सिविल सेवा परीक्षा में भारतीय कला एवं संस्कृति एक महत्त्वपूर्ण विषय है। इसमें भारतीय कला एवं संस्कृति से सम्बन्धित प्रारंभिक परीक्षा तथा मुख्य परीक्षा में यह बहुत ही महत्त्वपूर्ण Topic में रखा गया है। इसमें अगर महत्वपूर्ण Topic की बात की जाये भारतीय वास्तुकला, मूर्तिकला और मृद्भाण्ड, भारतीय चित्रकलायें, भारतीय हस्तशिल्प, भारतीय संगीत से सम्बन्धित संगीत में आधुनिक विकास, जैसे महत्वपूर्ण विन्दुओं को UPSC Exam में पूछे जाते हैं। भारतीय कला एवं संस्कृति में भारतीय वास्तुकला को भारत में होने वाले विकास के रूप में देखा जाता है। भारत में होने वाले विकास के काल की यदि चर्चा कि जाये तो हड़प्पा घाटी सभ्यता से आजाद भारत की कहानी बताता है। भारतीय वास्तुकला में राजवंशों के उदय से लेकर उनके पतन, विदेशी शासकों का आक्रमण, विभिन्न संस्कृतियों और शैलियों का संगम आदि भारतीय वास्तुकला को बताते हैं। भारतीय वास्तुकला में शासकों द्वारा बनवाये गये भवनों की आकृतियाँ [डिजाइन] आकार व विस्तार के...
यदि हमारे देश के महापुरुष विद्या ,बल, साहस और ज्ञान में संसार में अद्वितीय रहे हैं तो हमारे देश की महिलाएं अपने चरित्र के लिए अपने अस्तित्व के लिए विश्व में भी बेजोड़ हैं. इतिहास का कोई युग नहीं जब ऐसी स्त्रियां हमारे देश में पैदा ना हुई हो. ऐसी ही एक महान महिला सावित्री थी. आज भी लड़कियों को लोग आशीर्वाद देते हैं कि तुम सीता हो सावित्री हो. बहुत प्राचीन युग की बात है इसी भारत वर्ष के मद्र प्रदेश में (जो आजकल दक्षिणी कश्मीर है) अश्वपति नाम के राजा राज्य करते थे. उस युग के राजाओं के समान यह भी बहुत धर्मात्मा ,न्यायकारी और दयालु राजा थे. इनके कोई संतान न थी. ज्यों-ज्यों अवस्था बीतती गई इन्हें संतान न होने से चिंता हुई. ज्योतिषियों ने इनकी जन्म कुंडली देखकर बताया कि आपके ग्रह बता रहे हैं कि आपके संतान होगी इसलिए आप सावित्री की पूजा कीजिए. राजा अश्वपति राज्य छोड़कर वन चले गए. 18 वर्ष तक उन्होंने तपस्या की तब उन्हें वरदान मिला और कन्या हुई. उसका नाम उन्होंने सावित्री रखा. सावित्री अद्वितीय सुंदरी थी । उसकी सुंदर...