इजराइल ने बीते दिन ईरान पर 200 इजरायली फाइटर जेट्स से ईरान के 4 न्यूक्लियर और 2 मिलिट्री ठिकानों पर हमला किये। जिनमें करीब 100 से ज्यादा की मारे जाने की खबरे आ रही है। जिनमें ईरान के 6 परमाणु वैज्ञानिक और टॉप 4 मिलिट्री कमांडर समेत 20 सैन्य अफसर हैं। इजराइल और ईरान के बीच दशकों से चले आ रहे तनाव ने सैन्य टकराव का रूप ले लिया है - जैसे कि इजरायल ने सीधे ईरान पर हमला कर दिया है तो इसके परिणाम न केवल पश्चिम एशिया बल्कि पूरी दुनिया पर व्यापक असर डाल सकते हैं। यह हमला क्षेत्रीय संघर्ष को अंतरराष्ट्रीय संकट में बदल सकता है। इस post में हम जानेगे कि इस तरह के हमले से वैश्विक राजनीति, अर्थव्यवस्था, कूटनीति, सुरक्षा और अंतराष्ट्रीय संगठनों पर क्या प्रभाव पडेगा और दुनिया का झुकाव किस ओर हो सकता है। [1. ]अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति पर प्रभाव: सैन्य गुटों का पुनर्गठन : इजराइल द्वारा ईरान पर हमले के कारण वैश्विक स्तर पर गुटबंदी तेज हो गयी है। अमेरिका, यूरोपीय देश और कुछ अरब राष्ट्र जैसे सऊदी अरब इजर...
(1) भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान(IITM) के अनुसार महासागर सतह तापमान(SST) महासागर के ऊपरी सतह के कुछ मिलीमीटर तक सीमित है जो तेज हवाओं, वाष्पीकरण या घने बादलों से प्रभावित है। इसके विपरीत महासागर औसत तापमान( ocean mean temperature)26°C समताप रेखा की गहराई तक मापा जाता है। जो जनवरी मार्च के दौरान दक्षिण पश्चिमी हिंद महासागर में 50 100 मीटर की गहराई में होता है। शोधकर्ताओं ने 1993 से 2017 तक 25 वर्षीय ओएमटी डेटा का विश्लेषण किया और पाया कि ओएमटी जो जनवरी-मार्च में एकत्रित किया जाता है वहSST से ज्यादा प्रभावशाली है। OMT का आंकलन यह निर्धारित करने के लिए प्रयोग किया जा सकता है कि मानसून में वर्षा की मात्रा एक निश्चित दीर्घकालीन औसत वर्षा से कम होगी या अधिक। (2) प्रति विषुवत रेखीय धारा विषुवत रेखा के समांतर पश्चिम से पूर्व की ओर प्रवाहित होती है। यह धारा स्पष्ट रूप से अटलांटिक एवं प्रशांत महासागर में देखी जाती है। हिंद महासागर में प्रति विषुवतीय धारा पश्चिम में जंजीबार द्वीप के निकट आरंभ होकर पूर्व की ओर प्रवाहित होती है। वास्तव में महासागरों के पश्चिमी भाग में विश्वत रेखा के स...