (NPA) के लिए विशेष उपाय। डिजिटल और तकनीकी साधनों का उपयोग। उदाहरण और केस स्टडी भारतीय बैंकिंग संकट 2015-2020। YES बैंक और IL&FS के मामले। निष्कर्ष पाठकों के लिए सुझाव और RBI की जिम्मेदारी। B...
Foreign language में career के अच्छे option की वजह से पिछले कुछ वर्षों में students के बीच इनका craz बढ़ रहा है. बड़ी संख्या में छात्र FRENCH ,GERMANY, JAPANESE, SPANISH languages सीकर अपना future संवार रहे हैं. अगर आप भी foreign language में निपुणता हासिल घर careear को ऊंची उड़ान देना चाहते हैं तो कुछ जरूरी बातों पर गौर करें -
Course and eligibility criteria (कोर्स एवं योग्यताएं): - वैसे तो विदेशी भाषाएं(foreign language) सीखने के लिए किसी खास शैक्षणिक योग्यता की आवश्यकता नहीं होती .लेकिन अगर आप इसे ऐड ऑन कोर्स के तौर पर करना चाहते हैं तो 12वीं के बाद दाखिला ले सकते हैं. इन दिनों सीबीएससी समेत कई स्कूलों में फॉरेन लैंग्वेज वैकल्पिक विषय के रूप में भी पढ़ाई जा रही है. जहां आप स्कूली शिक्षा के दौरान ही कोई भी एक भारतीय विदेशी भाषा एक विषय के रूप में पढ़ सकते हैं. आमतौर पर इस तरह के कोर्स 6 माह से लेकर डेढ़ साल तक की अवधि के होते हैं. इसके अलावा फॉरेन लैंग्वेज के में अंडर ग्रैजुएट प्रोग्राम भी आपके लिए अच्छा विकल्प साबित हो सकता है. बैचलर कोर्सेज के अलावा आप इसमें सर्टिफिकेट डिप्लोमा और एडवांस डिप्लोमा कोर्स भी कर सकते हैं. दिल्ली यूनिवर्सिटी और जेएनयू सहित कई विश्वविद्यालय में इस तरह के कोर्स संचालित हो रहे हैं.
Potential in future in foreign languages indian society and India (भारत में फॉरेन लैंग्वेज की क्या-क्या संभावनाएं हैं): - कैरियर के लिए ऐसे फ्रेंड जापानी जर्मन स्पेनिश आदि भाषाओं की जानकारी अच्छी मानी जाती है इनमें से कोई भी भाषा सीख कर आप कई तरह से अपना कैरियर सवार सकते हैं. जैसे किसी फाइव स्टार होटल ट्रैवल एजेंसी में दुभाषी आया इंटरप्रेटर के तौर पर काम कर सकते हैं किसी सरकारी या बिजनेस डेलिगेशन का हिस्सा बंद कर इंटरप्रेटर की भूमिका निभा सकते हैं. सीबीएसई ओर आईसीएसई सहित कई राज्य बोर्ड अपने स्कूलों में यह भाषाएं पढ़ा रहे हैं. कई कॉलेज और यूनिवर्सिटी इस फॉरेन लैंग्वेज में कोर्स ऑफर कर रही है वहां आप लैंग्वेज टीचर के रूप में काम कर सकते हैं. आप चाहे तो पार्ट टाइम भी इन संस्थाओं में टीचिंग कर सकते हैं. ज्यादातर बड़ी कंपनियों को अपने बिजनेस पाटनर या क्लाइंट से कम्युनिकेट करने के लिए इंटरप्रेटर की जरूरत पड़ती है. आपने गुलरिया पार्ट टाइम ट्रांसलेटर के तौर पर भी वहां काम कर सकते हैं. इसके अलावा आप बीपीओ सेक्टर, विभिन्न देशों के दूतावासों में नौकरी पा सकते हैं. यही नहीं किसी होटल या ट्रैवल एजेंसी के साथ टूरिस्ट गाइड के रूप में जुड़ सकते हैं. आप स्वतंत्र रूप से यह काम कर सकते हैं.
Salary (सैलरी): - विदेशी भाषा के जानकार को शुरुआत में मल्टीनेशनल कंपनियों में 30 से ₹35000 तक की मासिक सैलरी आसानी से मिल जाती है. अनुभव के साथ-साथ इसमें झापा होता रहता है. गाइड के तौर पर भी आप हर महीने 50000 से लाख रुपए तक कमा सकते हैं. एक अच्छे इंटरप्रेटर को 10 से 1200000 रुपए का सालाना पैकेज ऑफर जा रहे हैं.
Some important institute for foreign languages india (कुछ महत्वपूर्ण संस्थान जिनमें ऐसी भाषाओं की डिग्री और डिप्लोमा मिल जाता है): -( 1) school of languages, jNU, delhi( 2) delhi University Delhi( 3) banaras Hindu University Banaras( 4) indira Gandhi National Open University (iGNOU)( 5) lucknow University Lucknow e f l u
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