Drafting और Structuring the Blog Post Title: "असुरक्षित ऋण: भारतीय बैंकिंग क्षेत्र और अर्थव्यवस्था पर प्रभाव, और RBI की भूमिका" Structure: परिचय असुरक्षित ऋण का मतलब और यह क्यों महत्वपूर्ण है। भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में असुरक्षित ऋणों का वर्तमान परिदृश्य। असुरक्षित ऋणों के बढ़ने के कारण आसान कर्ज नीति। उधारकर्ताओं की क्रेडिट प्रोफाइल का सही मूल्यांकन न होना। आर्थिक मंदी और बाहरी कारक। बैंकिंग क्षेत्र पर प्रभाव वित्तीय स्थिरता को खतरा। बैंकों की लाभप्रदता में गिरावट। अन्य उधारकर्ताओं को कर्ज मिलने में कठिनाई। व्यापक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव आर्थिक विकास में बाधा। निवेश में कमी। रोजगार और व्यापार पर नकारात्मक प्रभाव। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की भूमिका और समाधान सख्त नियामक नीतियां। उधार देने के मानकों को सुधारना। डूबत ऋण प्रबंधन (NPA) के लिए विशेष उपाय। डिजिटल और तकनीकी साधनों का उपयोग। उदाहरण और केस स्टडी भारतीय बैंकिंग संकट 2015-2020। YES बैंक और IL&FS के मामले। निष्कर्ष पाठकों के लिए सुझाव और RBI की जिम्मेदारी। B...
ब्लैंक चेक कंपनियों के कंपनियां हैं जो प्रत्यक्ष तौर पर किसी प्रकार का वाणिज्यिक परिचालन नहीं करती लेकिन जिनके शेयरों का क्रय विक्रय शेयर बाजार में होता है सामान्य तौर पर यह एक स्टार्टअप के रूप में पूंजी बाजार से निधियां जुटाती है और उसका उपयोग पहले से संचालित किसी कंपनी के अधिग्रहण हेतु किया जाता है आमतौर पर ब्लैंक चेक कंपनियों का गठन विशेष उद्देश्य अधिग्रहण कंपनियों (special purpose Acquisition companies) के रूप में लक्षित कंपनी के अधिग्रहण हेतु आईपीओ (initial public offer) के माध्यम से पूंजी जुटाने के वास्ते किया जाता है पारंपरिक आईपीओ के बजाय कई भारतीय तकनीकी और नई पीढ़ी की स्टार्टअप कंपनियां जो अभी लाभ कमाने की स्थिति में भी नहीं है वह इसके माध्यम से आसानी और तेजी से शेयर बाजार में सूचीबद्ध कराने की संभावना तलाशती हैं।
ब्लैंक चेक कंपनियों का चलन वस्तुतः संयुक्त राज्य अमेरिका और पश्चिम के विकसित देशों में अधिक है संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रतिभूतियां विनिमय आयोग ने इन कंपनियों की गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए नियम बनाए हैं इन कम्पनियों की पृकृतिक चूकिं सट्टेबाजी की होती है इसलिए प्रतिभूतियां विनिमय आयोग के नियम 419 के तहत इन कंपनियों में निवेश करने वाले निवेशकों के हितों को संरक्षित किए जाने का प्रावधान है।
ब्लैंक चेक कंपनियों की कार्यप्रणाली: -
भूतिया विनिमय आयोग द्वारा ब्लैंक चेक कंपनियों को पराया पेनी स्टॉक या माइक्रोकैप स्टॉक कंपनियां माना जाता है इसलिए प्रतिभूति और विनिमय आयोग द्वारा इन कंपनियों पर कुछ अतिरिक्त नियम और बताएं लगाई गई है उदाहरण के रूप में इन कंपनियों द्वारा आईपीओ द्वारा जो पूंजी जुटाई जाती है उसे उस समय तक एसक्रो खाते (escrow account) मैं जमा रखा जाता है जब तक कि ब्लैंक चेक कंपनी के शेयर होल्डर अधिकृत रूप किसी अन्य कंपनी के अधिग्रहण की मंजूरी प्रदान नहीं कर देते और इस प्रकार से अधिग्रहीत कंपनी के साथ मिलकर बनी इकाई का वाणिज्यिक परिचालन प्रारंभ नहीं हो जाता इतना ही नहीं इन कंपनियों को प्रतिभूतियां अधिनियम 1933 के विनियमन डी के तहत कतिपय छूटे प्राप्त करने की अनुमति नहीं है इसी कानून के विनयम डी के तहत 504 के तहत 10 डॉलर तक के आईपीओ वाली कंपनियों को आईपीओ जारी करने के 12 महीने तक प्रतिभूतियों को सूचीबद्ध कराने की छूट देता है ब्लैंक चेक कंपनियां इस छूट का लाभ नहीं उठा सकती.
ब्लैंक चेक कंपनियों (विशेष उद्देश्य अधिग्रहण कंपनियां) को आईपीओ से जुटाई पूंजी से 24 माह के भीतर लक्षित कंपनी का अधिग्रहण या विलय (r) करना होता है उस अवधि तक संपूर्ण धनराशि एस्क्रो खाते में जमा रहती है यदि 24 माह के भीतर स्पेक (ब्लैंक चेक कंपनी) अन्य कंपनी का अधिग्रहण नहीं कर पाती है उसको विनय करके अपने में नहीं मिला पाती तो इस स्पैक को भंग कर दिया जाता है तथा आईपीओ से जुटाई गई पूंजी निवेशकों को वापस कर दी जाती है.
स्पेक्ट नीचे कंपनियों का कारोबार: -
स्पैक इंसाइडर से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार 2009 के बाद से ब्लैंक चेक कंपनियों के 755 आईपीओ आए हैं जिनमें से 248 आईपीओ 2020 में तथा 281 आईपीओ 2021 में जून तक आए हैं आईपीओ के माध्यम से ब्लैंक चेक कंपनियों द्वारा 2020 तक 83 बिलीयन डॉलर से अधिक की पूंजी जुटाई गई है जबकि 2021 में जून तक ही ना91. 65 बिलियन डालर की पूंजी जुटाई जा चुकी है.
ब्लैंक चेक कंपनियों में निवेश से जुड़े उच्च स्तरीय जोखिम को देखते हुए संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रतिभूतियां विनिमय आयोग ने विशिष्ट उद्देश्य अधिग्रहण कंपनियों के बारे में निवेशकों के लिए एक चेतावनी जारी की है प्रतिभूतियां बाजार के विनियामक ने अपनी चेतावनी के बारे में कहा है कि स्पेक कंपनियों में निवेशकों को केवल इसी आधार पर निवेश नहीं करना चाहिए कि इनसे प्रतिष्ठित हस्तियां जुड़ी है ध्यान है कि भारत सहित अन्य देशों विशेष रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका में फिल्मों और मनोरंजन खेल कूद प्रतिष्ठित वाणिज्यिक एवं औद्योगिक घरानों के कर्ताधर्ता स्पेक कंपनियों के बड़े पैमाने पर निवेश करते रहे हैं.
यधपि स्पैक की अवधारणा लगभग एक दशक पुरानी है और अनेक निवेशकों एवं कंपनी प्रमोटरों ने अपने निवेश को सार्वजनिक करने के लिए स्पैक कंपनियों में निवेश करके परिचालित कंपनियों का अधिग्रहण किया विलय करने का मार्ग चुना है इस कार्य में तेजी का दौर 2020 में प्रारंभ हुआ जो 2021 में भी जारी है.
कतिपय बाजार सहभागियों का विश्वास है कि स्पैक लेनदेन के द्वारा कोई प्राइवेट कंपनी पारंपरिक आईपीओ की तुलना में कीमत एवं नियंत्रण समझौते के रूप में अधिक निश्चितता के साथ एक सार्वजनिक कंपनी हो जाती है दूसरी ओर स्पैक कंपनियों की प्रकृति सीमा तक सेल कंपनी की है सेल कंपनी वास्तविक रूप से ना तो भी विनिर्माण करती है और ना कोई प्रत्यक्ष कारोबार इसके बावजूद स्पैक निवेशकों के लिए आकर्षण का केंद्र है वैश्विक रूप से पूर्व एनबीए स्टार शकील, टेनिस खिलाड़ी सेरेना विलियम्स, टिक टॉक के पूर्व सीईओ केविन मेयर, डेल टेक्नोलॉजी के संस्थापक और सीईओ माइकल डेल, अरबपतियों वेंचर कैपिटल लिस्ट विनोद खोसला आदि विशेष उद्देश्य अधिग्रहण कंपनियों में सहभागी हैं.
भारत मे स्पैक: -
जहां तक भारत में विशेष उद्देशीय अधिग्रहण कंपनियों के विकास का प्रश्न है तो वह अभी शैशवावस्था में ही है बॉलीवुड अभिनेता अजय देवगन मनीपाल समूह के प्रबंध निदेशक गौतम पाई वेंचर कैपिटल फंड एलिवेशन कैपिटल के संस्थापक रवि अदुसुमिली और पेटीएम के संस्थापक विजय शेखर आदि विशेष उद्देशी्य अधिग्रहण कंपनियों को शुरू करने उनमें निवेश करने या उन्हें प्रोत्साहन देने से जुड़े हैं ऐसी कंपनियां भारत की नई स्टार्टअप है जो शीघ्री अमेरिकी बाजार में अपना आईपीओ लाने की तैयारी कर रही है.
भारतीय प्रयोजकों और उनके साझेदारों द्वारा स्थापित कम से कम चार स्पैक ने अगले कुछ महीनों में अमेरिकी पूंजी बाजार से आईपीओ के जरिए लगभग $1000000000 पूंजी जुटाने का लक्ष्य रखा है यह मीडिया और मनोरंजन तकनीक एवं उपभोक्ता वस्तुओं से जुड़ी घरेलू कंपनियों को लक्षित कर रही हैं.
अभी हाल ही में नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादक कंपनी रिन्यू पावर ने आरएमजी एक्विजिशन कॉर्प 2 जो एक ब्लैंक चेक कंपनी है के साथ विलय किए जाने का समझौता किया है यह वैश्विक स्तर पर स्पैक कारोबारी माहौल में भारत का पहला बड़ा समझौता इस विलय के साथ ही रिन्यू पावर नैस्डेक (Nasdaq) मे सूची बाध्य होकर लगभग 1.2 अरब डॉलर की नकदी जुटाने में सफल हो जाएगी इसके अतिरिक्त ऑनलाइन ग्रॉसरी प्लेटफार्म ग्रोफर्स भी किसी स्पेक के साथ विलय के समझौते के अग्रिम चरण में है वेंचर कैपिटल फर्म्स एलिवेशन कैपिटल तथा थिंक इन्वेस्टमेंट भारतीय प्रौद्योगिकी कंपनियों को लक्षित करके स्पेक का गठन करके अमेरिकी शेयर बाजार में सूचीबद्ध कराए जाने की तैयारी में है.
मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र की कंपनियों को लक्षित करते हुए भारत में दो स्पैक का गठन किया गया है जून 2021 के अंतिम सप्ताह में रिलायंस इंटरटेनमेंट समूह के मुख्य कार्याधिकारी शुभाशीष शेखर द्वारा इंटरनेशनल मीडिया एक्वीजिशन कार्प (IMAC)का गठन किया है इस कंपनी द्वारा संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रतिभूतियां एवं विनिमय आयोग के समक्ष 23 करोड डॉलर ग्रीन शू विकल्प के साथ आकार का आईपीओ लाने के उद्देश्य विवरणिका दाखिल की है इसमें योजक समूह पहले ही 21 लाख से 79.6 लाख डॉलर मूल्य के शेयर खरीदने की प्रतिबद्धता जता चुका है इसमें अभिनेता अजय देवगन फिल्म निर्देशक मणि रत्नम रोहित शेट्टी और इम्तियाज अली के साथ ही टी सीरीज मुंबई मूवी स्टूडियोज अन्नपूर्णा स्टूडियो आदि निवेशक शामिल है यह भारतीय स्टेट भारतीय कंपनियों को ही लक्षित कर रहे हैं जिनका उद्धव मूल $150000000 से $500000000 है अधिग्रहण और विलय हेतु चार प्रमुख क्षेत्रों टीवी और डिजिटल सामग्री कमिंग प्रदर्शन कारोबार तथा ओटीटी वितरण को लक्षित किया गया है निवेशकों को आकर्षित करने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका कनाडा यूरोपीय देशों तथा सिंगापुर के धान्य के लिए रोड शो किए जाने की योजना है संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा में शीर्ष प्राइवेट इक्विटी फर्म ओं से संपर्क करने के लिए उन्हें निवेश करने के लिए प्रेरित करेंगे योजना यह है की एक इकाई के तौर पर अधिग्रहण कर उसका विलायक कर लिया जाए क्योंकि भारत में $500000000 की एकल इकाई विलय हेतु खोजना कठिन हो सकता है.
यद्यपि अभी भारत में इस पर किया ब्लैंक चेक कंपनियां किसी भी नियामक निकाय के दायरे में नहीं है तथापि से भी भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड ने इस पैक को विनियामक दायरे में लाने की संभावना तलाशने के लिए एक विशेषज्ञ समूह का गठन किया है भारत का विनियामक ढांचा ब्लैंक चेक कंपनियों के सृजन की अनुमति नहीं देता कंपनी अधिनियम 2013 में यह प्रावधान है कि रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज ऐसी कंपनी को सूची से बाहर कर सकता है अपनी औपचारिक स्थापना की निश्चित समयावधि के भीतर अपना परिचालन प्रारंभ नहीं करती.
स्पैक में निवेश से जुड़े जोखिम: -
स्पैक के माध्यम से आईपीओ द्वारा पूंजी जुटा कर उसे किसी परिचालित कंपनी का अधिग्रहण या विलय किए जाने का विचार ऊपरी तौर पर अत्यधिक लाभकारी तथा आकर्षक प्रतीत होता है तथा स्पैक से जुड़े संभावित जोखिम भी कम नहीं है इस पर बडी संख्या के अनुसार 2021 में जून के अंत तक 281 स्पेक सूचीबद्ध हो चुकी है केवल दो महीने मे ही अपने लक्ष्य घोषित किए हैं 2020 में सूचीबद्ध दो 8 स्पैक में से 138 स्पैक कभी भी अपना लक्ष्य खोज नहीं है स्पैक की ओर जा रही निवेशक फर्मों की तेजी तथा बाद में लक्षित कंपनियों को खोजने का झुकाव अब इन्वेस्टी फर्मों की ओर अधिक है इससे विलय के बाद निवेशकों का प्रतिफल कम होता जा रहा है इतना ही नहीं सब जानते के रूप से यह प्रावधान है कि यदि कोई स्पेक सार्वजनिक निर्गम की तिथि के 24 माह के भीतर कोई अधिग्रहण या विलय नहीं कर पाती तो निवेशकों को उनके द्वारा निवेश की गई धनराशि ब्याज सहित वापस लौटा दी जाएगी लेकिन अनेक स्पेक के विवरण पत्रों का अवलोकन करने पर पता चला है कि वह विवरण पत्र में अति महीना क्षणों में कोई ना कोई ऐसा वाकया जोड़ देते हैं जिससे निवेशकों को अपना धन वापस नहीं मिल पाए या उसमें अनावश्यक रूप से विलंब हो फिल्म जगत खेलकूद टीवी आदि क्षेत्र के प्रतिष्ठित हस्तियां टीवी रेडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और समाचार पत्रों तथा पत्रिकाओं में अनेक वस्तुओं और सेवाओं का विज्ञापन करते हैं और उन उत्पादों की खूबियों का बखान करते हैं भले ही वे सभी खुशियां उन उत्पादों में ना हो कई बार उपभोक्ता विज्ञापनों के ब्राह्मणों का शिकार हो जाते हैं इसी प्रकार यदि यह हस्तियां स्वयं किसी विशेष उद्देश्य अधिग्रहण कंपनी में प्रयोजन है या निवेश कर रही है या निवेश हेतु लोगों को प्रेरित कर रही हैं तो इससे यह अवधारणा बना लेना एक भूल होगी कि ऐसा निवेश सदैव ही उच्च प्रतिफल वाला होगा.
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