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असुरक्षित ऋण क्या होते हैं? भारतीय बैंकिंग संकट, अर्थव्यवस्था पर प्रभाव और RBI के समाधान की एक विस्तृत विवेचना करो।

Drafting और Structuring the Blog Post Title: "असुरक्षित ऋण: भारतीय बैंकिंग क्षेत्र और अर्थव्यवस्था पर प्रभाव, और RBI की भूमिका" Structure: परिचय असुरक्षित ऋण का मतलब और यह क्यों महत्वपूर्ण है। भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में असुरक्षित ऋणों का वर्तमान परिदृश्य। असुरक्षित ऋणों के बढ़ने के कारण आसान कर्ज नीति। उधारकर्ताओं की क्रेडिट प्रोफाइल का सही मूल्यांकन न होना। आर्थिक मंदी और बाहरी कारक। बैंकिंग क्षेत्र पर प्रभाव वित्तीय स्थिरता को खतरा। बैंकों की लाभप्रदता में गिरावट। अन्य उधारकर्ताओं को कर्ज मिलने में कठिनाई। व्यापक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव आर्थिक विकास में बाधा। निवेश में कमी। रोजगार और व्यापार पर नकारात्मक प्रभाव। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की भूमिका और समाधान सख्त नियामक नीतियां। उधार देने के मानकों को सुधारना। डूबत ऋण प्रबंधन (NPA) के लिए विशेष उपाय। डिजिटल और तकनीकी साधनों का उपयोग। उदाहरण और केस स्टडी भारतीय बैंकिंग संकट 2015-2020। YES बैंक और IL&FS के मामले। निष्कर्ष पाठकों के लिए सुझाव और RBI की जिम्मेदारी। B...

UPSC most important previous year questions part 3

(1) . बंगाल विभाजन की प्रतिक्रिया स्वरूप आरंभ हुए स्वदेशी आंदोलन में विदेशी वस्तुओं व वस्त्रो का बहिष्कार करने के साथ-साथ विदेशी स्कूलों अदालतों उपाधियों व सरकारी नौकरियों का भी बहिष्कार किया गया इसके अतिरिक्त इसके अंतर्गत एक अवयव के रूप में वर्ष 1906 में राष्ट्रीय शिक्षा परिषद की स्थापना की गई जिसका उद्देश्य साहित्यिक साइंटिफिक व टेक्नोलॉजी क्षेत्र में स्वदेशी नियंत्रण के तहत राष्ट्रीय शिक्षा को बल प्रदान करना था साथ ही इसके द्वारा देशी शिल्पकारों कौशल तथा उद्योगों हथकरघा रेशम वस्त्र लौह इस्पात चमड़ा उद्योग को भी पुनर्जीवित करने का प्रयास किया गया। (2) सन 1905 में बंगाल विभाजन की घोषणा की गई उस समय भारत का गवर्नर जनरल लार्ड कर्जन था विभाजन का तर्क था कि तत्कालीन बंगाल जिसमें बिहार और उड़ीसा भी शामिल थे काफी विस्तृत है अतः इसका प्रशासन एक लेफ्टिनेंट गवर्नर द्वारा बेहतर तरीके से नहीं चलाया जा सकता किंतु वास्तविक कारण प्रशासनिक नहीं अपितु राजनीतिक था अतः कर्जन के बंगाल विभाजन के विरोध में स्वदेशी और बहिष्कार आंदोलन का सूत्रपात हुआ.           ...

सभी व्यक्तियों को अंता करण की स्वतंत्रता तथा धर्म के अवैध रूप से मानने आचरण करने तथा प्रचार करने का अधिकार है का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए क्या धार्मिक स्वतंत्रता पर प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं? Critically analysis that all person are equally entitled to freedom of conscience and the right of really process professor practice and propagate religion

भारतीय संविधान धार्मिक स्वतंत्रता के एक अमूल्य अधिकार प्रदान करता है इस अधिकार पर विस्तार से प्रकाश डालें इससे पूर्व यही धर्म एवं धर्मनिरपेक्षता की परिभाषा जान लेना उचित होगा.          धर्म क्या है -                       संविधान में धर्म को स्वतंत्रता का अधिकार तो प्रदान कर दिया है लेकिन इस कहीं भी परिभाषित नहीं किया गया है कि यह आश्चर्य की बात है ऐसा प्रतीत होता है कि या तो धर्म को परिभाषा देना कठिन है या फिर संविधान निर्माताओं ने धर्म को किसी सीमा में अथवा परिधि में कैद करना उचित नहीं समझा वस्तुतः यह ठीक भी है धर्म की कोई पर एक परिभाषा देना कठिन है. “धारयते इति धर्म ,” अर्थात जो धारण किया जाए वही धर्म है. अंता करण को अच्छा लगे वही धर्म अंतःकरण कभी अनिष्ट कार्य करने की अनुमति नहीं देता आता धर्म की यह सटीक परिभाषा है.             न्यायालय के समक्ष भी धर्म की परिभाषा का प्रश्न आया उच्चतम न्यायालय ने मुक्त हृदय से कहा कि धार्मिक स्वतंत्रता सिद्धांत विश्वास अब तक ही स...

अनुच्छेद 14 वर्गीकरण की अनुमति देता है किंतु वर्ग विधान का निषेध करता है कथन की व्याख्या कीजिए? Article 14 permits classification but prohibits class legislation discuss this statement?

विधि के समक्ष समानता का अर्थ यह नहीं है कि प्रत्येक विधि सामान प्रकृति की हो तथा एक ही विधि सभी व्यक्तियों पर समान रूप से लागू की जा सकती हो समानता का अर्थ है या नहीं है कि प्रत्येक विधि का सार्वदेशिक(universal) प्रयोग (application) होता है क्योंकि सभी व्यक्ति प्राकृतिक योग्यता या परिस्थितियों से एक ही स्थिति में नहीं है व्यक्तियों के विभिन्न वर्गों की आवश्यकता है भिन्न-भिन्न व्यवहार की अपेक्षा करती है इसलिए विभिन्न विभिन्न व्यक्तियों और स्थानों के लिए भिन्न-भिन्न विधि होनी चाहिए एक ही विधि प्रत्येक स्थान में लागू नहीं होनी चाहिए वस्तुतः आसमान परिस्थितियों में रहने वाले लोगों के लिए एक ही विधि लागू करना समानता होगी आता युक्तियुक्त वर्गीकरण अपेक्षित ही नहीं वरन आवश्यक भी है .         अनेक न्यायिक निर्णयों में न्यायपालिका ने यह स्वीकार किया है कि सामाजिक व्यवस्था को समुचित ढंग से चलाने के लिए अनुच्छेद 14 में राज्य को वर्गीकरण करने की शक्ति प्राप्त है अतः राज्य समुचित प्रयोजनों के लिए व्यक्तियों और वस्तुओं का वर्गीकरण कर सकता है यह वर्गीकरण भिन्न-भिन्न आधारो...

शरीर को स्वस्थ रखने के लिए कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां. (good information of healthy body)

विश्वव्यापी महामारी कोविड-19 के लॉक डाउन के दौरान हर व्यक्ति घर का आनंद उठा रहा है ऐसे में अधिकांश जनता से बनने में लगी हुई है हर व्यक्ति घर पर अलग-अलग प्रकार के व्यंजनों का आनंद ले रहा अधिक तेल मसाले वाला खाना स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक होता है लगभग हर व्यक्ति इस दौरान जंक फूड तलाब होना मसालेदार खाना खाने में लगा हुआ है वही शारीरिक गतिविधियां लगभग ना के बराबर हो गई हैं ऐसे लोग बहुत ही कम होते हैं जो घर पर रहकर भी सहयोग करते हैं यही हाल रहा तो आपका स्वास्थ्य जल्दी ही बिगड़ जाएगा विशेषकर किडनी में फेफड़ों दिल औरतों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंच रहा है जिससे डायबिटीज उच्च रक्तचाप मोटापा कब्ज अपच आदि जैसी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है. शरीर बिल्कुल स्वस्थ रहे इसके लिए कोविड-19 का संकट खत्म होने होते ही लोगों ने अपनी दिनचर्या में सुधार करने की आवश्यकता है. फेफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी टिप्स: - यदि आप को सांस लेने में मुश्किल हो रही है तो इसका मतलब है आप के फेफड़ों में कोई समस्या है. धूम्रपान और शराब का अत्यधिक सेवन फेफड़ों के लिए बेहद हानिकारक होता है. टीवी अस्थमा निमोन...

प्रश्न पत्र द्वितीय सीसैट की तैयारी कैसे करें?How to prepare UPSC C set?

सिविल सर्विसेज एप्टिट्यूड टेस्ट यानी CSAT को लागू करने का विचार वास्तव में वैकल्पिक विषय की बजाय एक समान विषय में उम्मीदवारों की जांच करने की अवधारणा पर आधारित है. CSAT के माध्यम से उम्मीदवारों की योग्यता व उपयोगिता का मूल्यांकन करने के उद्देश्य से ही परीक्षा की प्रणाली में संरचनात्मक परिवर्तन लागू किए गए हैं. दिलचस्प बात यह है कि संघ लोक सेवा आयोग में कहीं भी सीसैट शब्द अर्थ  सिविल सर्विसेज एप्टिट्यूड टेस्ट का प्रयोग नहीं किया है CSAT , COCACHING INSTITUSTIONS  द्वारा आविष्कारक शब्द है.                परीक्षा हेतु अपने पठन कौशल की तैयारी हेतु उसकी गहराई व जटिलता को जांचने मापने व समझने के लिए पाठ्यक्रम को विचार पूर्वक समझने की जरूरत है पाठ्यक्रम का गहराई से विश्लेषण स्पष्ट करता है कि इसमें उम्मीदवार का विश्लेषणात्मक कौशल सर्जनात्मक हुआ विश्लेषणात्मक विधि से समस्याओं को सुलझाने तथा निर्णय कौशल को जांचने पर विशेष बल दिया गया है इसका लक्ष्य विशेष कला कौशल युक्त योग्य परीक्षार्थियों को आकर्षित करना है. जिनके पास तार्किक विचार ...

यूपीएससी सिविल सर्विसेज सामान्य अध्ययन प्रथम प्रश्न पत्र की तैयारी कैसे करें: How to prepare UPSC civil services exam paper 1 general studies

अक्सर आप सोचते होंगे कि बृहद प्रतीत होने वाले विषय सामान्य अध्ययन को सिविल सेवा परीक्षा में क्यों शामिल किया गया है स्पष्ट तौर पर यूपीएससी सिविल सेवा में ऐसे लोगों को लेने की अपेक्षा रखता है जो केवल अपने विशिष्ट अध्ययन क्षेत्र के मास्टर ना हो बल्कि सभी विधाओं में दक्ष और परंपरागत हो.            उदाहरण के लिए आपने स्नातक स्तर तक विज्ञान विषयों का अध्ययन किया है तो आपसे यह भी आशा की जाती है कि आपका जीवन भारतीय इतिहास या देश के द्वारा जिन सामाजिक आर्थिक समस्याओं का सामना किया जा रहा है उनसे संबंधित प्रश्न का भी उत्तर दे सकेंगे इसी तरह से मनोवैज्ञानिक का अध्ययन कर चुके छात्रों से यह उम्मीद की जाती है कि उन्हें भी विज्ञान और प्रौद्योगिकी संबंधी विकास की आम समझ हो। सिविल सेवा परीक्षा में बड़ी संख्या में भाग लेने वाले आवेदकों में अधिकतर पहले पड़ा हुआ था प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण करने में असफल हो जाते हैं इसके यह मानकर चलना की प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रश्न पत्र प्रथम सामान्य अध्ययन की तैयारी करना बहुत आसान है और इसमें ज्यादा समय बिल्कुल गलत होगा। जहा...

चैटबॉट से करे बात Chatbot through chat

आज के दौर में भागम भाग भरे जीवन में आदमी अपनी परेशानियों से जिस प्रकार से जूझ रहा है उसको अपनी मेंटल के साथ-साथ फिजिकल हेल्थ की भी परवाह नहीं रह गई है वह फिजिकल रूप से जिस प्रकार से काम के बोझ के तले दबा जा रहा है और अपनी फिजिकल हेल्थ का ध्यान नहीं रख रहा है जिससे उसकी मेंटल हेल्थ भी काफी कुछ बिगड़ती जा रही है इस दौर में मेंटल हेल्थ को सही करने के लिए सबसे अच्छा उपाय यही है कि आप दिन में कम से कम एक बार एक्सरसाइज योगा कसरत वगैरह कर सकते हैं जिससे कि आपको मेंटल के साथ-साथ फिजिकल हेल्थ मिल सकती है लेकिन इसके साथ-साथ एक और चीज है जिससे कि आप डिप्रेशन जैसी आजकल आधुनिक युग में यह एक कॉमन सी बीमारी है इसे दूर करने के लिए कई तरह की एक्सपर्ट एडवाइस लोग अपने डॉक्टरों से ले रहे हैं.  आज पूरे विश्व की आबादी का एक बड़ा हिस्सा कई तरह की मनोवैज्ञानिक समस्याओं से जूझ रहा है इसी बात को ध्यान में रखते हुए कुछ हेल्थ और टेक कंपनियों ने साथ मिलकर मेंटल हेल्थ से जुड़े चैटबांट पेश किए जो ऐसी परेशानियों से उबरने में  लोगों की मदद कर सकते हैं. व्यसा इमोशनल हेल्थ  का रखवाला यह आर्टिफि...