सिविल सेवा परीक्षा में भारतीय कला एवं संस्कृति एक महत्त्वपूर्ण विषय है। इसमें भारतीय कला एवं संस्कृति से सम्बन्धित प्रारंभिक परीक्षा तथा मुख्य परीक्षा में यह बहुत ही महत्त्वपूर्ण Topic में रखा गया है। इसमें अगर महत्वपूर्ण Topic की बात की जाये भारतीय वास्तुकला, मूर्तिकला और मृद्भाण्ड, भारतीय चित्रकलायें, भारतीय हस्तशिल्प, भारतीय संगीत से सम्बन्धित संगीत में आधुनिक विकास, जैसे महत्वपूर्ण विन्दुओं को UPSC Exam में पूछे जाते हैं। भारतीय कला एवं संस्कृति में भारतीय वास्तुकला को भारत में होने वाले विकास के रूप में देखा जाता है। भारत में होने वाले विकास के काल की यदि चर्चा कि जाये तो हड़प्पा घाटी सभ्यता से आजाद भारत की कहानी बताता है। भारतीय वास्तुकला में राजवंशों के उदय से लेकर उनके पतन, विदेशी शासकों का आक्रमण, विभिन्न संस्कृतियों और शैलियों का संगम आदि भारतीय वास्तुकला को बताते हैं। भारतीय वास्तुकला में शासकों द्वारा बनवाये गये भवनों की आकृतियाँ [डिजाइन] आकार व विस्तार के...
सिविल सर्विसेज एप्टिट्यूड टेस्ट यानी CSAT को लागू करने का विचार वास्तव में वैकल्पिक विषय की बजाय एक समान विषय में उम्मीदवारों की जांच करने की अवधारणा पर आधारित है. CSAT के माध्यम से उम्मीदवारों की योग्यता व उपयोगिता का मूल्यांकन करने के उद्देश्य से ही परीक्षा की प्रणाली में संरचनात्मक परिवर्तन लागू किए गए हैं. दिलचस्प बात यह है कि संघ लोक सेवा आयोग में कहीं भी सीसैट शब्द अर्थ सिविल सर्विसेज एप्टिट्यूड टेस्ट का प्रयोग नहीं किया है CSAT , COCACHING INSTITUSTIONS द्वारा आविष्कारक शब्द है.
परीक्षा हेतु अपने पठन कौशल की तैयारी हेतु उसकी गहराई व जटिलता को जांचने मापने व समझने के लिए पाठ्यक्रम को विचार पूर्वक समझने की जरूरत है पाठ्यक्रम का गहराई से विश्लेषण स्पष्ट करता है कि इसमें उम्मीदवार का विश्लेषणात्मक कौशल सर्जनात्मक हुआ विश्लेषणात्मक विधि से समस्याओं को सुलझाने तथा निर्णय कौशल को जांचने पर विशेष बल दिया गया है इसका लक्ष्य विशेष कला कौशल युक्त योग्य परीक्षार्थियों को आकर्षित करना है. जिनके पास तार्किक विचार क्षमता तथा विवेकपूर्ण निर्णय लेने की योग्यता है उनके लिए यह अपेक्षाकृत सरल होगा यह एक भली-भांति मान्य तथ्य है क्योंकि दोनों प्रश्नपत्र सभी परीक्षार्थियों के लिए एक समय निर्धारित किए गए हैं इसलिए यह नया प्रारूप सभी को एक समान व निष्पक्ष अवसर प्रदान करेगा.
प्रश्न पत्र द्वितीय सी साइड के महत्वपूर्ण भाग: -
- बोधगम्यता अर्थात कंप्रिहेंसिव
- संप्रेषण कौशल सहित अंतर वैयक्तिक कौशल
- तार्किक क्षमता व विश्लेषणात्मक योग्यताएं
- समाधान की क्षमता निर्णय
- सामान्य मानसिक अभियोग्यता
- आधारभूत अंकित क्षमता परीक्षण (संख्या व उनके संबंध परिणाम क्रम आदि) (कक्षा 10 के स्तर के) (आंकड़ों की व्याख्या) (चार्ट ग्राफ टेबल आंकड़ों की पर्याप्तता आदि कक्षा 10 के स्तर के)
शुरुआत जल्दी करें: -
वैकल्पिक विषयों के प्रश्न पत्र हटाकर SAME CSAT की तरह रखने की प्रवृत्ति को समाप्त करने का प्रयास किया गया है क्योंकि परीक्षार्थियों को बोधगम्यता संप्रेषण कौशल सहित परस्पर व्यक्तित्व कौशल तार्किक योग्यता व विश्लेषण क्षमता निर्णय व समस्या समाधान सामान्य बौद्धिक ज्ञान आदि विषयों पर अधिक समय लगाने की जरूरत पड़ती है इन सभी विषयों में गहरी समझ बूझ मानसिक सतर्कता तथा व्यावहारिक बुद्धि की आवश्यकता होती है आपको उन प्रश्नों पर अधिक बल देना चाहिए जिनमें आपको ज्यादा विशेषण की जरूरत हो और तत्पश्चात निर्णय लें.
CSAT की तैयारी KAISE KARE YA संबंधी नीति: -
CSAT के अंतर्गत दिए गए पाठ्यक्रम से यह प्रकट होता है कि परीक्षा की व्यवस्थित हुआ सही ढंग से तैयारी के लिए इसे दो बढ़त वर्गों में बांटा जा सकता है एक जिसमें अंग्रेजी भाषा का बुद्धि कौशल अंतर्वश्न निर्णय समस्या समाधान कौशल तथा दूसरे समूह में आधारभूत आर्थिक क्षमता परीक्षण तार्किक योग्यता तथा विश्लेषण. आप दोनों ही भागों के लिए साथ-साथ तैयारी कर सकते हैं इस संबंध में छात्रों की मदद के लिए आपको अपनी प्रैक्टिस सेट पर बहुत ही ध्यान देना होगा आपको प्रैक्टिस सेट इतना लगा लेना होगा कि कम से कम आपको कंप्रीहेंशन से लगा कर के सीसैट में जितने भी टॉपिक हैं आपको अच्छी तरह से आ जाए.
बोधगम्यता (COMPREHENSIVE)
COMPREHENSIVEका प्रमुख उद्देश्य भाषाई योग्यता की वजह छात्रों की पठन रुचि आदतें पढ़ने की योग्यता तुरंत उत्तर देने की योग्यता तथा विश्लेषण क्षमता का मूल्यांकन करना है.
अपनी बौद्धिक क्षमता विकसित करने के लिए विभिन्न विषयों को गहराई से अवश्य पढ़ना होगा दैनिक समाचार पत्र ,प्रतियोगिता संबंधी पत्रिकाएं, विभिन्न सरकारी रिपोर्ट इत्यादि को नियमित रूप से पढ़ें और तेजी से पढ़ने की आदत डालें अपने शब्द ज्ञान को समृद्ध करें तथा मुहावरे, लोकोक्तियां आदि को समझने की योग्यता विकसित करें निरंतर अभ्यास से ही ऐसे प्रश्नों के उत्तर देने की योग्यता व गति में सुधार होगा.
2 संप्रेषण कौशल सहित अंतर व्यक्तित्व कौशल: -
अंतर व्यक्तित्व कौशल को लोग कौशल्या संप्रेषण कौशल के नाम से भी जाना जाता अच्छे संप्रेषण के बिना कोई भी ना तो अपने विचारों को अभिव्यक्त कर सकता है ना ही दूसरों को आश्वस्त कर सकता है ना ही कोई विचार या वस्तु विनिमय कर सकता है यह व्यवहारिक विशेषता है जो व्यक्ति को सामाजिक व्यवस्था में विभिन्न प्रकार के लोगों के साथ प्रभावी संपर्क बनाने में सहायता करती है यह विशेषता किसी संगठन में व्यक्ति को उपयोगी कर्मचारी बनाने के लिए भी उतनी ही जरूरी है यह कौशल प्रभावी अभिव्यक्ति तथा दूसरों के विचारों को सुनने के लिए भी जरूरी है क्योंकि कार्यस्थल या बिजनेस में इसका क्या महत्व है जो लोग किसी भी क्षेत्र में लीडर बनना चाहते हैं उनके लिए यह कौशल मुख्य भूमिका अदा करता है किसी संगठन के अंदर सामाजिक संप्रेषण तथा परस्पर क्रिया के माध्यम से विशेष कार्य तथा उसे करने की योग्यता के संबंध में किसी प्रार्थी को योग्यता को जानने के लिए इस कौशल की जांच की जाती है. ऐसा कौशल सकारात्मक कार्यवाही आवरण निर्मित करने कार्मिकों के मध्य गतिरोध रोकने तथा उनके बीच सक्रियता कार्य का परिचय कराने में अनिवार्य होते हैं सिविल सेवाओं के संदर्भ में जो देश में सर्वाधिक आकांक्षी सेवाएं हैं इस कौशल की सबसे ज्यादा जरूरत पड़ती है अधिकारियों को अपने वरिष्ठ अधिकारियों व सहकर्मियों से आदर पाने के लिए और अपने कैरियर को सफल बनाने के लिए उनकी आवश्यकता पड़ती है.
अंतर व्यक्तित्व एवं संप्रेषण कौशल का उद्देश्य किसी व्यक्ति के अन्य व्यक्तियों के साथ उसके कार्य तथा उस संगठन के प्रति मनोवैज्ञानिक पहलू या दृष्टिकोण की जांच करना है जिसमें वह कार्य करता है इसके साथ साथिया प्रार्थी के सकारात्मक दृष्टिकोण की भी जांच करता है विभिन्न प्रकार की परिस्थितियों में उसकी क्या प्रतिक्रिया होती है उसकी भावनात्मक उपलब्धि की यथा उचित मात्रा क्या है जैसे अपनी भावनाओं को नियंत्रित करने की योग्यता तथा भावनाओं में ना बोलने की कला विशेषकर प्रतिकूल परिस्थितियों में स्वयं को संतुलित रखने का कौशल आदि.
भाषाई संप्रेषण कौशल: -
इसका अभिप्राय ध्वनियों या परंपरागत संकेतों का उपयोग करके संप्रेषण के व्यवस्थित साधन में से है इसे थोड़ा विस्तृत रूप से इस प्रकार समझा जा सकता है शब्दार्थ लक्ष्य भाषा अभिव्यक्ति या लक्ष्य भाषा अभिव्यक्ति का अर्थ रखती हैं संप्रेषण में वक्ता भाषा अभिव्यक्ति के साथ जुड़े अर्थ के माध्यम से सोता को निर्धारित अर्थ भेजता है इस संबंध में वस्तु पर एक रूप में अपने अर्थ को प्रकट करना संभव है जबकि विषय गत त्रुटियों के कारण संप्रेषण असफल होता है यद्यपि शाब्दिक रूप से व्यक्त किए गए अर्थ वस्तु पर एक दृष्टि से सही होते हैं अतः या तो उस अभिव्यक्ति में सही शब्दों का उपयोग नहीं किया गया हो जो आप चाहते हैं या फिर अपने पति से पूर्व उसका गलत अर्थ समझाओ.
भाषा संप्रेषण का कला कौशल अर्थ के दौरान की संभावना जैसा कि आई स्पष्ट अनिश्चित या संदेश जनक शब्द या अभिव्यक्ति के बिना सही अभिव्यक्ति को प्रकट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है इस कौशल की जांच का उद्देश्य किसी आवेदक की भाषाई समझ लूंगा उस पर उसकी पकड़ की योग्यता की जांच करना है जैसे व्याकरण में वाक्य विन्यास की समझ शब्द ज्ञान तथा शब्दों के संदर्भ संबंधी प्रयोग की समझ पर नियंत्रण ऐसे आवेदकों से कक्षा 10 के छात्र के समान शब्द ज्ञान रखने के स्तर की अपेक्षा की जाती है इनमें से प्रत्येक प्रश्न दो या तीन अंकों का हो सकता है और इस वर्ग में प्राया ऐसे पांच से 6 प्रश्नों की अपेक्षा की जाती है जिनके लिए 10 से 15 अंक निर्धारित होते हैं.
इस बार की तैयारी के लिए आप इस भाग को दो भागों में बांट सकते हैं: -
( 1) व्याकरण और वाक्य विन्यास पर कार्य
( 2) शब्द ज्ञान को सुधारना मां वाक्यांशों व अभी व्यक्तियों को समझना
अच्छी किताबें वाले खादी पढ़ने से भाषाई कौशल को सुधारने तथा अपने शब्द ज्ञान को समृद्ध करने में मदद मिलती है जहां कहीं भी शब्दों के अर्थ के संबंध में संदेह हो वहां शब्दकोश का उपयोग किया जा सकता है किसी विशेष शब्द के लिए शब्दकोश को देखते समय आपकी उस शब्द के विभिन्न संदर्भों में उपयोग होने वाले अर्थों पर भी अवश्य जाएगी.
यदि आप शब्दकोश की मदद लेने में असमर्थ है तो उसमें शब्द को रेखांकित करने या डायरी में लिखने शब्दार्थ को समझने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि सबसे पहले उस शब्द के अर्थ का संबंधित संदर्भ में अनुमान लगाया जाए और उसके बाद से उसकी मदद ली जाए यदि स्वयं उसका अर्थ समझने में असमर्थ होते हैं तो आप इस विषय में अपने मित्र या सीनियर की मदद भी ले सकते हैं.
शब्द ज्ञान बढ़ाइए: -
ज्ञान बढ़ाने के लिए आपको चाहिए कि एक निश्चित समय अवधि पर अपनी नोटबुक में लिखे कठिन शब्दों के अर्थ ज्ञात करें शब्द ज्ञान को निरंतर समृद्ध करने और भाषा को समझने के लिए यह प्रक्रिया आवश्यक भी है और अनिवार्य की सदैव ऐसे शब्दों की अभिव्यक्ति और वाक्य विन्यास पर नजर रखे हैं जिनके अर्थ आप नहीं जानते हैं या जिन्हें आप में बहुत कम या कभी उपयोग ना किया हो ऐसे समानार्थक तथा विलोम शब्दों का निरंतर अभ्यास भी काफी लाभदायक सिद्ध होता है.
यदि आप यात्रालो में कमजोर है तो आप हाई स्कूल कक्षा 10 की व्याकरण की पुस्तक लेकर उसे सब स्थान पर सकते हैं वाक्य के विभिन्न भाग शीर्षक में आपको इस संदर्भ में काफी सहायता मिल सकती है कार्य किया भी भक्तजनों जैसे विषयों पर गहन अध्ययन व अभ्यास करें जहां से प्राया प्रश्नों का उद्भव होता है इन क्षेत्रों पर कार्य करने का अच्छा तरीका यह है कि अच्छी अभ्यास पुस्तिका में जहां तक संभव हो कई अभ्यास पाठकों को हल किया जाए विशेषकर उन विषयों को जिनमें आप स्वयं कमजोर समझते हैं व्याकरण की किसी पुस्तक से विराम चिन्हों के आधारभूत ज्ञात के लिए उसे प्रारंभ से पढ़ें तथा उस पर आधारित अभ्यास कार्य करें जो लेख अथवा समाचार समाज भी आप पढ़ रहे हैं उन में प्रयुक्त विराम चिन्हों के प्रति सजग रहें ऐसे विराम चिन्हों को नोट करें जो आपने पहली बार देखे हो और यह भी सुनिश्चित करें कि उन्हें यथा स्थान सही प्रकार से प्रयोग किया गया है या नहीं.
भाग के प्रश्न हल करते समय सामाजिक व नैतिक आचार संहिता का ध्यान रखें इस अभ्यास में किसी एक विकल्प का चयन शब्द ज्ञान व्याकरण सही शब्द प्रयोग के साथ-साथ सामाजिक क्रिया प्रक्रिया के आधार पर आपकी समझने की योग्यता को प्रत्यावर्ती करेगा साथ ही इससे उच्च मध्यम व निम्न आवृत्ति के शब्दों में अंतर करने में आपकी योग्यता की भी परक होगी तथा आपके कथन विन्यास के कौशल का भी पता चलेगा.
विभिन्न परिस्थितियों पर आधारित प्रश्न भी दिया जा सकते हैं जहां आप को दी गई परिस्थिति की जांच करनी होती है और नैतिक व सामाजिक नीति पर आधारित विकल्प का चयन करना होता है इसके लिए अंतर व्यक्तित्व कौशल सिखाने वाली पुस्तकें पढ़नी चाहिए तथा संबंधित प्रश्नों को हल करना चाहिए.
( 3) तार्किक योग्यता का विश्लेषण क्षमता: -
तार्किक योग्यता तथा विश्लेषण क्षमता का आपस में घनिष्ठ संबंध तार्किक योग्यता आरती जानलेवा विश्लेषण करने की क्षमता तथा तर्क का मूल्यांकन करने की आपकी कुशलता को मारती है तो विश्लेषण क्षमता तार्किक योगिता की जनता को निर्धारित करती है सीसैट में इस बात को लागू करने का उद्देश्य आवेदक की वास्तविक जीवन व कार्यस्थल में आने वाली कठिन परेशानियों को हल करने की क्षमता को आना है तार्किक विचार क्षमता संबंधी अभ्यास प्रक्रिया को सोचने में मदद करता है.
तार्किक योग्यता संबंधी प्रश्नों में कभी-कभी आपसे यह भी निर्धारित करने के लिए कहा जा सकता है कि कौन सा कथन किसी और ने कथन का तार्किक निष्कर्ष है ऐसे प्रश्नों में हो सकता है कि कोई निष्कर्ष ना भी हो किंतु ऐसे अस्त-व्यस्त कपड़ों के तार्किक क्रम को जांचने की जरूरत होती है कुछ प्रश्नों में कुछ कल्पना भी दी जा सकती है उनमें से तार्किक निष्कर्ष निकालने की जरूरत होती है.
तार्किक योग्यता वाले प्रश्नों के 3 भाग होते हैं.
( 1) तार्किक प्रेरणा जैसे कथन या एक संक्षिप्त परिचय एक आधार उत्तर के जिसमें इसका समावेश किया जाना होता है.
( 2) प्रश्न का मूल जो दर्शाता है कि किसी आवेदक से क्या अपेक्षा की जा रही है तथा उसमें तर्क को किस प्रकार जोड़ा जाएगा तथा अंत में वह उत्तर या विकल्प जिसमें से आवेदक अपने उत्तर का चयन करेगा स्मरण रहे कि अभ्यास से आत्मविश्वास तेजी व परिशुद्धता आती है योग्यता पर अच्छी पकड़ बनाने के लिए विभिन्न प्रकार के प्रश्नों को हल करना अनिवार्य है ऐसा करते समय उन प्रश्नों को भी चिन्हित करते रहे जो समझने वह हल करने में कठिन हो 1 या 2 मिनट में सारे प्रश्नों को पढ़ना उत्तर रूपी विकल्पों को देखना क्या करना क्या नहीं करना और सही विकल्प तुरंत चयन करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य प्रतीत होता है यह केवल अच्छी गति व परिशुद्धता से ही किया जा सकता है जो केवल अभ्यास से ही निश्चित हो सकती है.
सामान्य तौर पर इस प्रकार के प्रश्नों को हल करने के लिए तीन अवधारणाओं को पहचाना गया है.
पहली विधि:
पहली विधि निगमन या कटौती की है इस विधि को आपको कुछ निश्चित नियमों तथा उसकी पूर्व स्थितियों पर आधारित निष्कर्ष को निर्धारित करना होगा. तक पहुंचने में सबसे महत्वपूर्ण चरण दिया गया प्रश्न में विषम संख्याओं का आकृतियों के संबंध को समझना होगा. उदाहरण के रूप में जब बारिश होती है धरती गिरी हो जाती है क्योंकि बारिश होती है इसलिए धरती गीली हो जाती है.
दूसरी विधि:
प्रवर्तन है जो नियम को निर्धारित हुआ परिभाषित करने की अपेक्षा करती है इस विधि में हम निष्कर्ष के पश्चात नियम सीखते हैं उदाहरण के लिए हर बार जब बारिश होती है तो धरती अकेली हो जाती है इसलिए जब कभी बारिश होती है धरती गीली हो जाती है.
तीसरी विधि:
एबडक्शन है इसका तात्पर्य पूर्व स्थिति को स्पष्ट करना। इसका तात्पर्य पूरी स्थिति को स्पष्ट करना है इस अवधारणा में निष्कर्ष तथा यह पोस्ट करने वाले उस नियम का उपयोग करते हैं कि पूर्व स्थिति निष्कर्ष को स्पष्ट कर सकती है उदाहरण के लिए जब बारिश होती है धरती अकेली हो जाती है जमीन की ली है इसलिए बारिश हुई लगती है।
तार्किक योग्यता वाले प्रश्न को हल करने में आमतौर पर डेढ़ से 2 मिनट का समय लगता है इनमें से प्रत्येक प्रश्न दो 3 अंकों का हो सकता है परीक्षा में लगभग 20 से 25 अंकों वाले sa-78 प्रश्नों की अपेक्षा की जा सकती है दूसरी और विश्लेषणात्मक प्रश्न अपेक्षाकृत अधिक समय लेते हैं प्रत्येक प्रश्न में कुछ पंक्तियों का एक कथन विरोधी होता है जो उन व्यवधान आया स्थितियों को स्पष्ट करता है इसके बाद एक या अधिक प्रश्न दिए होते हैं जैसे कुछ विशेष चीजों को नियमित करने संबंधी प्रश्न ऐसे प्रत्येक प्रश्न में चार विकल्प होते हैं।
इस भाग से संबंधित समस्याओं को समझाते समय आपको सावधानी पूर्वक पूरा प्रश्न पढ़ना चाहिए और यह जानने का प्रयास करना चाहिए कि प्रश्न में विशेष तौर पर क्या कहा गया है इन्हीं तथ्यों के आधार पर किसी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले पूर्वानुमान निर्धारित करना चाहिए यदि आप तार्किक सिद्धांतों को पहले से ही जानते हैं तो यह आपके लिए अधिक फायदेमंद होगा यही किए जाने वाले प्रश्न में सदैव दिए गए तथ्यों पर ध्यान दें हालांकि वह आमतौर पर अज्ञात तथ्यों से विपरीत प्रतीत हो सकते हैं इसके अलावा ऐसे कुछ भी अनुमान ना लगाएं और ना ही ऐसा परिणाम निकालें जो प्रश्न में नहीं दिया गया है।
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