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UPSC परीक्षा में मोहनजोदड़ो के विशाल स्नानागार के बारे में परिचर्चा करो?

सिविल सेवा परीक्षा में भारतीय कला एवं संस्कृति एक महत्त्वपूर्ण विषय है। इसमें भारतीय कला एवं संस्कृति से सम्बन्धित प्रारंभिक परीक्षा तथा मुख्य परीक्षा में यह बहुत ही महत्त्वपूर्ण Topic में रखा गया है। इसमें अगर महत्वपूर्ण Topic की बात की जाये भारतीय वास्तुकला, मूर्तिकला और मृद्भाण्ड, भारतीय चित्रकलायें, भारतीय हस्तशिल्प, भारतीय संगीत से सम्बन्धित संगीत में आधुनिक विकास, जैसे महत्वपूर्ण विन्दुओं को UPSC Exam में पूछे जाते हैं।                      भारतीय कला एवं संस्कृति में भारतीय वास्तुकला को भारत में होने वाले विकास के रूप में देखा जाता है। भारत में होने वाले विकास के काल की यदि चर्चा कि जाये तो हड़प्पा घाटी सभ्यता से आजाद भारत की कहानी बताता है। भारतीय वास्तुकला में राजवंशों के उदय से लेकर उनके पतन, विदेशी शासकों का आक्रमण, विभिन्न संस्कृतियों और शैलियों का संगम आदि भारतीय वास्तुकला को बताते हैं।          भारतीय वास्तुकला में शासकों द्वारा बनवाये गये भवनों की आकृतियाँ [डिजाइन] आकार व विस्तार के...

ब्राजील के बारे में जाने: Know about Brazil

ब्राजील दक्षिण अमेरिका के उत्तरी पूर्वी भाग में स्थित है यह महाद्वीप के लगभग आधे से कुछ ही कम भाग पर फैला है.

क्षेत्रफल की दृष्टि से ब्राजील का संसार के देशों में पांचवा स्थान है आकार की दृष्टि से ब्राजील भारत  से ढाई गुना से भी अधिक बड़ा है.

ब्राजील का अधिकतर भाग विषुवत रेखा के दक्षिण में पड़ता है और यह दो तरफ से अटलांटिक महासागर से घिरा हुआ है..

ब्राजील का नाम जहां पाए जाने वाले रेडवुड वृक्ष ब्रासील के नाम पर पड़ा है लगभग 500 वर्ष पहले जब इस देश की खोज हुई थी तब इस वृक्ष की लकड़ी ब्राजील का महत्वपूर्ण उत्पादन थी।


भूमि और जलवायु

देश का अधिकतर भाग एक विस्तृत पठार है जिसे ब्राजील की उच्च भूमि कहते हैं पठार के पूर्वी तथा दक्षिण पूर्वी भाग अपेक्षाकृत अधिक ऊंचे हैं इस भाग में कई स्थानों पर उच्च भूमि का ढाल तटवर्ती मैदानों की ओर बिल्कुल खड़ा है


देश का उत्तरी भाग समतल मैदान है इसका निर्माण अमेजन और उसकी सहायक नदियों द्वारा हुआ है यह नदियां सैकड़ों वर्षो से चारों ओर के पर्वत और पठार में से भारी मात्रा में काप मिट्टी लाकर जमा करती रही है उसी से यह विस्तृत मैदान बना है।

ब्राजील मुख्यता एक उष्णकटिबंधीय देश है अमेजन नदी की द्रोणी तथा उत्तरी तटीय भागों में विश्व वित्तीय जलवायु पाई जाती है यहाँ  पूरे साल गर्म तथा आद्र  मौसम रहता है और ब्राजील के पठार के अधिकतर भागों में सवाना जलवायु पाई जाती है यहां वर्षा ग्रीष्म ऋतु में होती है सवाना घास क्षेत्र की प्राकृतिक वनस्पति है दक्षिण की ओर बढ़ने पर उरूग्वे की सीमा के साथ शीतोष्ण कटिबंधीय घास भूमिया पाई जाती है।


साधन और उनका उपयोग: -

वन
ब्राजील के वन संसार के सबसे उत्तम वनों में से एक है इनसे अनेक लाभदायक उत्पाद मिलते हैं जैसे इमारती लकड़ी गोंद राल मोम तेल सेलुलोस रेशे तथा गिरीदार फल आदि इन वनों के मुख्य उत्पाद हैं।

बाल्सा वृक्ष की लकड़ी बहुत ही हल्की होने के कारण इसका उपयोग जीवन रक्षक नौकाएं बनाने तथा कार्क के स्थान पर किया जाता है । पराना चीड़ की मांग  मकान बनाने के लिए बहुत अधिक है।


सिनकोनो वृक्ष की छाल से कुनैन तैयार किया जाता है जो मलेरिया बुखार की अचूक दवा है कार्बोना ताड वृक्ष से मोम प्राप्त होता है यह मोम कार्बोना की पत्तियों पर मिलता है।


ब्राजील रबर के पेड़ का मूल स्थान है रबड़ के पेड़ सबसे पहले अमेजन के वृक्षों में जंगली रूप में पाए गए थे यहीं से रबड़ का पौधा एशिया और अफ्रीका के देशों में ले जाया गया था.


अमेजन नदी की द्रोणी में रबड़ सबसे ज्यादा उत्पादित होता था परंतु अब यहां रबड़  का उत्पादन बहुत कम है.

पशुपालन: -

घास भूमि तथा स्थाई चारागाह ब्राजील के लगभग 8 वें भाग पर फैला हुआ है अतः पशुपालन यहां का प्रमुख व्यवसाय है यहां मुख्य रूप से गाय बैल सूअर भेड़ बकरियां और घोड़े पाले जाते हैं इनमे गाय एवं बैलो की संख्या सर्वाधिक है इन पशुओं को प्रमुख रूप से मास ऊन और खाल प्राप्त करने के लिए पाला जाता है।

फसलें: -

ब्राजील एक कृषि प्रधान देश है यहां की प्रमुख फसलें मक्का चावल लोबिया कैसावा तथा आलू है जिसका उत्पादन स्थानीय खपत के लिए किया जाता है जबकि कहवा कपास गन्ना को को तथा तम्बाकू यहाँ  की मुख्य नकदी फसलें हैं.


कहवा ब्राजील की सबसे महत्वपूर्ण फसल है अब से लगभग 100 वर्ष पहले पुर्तगाली कहवे के पौधों को ब्राजील लाए थे वर्तमान में ब्राजील संसार में कहवे का सबसे बड़ा उत्पादक तथा निर्यातक देश बना हुआ है ब्राजील में कहवे के वृक्षों का रोपण बड़े-बड़े खेतों में किया जाता है जिसे फजेंडा कहा जाता है अर्थात कहवे  के एक फजेडा का क्षेत्रफल कई वर्ग किलोमीटर होता है.


ब्राजील की दूसरी मुख्य फसल कपास है संसार में कपास के मुख्य उत्पादक देश में ब्राजील का महत्वपूर्ण स्थान है.

ब्राजील के उत्तरी पूर्वी भागों में गन्ने की खेती की जाती है ब्राजील अब चीनी का भी प्रमुख उत्पादक देश है.

ब्राजील में कोको के उत्पादन तथा निर्यात में अफ्रिका के घाना और नाइजीरिया के बाद तीसरा स्थान आता है.

ब्राजील में अनेक प्रकार के फल जैसे केला अनानास संतरा तथा अंगूर का उत्पादन किया जाता है.


खनिज और उद्योग: -

ब्राजील के अधिकतर खनिजों के भंडार मिनास गिराइस राज्य में ब्राजील में उच्च कोटि के लौह अयस्क और अभ्रक के काफी बड़े भंडार है इस देश में मैगनीज और स्फटिक क्रिस्टल की भारी मात्रा में निकाले जाते हैं

ब्राजील लौह अयस्क और मैंगनीज का भी निर्यात करता है.

ब्राजील में अच्छे किस्म के कोयले की बहुत कमी है अतः लोहा और इस्पात उद्योग का विकास ज्यादा नहीं हो पाया है परंतु ब्राजील जल शक्ति के साधनों से खूब संपन्न है इस देश की तीव्र गामी नदियां पूर्व और दक्षिण की ओर बहती है जो पठार के कगारो से उतरते हुए मार्ग में जलप्रपात की श्रंखला बनाती है इस प्रकार ये नदियां बड़े पैमाने पर जल विद्युत उत्पादन में सहायक है।

ब्राजील के अधिकतर उद्योग यहां के कच्चे माल और जल विद्युत की प्रचुर मात्रा पर आधारित है यहां उद्योगों में वस्त्र उद्योग प्रमुख है इस उद्योग में उन और कपास कातना शामिल है साओपोलो रियो डी जनेरियो बेलो हौरिजोटो तथा सैंटोस यहां के प्रमुख औद्योगिक केंद्र है।


ब्राजीलिया ब्राजील की राजधानी है.


जनसंख्या: -

इस देश में अधिकतर लोग अटलांटिक महासागर के तटीय प्रदेशों में रहते हैं अमेजन के निम्न भूमि प्रदेश में जनसंख्या बहुत ही विरल है

व्यापार और यातायात: -

ब्राजील अपनी अर्थव्यवस्था के लिए बहुत हद तक दूसरे देशों के साथ व्यापार करने पर निर्भर है वर्षों तक ब्राजील के निर्यात में कहवे  का प्रमुख स्थान रहा निर्यात में दूसरा स्थान कपास का है इनके अलावा कोको लौह अयस्क  लकड़ी सिसल तथा चीनी का भी निर्यात करता है इसमें मशीन मशीन भी उपकरण तथा अन्य उपस्कर है कोयला पेट्रोलियम रसायन गेहूं और गेहूं का आटा आयात के अन्य सामान है.


ब्राजील की तट रेखा बहुत लंबी है । यहां एक बंदरगाह है यहां के प्रमुख नगर अधिकतर तटों पर ही स्थित है तभी तो केवल देश के दक्षिणी और पूर्वी भागों में सड़कें और रेल मार्ग बनाए गए लेकिन अब देश के आंतरिक भागों में भी सड़कों का निर्माण शुरू हो गए हैं।


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