Skip to main content

Indus Valley Civilization क्या है ? इसको विस्तार से विश्लेषण करो ।

🧾 सबसे पहले — ब्लॉग की ड्राफ्टिंग (Outline) आपका ब्लॉग “ सिंधु घाटी सभ्यता (Indus Valley Civilization) ” पर होगा, और इसे SEO और शैक्षणिक दोनों दृष्टि से इस तरह ड्राफ्ट किया गया है ।👇 🔹 ब्लॉग का संपूर्ण ढांचा परिचय (Introduction) सिंधु घाटी सभ्यता का उद्भव और समयकाल विकास के चरण (Pre, Early, Mature, Late Harappan) मुख्य स्थल एवं खोजें (Important Sites and Excavations) नगर योजना और वास्तुकला (Town Planning & Architecture) आर्थिक जीवन, कृषि एवं व्यापार (Economy, Agriculture & Trade) कला, उद्योग एवं हस्तकला (Art, Craft & Industry) धर्म, सामाजिक जीवन और संस्कृति (Religion & Social Life) लिपि एवं भाषा (Script & Language) सभ्यता के पतन के कारण (Causes of Decline) सिंधु सभ्यता और अन्य सभ्यताओं की तुलना (Comparative Study) महत्वपूर्ण पुरातात्त्विक खोजें और केस स्टडी (Key Archaeological Cases) भारत में आधुनिक शहरी योजना पर प्रभाव (Legacy & Modern Relevance) निष्कर्ष (Conclusion) FAQ / सामान्य प्रश्न 🏛️ अब ...

रेलवे में T.T.E की job की तैयारी कैसे करें ?

Indian Railway भारत का पहला और दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क है। जहां पर रोजगार का सवाल है यह भारी संख्या में युवाओं के लिए नौकरी प्रदान करने का एक विभाग है। इन नौकरियों में एक महत्वपूर्ण नौकरी है T.T.E का( travel ticket examiner)। यह भारतीय रेलवे की जॉब है। T.T.E की पोस्ट एक profesional post है जो कि कम education में युवाओं के लिये best job का एक बढिया मौका देता है।

Railway के विभिन्न boards  समय-समय पर इन नौकरी के लिए notification जारी करते रहते हैं। वैसे तो t.t.e की notification जारी होने का कोई निश्चित समय नहीं है। इसलिए अभ्यर्थियों को समय-समय पर भारतीय रेलवे बोर्ड के विज्ञप्तियों को देखते रहना चाहिए।


      T.T.E की भर्ती के लिए सर्वप्रथम एक written exam conduct कराया जाता है. इसके बाद जिस भी candidates का  selection या written exam qualify कर लेता है। इसके बाद उसका interview होता है। personal interview में  selected candidates को  medical examination के लिये भेजा जाता है।इसके बाद इनकी training होती है। training समापन के बाद candidate को posting दी जाती है ।इस job के candidates को indian citizen( भारतीय नागरिक) होना आवश्यक है।


T.T.E.  job की preparation कैसे करें?

T.T.E. का written exam के syllabus की अगर बात करें तो सबसे  पहले current affair( general knowledge related questions), reasoning and 10th level mathematics. के सवालों का अभ्यास लगातार करते रहना चाहिए। इन विषयों की किताबें खरीदकर अभ्यार्थी को प्रतियोगिता परीक्षा के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए।


      और किसी भी परीक्षा में सफल होने के लिए सबसे सहायक होता है उसके पुराने प्रश्न पत्रों को हल करना कि आप जिस परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं उस परीक्षा में आए हुए आखिरी साल के सभी प्रश्न पत्रों को सॉल्व करने का अभ्यास करके आगामी परीक्षा के लिए तैयारी करना कैंडिडेट के लिए फायदेमंद रहेगा इससे परीक्षा में सफल होने के चांसेस बहुत ज्यादा बढ़ जाते हैं।


Structure of written exam( भारतीय रेलवे परीक्षा का लिखित स्वरूप):

t.t.e.की written exam में 150 questions आते हैं। जिनमे general English, mathematics(10th level) ,general knowledge, mathematical reasoning, comprehension English, current affair for Railways related questions. Indian Railway के  different zones के सभी R.R.B. समय-समय पर रेलवे टीटीई की जॉब्स के लिए अधिसूचना जारी करते हैं। इच्छुक कैंडिडेट इन में से किसी भी पद के लिए योग्यता अनुसार आवेदन कर सकते हैं।

भारतीय रेलवे के सभी 17 आरआरबी जोन टीटीई की जॉब के लिए समय-समय पर नोटिफिकेशन निकालते रहते हैं। इन नोटिफिकेशन को चेक करते हुए अभ्यार्थियों को जॉब के लिए आवेदन करते रहना चाहिए।

टीटीई  के लिए आयोजित डेढ़ सौ नंबर की परीक्षा को पास करने के बाद कैंडिडेट को किसी खास स्टेशन में ट्रेन में जॉब की ट्रेनिंग दी जाती है।

Education qualification:

MinimumEducationqualification: T.T.E बनने के लिए कैंडिडेट स्कोर किसी भी सब्जेक्ट में कम से कम 50% अंकों के साथ मैट्रिकुलेशन पास होना चाहिए।

आयु सीमा:

टिकट कलेक्टर बनने के लिए अभ्यर्थी की उम्र न्यूनतम 18 साल और अधिकतम 30 साल से अधिक नहीं होनी चाहिए वैसे इस जॉब में कैटेगरी के अनुसार मैक्सिमम एज लिमिट में कुछ सिलेक्शन भी दिए जाते हैं।sc\st के लिये 5years and OBC के लिये ३ वर्षों की छूट दी जाती है।


Note: भारतीय रेलवे टीटीई की जॉब के लिए एक्स सर्विसमैन को भी एज लिमिट में  रिलैक्सेशन प्रदान करता है।


फिजिकल फिटनेस: भारतीय रेलवे में टीटीई की जॉब के लिए फिजिकल टेस्ट भी होता है। जिसमें अभ्यार्थी को आरआरबी द्वारा तय किए गए समस्त मानदंडों पर कैंडिडेट का खरा उतरना आवश्यक है। अगर हम दृष्टि क्षमता  की बात करें तो इसमें दूर की दृष्टि या डिस्टेंस विजन 6\9, 6\12 विध और विदाउट ग्लासेज निकट दृष्टि  या नियर विजन _0.6, 0.6 विथ और विदाउट ग्लासेज ।


      यदि आप भारतीय रेलवे में नौकरी पाना चाहते हैं तो आपको कंडीशन को पूरा करना होगा।

Comments

Popular posts from this blog

पर्यावरण का क्या अर्थ है ?इसकी विशेषताएं बताइए।

पर्यावरण की कल्पना भारतीय संस्कृति में सदैव प्रकृति से की गई है। पर्यावरण में सभी भौतिक तत्व एवं जीव सम्मिलित होते हैं जो प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से उसकी जीवन क्रियाओं को प्रभावित करते हैं। भारत में पर्यावरण परिवेश या उन स्थितियों का द्योतन करता है जिसमें व्यक्ति या वस्तु अस्तित्व में रहते हैं और अपने स्वरूप का विकास करते हैं। पर्यावरण में भौतिक पर्यावरण और जौव पर्यावरण शामिल है। भौतिक पर्यावरण में स्थल, जल और वायु जैसे तत्व शामिल हैं जबकि जैव पर्यावरण में पेड़ पौधों और छोटे बड़े सभी जीव जंतु सम्मिलित हैं। भौतिक और जैव पर्यावरण एक दूसरों को प्रभावित करते हैं। भौतिक पर्यावरण में कोई परिवर्तन जैव पर्यावरण में भी परिवर्तन कर देता है।           पर्यावरण में सभी भौतिक तत्व एवं जीव सम्मिलित होते हैं जो प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से उसकी जीवन क्रियाओं को प्रभावित करते हैं। वातावरण केवल वायुमंडल से संबंधित तत्वों का समूह होने के कारण पर्यावरण का ही अंग है। पर्यावरण में अनेक जैविक व अजैविक कारक पाए जाते हैं। जिनका परस्पर गहरा संबंध होता है। प्रत्येक  जीव को जीवन के लिए...

सौरमंडल क्या होता है ?पृथ्वी का सौरमंडल से क्या सम्बन्ध है ? Saur Mandal mein kitne Grah Hote Hain aur Hamari Prithvi ka kya sthan?

  खगोलीय पिंड     सूर्य चंद्रमा और रात के समय आकाश में जगमगाते लाखों पिंड खगोलीय पिंड कहलाते हैं इन्हें आकाशीय पिंड भी कहा जाता है हमारी पृथ्वी भी एक खगोलीय पिंड है. सभी खगोलीय पिंडों को दो वर्गों में बांटा गया है जो कि निम्नलिखित हैं - ( 1) तारे:              जिन खगोलीय पिंडों में अपनी उष्मा और प्रकाश होता है वे तारे कहलाते हैं .पिन्ड गैसों से बने होते हैं और आकार में बहुत बड़े और गर्म होते हैं इनमें बहुत अधिक मात्रा में ऊष्मा और प्रकाश का विकिरण भी होता है अत्यंत दूर होने के कारण ही यह पिंड हमें बहुत छोटे दिखाई पड़ते आता है यह हमें बड़ा चमकीला दिखाई देता है। ( 2) ग्रह:             जिन खगोलीय पिंडों में अपनी उष्मा और अपना प्रकाश नहीं होता है वह ग्रह कहलाते हैं ग्रह केवल सूरज जैसे तारों से प्रकाश को परावर्तित करते हैं ग्रह के लिए अंग्रेजी में प्लेनेट शब्द का प्रयोग किया गया है जिसका अर्थ होता है घूमने वाला हमारी पृथ्वी भी एक ग्रह है जो सूर्य से उष्मा और प्रकाश लेती है ग्रहों की कुल संख्या नाम है।...

भारतीय संविधान का स्वरूप संघात्मक है किंतु उसका सार एकात्मक है . इस कथन पर टिप्पणी कीजिए? (the Indian constitutional is Federal in form but unitary is substance comments

संविधान को प्राया दो भागों में विभक्त किया गया है. परिसंघात्मक तथा एकात्मक. एकात्मक संविधान व संविधान है जिसके अंतर्गत सारी शक्तियां एक ही सरकार में निहित होती है जो कि प्राया केंद्रीय सरकार होती है जोकि प्रांतों को केंद्रीय सरकार के अधीन रहना पड़ता है. इसके विपरीत परिसंघात्मक संविधान वह संविधान है जिसमें शक्तियों का केंद्र एवं राज्यों के बीच विभाजन रहता और सरकारें अपने-अपने क्षेत्रों में स्वतंत्र रूप से कार्य करती हैं भारतीय संविधान की प्रकृति क्या है यह संविधान विशेषज्ञों के बीच विवाद का विषय रहा है. कुछ विद्वानों का मत है कि भारतीय संविधान एकात्मक है केवल उसमें कुछ परिसंघीय लक्षण विद्यमान है। प्रोफेसर हियर के अनुसार भारत प्रबल केंद्रीय करण प्रवृत्ति युक्त परिषदीय है कोई संविधान परिसंघात्मक है या नहीं इसके लिए हमें यह जानना जरूरी है कि उस के आवश्यक तत्व क्या है? जिस संविधान में उक्त तत्व मौजूद होते हैं उसे परिसंघात्मक संविधान कहते हैं. परिसंघात्मक संविधान के आवश्यक तत्व ( essential characteristic of Federal constitution): - संघात्मक संविधान के आवश्यक तत्व इस प्रकार हैं...