🧾 सबसे पहले — ब्लॉग की ड्राफ्टिंग (Outline) आपका ब्लॉग “ सिंधु घाटी सभ्यता (Indus Valley Civilization) ” पर होगा, और इसे SEO और शैक्षणिक दोनों दृष्टि से इस तरह ड्राफ्ट किया गया है ।👇 🔹 ब्लॉग का संपूर्ण ढांचा परिचय (Introduction) सिंधु घाटी सभ्यता का उद्भव और समयकाल विकास के चरण (Pre, Early, Mature, Late Harappan) मुख्य स्थल एवं खोजें (Important Sites and Excavations) नगर योजना और वास्तुकला (Town Planning & Architecture) आर्थिक जीवन, कृषि एवं व्यापार (Economy, Agriculture & Trade) कला, उद्योग एवं हस्तकला (Art, Craft & Industry) धर्म, सामाजिक जीवन और संस्कृति (Religion & Social Life) लिपि एवं भाषा (Script & Language) सभ्यता के पतन के कारण (Causes of Decline) सिंधु सभ्यता और अन्य सभ्यताओं की तुलना (Comparative Study) महत्वपूर्ण पुरातात्त्विक खोजें और केस स्टडी (Key Archaeological Cases) भारत में आधुनिक शहरी योजना पर प्रभाव (Legacy & Modern Relevance) निष्कर्ष (Conclusion) FAQ / सामान्य प्रश्न 🏛️ अब ...
- अफ्रीका के जायरे देश (वर्तमान नाम डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो) पर वर्षों से बेल्जियम का शासन रहा है इसे वर्ष 1960 में स्वतंत्रता मिली.
- क्षेत्रफल की दृष्टि से यह भारत का तीन चौथाई भाग के बराबर है.
इसकी राजधानी किंशासा है.
- भूमि और जलवायु: -
- जायरे का अधिकतर भाग जायरे नदी की द्रोणी में पड़ता है इसी नदी के नाम पर इस देश का नाम जायरे पडा यह नदी संसार की सबसे बड़ी नदियों में से एक है परंतु इसका कुछ ही भाग नावों के चलने के लिए उपयुक्त है क्योंकि इस के मार्ग में अनेक जलप्रपात पडते हैं।
- जायरे विषुवतीय प्रदेश में स्थित होने के कारण यहां वर्ष भर ऊंचा तापमान रहता है और भारी वर्षा भी होती है जिससे यहां पेड़ पौधे शीघ्रता से बढ़ते हैं परिणाम स्वरूप यह देश उष्णकटिबंधीय वर्षा वाले वनों से ढका है ये वन सदाबहार है क्योंकि इन वनों के सभी पौधे अपनी पत्तियां एक साथ नहीं गिराते हैं।
- इन वनों में वृक्ष बहुत ऊंचे होते हैं क्योंकि वह सूर्य का प्रकाश प्राप्त करने के लिए एक दूसरे से ऊपर निकलने की होड़ लगाए रहते हैं इनमें से कई वृक्ष पर 40 मीटर या उससे भी ऊंचे होते हैं इन वनों में एक छोटे से क्षेत्र में कई तरह के वृक्ष एक साथ पाए जाते हैं जो वृक्षों के नीचे छोटे-छोटे पेड़ उगते हैं और इन छोटे पेड़ों के नीचे तरह-तरह की झाड़ियां लगता है और चटाई की तरह बिजी हरी घास होती है इन सब कारणों से वनों से गुजर ना बहुत कठिन कार्य होता है केवल नदियों के मार्ग से जाया जा सकता है यह वन इतने सघन है कि सूर्य की किरणें धरातल पर मुश्किल से ही पहुंच पाती है इसलिए इन वनों में अंधेरा छाया रहता है।
- उष्णकटिबंधीय वर्षा वाले वनों के दोनों और सवाना वाली घास की भूमिया विस्तृत है।
- साधन और उनका उपयोग: -
- जायरे अनेक प्राकृतिक साधनों जैसे वन वन्य प्राणी मिट्टी खनिज और जल शक्ति से संपन्न देश है.
- यहां के लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि , खानों से खनिज निकालना है.
वन: - देश का बहुत बड़ा भाग उष्णकटिबंधीय वर्षा वनों से ढका होने के कारण इन वनों में कठोर लकड़ी के संसार के सबसे बड़े भंडार है परंतु इनका उपयोग अभी सीमित है.
वन्य प्राणी: - इस देश में वन्य प्राणियों की इतनी विविधता है जिसके कारण इसे विशाल चिड़िया घर कहा जाता है जा रे के बने और दलदल में सांप अजगर बंदर हाथी दरिया घोड़ा इसके अतिरिक्त तरह-तरह के पश्चिमी इन वनों में रहते हैं.
मिट्टी और फसलें: -
जायरे एक निम्न भूमि प्रदेश है जहां की कुल भूमि के केवल पाचवे हिस्से में ही खेती होती है इसका मुख्य कारण वनों का विस्तार है चावल मक्का कैसाबा और ज्वार इस देश के मुख्य खाद्य फैसले हैं जबकि रबड कहवा कपास और तेलताड जैसी नगदी फसलें निर्यात के लिए पैदा की जाती है ऊचे भू भागो विशेष रूप से सवाना प्रदेशों में पशु पाले जाते हैं.
खनिज तथा उधोग : - जायरे में तांबा हीरा कोबाल्ट टिन जस्ता नहीं मैग्जीन यूरेनियम के विशाल भंडार है ये खनिज मुख्यता कंटगा के शाबा प्रांत में मिलते हैं यह देश संसार के तांबा और औद्योगिक हीरे के बड़े उत्पादक देशों में से एक है।
जल विद्युत: - जायरे में नदियों पर अनेक बांध और जल विद्युत उत्पादन केंद्र होने के कारण वह अपने पड़ोसी देशों जैसे कांगो और बुरुण्डी मुख्य रूप से जल विद्युत का कुछ भाग देता है भविष्य में जायरे में जल विद्युत के विकास की बहुत बड़ी सम्भावनाएं है।
जनसंख्या : - यहां के निवासी मुख्य रूप से अस्वेत हैं जो कई जनजातियों के हैं कुल जनसंख्या के लगभग दो तिहाई लोग बंतु भाषा बोलने वाले अश्वेत हैं जायरे के अधिकतर लोग गांव में रहते हैं परंतु अब शहरों में रहने वाले लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।
- प्रमुख नगर जायरे के प्रमुख नगर किशासा ( राजधानी एवं सबसे बड़ा नगर)लुबुबाशी (एलिजाबेथविले) और किशनगनी आदि।
- बंदरगाह जायरे नदी पर स्थित मताडी देश का प्रमुख बंदरगाह है।
Comments