Skip to main content

इजरायल ईरान war और भारत ।

इजराइल ने बीते दिन ईरान पर 200 इजरायली फाइटर जेट्स से ईरान के 4 न्यूक्लियर और 2 मिलिट्री ठिकानों पर हमला किये। जिनमें करीब 100 से ज्यादा की मारे जाने की खबरे आ रही है। जिनमें ईरान के 6 परमाणु वैज्ञानिक और टॉप 4  मिलिट्री कमांडर समेत 20 सैन्य अफसर हैं।                    इजराइल और ईरान के बीच दशकों से चले आ रहे तनाव ने सैन्य टकराव का रूप ले लिया है - जैसे कि इजरायल ने सीधे ईरान पर हमला कर दिया है तो इसके परिणाम न केवल पश्चिम एशिया बल्कि पूरी दुनिया पर व्यापक असर डाल सकते हैं। यह हमला क्षेत्रीय संघर्ष को अंतरराष्ट्रीय संकट में बदल सकता है। इस post में हम जानेगे  कि इस तरह के हमले से वैश्विक राजनीति, अर्थव्यवस्था, कूटनीति, सुरक्षा और अंतराष्ट्रीय संगठनों पर क्या प्रभाव पडेगा और दुनिया का झुकाव किस ओर हो सकता है।  [1. ]अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति पर प्रभाव:   सैन्य गुटों का पुनर्गठन : इजराइल द्वारा ईरान पर हमले के कारण वैश्विक स्तर पर गुटबंदी तेज हो गयी है। अमेरिका, यूरोपीय देश और कुछ अरब राष्ट्र जैसे सऊदी अरब इजर...

Democratic Republic of the Congoकांगो लोकतांत्रिक गणराज्य ( जायरे )

  • अफ्रीका के जायरे देश (वर्तमान नाम डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो) पर वर्षों से बेल्जियम का शासन रहा है इसे वर्ष 1960 में स्वतंत्रता मिली.


  •         क्षेत्रफल की दृष्टि से यह भारत का तीन चौथाई भाग के बराबर है.

इसकी राजधानी किंशासा है.

  • भूमि और जलवायु: -

  • जायरे का अधिकतर भाग जायरे नदी की द्रोणी में पड़ता है इसी नदी के नाम पर इस देश का नाम जायरे पडा  यह नदी संसार की सबसे बड़ी नदियों में से एक है परंतु इसका कुछ ही भाग नावों के चलने के लिए उपयुक्त है क्योंकि इस के मार्ग में अनेक जलप्रपात पडते हैं।

  • जायरे विषुवतीय प्रदेश में स्थित होने के कारण यहां वर्ष भर ऊंचा तापमान रहता है और भारी वर्षा भी होती है जिससे यहां पेड़ पौधे शीघ्रता से बढ़ते हैं परिणाम स्वरूप यह देश उष्णकटिबंधीय वर्षा वाले वनों से ढका है ये वन सदाबहार है क्योंकि इन वनों के सभी पौधे अपनी पत्तियां एक साथ नहीं गिराते हैं।
  • इन वनों में वृक्ष बहुत ऊंचे होते हैं क्योंकि वह सूर्य का प्रकाश प्राप्त करने के लिए एक दूसरे से ऊपर निकलने की होड़ लगाए रहते हैं इनमें से कई वृक्ष पर  40 मीटर या उससे भी ऊंचे होते हैं इन वनों में एक छोटे से क्षेत्र में कई तरह के वृक्ष एक साथ पाए जाते हैं जो वृक्षों के नीचे छोटे-छोटे पेड़ उगते हैं और इन छोटे पेड़ों के नीचे तरह-तरह की झाड़ियां लगता है और चटाई की तरह बिजी हरी घास होती है इन सब कारणों से वनों से गुजर ना बहुत कठिन कार्य होता है केवल नदियों के मार्ग से जाया जा सकता है यह वन  इतने  सघन है कि सूर्य की किरणें धरातल पर मुश्किल से ही पहुंच पाती है इसलिए इन वनों में अंधेरा छाया रहता है।

  • उष्णकटिबंधीय वर्षा वाले वनों के दोनों और सवाना वाली  घास की भूमिया विस्तृत है।

  • साधन और उनका उपयोग: -

  • जायरे अनेक प्राकृतिक साधनों जैसे वन वन्य प्राणी मिट्टी खनिज और जल शक्ति से संपन्न देश है.

  • यहां के लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि , खानों से खनिज निकालना है.

वन: - देश का बहुत बड़ा भाग उष्णकटिबंधीय वर्षा वनों से ढका होने के कारण इन वनों में कठोर लकड़ी के संसार के सबसे बड़े भंडार है परंतु इनका उपयोग अभी सीमित है.

वन्य प्राणी: - इस देश में वन्य प्राणियों की इतनी विविधता है जिसके कारण इसे विशाल चिड़िया घर कहा जाता है जा रे के बने और दलदल में सांप अजगर बंदर हाथी दरिया घोड़ा इसके अतिरिक्त तरह-तरह के पश्चिमी इन वनों में रहते हैं.

मिट्टी और फसलें: -

जायरे एक निम्न भूमि प्रदेश है जहां की कुल भूमि के केवल पाचवे हिस्से में ही खेती होती है इसका मुख्य कारण वनों का विस्तार है चावल मक्का कैसाबा और ज्वार इस देश के मुख्य खाद्य फैसले हैं जबकि रबड कहवा कपास और तेलताड जैसी  नगदी फसलें निर्यात के लिए पैदा की जाती है ऊचे भू भागो विशेष रूप से सवाना प्रदेशों  में पशु पाले जाते हैं.



खनिज तथा उधोग : - जायरे में तांबा हीरा कोबाल्ट टिन  जस्ता नहीं मैग्जीन  यूरेनियम के विशाल भंडार है ये खनिज  मुख्यता कंटगा के शाबा प्रांत में मिलते हैं यह देश संसार के तांबा और औद्योगिक हीरे के बड़े उत्पादक देशों में से एक है।

जल विद्युत: - जायरे में नदियों पर अनेक बांध और जल विद्युत उत्पादन केंद्र होने के कारण वह अपने पड़ोसी देशों जैसे कांगो और बुरुण्डी मुख्य रूप से जल विद्युत का कुछ भाग देता है भविष्य में जायरे में जल विद्युत के विकास की बहुत बड़ी सम्भावनाएं है।

जनसंख्या : - यहां के निवासी मुख्य रूप से अस्वेत हैं जो कई जनजातियों के हैं कुल जनसंख्या के लगभग दो तिहाई लोग बंतु भाषा बोलने वाले अश्वेत हैं जायरे के अधिकतर लोग गांव में रहते हैं परंतु अब शहरों में रहने वाले लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।

  • प्रमुख नगर जायरे के प्रमुख नगर किशासा ( राजधानी एवं सबसे बड़ा नगर)लुबुबाशी (एलिजाबेथविले) और किशनगनी आदि।

  • बंदरगाह  जायरे नदी पर स्थित मताडी देश का प्रमुख बंदरगाह है।

Comments

Popular posts from this blog

पर्यावरण का क्या अर्थ है ?इसकी विशेषताएं बताइए।

पर्यावरण की कल्पना भारतीय संस्कृति में सदैव प्रकृति से की गई है। पर्यावरण में सभी भौतिक तत्व एवं जीव सम्मिलित होते हैं जो प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से उसकी जीवन क्रियाओं को प्रभावित करते हैं। भारत में पर्यावरण परिवेश या उन स्थितियों का द्योतन करता है जिसमें व्यक्ति या वस्तु अस्तित्व में रहते हैं और अपने स्वरूप का विकास करते हैं। पर्यावरण में भौतिक पर्यावरण और जौव पर्यावरण शामिल है। भौतिक पर्यावरण में स्थल, जल और वायु जैसे तत्व शामिल हैं जबकि जैव पर्यावरण में पेड़ पौधों और छोटे बड़े सभी जीव जंतु सम्मिलित हैं। भौतिक और जैव पर्यावरण एक दूसरों को प्रभावित करते हैं। भौतिक पर्यावरण में कोई परिवर्तन जैव पर्यावरण में भी परिवर्तन कर देता है।           पर्यावरण में सभी भौतिक तत्व एवं जीव सम्मिलित होते हैं जो प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से उसकी जीवन क्रियाओं को प्रभावित करते हैं। वातावरण केवल वायुमंडल से संबंधित तत्वों का समूह होने के कारण पर्यावरण का ही अंग है। पर्यावरण में अनेक जैविक व अजैविक कारक पाए जाते हैं। जिनका परस्पर गहरा संबंध होता है। प्रत्येक  जीव को जीवन के लिए...

सौरमंडल क्या होता है ?पृथ्वी का सौरमंडल से क्या सम्बन्ध है ? Saur Mandal mein kitne Grah Hote Hain aur Hamari Prithvi ka kya sthan?

  खगोलीय पिंड     सूर्य चंद्रमा और रात के समय आकाश में जगमगाते लाखों पिंड खगोलीय पिंड कहलाते हैं इन्हें आकाशीय पिंड भी कहा जाता है हमारी पृथ्वी भी एक खगोलीय पिंड है. सभी खगोलीय पिंडों को दो वर्गों में बांटा गया है जो कि निम्नलिखित हैं - ( 1) तारे:              जिन खगोलीय पिंडों में अपनी उष्मा और प्रकाश होता है वे तारे कहलाते हैं .पिन्ड गैसों से बने होते हैं और आकार में बहुत बड़े और गर्म होते हैं इनमें बहुत अधिक मात्रा में ऊष्मा और प्रकाश का विकिरण भी होता है अत्यंत दूर होने के कारण ही यह पिंड हमें बहुत छोटे दिखाई पड़ते आता है यह हमें बड़ा चमकीला दिखाई देता है। ( 2) ग्रह:             जिन खगोलीय पिंडों में अपनी उष्मा और अपना प्रकाश नहीं होता है वह ग्रह कहलाते हैं ग्रह केवल सूरज जैसे तारों से प्रकाश को परावर्तित करते हैं ग्रह के लिए अंग्रेजी में प्लेनेट शब्द का प्रयोग किया गया है जिसका अर्थ होता है घूमने वाला हमारी पृथ्वी भी एक ग्रह है जो सूर्य से उष्मा और प्रकाश लेती है ग्रहों की कुल संख्या नाम है।...

भारतीय संविधान का स्वरूप संघात्मक है किंतु उसका सार एकात्मक है . इस कथन पर टिप्पणी कीजिए? (the Indian constitutional is Federal in form but unitary is substance comments

संविधान को प्राया दो भागों में विभक्त किया गया है. परिसंघात्मक तथा एकात्मक. एकात्मक संविधान व संविधान है जिसके अंतर्गत सारी शक्तियां एक ही सरकार में निहित होती है जो कि प्राया केंद्रीय सरकार होती है जोकि प्रांतों को केंद्रीय सरकार के अधीन रहना पड़ता है. इसके विपरीत परिसंघात्मक संविधान वह संविधान है जिसमें शक्तियों का केंद्र एवं राज्यों के बीच विभाजन रहता और सरकारें अपने-अपने क्षेत्रों में स्वतंत्र रूप से कार्य करती हैं भारतीय संविधान की प्रकृति क्या है यह संविधान विशेषज्ञों के बीच विवाद का विषय रहा है. कुछ विद्वानों का मत है कि भारतीय संविधान एकात्मक है केवल उसमें कुछ परिसंघीय लक्षण विद्यमान है। प्रोफेसर हियर के अनुसार भारत प्रबल केंद्रीय करण प्रवृत्ति युक्त परिषदीय है कोई संविधान परिसंघात्मक है या नहीं इसके लिए हमें यह जानना जरूरी है कि उस के आवश्यक तत्व क्या है? जिस संविधान में उक्त तत्व मौजूद होते हैं उसे परिसंघात्मक संविधान कहते हैं. परिसंघात्मक संविधान के आवश्यक तत्व ( essential characteristic of Federal constitution): - संघात्मक संविधान के आवश्यक तत्व इस प्रकार हैं...