Skip to main content

UPSC परीक्षा में मोहनजोदड़ो के विशाल स्नानागार के बारे में परिचर्चा करो?

सिविल सेवा परीक्षा में भारतीय कला एवं संस्कृति एक महत्त्वपूर्ण विषय है। इसमें भारतीय कला एवं संस्कृति से सम्बन्धित प्रारंभिक परीक्षा तथा मुख्य परीक्षा में यह बहुत ही महत्त्वपूर्ण Topic में रखा गया है। इसमें अगर महत्वपूर्ण Topic की बात की जाये भारतीय वास्तुकला, मूर्तिकला और मृद्भाण्ड, भारतीय चित्रकलायें, भारतीय हस्तशिल्प, भारतीय संगीत से सम्बन्धित संगीत में आधुनिक विकास, जैसे महत्वपूर्ण विन्दुओं को UPSC Exam में पूछे जाते हैं।                      भारतीय कला एवं संस्कृति में भारतीय वास्तुकला को भारत में होने वाले विकास के रूप में देखा जाता है। भारत में होने वाले विकास के काल की यदि चर्चा कि जाये तो हड़प्पा घाटी सभ्यता से आजाद भारत की कहानी बताता है। भारतीय वास्तुकला में राजवंशों के उदय से लेकर उनके पतन, विदेशी शासकों का आक्रमण, विभिन्न संस्कृतियों और शैलियों का संगम आदि भारतीय वास्तुकला को बताते हैं।          भारतीय वास्तुकला में शासकों द्वारा बनवाये गये भवनों की आकृतियाँ [डिजाइन] आकार व विस्तार के...

How to get a job in Indian Air Force? भारतीय वायु सेना में नौकरी कैसे मिलेगी?

वायु सेना में नौकरी करना हर व्यक्ति की पहली पसंद होती है क्योंकि इस नौकरी में व्यक्ति को पैसे और प्रतिष्ठा तो मिलती ही है साथ ही साथ उसको एक तरह का रोमांचकारी( adventure) अनुभव भी प्राप्त होता है। इसी के साथ अगर आप indian Air Force में job join करते हैं तो defence से यानी सीधे-सीधे राष्ट्र की गरिमा से जुड़ने का गौरव भी आपको स्वत: ही प्राप्त हो जाता है। निसंदेह देश के लिए कुछ करने का धर्म  हर नागरिक के लिए सर्वोपरि होता है। वैसे तो higher education प्राप्त candidates के bright Career के लिए हजारों रास्ते खुले हैं पर 10+2  के बाद ही अगर सुनहरे भविष्य और सफलता की उड़ान की चाहत हो तो भारतीय वायुसेना में आपके लिए एक सुनहरा मौका साबित हो सकता है। इसलिए आज हम अपनी इस post में 12वीं पास विद्यार्थियों के लिए भारतीय वायुसेना में उपलब्ध अवसर पर विशेष रूप से चर्चा के साथ-साथ graduate and postgraduate candidates के लिये indian Air Force में career के बारे में विशेष रूप से चर्चा करेंगे।
       आप की 12वीं की पढ़ाई खत्म होते ही अगर आप भारतीय वायुसेना में job करना चाहते हैं तो हम आपको बताएंगे कुछ ऐसे Exams  के बारे में जिसे आप pass करने के बाद सीधे indian Air Force में जाने का मौका देती है।


NDA( national Defence academy) exams:

यह exam UPSC द्वारा करवाया जाता है। इस एक एग्जाम में आपको अपने अब तक के 12th तक में पढ़े गए सभी प्रकार के सब्जेक्ट खास तौर पर  mathematics Physics and English की अच्छी तरह से तैयारी करनी चाहिए।


Eligibility criteria:

Mathematics ,Physics english minimum 50% in (10+2)

Age:  16 to 18

      अगर आप इस exam में आप सफल नहीं हो पाते या इसके अलावा कोई और विकल्प चाहते हैं तो इसके आगे भी आपको यानी graduation के बाद UPSC  द्वारा ही conduct CDS and NCC( special entry scheme exam) में शामिल होने का आपको प्रयास करना चाहिए।

CDS exam :

Graduation के बाद आप CDS exam में प्रयास कर सकते हैं।यह exam upsc द्वारा साल में दो बार आयोजित किया जाता है जोके flying branch के लिए trainee pilot के  selection के लिए कराया जाता है।


NCC exam 

  • NCC या national Cadet Core  special entry से  indian Air Force के  flying branch में eligible candidates को शामिल होने का मौका देता है।


  •     इसके अलावा आप engineering graduate हैं तो indian Air Force में जाना चाहते हैं तो indian Air Force का  iAF technical branch आप के लिये एक बढिया option है। iAF technical branch State के Art machinery के maintenance के लिये काम करता है। 


Qualification criteria:

इस नौकरी को पाने के लिए आपको किसी भी मान्यता प्राप्त संस्थान से engineering  या equivalent degree (समकक्ष)का  होना  आवश्यक है।


UEAS entry :

ueas entry या university entry scheme pre final year के engineering student के लिये AfA  technical branch में  admission और  initial training के लिये  conduct की जाती है। जहां से बाद में उन्हें तकनीकी ज्ञान क्षमता के विकास के लिए indian Air Force के technical College Bangalore भेजा जाता है।


Air Force entry through AFCAT( भारतीय वायु सेना में एएफसीएटी के द्वारा इंट्री): AFCAT भारतीय वायु सेना के द्वारा आयोजित किया जाने वाला सबसे बड़ा equipment exercise है जो IAF के flying technical and ground three level branches में  candidates recruitment करता है। यह engineering technical branch के aspirants के लिये खास तौर पर engineering knowledge test के द्वारा भारतीय वायु सेना( indian Air Force) मे नौकरी पाने का एक सुनहरा अवसर देता है।


After post graduation jobs in Airforce( पीजी करने के बाद भारतीय वायु सेना में एंट्री): Active flying branch के अलावा आप भारतीय वायु सेना के जमीनी स्तर पर जुड़े हुए कार्य जैसे administration branches, account department metrological branch आदि में आप जॉब के सुनहरे अवसर है।

एजुकेशन क्वालीफिकेशन( ground duty education qualification): Ground duty की इन  branch में job  के लिये aspirant का mathematics Physics से  graduation minimum 50% with science streams में mathematics\ statics\ geography\ computer application\ environmental science\ applied Physics\ oceanography\ agricultural Metrology\ ecology and environment\ geophysics\ environmental biology आदि  subjects से  post graduation होना आवश्यक है।

  •       Intelligent aspirant जो कि भारतीय वायु सेना को ज्वाइन करना चाहते हैं वे भारतीय वायु सेना के ग्राउंड ड्यूटी की इन शाखाओं में permanent या short Service Commission पर काम कर सकते हैं।

  •          Indian Air Force में  job पाने के लिये candidates का education qualification के अलावा fitness भी बहुत ही अनिवार्य है। इसलिए भारतीय वायु सेना में जो की फिटनेस का क्राइटेरिया तय किया गया है उस पर खरा उतरना भी आवश्यक है।

  •       इन सबके अलावा देश भर में भारतीय वायुसेना के विभिन्न संस्थान समय-समय पर अपने यहां उपयुक्त नौकरियों हेतु रिक्तियां निकालते रहते हैं आप चाहे तो अपनी पसंद और योग्यता अनुसार इन पदों के लिए आवेदन कर सकते हैं। भारतीय वायुसेना के ऐसे कुछ पद निम्नलिखित हैं:

Post name:

Airmen Group x( technical)

Eligibility criteria: किसी भी मान्यता प्राप्त संस्थान से मैथमेटिक्स फिजिक्स और इंग्लिश से कम से कम 50% अंकों के साथ इंटरमीडिएट 10+2 या समकक्ष डिग्री आवश्यक है।


Age: 16 से 26 

Selection process:

  • Written exam

  • Physical test

  • Medical test

  • Interview


Post name: Airmen group Y( non technical)

 Education qualification: किसी भी मान्यता प्राप्त संस्थान से मैथमेटिक्स फिजिक्स और इंग्लिश से कम से कम 50% अंकों के साथ इंटरमीडिएट या इसके समकक्ष होना आवश्यक है।


आयु सीमा: इसमें अभ्यार्थी की उम्र सीमा 16 वर्ष से कम तथा 26 वर्ष से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।

Comments

Popular posts from this blog

पर्यावरण का क्या अर्थ है ?इसकी विशेषताएं बताइए।

पर्यावरण की कल्पना भारतीय संस्कृति में सदैव प्रकृति से की गई है। पर्यावरण में सभी भौतिक तत्व एवं जीव सम्मिलित होते हैं जो प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से उसकी जीवन क्रियाओं को प्रभावित करते हैं। भारत में पर्यावरण परिवेश या उन स्थितियों का द्योतन करता है जिसमें व्यक्ति या वस्तु अस्तित्व में रहते हैं और अपने स्वरूप का विकास करते हैं। पर्यावरण में भौतिक पर्यावरण और जौव पर्यावरण शामिल है। भौतिक पर्यावरण में स्थल, जल और वायु जैसे तत्व शामिल हैं जबकि जैव पर्यावरण में पेड़ पौधों और छोटे बड़े सभी जीव जंतु सम्मिलित हैं। भौतिक और जैव पर्यावरण एक दूसरों को प्रभावित करते हैं। भौतिक पर्यावरण में कोई परिवर्तन जैव पर्यावरण में भी परिवर्तन कर देता है।           पर्यावरण में सभी भौतिक तत्व एवं जीव सम्मिलित होते हैं जो प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से उसकी जीवन क्रियाओं को प्रभावित करते हैं। वातावरण केवल वायुमंडल से संबंधित तत्वों का समूह होने के कारण पर्यावरण का ही अंग है। पर्यावरण में अनेक जैविक व अजैविक कारक पाए जाते हैं। जिनका परस्पर गहरा संबंध होता है। प्रत्येक  जीव को जीवन के लिए...

सौरमंडल क्या होता है ?पृथ्वी का सौरमंडल से क्या सम्बन्ध है ? Saur Mandal mein kitne Grah Hote Hain aur Hamari Prithvi ka kya sthan?

  खगोलीय पिंड     सूर्य चंद्रमा और रात के समय आकाश में जगमगाते लाखों पिंड खगोलीय पिंड कहलाते हैं इन्हें आकाशीय पिंड भी कहा जाता है हमारी पृथ्वी भी एक खगोलीय पिंड है. सभी खगोलीय पिंडों को दो वर्गों में बांटा गया है जो कि निम्नलिखित हैं - ( 1) तारे:              जिन खगोलीय पिंडों में अपनी उष्मा और प्रकाश होता है वे तारे कहलाते हैं .पिन्ड गैसों से बने होते हैं और आकार में बहुत बड़े और गर्म होते हैं इनमें बहुत अधिक मात्रा में ऊष्मा और प्रकाश का विकिरण भी होता है अत्यंत दूर होने के कारण ही यह पिंड हमें बहुत छोटे दिखाई पड़ते आता है यह हमें बड़ा चमकीला दिखाई देता है। ( 2) ग्रह:             जिन खगोलीय पिंडों में अपनी उष्मा और अपना प्रकाश नहीं होता है वह ग्रह कहलाते हैं ग्रह केवल सूरज जैसे तारों से प्रकाश को परावर्तित करते हैं ग्रह के लिए अंग्रेजी में प्लेनेट शब्द का प्रयोग किया गया है जिसका अर्थ होता है घूमने वाला हमारी पृथ्वी भी एक ग्रह है जो सूर्य से उष्मा और प्रकाश लेती है ग्रहों की कुल संख्या नाम है।...

लोकतंत्र में नागरिक समाज की भूमिका: Loktantra Mein Nagrik Samaj ki Bhumika

लोकतंत्र में नागरिकों का महत्व: लोकतंत्र में जनता स्वयं अपनी सरकार निर्वाचित करती है। इन निर्वाचनो  में देश के वयस्क लोग ही मतदान करने के अधिकारी होते हैं। यदि मतदाता योग्य व्यक्तियों को अपना प्रतिनिधि निर्वाचित करता है, तो सरकार का कार्य सुचारू रूप से चलता है. एक उन्नत लोक  प्रांतीय सरकार तभी संभव है जब देश के नागरिक योग्य और इमानदार हो साथ ही वे जागरूक भी हो। क्योंकि बिना जागरूक हुए हुए महत्वपूर्ण निर्णय लेने में असमर्थ होती है।  यह आवश्यक है कि नागरिकों को अपने देश या क्षेत्र की समस्याओं को समुचित जानकारी के लिए अख़बारों , रेडियो ,टेलीविजन और सार्वजनिक सभाओं तथा अन्य साधनों से ज्ञान वृद्धि करनी चाहिए।         लोकतंत्र में प्रत्येक नागरिक को अपने विचार व्यक्त करने की स्वतंत्रता होती है। साथ ही दूसरों के दृष्टिकोण को सुनना और समझना जरूरी होता है. चाहे वह विरोधी दल का क्यों ना हो। अतः एक अच्छे लोकतंत्र में विरोधी दल के विचारों को सम्मान का स्थान दिया जाता है. नागरिकों को सरकार के क्रियाकलापों पर विचार विमर्श करने और उनकी नीतियों की आलोचना करने का ...