इजराइल ने बीते दिन ईरान पर 200 इजरायली फाइटर जेट्स से ईरान के 4 न्यूक्लियर और 2 मिलिट्री ठिकानों पर हमला किये। जिनमें करीब 100 से ज्यादा की मारे जाने की खबरे आ रही है। जिनमें ईरान के 6 परमाणु वैज्ञानिक और टॉप 4 मिलिट्री कमांडर समेत 20 सैन्य अफसर हैं। इजराइल और ईरान के बीच दशकों से चले आ रहे तनाव ने सैन्य टकराव का रूप ले लिया है - जैसे कि इजरायल ने सीधे ईरान पर हमला कर दिया है तो इसके परिणाम न केवल पश्चिम एशिया बल्कि पूरी दुनिया पर व्यापक असर डाल सकते हैं। यह हमला क्षेत्रीय संघर्ष को अंतरराष्ट्रीय संकट में बदल सकता है। इस post में हम जानेगे कि इस तरह के हमले से वैश्विक राजनीति, अर्थव्यवस्था, कूटनीति, सुरक्षा और अंतराष्ट्रीय संगठनों पर क्या प्रभाव पडेगा और दुनिया का झुकाव किस ओर हो सकता है। [1. ]अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति पर प्रभाव: सैन्य गुटों का पुनर्गठन : इजराइल द्वारा ईरान पर हमले के कारण वैश्विक स्तर पर गुटबंदी तेज हो गयी है। अमेरिका, यूरोपीय देश और कुछ अरब राष्ट्र जैसे सऊदी अरब इजर...
भारतीय राष्ट्रपति के विशेष अधिकारों का उल्लेख कीजिए. (describe the privilege of the president of India)
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 361 के अंतर्गत राष्ट्रपति और राज्यों के राज्यपालों को निम्नलिखित विशेष अधिकार प्रदान किए गए हैं -
( 1) न्यायालय के प्रति उत्तरदाई ना होने का विशेषाधिकार: - राष्ट्रपति या किसी राज्य का राज्यपाल अपने पद की शक्तियों के प्रयोग और कर्तव्यों के पालन के लिए या उन शक्तियों के प्रयोग और कर्तव्यों के पालन में अपने द्वारा किए गए या किए जाने के लिए अभिप्रेत किसी कार्य के लिए किसी न्यायालय के प्रति उत्तरदाई नहीं होगा अनुच्छेद 361 (1) यह विशेषाधिकार निम्नलिखित दो परंतुको के अधीन भी है -
(a) अनुच्छेद 361 अधीन यदि दोषारोपण (महा - अभियोग का आरोप) की जांच पड़ताल अनुसंधान के लिए संसद के किसी सदन द्वारा कोई न्यायालय न्यायाधिकरण या निकाय नियुक्त या नमोदिष्ट किया जाता है तो राष्ट्रपति के आचरण का पुनरावलोकन कर सकेगा।
(b) अनुच्छेद 361 (1) के अधीन प्रदत्त विशेषाधिकार किसी व्यक्ति के भारत सरकार या किसी राज्य सरकार के विरुद्ध समुचित कार्यवाही यों के चलने के अधिकार को निर्बंधित नहीं करता है.
( 2) दांडिक कार्रवाई के विरुद्ध विशेषाधिकार अनुच्छेद361(2) के अनुसार राष्ट्रपति या किसी राज्य के राज्यपाल के विरुद्ध उसके पद की अवधि के दौरान किसी भी प्रकार की दांण्डिक कार्रवाई किसी भी न्यायालय में नहीं चलाई जाएगी और न चालू रखी जाएगी।
(3) गिरफ्तारी या कारावास के विरुद्ध विशेषाधिकार: - अनुच्छेद 361 (3) के अनुसार राष्ट्रपति या किसी राज्य के राज्यपाल को गिरफ्तार करने या कारावास के लिए किसी भी न्यायालय में कोई आदेश का उसके पद की अवधि के दौरान जारी नहीं की जा सकती है.
( 4) दीवानी कार्रवाई के विरुद्ध विशेषाधिकार: - अनुच्छेद 361 (4) के अनुसार ऐसी कोई भी दीवानी कार्यवाही जिसमें राष्ट्रपति या किसी राज्य के राज्यपाल के विरुद्ध किसी अनुतोष के लिए दावा किया जाता है तब तक किसी न्यायालय में उसके पद की अवधि के दौरान उसके द्वारा अपनी व्यक्तिगत हैसियत में चाहे अपना ऐसा पद ग्रहण करने के पूर्व या पश्चात किए गए या किए जाने के लिए अभिप्रेत किसी कार्य के लिए दायर नहीं किया जाएगा जब तक की -
(a) उसे दावेदार के द्वारा 2 महीने की मियादी नोटिस नहीं दी जाएगी.
(b) नोटिस की ऐसी मियादी खत्म नहीं हो जाती है एवं
(c) ऐसी नोटिस में निम्नलिखित बातों का वर्णन नहीं किया जाएगा
( 1) कारवाही की प्रकृति
( 2) उसके वाद हेतु
( 3) दावेदारों का नाम विवरण एवं निवास स्थान
( 4) अनुतोष जिसके लिए वह दावा करता है
( 5) सूचना प्रकट नहीं करने का विशेषाधिकार: - प्रेसिडेंट तथा गवर्नर को लोक अधिकारी माना गया है परंतु उन्हें अपने संप्रभु कृत्यों से संबंधित सूचनाएं प्रकट नहीं करने की छूट अर्थात विशेष विशेष अधिकार दिया गया है.
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