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इजरायल ईरान war और भारत ।

इजराइल ने बीते दिन ईरान पर 200 इजरायली फाइटर जेट्स से ईरान के 4 न्यूक्लियर और 2 मिलिट्री ठिकानों पर हमला किये। जिनमें करीब 100 से ज्यादा की मारे जाने की खबरे आ रही है। जिनमें ईरान के 6 परमाणु वैज्ञानिक और टॉप 4  मिलिट्री कमांडर समेत 20 सैन्य अफसर हैं।                    इजराइल और ईरान के बीच दशकों से चले आ रहे तनाव ने सैन्य टकराव का रूप ले लिया है - जैसे कि इजरायल ने सीधे ईरान पर हमला कर दिया है तो इसके परिणाम न केवल पश्चिम एशिया बल्कि पूरी दुनिया पर व्यापक असर डाल सकते हैं। यह हमला क्षेत्रीय संघर्ष को अंतरराष्ट्रीय संकट में बदल सकता है। इस post में हम जानेगे  कि इस तरह के हमले से वैश्विक राजनीति, अर्थव्यवस्था, कूटनीति, सुरक्षा और अंतराष्ट्रीय संगठनों पर क्या प्रभाव पडेगा और दुनिया का झुकाव किस ओर हो सकता है।  [1. ]अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति पर प्रभाव:   सैन्य गुटों का पुनर्गठन : इजराइल द्वारा ईरान पर हमले के कारण वैश्विक स्तर पर गुटबंदी तेज हो गयी है। अमेरिका, यूरोपीय देश और कुछ अरब राष्ट्र जैसे सऊदी अरब इजर...

SIPRI क्या है? यह विश्व स्तर पर क्यों इतनी महत्वपूर्ण संस्था है।?

स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट [SIPRI] एक स्वतंत्र अन्तरराष्ट्रीय संस्थान है जो संघर्ष आयुध, हथियारों नियंत्रण और निरस्तीकरण पर गहन -शोध करता है। इसकी स्थापना 1966 में स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में हुई थी । SIPRI का मुख्य उद्देश्य वैश्विक शांति और सुरक्षा को बढावा देना है। 

SIPRI क्या करता है? 

शोध और विश्लेषण: →SIPRI दुनिया भर में सधर्ष हथियारों के व्यापार, परमाणु हथियारों और सैन्य खर्च से जुड़े डेटा का गहन विश्लेषण करता है।

 • रिपोर्ट प्रकाशन:→SIPRI अपनी खोजों को विस्तृत रिर्पोटों, डेटाबेस और अन्य प्रकाशन के माध्यम से प्रकाशित करता है। ये रिपोर्ट नीति निर्माताओं मीडिया शोधकर्ताओं और आम जनता के लिये महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है।

 SIPRI द्वारा प्रस्तुत रिपोर्टस → SIPRI विभिन्न प्रकार की रिपोट्स और डेटाबेस प्रकाशित करता है। जो वैश्विक शान्ति और सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर जानकारी प्रदान करते हैं। इनमें से कुछ प्रमुख रिपोर्टस और प्रकाशन इस प्रकार हैं: 

SIPRI Year book:→ 

• यह वार्षिक प्रकाशन SIPRI का सबसे प्रमुख रिपोर्ट है जो वैश्विक हथियारों निरस्तीकरण अंतरराष्ट्रीय संघर्ष और शान्ति प्रयासों पर गहन विश्लेषण प्रस्तुत करता है।

 • इसमें विश्व के विभिन्न हिस्सों में सैन्य खर्च हथियारों का व्यापार, परमाणु हथियार और सुरक्षा डेटा और जानकारी के अन्य पहलुओं पर शामिल होती है।


[2] Global Arms, transfers Report:→

 • यह रिपोर्ट वैश्विक स्तर पर हथियारों के आयात और निर्यात पर केन्द्रित होती है। इसमें विभिन्न देशों के बीच हथियारों के व्यापार का विश्लेषण किया जाता है और इसके प्रभावों का अध्ययन किया जाता है। 

[3] Military Expenditure Database:→ 

• यह डेटाबेस विभिन्न देशों के सैन्य खर्चों का विस्तृत विवरण प्रदान करता है। इसमें देशों के सैन्य बजट रक्षा खर्च और इसके आर्थिक प्रभावों का डेटा शामिल होता है। 

4 Nuclear forces Data →

• यह रिपोर्ट वैश्विक परमाणु हथियारों के स्टॉक उनकी वितरण प्रणाली और कई प्रौद्योगिकियों पर डेटा और विश्लेषण प्रस्तुत करती है।

 [5] Conflict Data •→यह SIPRI द्वारा संचालित एक डेटाबेस है, जो विभिन्न देशों में चल रहे सशस्त संघर्षों उनके कारणों और प्रभावों का विश्लेषण करता है। 

अन्तरराष्ट्रीय सहयोग: → SIPRI दुनिया भर के अन्य शोध संस्थानों, सरकारों और अन्तर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ मिलकर काम करता है। 

निरस्त्रीकरण को बढ़ावा देना:→  SIPRI हथियार नियंत्रण और निरस्तीकरण के क्षेत्र में नीतिगत सुधारों को बढावा देने के लिये काम करता है।


SIPRI की रिपोर्ट क्यों महत्वपूर्ण है?

 SIPRI की रिर्पोट दुनिया भर में शान्ति और सुरक्षा - की स्थिति पर एक अद्वितीय दृष्टिकोण प्रदान करती हैं। इन रिपोर्टों में शामिल हैं: →

वैश्विक हथियारों का व्यापार: → SIPRI दुनिया भर में हथियारों के आयात और निर्यात पर विस्तृत डेटा प्रकाशित करता है। 

SIPRI की रिपोर्ट का उपयोग कैसे किया जाता है?

 SlPRI की रिपोर्ट नीति निर्माताओं, मीडिया शोध कर्ताओं और आम जनता द्वारा विभिन्न उद्देश्यों के लिये उपयोग की जाती है। जिनमें शामिल है 

नीति निर्माण: → सरकारें SIPRI की रिपोर्ट का उपयोग नीतिगत निर्णय लेने के लिये करती हैं। 

 • मीडिया रिर्पोटिंग: → मीडिया संगठन SIPRI की रिपोर्टी का उपयोग समचारों और विश्लेषणों में करते हैं। 

• शैक्षणिक अनुसंधान :  →शोधकर्ता SlPRI की रिपोर्ट का उपयोग अपने शोध में करते हैं। 

• जागरुकता बढाना :  →SlPRI की रिपोर्ट लोगों को वैश्विक शान्ति और सुरक्षा के मुद्दों के बारे में जागरूक करने में मदद करती हैं। 

निष्कर्ष :→  SIPRI एक अत्यन्त महत्वपूर्ण संस्थान है जो शान्ति और सुरक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देता है। इसकी रिपोर्ट दुनिया भर में शान्ति और सुरक्षा की स्थिति पर एक अद्वितीय दृष्टिकोण प्रदान करती है और नीति निर्माताओं, मीडिया शोधकर्ताओं और आम जनता के लिये एक बहुत ही उपयोगी सिद्ध होगी।


SIPRI की हालिया रिपोर्ट जोकि मार्च 2024 में - प्रकाशित की गई है उस रिपोर्ट सैन्य खर्च के मामले  India का विश्व में चौथा स्थान है।  


      स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट [SI PRI] की रिपोर्ट में बताया गया है कि विगत 5 वर्षों [2019-2023] के दौरान विश्व में हथियारों का सबसे बड़ा आयातक देश भारत है। तथा इस मामले में भारत के बाद सऊदी अरब व कतर का नाम आता है। 


       -इसी क्रम में यदि विश्व स्तर पर बात 'की जाये विभिन्न देशों द्वारा किये जाने वाले सैन्य खर्च [ militry spending] के सम्बन्ध में एक अन्य रिपोर्ट जोकि अप्रैल 2024 में जारी की गयी है। उस रिपोर्ट के अनुसार सेना व हथियारों पर खर्च करने वाले पहले तीन देश क्रमशः अमेरिका, चीन व रूस हैं । तथा भारत व सऊदी अरब इस मामले में चौथा व 5वाँ नम्बर पर आते हैं।


     इस रिपोर्ट के अनुसार साल 2023 में भारत का कुल सैन्य खर्च 83.6 अरब डालर, जोकि पिछले साल की तुलना में 4.2% तथा 2014 के मुकाबले में 44% अधिक था।


      SIPRI की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2022 में भी भारत सैन्य खर्च के मामले में दुनिया भर के देशों में चौथे स्थान पर था। 


     SIPRI के Arms Program के director के अनुसार  अमेरिका ने  Arms की Supply  में दुनिया  के अन्य देशों को काफी पीछे छोड़ दिया है। इससे यह स्पष्ट है कि America अपनी विदेश नीति और व्यापारिक समझौतों से दुनिया से दस कदम आगे चल रहा है। 


    2014-18 और 2019-23 के बीच SIPRI की रिपोर्ट के अनुसार फ्रांस के हथियारों के निर्यात में लगभग 47% तक का इजाफा हुआ है, जोकि रूस जैसे और अमेरिका जैसे देशों को भी चौकाने वाली रिपोर्ट है। इसका प्रमुख कारण है कि फ्रांस के हथियारों का सबसे बड़ा खरीददार भारत है। जिसकी हिस्सेदारी की बात की जाये तो वह ३०% से भी अधिक थी। इसी साल यदि रुस की बात की जाये तो उसके हथियारों के निर्यात में 53% तक की गिरावट आयी है क्योंकि इसका सबसे बड़ा कारण भी भारत है। भारत ही दुनिया में सबसे अधिक सैन्य हथियारों का खरीददार रहा है।

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