🧾 सबसे पहले — ब्लॉग की ड्राफ्टिंग (Outline) आपका ब्लॉग “ सिंधु घाटी सभ्यता (Indus Valley Civilization) ” पर होगा, और इसे SEO और शैक्षणिक दोनों दृष्टि से इस तरह ड्राफ्ट किया गया है ।👇 🔹 ब्लॉग का संपूर्ण ढांचा परिचय (Introduction) सिंधु घाटी सभ्यता का उद्भव और समयकाल विकास के चरण (Pre, Early, Mature, Late Harappan) मुख्य स्थल एवं खोजें (Important Sites and Excavations) नगर योजना और वास्तुकला (Town Planning & Architecture) आर्थिक जीवन, कृषि एवं व्यापार (Economy, Agriculture & Trade) कला, उद्योग एवं हस्तकला (Art, Craft & Industry) धर्म, सामाजिक जीवन और संस्कृति (Religion & Social Life) लिपि एवं भाषा (Script & Language) सभ्यता के पतन के कारण (Causes of Decline) सिंधु सभ्यता और अन्य सभ्यताओं की तुलना (Comparative Study) महत्वपूर्ण पुरातात्त्विक खोजें और केस स्टडी (Key Archaeological Cases) भारत में आधुनिक शहरी योजना पर प्रभाव (Legacy & Modern Relevance) निष्कर्ष (Conclusion) FAQ / सामान्य प्रश्न 🏛️ अब ...
(1) . बंगाल विभाजन की प्रतिक्रिया स्वरूप आरंभ हुए स्वदेशी आंदोलन में विदेशी वस्तुओं व वस्त्रो का बहिष्कार करने के साथ-साथ विदेशी स्कूलों अदालतों उपाधियों व सरकारी नौकरियों का भी बहिष्कार किया गया इसके अतिरिक्त इसके अंतर्गत एक अवयव के रूप में वर्ष 1906 में राष्ट्रीय शिक्षा परिषद की स्थापना की गई जिसका उद्देश्य साहित्यिक साइंटिफिक व टेक्नोलॉजी क्षेत्र में स्वदेशी नियंत्रण के तहत राष्ट्रीय शिक्षा को बल प्रदान करना था साथ ही इसके द्वारा देशी शिल्पकारों कौशल तथा उद्योगों हथकरघा रेशम वस्त्र लौह इस्पात चमड़ा उद्योग को भी पुनर्जीवित करने का प्रयास किया गया। (2) सन 1905 में बंगाल विभाजन की घोषणा की गई उस समय भारत का गवर्नर जनरल लार्ड कर्जन था विभाजन का तर्क था कि तत्कालीन बंगाल जिसमें बिहार और उड़ीसा भी शामिल थे काफी विस्तृत है अतः इसका प्रशासन एक लेफ्टिनेंट गवर्नर द्वारा बेहतर तरीके से नहीं चलाया जा सकता किंतु वास्तविक कारण प्रशासनिक नहीं अपितु राजनीतिक था अतः कर्जन के बंगाल विभाजन के विरोध में स्वदेशी और बहिष्कार आंदोलन का सूत्रपात हुआ. ...