Drafting और Structuring the Blog Post Title: "असुरक्षित ऋण: भारतीय बैंकिंग क्षेत्र और अर्थव्यवस्था पर प्रभाव, और RBI की भूमिका" Structure: परिचय असुरक्षित ऋण का मतलब और यह क्यों महत्वपूर्ण है। भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में असुरक्षित ऋणों का वर्तमान परिदृश्य। असुरक्षित ऋणों के बढ़ने के कारण आसान कर्ज नीति। उधारकर्ताओं की क्रेडिट प्रोफाइल का सही मूल्यांकन न होना। आर्थिक मंदी और बाहरी कारक। बैंकिंग क्षेत्र पर प्रभाव वित्तीय स्थिरता को खतरा। बैंकों की लाभप्रदता में गिरावट। अन्य उधारकर्ताओं को कर्ज मिलने में कठिनाई। व्यापक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव आर्थिक विकास में बाधा। निवेश में कमी। रोजगार और व्यापार पर नकारात्मक प्रभाव। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की भूमिका और समाधान सख्त नियामक नीतियां। उधार देने के मानकों को सुधारना। डूबत ऋण प्रबंधन (NPA) के लिए विशेष उपाय। डिजिटल और तकनीकी साधनों का उपयोग। उदाहरण और केस स्टडी भारतीय बैंकिंग संकट 2015-2020। YES बैंक और IL&FS के मामले। निष्कर्ष पाठकों के लिए सुझाव और RBI की जिम्मेदारी। B...
भूकंप एक प्राकृतिक आपदा है जो पृथ्वी की सतह पर अचानक होने वाले कंपन के रूप में होती है। यह तब होता है जब पृथ्वी के अंदर की चट्टानों में संचित ऊर्जा अचानक रिलीज होती है, जिससे तेज झटके या कंपन उत्पन्न होते हैं। यह ऊर्जा सामान्यतः टेक्टोनिक प्लेटों के खिसकने, ज्वालामुखी विस्फोट, या भूमि में दरारें पड़ने से निकलती है। भूकंप का केंद्र (फोकस) वह स्थान होता है जहाँ से भूकंप उत्पन्न होता है, जबकि इसका ठीक ऊपर का स्थान (एपिसेंटर) वह बिंदु होता है जहाँ सतह पर सबसे अधिक प्रभाव होता है। भूकंप की तीव्रता को रिक्टर स्केल या मॉमेंट मैग्नीट्यूड स्केल पर मापा जाता है।
भारत में भूकंप क्षेत्र (सिस्मिक जोन)→
भारत को भूकंप की दृष्टि से चार जोनों में बाँटा गया है:→
1. सिस्मिक जोन II→ यह सबसे कम जोखिम वाला क्षेत्र है। इसमें दक्षिणी भारत के कुछ हिस्से और पूर्वोत्तर का छोटा हिस्सा आता है।
2. सिस्मिक जोन III→ यह मध्यम जोखिम वाला क्षेत्र है, जिसमें देश के कई हिस्से आते हैं, जैसे पश्चिमी भारत के कुछ क्षेत्र, राजस्थान और मध्य भारत का हिस्सा।
3. सिस्मिक जोन IV→ इसमें उच्च जोखिम वाला क्षेत्र शामिल है। यह क्षेत्र मुख्य रूप से उत्तरी भारत के हिमालय क्षेत्र, दिल्ली और जम्मू-कश्मीर के कई हिस्से हैं।
4. सिस्मिक जोन V→ यह सबसे अधिक जोखिम वाला क्षेत्र है। इसमें उत्तर-पूर्वी भारत, कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के कुछ क्षेत्र शामिल हैं। यहाँ भूकंप की संभावना और प्रभाव दोनों ही अत्यधिक होते हैं।
UPSC में भूकंप से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न→
1. प्रश्न:→भूकंप कैसे उत्पन्न होते हैं, और रिक्टर स्केल और मॉमेंट मैग्नीट्यूड स्केल में अंतर बताएं।
•उत्तर:→ भूकंप पृथ्वी के अंदर चट्टानों में तनाव के कारण उत्पन्न होते हैं, जब ये चट्टानें फटती हैं और ऊर्जा निकलती है, तो कंपन उत्पन्न होता है। रिक्टर स्केल एक लॉगरिदमिक स्केल है जो भूकंप की तीव्रता मापता है, जबकि मॉमेंट मैग्नीट्यूड स्केल अधिक आधुनिक है और ऊर्जा का अधिक सटीक माप प्रदान करता है।
2. प्रश्न:→ भारत में भूकंप की संभावित प्रमुख कारणों का वर्णन करें और किस क्षेत्र को सबसे अधिक जोखिम वाला माना जाता है?
•उत्तर:→ भारत में भूकंप मुख्य रूप से इंडियन प्लेट और यूरेशियन प्लेट के टकराने से होते हैं। हिमालयी क्षेत्र और उत्तर-पूर्वी भारत को सबसे अधिक जोखिम वाला क्षेत्र माना जाता है, क्योंकि यह भूकंप के सिस्मिक जोन V में आता है।
3. प्रश्न:→ भूकंप के प्रभाव को कम करने के लिए भारत में किए जा रहे उपायों का वर्णन करें।
•उत्तर:→ भारत में भूकंप के प्रभाव को कम करने के लिए सिस्मिक भवन निर्माण मानकों को लागू किया जा रहा है, जोखिम नक्शा तैयार किए गए हैं, जन-जागरूकता अभियानों को बढ़ावा दिया जा रहा है, और विशेष राहत दल प्रशिक्षित किए जा रहे हैं।
4. प्रश्न:→भूकंप क्षेत्रों का वर्गीकरण किस आधार पर किया गया है? भारत में भूकंप क्षेत्रों के प्रमुख भागों की चर्चा करें।
•उत्तर:→ भारत को चार सिस्मिक जोनों में बाँटा गया है जो भूकंप की संभावना और प्रभाव के आधार पर वर्गीकृत हैं। सिस्मिक जोन V में उत्तर-पूर्वी भारत और हिमालयी क्षेत्र आते हैं, जबकि जोन II में दक्षिण और मध्य भारत के कुछ सुरक्षित क्षेत्र शामिल हैं।
ये विषय UPSC के प्रारंभिक और मुख्य दोनों परीक्षाओं में पूछे जा सकते हैं।
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