इजराइल ने बीते दिन ईरान पर 200 इजरायली फाइटर जेट्स से ईरान के 4 न्यूक्लियर और 2 मिलिट्री ठिकानों पर हमला किये। जिनमें करीब 100 से ज्यादा की मारे जाने की खबरे आ रही है। जिनमें ईरान के 6 परमाणु वैज्ञानिक और टॉप 4 मिलिट्री कमांडर समेत 20 सैन्य अफसर हैं। इजराइल और ईरान के बीच दशकों से चले आ रहे तनाव ने सैन्य टकराव का रूप ले लिया है - जैसे कि इजरायल ने सीधे ईरान पर हमला कर दिया है तो इसके परिणाम न केवल पश्चिम एशिया बल्कि पूरी दुनिया पर व्यापक असर डाल सकते हैं। यह हमला क्षेत्रीय संघर्ष को अंतरराष्ट्रीय संकट में बदल सकता है। इस post में हम जानेगे कि इस तरह के हमले से वैश्विक राजनीति, अर्थव्यवस्था, कूटनीति, सुरक्षा और अंतराष्ट्रीय संगठनों पर क्या प्रभाव पडेगा और दुनिया का झुकाव किस ओर हो सकता है। [1. ]अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति पर प्रभाव: सैन्य गुटों का पुनर्गठन : इजराइल द्वारा ईरान पर हमले के कारण वैश्विक स्तर पर गुटबंदी तेज हो गयी है। अमेरिका, यूरोपीय देश और कुछ अरब राष्ट्र जैसे सऊदी अरब इजर...
( 1): - जिसकी शुरुआत धर्म की लड़ाई के रूप में हुई उसका अंदर स्वतंत्रता संग्राम के रूप में हुआ क्योंकि इस बात में तनिक भी संदेह नहीं है कि विद्रोही विदेशी सरकार से छुटकारा पाने और पूर्व व्यवस्था को पुनः स्थापित करने के इच्छुक थे जिसका सही प्रतिनिधि दिल्ली नरेश था क्या आप इस दृष्टिकोण का समर्थन करते हैं? विद्रोह की शुरुआत विभिन्न कारणों से हुई फिर भी विद्रोहियों का उद्देश्य एक था मुगल शासन का प्रारंभ तथा ब्रिटिश शासन की समाप्ति इस पर प्रकाश डालते हुए विद्रोह का राष्ट्रीय स्वरूप के रूप में विवरण दीजिए? उत्तर: - पता है कि विद्रोह की शुरुआत में धार्मिक भावना भी एक प्रमुख कारण थी सैनिकों पर लगे विभिन्न धार्मिक स्वतंत्रता ऊपर प्रतिबंधों ने उन्हें ऐसा करने पर बाध्य किया और जब विद्रोह अपना विस्तृत रूप धारण करने लगा तो वह स्वतंत्र संग्राम के रूप में प्रतिष्ठित हो गया परंतु स्वतंत्रता संग्राम की अपनी कुछ सीमाएं भी थी फिर भी विद्रोहियों का उद्देश्य एक था वह अंग्रेजों को शोषणकारी व्यवस्था से परेशान थे जिस से छुटकारा पाने के लिए मुगल सम्राट ...