Drafting और Structuring the Blog Post Title: "असुरक्षित ऋण: भारतीय बैंकिंग क्षेत्र और अर्थव्यवस्था पर प्रभाव, और RBI की भूमिका" Structure: परिचय असुरक्षित ऋण का मतलब और यह क्यों महत्वपूर्ण है। भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में असुरक्षित ऋणों का वर्तमान परिदृश्य। असुरक्षित ऋणों के बढ़ने के कारण आसान कर्ज नीति। उधारकर्ताओं की क्रेडिट प्रोफाइल का सही मूल्यांकन न होना। आर्थिक मंदी और बाहरी कारक। बैंकिंग क्षेत्र पर प्रभाव वित्तीय स्थिरता को खतरा। बैंकों की लाभप्रदता में गिरावट। अन्य उधारकर्ताओं को कर्ज मिलने में कठिनाई। व्यापक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव आर्थिक विकास में बाधा। निवेश में कमी। रोजगार और व्यापार पर नकारात्मक प्रभाव। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की भूमिका और समाधान सख्त नियामक नीतियां। उधार देने के मानकों को सुधारना। डूबत ऋण प्रबंधन (NPA) के लिए विशेष उपाय। डिजिटल और तकनीकी साधनों का उपयोग। उदाहरण और केस स्टडी भारतीय बैंकिंग संकट 2015-2020। YES बैंक और IL&FS के मामले। निष्कर्ष पाठकों के लिए सुझाव और RBI की जिम्मेदारी। B...
( 1) Lord Velejali ने fort William college की स्थापना युवा सिविल सेवा अधिकारियों के सामान्य शिक्षण व प्रशिक्षण के लिए की थी.
( 2) औरंग पर्सियन भाषा का एक शब्द है इसका संबंध 17वीं सदी में यूरोपीय कंपनियों के ऐसे गोदामों से था जहां माल बेचने से पहले इकट्ठा किया जाता था यह सामान्यतः उन क्षेत्रों में स्थापित होते थे जहां कारीगरों की सघनता होती थी.
बेनियार /बनिया /वनिया शब्द संस्कृत के वनिज से लिया गया है जिसका अर्थ व्यापारी है इस शब्द का व्यापक रूप से प्रयोग भारत में व्यापारिक जातियों के सदस्यों की पहचान करने के लिए किया जाता है बनिया मूल रूप से बैंकर साहूकार व्यापारी और दुकानदार थे किंतु भारत में यूरोपीय कंपनियों के आगमन से इनकी भूमिका भी परिवर्तित हो गई यह अब यूरोपीय लोगों के सहयोग से काम करने वाले उनके सांस्कृतिक सलाहकार और मार्गदर्शक बन गए और उनके लिए वस्तुओं की खरीद आवश्यक पूंजी की व्यवस्था करने और बाजार तक उनकी पहुंच को आसान बनाना उनका मुख्य पेशा बन गया.
मिरासिदार मध्यकाल में दक्कन के ग्राम समुदाय जिसे पंढारी भी कहते थे के 3 वर्गों में एक था यह प्रायः भू स्वामियों का ऐसा वर्ग था जिनका उनकी भूमि पर वंशानुगत अधिकार होता था और वे राज्य के नियमित भू राजस्व अदा करते थे।
( 3) तेज बहादुर सप्रू अखिल भारतीय उदारवादी संघ से संबंधित थे वहीं के . सी . नियोगी संविधान सभा के सदस्य (बंगाल से) के साथ साथ वर्ष 1951 में गठित पहले वित्त आयोग के अध्यक्ष पी. सी. जोशी वर्ष 1935 में भारतीय साम्यवादी दल के महासचिव बने.
( 4) 1813 के चार्टर एक्ट द्वारा पहली बार ब्रिटिश शासन द्वारा संस्थागत शिक्षा की पहल की गई लेकिन इस चार्टर में शिक्षा के उद्देश्य एवं प्रसार के माध्यमों को लेकर किसी भी तरह के स्पष्टता का अभाव था इसी के परिणाम स्वरुप शिक्षा का माध्यम अंग्रेजी या देसी होने संबंधी विवाद की नीव पड़ी.
इसके पश्चात 1823 में गवर्नर जनरल इन काउंसिल द्वारा जनरल कमिटी आफ पब्लिक इंस्ट्रक्शन गठित की गई इस कमेटी को 1813 के चार्टर एक्ट के अंतर्गत शिक्षा के लिए अनुमोदित ₹100000 के आवंटन के तरीके को निर्धारित करने का दायित्व दिया गया लेकिन शिक्षा के माध्यम को लेकर 1813 में जो विवाद शुरू हुआ था यह कमेटी भी उसका समाधान निकालने में असफल रही ।विवाद के दौरान 10 सदस्यों वाली जनरल कमिटी आफ पब्लिक इंस्ट्रक्शन पांच पांच सदस्यों के दो गुटों में विभाजित हो गए इसी विभाजन को प्राच्यविद बनाम आंग्लविद विवाद के रूप में देखा जा सकता है यह विवाद 1835 तक चला अंततः लॉर्ड विलियम बैटिंग द्वारा मैकाले के प्रसिद्ध मैकाले मिनट ऑफ एजुकेशन को संतुष्टि प्रदान करने से अंग्रेजी शिक्षा को अधिकृत रूप से मान्यता मिली.
(5) नील दर्पण का लेखन कॉल : - 1858 - 59सिविल सेवा परीक्षा में प्रथम भारतीय: - 1863आर्य समाज की स्थापना : - 1875आनंदमठ का लेखन : - 1882
( 6) बनारस का संस्कृत कॉलेज जॉनाथन ढक्कन के प्रस्ताव पर 1791 में स्थापित किया गया था कोलकाता मदरसा गवर्नर जनरल वारेन हेस्टिंग द्वारा 1781 में स्थापित किया गया था.
फोर्ट विलियम कॉलेज लार्ड वेलेजली द्वारा 1800 में स्थापित किया गया था.
( 7) 18 वीं शताब्दी के मध्य इंग्लिश ईस्ट इंडिया कंपनी के द्वारा बंगाल से निर्यातित प्रमुख पण्प पदार्थो (स्टेपल कमोडिटीज ) में कपास ,रेशम, शोरा नील और अफीम है.
(8) सहायक संधि एक प्रकार की मैत्री संधि थी जिसका प्रयोग 1798 - 1805 तक भारत में देसी राज्यों के संबंध में किया गया था.
- इस संधि के प्रयोग से भारत में अंग्रेजी सत्ता स्थापित हो गई तथा नेपोलियन का भय भी टल गया इसमें तय हुआ कि बड़े राज्य अपने यहां अंग्रेजी सेना रखेंगे जिसकी कमान अंग्रेज अधिकारियों के हाथ में होगी यद्यपि यह राज्य उस सेना का खर्चा उठाएंगे.
- कंपनी के लिए एक नियत आय का प्रबंध करना इसका उद्देश्य नहीं था क्योंकि यह मुख्यता साम्राज्य विस्तार पर केंद्रित थी.
( 9) 1854 में लॉर्ड डलहौजी के शासन काल में वुड घोषणा पत्र आया जिसमें देश की शिक्षा व्यवस्था को व्यवस्थित करने का कार्य किया इसे भारतीय शिक्षा का मैग्नाकार्टा कहा जाता है वुड डिस्पैच में शिक्षा क्षेत्र में निजी प्रत्यत्नों को प्रोत्साहित करने के लिए अनुदान सहायता पद्धति की सिफारिश की गई वुड डिस्पैच में लंदन विश्वविद्यालय की तर्ज पर भारत में आधुनिक विश्वविद्यालयों की स्थापना का सुझाव दिया गया था इसमें उच्च शिक्षा का माध्यम अंग्रेजी तथा स्कूल स्तर की शिक्षा का माध्यम देशी भाषाओं को बनाए रखने का सुझाव दिया गया था।
(10) लाला लाजपत राय भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष के प्रमुख नेताओं में से एक थे वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के गरम दल के नेता थे उन्होंने प्रथम विश्व युद्ध के आसपास अमेरिका की यात्रा की थी उन्होंने अनहैप्पी इंडिया (unhappy India), england debt to India and young India, जैसी प्रसिद्ध पुस्तकों का लेखन किया इसके अतिरिक्त उन्होंने मैजिनी गैरीबाल्डी शिवाजी दयानंद और श्रीकृष्ण की जीवनी भी लिखी थी.
( 11) राधाकांत देव ब्रिटिश इंडियन एसोसिएशन के प्रथम अध्यक्ष थे ब्रिटिश इंडियन एसोसिएशन की स्थापना 31 अक्टूबर 1851 को हुई थी. गजुलु लक्ष्मी नरसु चेट्टी इन्होंने मद्रास नेटिव एसोसिएशन की स्थापना 1849 में की थी। मद्रास महाजन सभा की स्थापना मई 1884 में वीरराघवाचारी सुब्रमण्यम अय्यर तथा आनंद चार्लू द्वारा की गई थी सुरेंद्र नाथ बैनर्जी इंडियन एसोसिएशन की स्थापना 1876 में सुरेंद्रनाथ बनर्जी तथा आनंद मोहन बोस ने की थी.
(12) वर्ष 1907 सूरत विभाजन: - नरमपंथी अपनी मांगों को मनवाने के लिए विचार-विमर्श करके सरकार के साथ छोटे-मोटे मुद्दों के निपटारे की नीति में विश्वास करते थे वही चरमपंथी आंदोलन हड़ताल और बहिष्कार में विश्वास करते थे चरमपंथियों के अग्रदूत लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक नरमपंथियों के इस नरम व्यवहार से खुश नहीं थे दोनों गुटों के बीच वर्चस्व की लड़ाई के कारण 1907में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का विभाजन हो गया .
(13) कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी: - सोशलिस्ट पार्टी की स्थापना 1934 ईसवी में बम्बई में हुई इसका उद्देश्य कांग्रेस के भीतर रहकर कार्य करते हुए इसकी उपलब्धियों को सुदृढ़ करना था। यह साम्यवादियों से इस मामले में अलग थी कि यह कांग्रेस के भीतर रहकर लोकतांत्रिक समाजवादी अधिकारों के लिए ब्रिटिश सरकार के खिलाफ लड़ रही थी वहीं साम्यवादी पार्टी सर्वहारा वर्ग का अधिनायकत्व स्थापित करना चाहती थी कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी ने भूमि के पुनर्वितरण काश्तकारों एवं मजदूरों के ऋणों की माफी सार्वजनिक सुविधाओं एवं मुख्य उद्योगों के समाजीकरण आदि पर बल दिया।यह देश की एकता अखंडता की प्रबल समर्थक थी तथा किसी भी विभाजन कारी प्रवृत्ति का प्रबल विरोध करती थी।
(14) 1887 में कांग्रेस के मद्रास अधिवेशन के अध्यक्ष बदरुद्दीन तैयब जी थे। जो कांग्रेस के प्रथम मुस्लिम अध्यक्ष थे. कांग्रेस की प्रथम महिला अध्यक्ष एनी बेसेंट वर्ष 1917 में कलकत्ता अधिवेशन में चुनी गई.
सरोजिनी नायडू वर्ष 1925 ईस्वी में कांग्रेस के कानपुर अधिवेशन के अध्यक्ष बनी है अध्यक्ष चुनी जाने वाली प्रथम भारतीय महिला थी सरोजिनी नायडू सुप्रसिद्ध कवित्री व महान राष्ट्रीय नेतृत्व इनका प्रथम कविता संग्रह the golden threshold (द गोल्डन थ्रेसोल्ड) 1950 में प्रकाशित हुई जिस पर लंदन टाइम्स में प्रशंसा युक्त समीक्षाएं लिखी गई इन्होंने गांधीजी के सभी आंदोलनों का सक्रिय रुप से समर्थन किया भारत की स्वतंत्रता के बाद में उत्तर प्रदेश की पहली राज्यपाल बनी . बदरुद्दीन तैयब जी अपने समय के प्रसिद्ध वकील न्यायाधीश और कांग्रेस के नेता थे उन्होंने फिरोजशाह मेहता और केटी तैलंग के साथ मिलकर 1885 में मुंबई प्रेसीडेंसी एसोसिएशन की स्थापना की.
(15) भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस अपने कार्यक्रम में सामाजिक सुधारों को नहीं रखना चाहती थी इसलिए उसने राष्ट्रीय सामाजिक सम्मेलन (national social conference) नामक एक अलग संगठन बनाने का सुझाव दिया.
1885 ईस्वी में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना हुई . स्थापना के समय यह राष्ट्रीय व सामाजिक मुद्दों से जुड़ी हुई थी इसलिए इस सम्मेलन में महादेव गोविंद रानाडे व आर रघुनाथ राव ने सामाजिक सुधार के मुद्दों पर कांग्रेस को संबोधित किया परंतु कांग्रेस के दूसरे अधिवेशन के दौरान यह महसूस किया गया कि राष्ट्रीय कांग्रेस का मंच केवल राजनैतिक संघर्षों हेतु ही प्रयोग किया जाए सामाजिक मुद्दों हेतु एक अलग से आंदोलन चलाया जाए इसी संदर्भ में राष्ट्रीय सामाजिक सम्मेलन का गठन किया गया इसकी स्थापना रानाडे व राव द्वारा की गई।
(16) पीजेंट्स एंड वर्कर्स पार्टी ऑफ इंडिया की स्थापना 1947 में महाराष्ट्र में की गई अंबेडकर ने इसकी स्थापना नहीं की थी जयंत प्रभाकर इसके प्रथम अध्यक्ष थे.
डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के द्वारा स्थापित प्रमुख दल: -
- डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने द ऑल इंडियन डिस्प्रेड क्लास फेडरेशन की स्थापना की.
- 1924 में डॉक्टर अंबेडकर ने मुंबई में बहिष्कृत हितकारिणी सभा की स्थापना की 1927 में उन्होंने मराठी में बहिष्कृत भारत नामक पत्रिका का प्रकाशन शुरू किया.
- हिंदुओं और अछूतों में सामाजिक समानता के सिद्धांत के प्रचार के लिए समाज समता संघ स्थापित किया मजदूर वर्ग के हितों की रक्षा के लिए इंडिपेंडेंट लेबर पार्टी का गठन किया.
- 1942 में इन्होंने ऑल इंडिया शेड्यूल्ड कास्ट फेडरेशन की स्थापना की अंततोगत्वा उन्होंने हिंदू धर्म के परित्याग की घोषणा की और बौद्ध धर्म ग्रहण कर लिया.
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