Drafting और Structuring the Blog Post Title: "असुरक्षित ऋण: भारतीय बैंकिंग क्षेत्र और अर्थव्यवस्था पर प्रभाव, और RBI की भूमिका" Structure: परिचय असुरक्षित ऋण का मतलब और यह क्यों महत्वपूर्ण है। भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में असुरक्षित ऋणों का वर्तमान परिदृश्य। असुरक्षित ऋणों के बढ़ने के कारण आसान कर्ज नीति। उधारकर्ताओं की क्रेडिट प्रोफाइल का सही मूल्यांकन न होना। आर्थिक मंदी और बाहरी कारक। बैंकिंग क्षेत्र पर प्रभाव वित्तीय स्थिरता को खतरा। बैंकों की लाभप्रदता में गिरावट। अन्य उधारकर्ताओं को कर्ज मिलने में कठिनाई। व्यापक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव आर्थिक विकास में बाधा। निवेश में कमी। रोजगार और व्यापार पर नकारात्मक प्रभाव। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की भूमिका और समाधान सख्त नियामक नीतियां। उधार देने के मानकों को सुधारना। डूबत ऋण प्रबंधन (NPA) के लिए विशेष उपाय। डिजिटल और तकनीकी साधनों का उपयोग। उदाहरण और केस स्टडी भारतीय बैंकिंग संकट 2015-2020। YES बैंक और IL&FS के मामले। निष्कर्ष पाठकों के लिए सुझाव और RBI की जिम्मेदारी। B...
( 1): - संविधान सभा के गठन के संबंध में कैबिनेट मिशन में वयस्क मताधिकार पर आधारित निर्वाचन से इनकार कर दिया क्योंकि इसमें अत्यंत विलंब होता.
- यह व्यवस्था की गई कि संविधान निर्मात्री सभा का गठन अप्रत्यक्ष निर्वाचन द्वारा किया जाएगा इसलिए प्रत्येक प्रांत के लिए जनसंख्या के अनुपात में कुछ सीटें आवंटित की गई यह समानता 1000000 की जनसंख्या पर एक सीट थी.
संविधान सभा के लिए उसके स्थानों हेतु हुए चुनावों में कांग्रेस को ब्रिटिश भारत के 214 सामान्य स्थानों में से 205 स्थानों पर जीत हासिल हुई.
- संविधान सभा के चुनाव के आधार पर 9 दिसंबर 1946 को संविधान सभा की पहली बैठक हुई.
- मुसलमानों को 1909 के मार्ले मिंटो सुधार हो द्वारा पहले ही पृथक निर्वाचन मंडल की सुविधा दी जा चुकी थी.
- इसके तहत केंद्र में द्विसदनीय व्यवस्था स्थापित की गई एक सदन को राज्य परिषद तथा दूसरे को केंद्रीय विधानसभा कहा गया.
- इसके द्वारा पंजाब में सिखों को कुछ प्रांतों में यूरोपियन एल्गो इंडियंस तथा भारतीय साइयों को पृथक प्रतिनिधित्व दिया गया।
(2) भारतीय संविधान का एक बड़ा हिस्सा भारत शासन अधिनियम 1935 से संबंधित है. इस अधिनियम में केंद्र व राज्यों के मध्य शक्तियों के विभाजन संबंधी उपबंध किए गए हैं.
- 1935 के भारत शासन अधिनियम के प्रमुख प्रावधान:
- (a) भारत शासन अधिनियम 1935 की सबसे बड़ी विशेषता ब्रिटिश प्रांतों तथा संघ में शामिल होने के लिए तैयार भारतीय रियासतों की एक अखिल भारतीय फेडरेशन की व्यवस्था करना था.
- (b) क्योंकि अपेक्षित संख्या में रियासतें इसमें शामिल नहीं हुई परिणाम स्वरूप अखिल भारतीय संघ कभी भी अस्तित्व में नहीं आ सका.
- (c)1919 के अधिनियम के द्वारा प्रारंभ किए गए प्रांतीय द्वैध शासन को समाप्त कर दिया गया तथा केंद्र में द्वैध शासन प्रणाली लागू करने का प्रावधान किया गया किंतु संघ के अस्तित्व में ना होने के कारण यह व्यवस्था लागू नहीं हो सकी.
- (d) भारत शासन अधिनियम1858 के द्वारा स्थापित भारत परिषद को समाप्त कर दिया गया.
- (e) इस अधिनियम के द्वारा सांप्रदायिक निर्वाचन पद्धति में विस्तार किया गया इसके द्वारा दलित जातियों महिलाओं और मजदूर वर्ग के लिए अलग से निर्वाचन की व्यवस्था की गई साथ ही इस अधिनियम के तहत बर्मा( वर्तमान में म्यामांर ) को भारत से अलग कर दिया गया और उड़ीसा( बिहार से अलग करके) तथा सिंध( मुंबई से अलग करके) के नए प्रांतों का निर्माण किया गया.
भारत शासन अधिनियम1935 के तहत केंद्र और संबंधित इकाइयों की शक्तियों के बंटवारे के लिए )तीन सूचियों( संघ सूची(59 विषय)) प्रांत सूची(54 विषय) तथा समवर्ती सूची(36 विषय )का प्रावधान किया गया.
इस अधिनियम के तहत 1937 में संघीय न्यायालय की स्थापना हुई.
- (3) औरंग पर्शियन भाषा का एक शब्द है. संबंधित 17 वी सदी में यूरोपीय कंपनियों के ऐसे गोदामों से था जहां माल बेचने से पहले इकट्ठा किया जाता था यह सामान्यतः उन क्षेत्रों में स्थापित होते थे जहां कारीगरों की सघनता होती थी।
- बेनियान बनिया// वनिया शब्द या संस्कृत के वनिज से लिया गया है जिसका अर्थ व्यापारी होता है इस शब्द का व्यापक रूप से प्रयोग भारत में व्यापारिक जातियों के सदस्यों की पहचान करने के लिए किया जाता है बनिया मूल रूप से बनकर साहूकार व्यापारी और दुकानदार थे किंतु भारत में यूरोपीय कंपनियों के आगमन से इनकी भूमिका भी परिवर्तित हो गई यह अब यूरोपीय लोगों के सहयोग से काम करने वाले उनके सांस्कृतिक सलाहकार और मार्गदर्शक बन गए और उनके लिए वस्तुओं की खरीद आवश्यक पूंजी की व्यवस्था करने तथा बाजार तक उनकी पहुंच को आसान बनाना उनका मुख्य पेशा बन गया.
- मिरासिदार मध्य काल में दक्कन के ग्राम समुदाय जिसे पंढारी भी कहते हैं कि 3 वर्गों में एक था ये भू स्वामियों का ऐसा वर्ग था जिनका उनकी भूमि पर वंशानुगत अधिकार होता था और वे राज्य के नियमित भू राजस्व अदा करते थे।
- (4) सर तेज बहादुर सप्रू अखिल भारतीय उदारवादी संघ से संबंधित थे वहीं के सी नियोगी संविधान सभा के सदस्य (बंगाल से) के साथ-साथ वर्ष 1951 मे गठित पहले वित्त आयोग के अध्यक्ष थे. पीसी जोशी वर्ष 1935 में भारतीय साम्यवादी दल के महासचिव बने.
- ( 5) 1813 के चार्टर एक्ट द्वारा पहली बार ब्रिटिश शासन द्वारा संस्थागत शिक्षा की पहल की गई लेकिन इस चार्टर में शिक्षा के उद्देश्यों एवं प्रसार के माध्यमों को लेकर किसी भी तरह की स्पष्टता का अभाव था इसी के परिणाम स्वरुप शिक्षा का माध्यम अंग्रेजी या देसी होने संबंधी विवाद भी न्यू पड़ी.
- इसके पश्चात 1823 मे गवर्नर जनरल इन काउंसिल द्वारा जनरल कमिटी आफ पब्लिक इंस्ट्रक्शन गठित की गई इस कमेटी को 1813 के चार्टर एक्ट के अंतर्गत शिक्षा के लिए अनुमोदित ₹100000 के आवंटन के तरीके को निर्धारित करने का दायित्व दिया गया लेकिन शिक्षा के माध्यम को लेकर 1813 में जो विवाद शुरू हुआ था यह कमेटी भी उसका समाधान निकालने में असफल रही।विवाद के दौरान 10 सदस्यों वाली जनरल कमेटी और पब्लिक इंस्ट्रक्शन पांच पांच सदस्यों के दो गुटों में विभाजित हो गई इसी विभाजन को प्राच्यविद बनाम आंग्लविद विवाद के रूप में भी देखा जा सकता है यह विवाद 1835 तक चला अंततः लॉर्ड विलियम बेंटिक द्वारा मैकाले के प्रसिद्ध मैकाले मिनट ऑफ एजुकेशन को संस्तुति प्रदान करने से अंग्रेजी शिक्षा को अधिकृत रूप से मान्यता मिली।
(5)
- (1) दीनबंधु मित्र ने नील दर्पण का लेखन: - 1858 - 59
- (2) सत्येंद्र नाथ टैगोर इंडियन सिविल सर्विस परीक्षा में सफलता पाने वाले प्रथम भारतीय बने - (1863)
- (3) स्वामी दयानंद ने आर्य समाज की स्थापना की
(1875)
(4) बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय ने आनंदमठ का लेखन किया
(1882)
(6)बनारस का संस्कृत कॉलेज जॉनाथन ढक्कन के प्रस्ताव पर 1791 को स्थापित किया गया.
- कोलकाता मदरसा गवर्नर जनरल वारेन हेस्टिंग द्वारा 1781 में स्थापित किया गया.
- फोर्ट विलियम कॉलेज लार्ड वेलेजली द्वारा 1800 में स्थापित किया गया.
- ( 7) 18 वीं शताब्दी के मध्य इन इंग्लिश ईस्ट इंडिया कंपनी के द्वारा बंगाल से निर्वाचित प्रमुख पण्प पदार्थों (स्टेपल कमोडिटीज )मे कपास रेशम शोरा नील और अफीम शामिल है।
- (8)
सहायक संधि एक प्रकार की मैत्री संधि थी जिसका प्रयोग 1798 - 1805 भारत में देसी राज्यों के संबंध में किया गया था.
इस संधि के प्रयोग से भारत में अंग्रेजी सत्ता की श्रेष्ठा स्थापित हो गई तथा नेपोलियन का भय भी टल गया इसमें तय हुआ कि बड़े राज्य अपने यहां अंग्रेजी सेना रखेंगे जिसकी कमान अंग्रेज अधिकारियों के हाथ में होगी यद्यपि यह राज्य उस सेना का खर्च उठाएंगे.
कंपनी के लिए एक नियत आएगा प्रबंध करना इसका उद्देश्य नहीं था क्योंकि यह मुख्यता साम्राज्य विस्तार पर केंद्रित थी .
( 9) 1854 में लॉर्ड डलहौजी के शासनकाल में वुड घोषणा पत्र आया. जिसने देश की शिक्षा व्यवस्था को व्यवस्थित करने का कार्य किया है इसे भारतीय शिक्षा का मैग्नाकार्टा कहा जाता है. वुड डिस्पैच में शिक्षा क्षेत्र में निजी प्रयासों को प्रोत्साहित करने के लिए अनुदान सहायता पद्धति की सिफारिश की गई. वुड डिस्पैच में लंदन विश्वविद्यालय की तर्ज पर भारत में आधुनिक विश्वविद्यालय की स्थापना का सुझाव दिया गया इसमें उच्च शिक्षा का माध्यम अंग्रेजी तथा स्कूल स्तर की शिक्षा का माध्यम देशी भाषाओं को बनाए रखने का सुझाव दिया गया.
( 10): - लाला लाजपत राय भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष के प्रमुख नेताओं में से एक थे वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के गरम दल के नेता थे उन्होंने प्रथम विश्व युद्ध के आसपास अमेरिका की यात्रा की थी उन्होंने अनहैप्पी इंडिया इंग्लैंड टू इंडिया और यंग इंडिया जैसी प्रसिद्ध पुस्तकों का लेखन किया इसके अतिरिक्त उन्होंने मैजिनी गैरीबाल्डी शिवाजी दयानंद और श्रीकृष्ण की जीवनी भी लिखी.
( 11):: राधाकांत देव ब्रिटिश इंडिया एसोसिएशन के प्रथम अध्यक्ष थे ब्रिटिश इंडिया एसोसिएशन की स्थापना 31 अक्टूबर 1851 को हुई.
गजुलू लक्ष्मीनरसु चेट्टी इन्होंने मद्रास नेटिव एसोसिएशन की स्थापना 1849 मैं की थी. मद्रास महाजन सभा की स्थापना अट्ठारह सौ चौरासी को एमबी राघवाचार्य सुब्रमण्यम अय्यर तथा आनंद चालू द्वारा की गई.
सुरेंद्रनाथ बनर्जी इंडियन एसोसिएशन की स्थापना 1876 में सुरेंद्र नाथ बैनर्जी तथा आनंद मोहन बोस ने की थी.
( 12) 1887 को कांग्रेस के मद्रास अधिवेशन के अध्यक्ष बदरुद्दीन तैयब जी थे जो कांग्रेस के प्रथम मुस्लिम अध्यक्ष ने कांग्रेस की प्रथम महिला अध्यक्ष एनी बेसेंट वर्ष 1917 में कोलकाता अधिवेशन में चुनी गई थी. श्री नायडू वर्ष 1925 ईस्वी में कांग्रेस के कानपुर अधिवेशन के अध्यक्ष बनी यह अध्यक्ष चुनी जाने वाली प्रथम भारतीय महिला थी सरोजिनी नायडू की प्रसिद्ध कवित्री व महान राष्ट्र राष्ट्रीय नेत्री थी । इनका प्रथम कविता संग्रह द गोल्डन थ्रेसोल्ड1905 ईसवी में प्रकाशित हुआ जिस पर लंदन टाइम्स में प्रशंसा युक्त समीक्षाएं लिखी गई उन्होंने गांधीजी के सभी आंदोलनों का सक्रिय रुप से समर्थन किया भारत की स्वतंत्रता के बाद वे उत्तर प्रदेश की पहली राज्यपाल बने बदरुद्दीन तैयब जी अपने समय के प्रसिद्ध वकील न्यायाधीश और कांग्रेस के नेता थे जिन्होंने फिरोजशाह मेहता और केटी तैलंग के साथ मिलकर 1885 में मुंबई प्रेसीडेंसी एसोसिएशन की स्थापना की.
(13) भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस अपने कार्यक्रम में सामाजिक सुधारों को नहीं रखना चाहती थी इसलिए प्रस्तुत उद्देश्य के लिए उसने अलग से संगठन बनाने का सुझाव दिया.1885 ईस्वी में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना हुई स्थापना के समय यह राष्ट्रीय व सामाजिक मुद्दों से जुड़ी हुई थी इसलिए इस सम्मेलन में महादेव गोविंद रानाडे हुआ और आर रघुनाथ राव ने सामाजिक सुधार के मुद्दों पर कांग्रेस को संबोधित किया परंतु कांग्रेस के दूसरे अधिवेशन के दौरान यह महसूस किया गया कि राष्ट्रीय कांग्रेस का मंच केवल राजनैतिक संघर्षों हेतु ही प्रयोग किया जाए सामाजिक मुद्दों हेतु एक अलग से आंदोलन चलाया जाए इसी संदर्भ में राष्ट्रीय सामाजिक सम्मेलन का गठन किया गया इसकी स्थापना रानाडे व राव द्वारा की गई।
(14) पीजेंट्स एंड वर्कर्स पार्टी ऑफ इंडिया की स्थापना1947 मे राष्ट्र में की गई अंबेडकर ने इसकी स्थापना नहीं की जयंत प्रभाकर इसके प्रथम अध्यक्ष थे।
अंबेडकर नेद ऑल इंडिया डिस्प्रेड क्लास फेडरेशन की स्थापना की।
1924 मे अंबेडकर ने मुंबई में बहिष्कृत हितकारिणी सभा की स्थापना की 1927 में उन्होंने मराठी में बहिष्कृत भारत नामक पत्रिका का प्रकाशन किया।
हिंदुओं और अछूतों में सामाजिक समानता के सिद्धांत के प्रचार के लिए समाज समता संघ स्थापित किया मजदूर वर्ग के हितों की रक्षा के लिए इंडिपेंडेंट लेबर पार्टी का गठन किया।
1942 में उन्होंने ऑल इंडिया शेड्यूल्ड कास्ट फेडरेशनकी स्थापना की अंततोगत्वा उन्होंने हिंदू धर्म के परित्याग की घोषणा की और बौद्ध धर्म ग्रहण कर लिया।
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