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असुरक्षित ऋण क्या होते हैं? भारतीय बैंकिंग संकट, अर्थव्यवस्था पर प्रभाव और RBI के समाधान की एक विस्तृत विवेचना करो।

Drafting और Structuring the Blog Post Title: "असुरक्षित ऋण: भारतीय बैंकिंग क्षेत्र और अर्थव्यवस्था पर प्रभाव, और RBI की भूमिका" Structure: परिचय असुरक्षित ऋण का मतलब और यह क्यों महत्वपूर्ण है। भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में असुरक्षित ऋणों का वर्तमान परिदृश्य। असुरक्षित ऋणों के बढ़ने के कारण आसान कर्ज नीति। उधारकर्ताओं की क्रेडिट प्रोफाइल का सही मूल्यांकन न होना। आर्थिक मंदी और बाहरी कारक। बैंकिंग क्षेत्र पर प्रभाव वित्तीय स्थिरता को खतरा। बैंकों की लाभप्रदता में गिरावट। अन्य उधारकर्ताओं को कर्ज मिलने में कठिनाई। व्यापक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव आर्थिक विकास में बाधा। निवेश में कमी। रोजगार और व्यापार पर नकारात्मक प्रभाव। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की भूमिका और समाधान सख्त नियामक नीतियां। उधार देने के मानकों को सुधारना। डूबत ऋण प्रबंधन (NPA) के लिए विशेष उपाय। डिजिटल और तकनीकी साधनों का उपयोग। उदाहरण और केस स्टडी भारतीय बैंकिंग संकट 2015-2020। YES बैंक और IL&FS के मामले। निष्कर्ष पाठकों के लिए सुझाव और RBI की जिम्मेदारी। B...

भारत में पाषाण युग की शुरुआत कैसी हुई थी?How did the Stone Age begin in India?

भारत में मानव के अस्तित्व की पहचान को प्राप्त सूचनाओं के आधार पर 3,00,000 से 2,00,000 ई०पू० के बीच रखा जा सकता है। सोन घाटी तथा दक्षिणी भारत में बहुतायत में पाए गए प्राचीनतम् पत्थर के औजारों के अध्ययन के आधार पर यह बात कही गई है। 

लगभग 36,000 ई०पू० आधुनिक मानव (होमो स्पेनिश ) पहली बार अवतरित हुआ । आदिम मानव 8,000 ई०पू० तक, पुरापाषाण युग में पत्थर के अनगढ़ तथा अपरिष्कृत औजारों का इस्तेमाल करता था। इस युग का मानव शिकार तथा खाद्य-संग्रह पर जीता था और प्रकृति पर पूरी तरह निर्भर था। उसने आग पर नियंत्रण करना सीखा जिससे उसके जीवन स्तर में काफी उन्नति हुई।


        करीब 8,000 ई०पू० से मध्यपाषण युग शुरू हुआ जो 4,000 ई०पू० तक बना रहा। इस युग में तेज तथा नुकीले औजारों का प्रयोग तेज भागने वाले पशुओं को मारने में किया गया। छोटानागपुर की पहाड़ी, मध्य भारत तथा कृष्णा नदी के दक्षिण में कुछ मध्यपाषाणयुगीन स्थल पाए गए हैं।



            करीब-करीब सभी नवपाषाणयुगीन बस्तियां 4,000 ई०पू० से अधिक पुरानी नहीं हैं। इस युग में लोग जानवरों को पालतू बनाने लगे, पेड़-पौधे लगाने लगे, गांवों में रहने लगे तथा उन्होंने सामुदायिक कृषि का विकास भी किया । पहिये का प्रयोग एक महत्वपूर्ण आविष्कार था। नवपाषाण युग के अंत तक तांबे तथा कांस्य से बने  सामानों का प्रयोग शुरू हो गया था। इस युग को ताम्रपाषाणिक युग (1800 ई०पू० से 1000 ई०पू० ) कहते हैं। यह संस्कृति छोटानागपुर की पहाड़ी से लेकर गंगा के दोआब तक फैली थी। 



      युगों का निर्धारण


 पुरापाषाण युग इसे प्राचीनतम पत्थर का युग भी कहते हैं जिसमें सभ्यता की एक लंबी अवधि समाहित है। इस युग में वर्तमान मानव जाति के पहले पूर्वजों ने भारत उप महाद्वीप में रहना शुरू किया। इसका मतलब है कि यह अवधि 3 लाख वर्ष ई०पू० से 8,000 ई०पू० तक की है। पुरापाषाण युग को तीन अवस्थाओं में बांटा जा सकता है-निम्न पुरापाषाण युग, मध्य पाषाणयुग तथा उत्तरी पाषाण युग। यह विभाजन उस समय के मानव द्वारा प्रयोग किए जाने वाले पत्थर के औजारों के स्वरूप पर आधारित स्वरूप है। 

मध्यपाषाण युग पुरापाषाण युग के पश्चात् मध्यपाषाण युग आया जिसे उत्तरी पत्थर का युग भी कहते हैं जो लगभग 8,000 ई०पू० से 4,000 ई०पू० तक का काल है। यह पुरापाषाण तथा नवपाषाण युग के बीच का संक्रमण काल है। इस युग में पत्थर के बहुत छोटे औजार (माइक्रोलिथ्स) होते थे।


     नवपाषाण युग तीसरा युग नवपाषाण युग या नया पत्थर का युग है जो 4,000 ई०पू० से 1800 ई०पू० के समय को समाहित करता है और इसकी पहचान पॉलिशदार पत्थरों के औजारों से होती है। 


    ताम्रपाषण युग इसे कैल्कोलिथिक युग या ताम्र- पत्थर का युग कहते हैं जो सामान्यतया 1800 ई०पू० 800 ई०पू० तक का समय है। इस युग में पत्थर के अलावा तांबा (सबसे पहली बार भारत में) का प्रयोग किया गया।



On the basis of the information received, the existence of humans in India can be placed between 3,00,000 to 2,00,000 BC.  This has been said on the basis of the study of the oldest stone tools found in abundance in Son Valley and Southern India.


 Around 36,000 BC, modern humans (Homo Spanish) appeared for the first time.  Primitive humans used crude and unsophisticated stone tools in the Palaeolithic period until 8,000 BC.  The humans of this era lived on hunting and food gathering and were completely dependent on nature.  He learned to control fire which greatly improved his standard of living.




 The Mesolithic era began around 8,000 BC and lasted until 4,000 BC.  In this era, sharp and pointed tools were used to kill fast-running animals.  Some Mesolithic sites have been found in the Chhotanagpur hills, central India and south of the Krishna River.


Almost all Neolithic settlements are no older than 4,000 BC.  In this era, people started domesticating animals, planting trees, living in villages and also developed community agriculture.  The use of the wheel was an important invention.  By the end of the Neolithic Age, items made of copper and bronze had begun to be used.  This era is called Chalcolithic era (1800 BC to 1000 BC).  This culture spread from the hills of Chhotanagpur to the Doab of Ganga.




 determination of eras



 Paleolithic Age: It is also called the oldest stone age which covers a long period of civilization.  In this era the first ancestors of the present human race started living in the Indian subcontinent.  This means that this period is from 3 lakh years BC to 8,000 BC.  The Paleolithic Age can be divided into three stages – Lower Paleolithic Age, Middle Stone Age and Northern Stone Age.  This division is based on the nature of stone tools used by humans at that time.


Mesolithic Age After the Palaeolithic Age came the Mesolithic Age, which is also called the Northern Stone Age, which is the period from about 8,000 BC to 4,000 BC.  This is the transition period between the Palaeolithic and Neolithic eras.  In this era there were very small stone tools (microliths).



 Neolithic Age The third age is the Neolithic Age or New Stone Age which covers the period from 4,000 BC to 1800 BC and is characterized by polished stone tools.



 Chalcolithic Age: It is called Chalcolithic Age or Chalcolithic Age which generally lasts from 1800 BC to 800 BC.  Apart from stone, copper (for the first time in India) was used in this era.

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