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इजरायल ईरान war और भारत ।

इजराइल ने बीते दिन ईरान पर 200 इजरायली फाइटर जेट्स से ईरान के 4 न्यूक्लियर और 2 मिलिट्री ठिकानों पर हमला किये। जिनमें करीब 100 से ज्यादा की मारे जाने की खबरे आ रही है। जिनमें ईरान के 6 परमाणु वैज्ञानिक और टॉप 4  मिलिट्री कमांडर समेत 20 सैन्य अफसर हैं।                    इजराइल और ईरान के बीच दशकों से चले आ रहे तनाव ने सैन्य टकराव का रूप ले लिया है - जैसे कि इजरायल ने सीधे ईरान पर हमला कर दिया है तो इसके परिणाम न केवल पश्चिम एशिया बल्कि पूरी दुनिया पर व्यापक असर डाल सकते हैं। यह हमला क्षेत्रीय संघर्ष को अंतरराष्ट्रीय संकट में बदल सकता है। इस post में हम जानेगे  कि इस तरह के हमले से वैश्विक राजनीति, अर्थव्यवस्था, कूटनीति, सुरक्षा और अंतराष्ट्रीय संगठनों पर क्या प्रभाव पडेगा और दुनिया का झुकाव किस ओर हो सकता है।  [1. ]अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति पर प्रभाव:   सैन्य गुटों का पुनर्गठन : इजराइल द्वारा ईरान पर हमले के कारण वैश्विक स्तर पर गुटबंदी तेज हो गयी है। अमेरिका, यूरोपीय देश और कुछ अरब राष्ट्र जैसे सऊदी अरब इजर...

अभिलेख क्या होते हैं?भारतीय इतिहास के प्रामाणिक स्रोत और UPSC परीक्षा में पूछे गए अभिलेखों से सम्बन्धित प्रश्न

अभिलेख: इतिहास के दस्तावेज़

अभिलेख क्या होते हैं?→

अभिलेख (Inscriptions) ऐतिहासिक दस्तावेज़ होते हैं जो पत्थरों, ताम्रपत्रों, दीवारों, सिक्कों, स्तंभों और अन्य सामग्रियों पर लिखे गए होते हैं। इन्हें इतिहास का स्थायी स्रोत माना जाता है। अभिलेखों का उपयोग प्राचीन सभ्यताओं, उनके राजनीतिक, धार्मिक, सामाजिक और आर्थिक जीवन को समझने के लिए किया जाता है।

अभिलेखों का अध्ययन एक विशेष विधा,→ अभिलेखशास्त्र (Epigraphy) के अंतर्गत किया जाता है। ये हमें न केवल ऐतिहासिक घटनाओं की जानकारी देते हैं, बल्कि तत्कालीन भाषाओं, लिपियों और प्रशासनिक प्रणाली का भी परिचय कराते हैं।

भारत में पाए गए प्रमुख अभिलेख→

भारत में अनेक महत्वपूर्ण अभिलेख प्राप्त हुए हैं, जिनमें से कुछ निम्नलिखित हैं:→
1. अशोक के अभिलेख→

स्थान पूरे भारत, नेपाल, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में।

भाषा और लिपि:→प्राकृत भाषा, ब्राह्मी और खरोष्ठी लिपि।

महत्त्व:→अशोक के धम्म का प्रचार, प्रशासनिक नीति, और बौद्ध धर्म का प्रसार।

उदाहरण:→अशोक का शिला लेख (गिरनार, गुजरात), स्तंभ लेख (सांची, सारनाथ)।

2. प्रयाग प्रशस्ति (इलाहाबाद अभिलेख)→

लेखक→ हरिषेण।

शासक:→ गुप्त सम्राट समुद्रगुप्त।

भाषा और लिपि:→ संस्कृत भाषा, ब्राह्मी लिपि।

महत्त्व:→ समुद्रगुप्त की विजयों और उनके प्रशासनिक गुणों का वर्णन।

3. मेहरौली लौह स्तंभ लेख→

शासक→ चंद्रगुप्त द्वितीय।

स्थान:→ कुतुब परिसर, दिल्ली।

भाषा और लिपि:→ संस्कृत भाषा, ब्राह्मी लिपि।

महत्त्व:→ चंद्रगुप्त द्वितीय के शासन और सैन्य विजय का विवरण।

4. हाथीगुम्फा अभिलेख→

शासक:→खारवेल।

स्थान:→उदयगिरि, ओडिशा।

भाषा और लिपि:→प्राकृत भाषा, ब्राह्मी लिपि।

महत्त्व खारवेल के सैन्य अभियानों और प्रशासन का उल्लेख।

5. मंदसौर अभिलेख→

शासक:→गुप्तकालीन शासक।

स्थान:→मंदसौर, मध्य प्रदेश।

महत्त्व:→प्रशासन और धार्मिक अनुष्ठानों की जानकारी।

6. ऐहोल अभिलेख→

शासक:→चालुक्य शासक पुलकेशिन II।

स्थान:→ऐहोल, कर्नाटक।

भाषा संस्कृत।

महत्त्व→ पुलकेशिन II की सैन्य उपलब्धियां और चालुक्य वंश का वर्णन।

7. जूनागढ़ अभिलेख→

शासक:→रुद्रदामन।

स्थान:→जूनागढ़, गुजरात।

भाषा और लिपि:→संस्कृत भाषा, ब्राह्मी लिपि।

महत्त्व:→प्रशासनिक क्षमता और नहर निर्माण।

8. ताम्रपत्र अभिलेख→

प्राचीन समय में भूमि अनुदान और अन्य घोषणाओं के लिए ताम्रपत्रों का उपयोग किया गया। ये प्राचीन प्रशासन और सामाजिक संरचना की झलक देते हैं।

अभिलेखों से जुड़े UPSC में पूछे गए प्रश्न→

1. प्रश्न:→अशोक के अभिलेखों की भाषा और लिपि क्या है?

उत्तर:→

भाषा:→प्राकृत।

लिपि:→ब्राह्मी (उत्तर-पश्चिमी क्षेत्रों में खरोष्ठी)।

2. प्रश्न:→प्रयाग प्रशस्ति को किसने लिखा और यह किसके शासनकाल से संबंधित है?

उत्तर:→

लेखक:→हरिषेण।

शासक:→समुद्रगुप्त।

3. प्रश्न:→मेहरौली लौह स्तंभ किस शासक से संबंधित है और यह कहाँ स्थित है?

उत्तर:→

शासक:→ चंद्रगुप्त द्वितीय।

स्थान:→कुतुब परिसर, दिल्ली।

4. प्रश्न:→हठीगुम्फा अभिलेख का महत्त्व क्या है?

उत्तर:→

यह खारवेल के सैन्य अभियानों और प्रशासन के बारे में जानकारी प्रदान करता है।

5. प्रश्न:→ऐहोल अभिलेख किस शासक से संबंधित है और इसका क्या महत्व है?

उत्तर:→

शासक:→पुलकेशिन II।

महत्त्व:→यह चालुक्य साम्राज्य की सैन्य और प्रशासनिक क्षमता को दर्शाता है।

निष्कर्ष→

अभिलेख भारतीय इतिहास के सबसे प्रामाणिक स्रोत हैं। ये हमें प्राचीन भारतीय संस्कृति, शासन प्रणाली, धार्मिक प्रथाओं और सामाजिक जीवन के बारे में बहुमूल्य जानकारी प्रदान करते हैं। UPSC और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में अभिलेखों पर आधारित प्रश्न अक्सर पूछे जाते हैं। अतः इनका गहन अध्ययन करना अनिवार्य है।

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