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Showing posts from September, 2021

इजरायल ईरान war और भारत ।

इजराइल ने बीते दिन ईरान पर 200 इजरायली फाइटर जेट्स से ईरान के 4 न्यूक्लियर और 2 मिलिट्री ठिकानों पर हमला किये। जिनमें करीब 100 से ज्यादा की मारे जाने की खबरे आ रही है। जिनमें ईरान के 6 परमाणु वैज्ञानिक और टॉप 4  मिलिट्री कमांडर समेत 20 सैन्य अफसर हैं।                    इजराइल और ईरान के बीच दशकों से चले आ रहे तनाव ने सैन्य टकराव का रूप ले लिया है - जैसे कि इजरायल ने सीधे ईरान पर हमला कर दिया है तो इसके परिणाम न केवल पश्चिम एशिया बल्कि पूरी दुनिया पर व्यापक असर डाल सकते हैं। यह हमला क्षेत्रीय संघर्ष को अंतरराष्ट्रीय संकट में बदल सकता है। इस post में हम जानेगे  कि इस तरह के हमले से वैश्विक राजनीति, अर्थव्यवस्था, कूटनीति, सुरक्षा और अंतराष्ट्रीय संगठनों पर क्या प्रभाव पडेगा और दुनिया का झुकाव किस ओर हो सकता है।  [1. ]अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति पर प्रभाव:   सैन्य गुटों का पुनर्गठन : इजराइल द्वारा ईरान पर हमले के कारण वैश्विक स्तर पर गुटबंदी तेज हो गयी है। अमेरिका, यूरोपीय देश और कुछ अरब राष्ट्र जैसे सऊदी अरब इजर...

भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के राजनीतिक संगठन: Indian National Movement and some important organisation

( 1) Lord Velejali ने fort William college की स्थापना युवा सिविल सेवा अधिकारियों के सामान्य शिक्षण व प्रशिक्षण के लिए की थी. ( 2) औरंग पर्सियन भाषा का एक शब्द है इसका संबंध 17वीं सदी में यूरोपीय कंपनियों के ऐसे गोदामों से था जहां माल बेचने से पहले इकट्ठा किया जाता था यह सामान्यतः  उन क्षेत्रों में स्थापित होते थे जहां कारीगरों की सघनता होती थी.         बेनियार /बनिया /वनिया शब्द संस्कृत के वनिज से लिया गया है जिसका अर्थ व्यापारी है इस शब्द का व्यापक रूप से प्रयोग भारत में व्यापारिक जातियों के सदस्यों की पहचान करने के लिए किया जाता है बनिया मूल रूप से बैंकर  साहूकार व्यापारी और दुकानदार थे किंतु भारत में यूरोपीय कंपनियों के आगमन से इनकी भूमिका भी परिवर्तित हो गई यह अब यूरोपीय लोगों के सहयोग से काम करने वाले उनके सांस्कृतिक सलाहकार और मार्गदर्शक बन गए और उनके लिए वस्तुओं की खरीद आवश्यक पूंजी की व्यवस्था करने और बाजार तक उनकी पहुंच को आसान बनाना उनका मुख्य पेशा बन गया.         मिरासिदार म ध्यकाल में दक्कन के ग्राम समुदाय जिसे पंढारी भी कहत...

भारतीय वाणिज्य बैंकों का विलय एवं अधिग्रहण मैं होने वाली प्रमुख चुनौतियां और फायदे: Mergers and acquisition of Indian banking sector benefits and difficulties

वर्तमान परिवर्तित वैश्विक परिवेश में प्रत्येक देश की आर्थिक उन्नति एवं सामाजिक समृद्धि उस देश में विद्यमान सुदृढ़  तथा प्रभावी बैंकिंग तंत्र पर निर्भर करती है भारत जैसे विकासशील राष्ट्र में बैंकिंग तंत्र का महत्व और अधिक बढ़ जाता है संयुक्त स्कंध कंपनियों के रूप में संचालित भारतीय वाणिज्यिक बैंक बचत प्रोत्साहन पूंजी निर्माण जमाओं के संग्रहण और वितरण आदि कार्यों में सराहनीय योगदान रेखांकित कर रहे हैं.            आज भारत में अनेक प्रकार के वाणिज्यिक बैंकों यथा छोटे व बड़े मजबूत व कमजोर ग्रामीण व शहरी सार्वजनिक व निजी बैंकों का संचालन किया जा रहा है किंतु लाभ के आधार पर इन बैंकों में काफी असमानता व्याप्त है कुछ बैंक उच्च प्रतिफल के साथ श्रेष्ठ कुशलता हासिल कर रहे हैं वहीं दूसरी और कुछ बैंक प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता में सुधार हेतु निरंतर कोशिश में लगे हुए हैं सार्वजनिक क्षेत्र के कुछ बैंक अपनी पूंजी पर्याप्तता को कायम रखने के लिए संघर्षरत हैं वहीं दूसरी ओर वर्ष 2009 से भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में विदेशी बैंकों को पूर्ण प्रवेश की अनुमति देने के कारण देशी बैंक...

बेकरी बनाने का बिजनेस कैसे शुरु करे?(How to start makes Bakery business)

बेकरी उद्योग आजकल कुछ अधिक ही फल-फूल रहा है उसका कारण है कि हमारी नई पीढ़ी नाश्ते की मेज पर डबल रोटी मक्खन बिस्कुट जैसी चीज को ही अधिक पसंद करती है पराठों और रोटियों के नाश्ते के जमाने चलेगा हम मॉडर्न हो गये है और हमारी हर चीज पर विदेशी लोगो का प्रभाव अधिक पड़ रहा है.        समय की मांग को देखते हुए हमें इस लघु उधोग को शुरू करना ही उचित है.           इस उद्योग में पहला नाम ब्रेड (डबल रोटी) का ही आता है क्योंकि आजकल लोग अधिक परिश्रम वाले काम तो करते नहीं बस हल्के-फुल्के काम के साथ हल्के-फुल्के ही खाना खाते हैं.         पश्चिमी देशों में तो हमारी तरह के खाने कोई नहीं खाता वह लोग तो खाने में अधिकतर डबल रोटी खाते हैं आज हमारे देश में भी ऐसा ही कुछ चलन होता जा रहा है विशेषकर बड़े शहरों में तो डबल रोटी की बिक्री दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है इसका लाभ आप भी अपना लघु उद्योग प्रारंभ करके उठा सकते हैं. कच्चा माल: - डबल रोटी बनाने में गेहूं का ही अधिकतर प्रयोग होता है इसे ही हम कच्चा माल कह सकते हैं गेहूं चुकी हमारे देश की...

ब्रिटिश शासन के अंतर्गत संवैधानिक विकास और भारत का विभाजन

( 1) चार्टर एक्ट 1813 द्वारा कंपनी का भारतीय व्यापार पर एकाधिकार समाप्त कर दिया गया यद्यपि उसके चीन के साथ व्यापार तथा चाय के व्यापार पर एकाधिकार बना रहा इस एक्ट से कंपनी द्वारा अधिकार में लिए गए राज्य क्षेत्रों पर ब्रिटिश राज (क्राउन) की संप्रभुता सुदृढ़ हो गई.         भारत शासन अधिनियम 1858 के द्वारा कोर्ट ऑफ डायरेक्टर तथा बोर्ड आफ कंट्रोल को समाप्त कर उनके अधिकार एक 15 सदस्य परिषद को सौंप दिए गए जिसके अध्यक्ष को मुख्य राज्य सचिव या भारत राज्य सचिव (secretary of state for India) के नाम से जाना गया गौरतलब है कि 15 सदस्यीय परिषद हुआ भारत सचिव को वेतन भारतीय राजस्व से दिया जाना तय किया गया लेकिन इनका संचालन लंदन से होता था. इसे होम चार्जेस कहा गया. ( 2) भारत शासन अधिनियम 1935 द्वारा स्थापित संघ में अवशिष्ट शक्तियां गवर्नर जनरल को प्रदान की गई थी.       1930- 32 में लंदन में हुए तीन गोलमेज सम्मेलनों में संविधानिक सुधारों से संबंधित संस्तुतियों  के फल स्वरुप भारत शासन अधिनियम 1935 का निर्माण किया गया इसके तहत भारत में सर्वप्रथम संघी...

भारत छोड़ो आंदोलन, royal Navy विद्रोह( quit India Movement ,royal indian Navy revolution) 1946 से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर

Question (1): - नाविक विद्रोह (आर आई एन) की उत्पत्ति का वर्णन कीजिए. स्पष्ट कीजिए कि इसमें भारतीय राजनीति को किस प्रकार प्रभावित किया? इसमें ROYAL INDIAN  NAVY विद्रोह के कारण बताकर उसके प्रभावों के बारे में लिखना है. Answer: - भारतीय स्वाधीनता संग्राम के अंतिम पड़ाव की शौर्यपूर्ण घटना थी , भारतीय नौसैनिकों का विद्रोह 18 फरवरी 1946 को रॉयल इंडियन नेवी (भारतीय शाही नौसेना) के गैर कमीशंड अधिकारीयों  एवं नौसैनिकों जिन्हें रेटिंग्ज कहा जाता था ने बम्बई (मुंबई ) मे सैनिक विद्रोह कर दिया  .इस नौसैनिक विद्रोह का मुख्य कारण थे- घटिया भोजन ,रंगभेद एवं नस्ली गालियां ,उनके राष्ट्रीय चरित्र पर छींटाकशी करना था. इस विद्रोह का प्रारंभ नौसैनिक प्रशिक्षण पोत  तलवार के नौसैनिकों द्वारा खराब खाने के बारे में शिकायत के साथ शुरू हुआ 19 फरवरी तक यह विद्रोह  20 नौसैनिक (बम्बई मे)जहाजों में फैल गया था। इस विद्रोह ने भारतीय राजनीति को निम्न रूप से प्रभावित किया. इस आंदोलन से यह स्पष्ट हो गया कि बिना किसी राजनीतिक दल के समर्थन के भी भारतीय जनता विद्रोह कर सकती है. इससे नेताओं को यह आभ...