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Showing posts from July, 2022

असुरक्षित ऋण क्या होते हैं? भारतीय बैंकिंग संकट, अर्थव्यवस्था पर प्रभाव और RBI के समाधान की एक विस्तृत विवेचना करो।

Drafting और Structuring the Blog Post Title: "असुरक्षित ऋण: भारतीय बैंकिंग क्षेत्र और अर्थव्यवस्था पर प्रभाव, और RBI की भूमिका" Structure: परिचय असुरक्षित ऋण का मतलब और यह क्यों महत्वपूर्ण है। भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में असुरक्षित ऋणों का वर्तमान परिदृश्य। असुरक्षित ऋणों के बढ़ने के कारण आसान कर्ज नीति। उधारकर्ताओं की क्रेडिट प्रोफाइल का सही मूल्यांकन न होना। आर्थिक मंदी और बाहरी कारक। बैंकिंग क्षेत्र पर प्रभाव वित्तीय स्थिरता को खतरा। बैंकों की लाभप्रदता में गिरावट। अन्य उधारकर्ताओं को कर्ज मिलने में कठिनाई। व्यापक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव आर्थिक विकास में बाधा। निवेश में कमी। रोजगार और व्यापार पर नकारात्मक प्रभाव। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की भूमिका और समाधान सख्त नियामक नीतियां। उधार देने के मानकों को सुधारना। डूबत ऋण प्रबंधन (NPA) के लिए विशेष उपाय। डिजिटल और तकनीकी साधनों का उपयोग। उदाहरण और केस स्टडी भारतीय बैंकिंग संकट 2015-2020। YES बैंक और IL&FS के मामले। निष्कर्ष पाठकों के लिए सुझाव और RBI की जिम्मेदारी। B...

ऊष्मा क्या है? इसका उपयोग कहां होता है।What is heat?

• क्रायोजेनिक इंजनों -                      का अनुप्रयोग रॉकेट प्रौद्योगिकी में किया जाता है ।  . ताप वस्तु का वह गुण है जो वस्तु के ठण्डेपन या गर्मपन की भाप का प्रकट करता है । ऊष्मा  उसे कहेंगे जो भिन्न भिन्न तापों पर रखी दो वस्तुओं के बीच स्थानान्तरित होती है तथा इनको समान ताप पर लाती है ।  • ऊष्मा एक प्रकार की ऊर्जा है जो दो वस्तुओं के बीच तापान्तर के कारण एक वस्तु से दूसरी वस्तु में बहती है । ऊष्मा ऊर्जा  का एक रूप है जिसे कार्य में बदला जा सकता है इसे रमुफोर्ड ने दो बर्फ के टुकड़ों को आपस में रगड़कर सिद्ध कर दिया ।  • जब कार्य को ऊष्मा में या ऊष्मा को कार्य में बदला जाता है तो किये गये कार्य व उत्पन्न ऊष्मा का अनुपात एक स्थिरांक होता है ।  . ऊष्मा ऊष्मा के मात्रक  एक ग्राम जल का ताप । ° C बढ़ाने के लिए आवश्यक ऊष्मा की मात्रा को कैलोरी कहते हैं ।  एक ग्राम जल के ताप को 14.5 से 15.53 ° C तक बढ़ाने में प्रयुक्त ऊष्मा की मात्रा को अन्तर्राष्ट्रीय कैलोरी कहते हैं 1 एक किग्रा जल के ताप को 14.5...

Dakshina to the great teacher of the great archer Eklavya (महान धनुर्धर एकलव्य की महान गुरू दक्षिणा )

Gurus have had a special place in our country since ages.  There have been many great gurus in our country who have provided good and promising students to our country.  But today here we are talking about such a disciple who wasted his life on the orders of his Guru.  We are talking about Eklavya, the son of Nishadraj Hirandhanu, came to Hastinapur one day and prostrated at the feet of Dronacharya, the best master of archery of that time, Dronacharya, the scripture guru of Pandavas and Kauravas.  When Acharya Drona asked him the reason for coming, he prayed and said, "I have come to learn archery by staying near your holy feet." Acharya Dronacharya got confused after hearing this.  At that time Kauravas and Pandavas were children and Acharya Dronacharya was teaching them.  A Bhil child got education with the princes, it was not accepted by the princes and it was not in accordance with their dignity.  So he said son Eklavya, I am sorry that I cannot gi...

नीबू के फायदे हमारे जीवन में(Benefits of lemon in our life)

नींबू एक बहुत ही उपयोगी फल है।यह लगभग हर मौसम में उपलब्ध होता है। इसमें विटामिन C की मात्रा अधिक होती है। नींबू में प्रबल कीटाणु नाशक शक्ति होती है। नींबू के रस में विटामिन A, B, C पाए जाते हैं। इसका प्रतिदिन उपयोग  स्वास्थ्य और सौंदर्य के लिए लाभदायक होता है। नींबू के प्रकार: नींबू के अनेक प्रकार हैं जैसे गलगल, विजोरा, जमफरी , कागजी, गुदडिया, नेपाली आदि। अगर देखा जाए स्वास्थ्य के प्रति कौन सा नींबू सबसे ज्यादा हमारे शरीर को लाभ पहुंचाता है तो वह कागजी नींबू होता है। काजी नींबू का छिलका बेहद पतला तथा इसमें रस भी अन्य नीबूओं की अपेक्षा अधिक होता है। अचार मुरब्बा एवं आयुर्वेदिक औषधियों में कागजी नींबू ही प्रयोग किया जाता है। नींबू खरीदते समय आप इस बात का विशेष ध्यान रखें कि उसका आकार बड़ा हो। वह साफ और गहरे पीले रंग का हो तथा छिलका पतला और मुलायम हो। पीले नींबू ना मिलने पर हरे रंग के नींबू उपयोग में ला सकते हैं। फ्रिज में नींबू ओ को लगभग डेढ़ महीने तक सुरक्षित रखा जा सकता है। नींबू का गुण और उसके लाभ नींबू का सेवन किसी भी प्रकार की अवस्था वाले व्यक्ति कर सकते हैं। रोगी और...

भारत सरकार द्वारा आपराधिक कानूनों में व्यापक रूप से संशोधन (indian governments changes and amendment of criminal laws)

केंद्र सरकार ने भारतीय दंड संहिता(IPC) 1860 ,दंड प्रक्रिया संहिता(CrPC) 1973 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम में अपराध कानूनों में व्यापक संशोधन के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है।        संसद की स्थाई समिति ने अपनी 111 वीं , 128 वीं और 146 वीं  रिपोर्ट में सिफारिश की है कि देश के अपराध कानूनों की व्यापक तौर पर समीक्षा किए जाने की आवश्यकता है। भारत में आपराधिक कानून: आपराधिक कानून और आपराधिक प्रक्रिया समवर्ती सूची के अंतर्गत आते हैं। पुलिस तथा जेल से संबंधित मामले राज्य सूची के अंतर्गत आते हैं। भारत में आपराधिक कानून को नियंत्रित करने वाले कानून एवं संहितायें: (1) भारतीय दंड संहिता( आईपीसी) 1860 (2) दंड प्रक्रिया संहिता( सीआरपीसी) 1973 (3) भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 भारतीय दंड संहिता(Indian Penal Code) ,1860 यह सभी अपराधिक कार्यों  के लिए सजा या दंड का प्रावधान करने वाला मुख्य दस्तावेज है। इसको बनाने का मुख्य उद्देश्य भारत में अपराध के लिए एक समान और विस्तृत दंड संहिता प्रदान करना था। भारतीय दंड संहिता का विस्तार संपूर्ण भारत क्षेत्र पर है। यह भारत के प्रत्येक राज्य...