🧾 सबसे पहले — ब्लॉग की ड्राफ्टिंग (Outline) आपका ब्लॉग “ सिंधु घाटी सभ्यता (Indus Valley Civilization) ” पर होगा, और इसे SEO और शैक्षणिक दोनों दृष्टि से इस तरह ड्राफ्ट किया गया है ।👇 🔹 ब्लॉग का संपूर्ण ढांचा परिचय (Introduction) सिंधु घाटी सभ्यता का उद्भव और समयकाल विकास के चरण (Pre, Early, Mature, Late Harappan) मुख्य स्थल एवं खोजें (Important Sites and Excavations) नगर योजना और वास्तुकला (Town Planning & Architecture) आर्थिक जीवन, कृषि एवं व्यापार (Economy, Agriculture & Trade) कला, उद्योग एवं हस्तकला (Art, Craft & Industry) धर्म, सामाजिक जीवन और संस्कृति (Religion & Social Life) लिपि एवं भाषा (Script & Language) सभ्यता के पतन के कारण (Causes of Decline) सिंधु सभ्यता और अन्य सभ्यताओं की तुलना (Comparative Study) महत्वपूर्ण पुरातात्त्विक खोजें और केस स्टडी (Key Archaeological Cases) भारत में आधुनिक शहरी योजना पर प्रभाव (Legacy & Modern Relevance) निष्कर्ष (Conclusion) FAQ / सामान्य प्रश्न 🏛️ अब ...
यदि हमारे देश के महापुरुष विद्या ,बल, साहस और ज्ञान में संसार में अद्वितीय रहे हैं तो हमारे देश की महिलाएं अपने चरित्र के लिए अपने अस्तित्व के लिए विश्व में भी बेजोड़ हैं. इतिहास का कोई युग नहीं जब ऐसी स्त्रियां हमारे देश में पैदा ना हुई हो. ऐसी ही एक महान महिला सावित्री थी. आज भी लड़कियों को लोग आशीर्वाद देते हैं कि तुम सीता हो सावित्री हो. बहुत प्राचीन युग की बात है इसी भारत वर्ष के मद्र प्रदेश में (जो आजकल दक्षिणी कश्मीर है) अश्वपति नाम के राजा राज्य करते थे. उस युग के राजाओं के समान यह भी बहुत धर्मात्मा ,न्यायकारी और दयालु राजा थे. इनके कोई संतान न थी. ज्यों-ज्यों अवस्था बीतती गई इन्हें संतान न होने से चिंता हुई. ज्योतिषियों ने इनकी जन्म कुंडली देखकर बताया कि आपके ग्रह बता रहे हैं कि आपके संतान होगी इसलिए आप सावित्री की पूजा कीजिए. राजा अश्वपति राज्य छोड़कर वन चले गए. 18 वर्ष तक उन्होंने तपस्या की तब उन्हें वरदान मिला और कन्या हुई. उसका नाम उन्होंने सावित्री रखा. सावित्री अद्वितीय सुंदरी थी । उसकी सुंदर...