सिविल सेवा परीक्षा में भारतीय कला एवं संस्कृति एक महत्त्वपूर्ण विषय है। इसमें भारतीय कला एवं संस्कृति से सम्बन्धित प्रारंभिक परीक्षा तथा मुख्य परीक्षा में यह बहुत ही महत्त्वपूर्ण Topic में रखा गया है। इसमें अगर महत्वपूर्ण Topic की बात की जाये भारतीय वास्तुकला, मूर्तिकला और मृद्भाण्ड, भारतीय चित्रकलायें, भारतीय हस्तशिल्प, भारतीय संगीत से सम्बन्धित संगीत में आधुनिक विकास, जैसे महत्वपूर्ण विन्दुओं को UPSC Exam में पूछे जाते हैं। भारतीय कला एवं संस्कृति में भारतीय वास्तुकला को भारत में होने वाले विकास के रूप में देखा जाता है। भारत में होने वाले विकास के काल की यदि चर्चा कि जाये तो हड़प्पा घाटी सभ्यता से आजाद भारत की कहानी बताता है। भारतीय वास्तुकला में राजवंशों के उदय से लेकर उनके पतन, विदेशी शासकों का आक्रमण, विभिन्न संस्कृतियों और शैलियों का संगम आदि भारतीय वास्तुकला को बताते हैं। भारतीय वास्तुकला में शासकों द्वारा बनवाये गये भवनों की आकृतियाँ [डिजाइन] आकार व विस्तार के...
Lakshan (खांसी के लक्षण): -
खांसी का दौरा किसी समय में प्रारंभ हो सकता है कुछ खाते पीते समय श्वास मार्ग अवरुद्ध होने पर तीव्र रूप से खासी शुरू होती है खासते खांसते रोगी परेशान हो जाता है जब तक बलगम ना निकले खांसी चलती रहती है चेहरा लाल हो जाता है खाने से पेट में दर्द क्यों होने लगता है.
खांसी के प्रकार: -
सुखी वा तर खासी
सोठ पीपला मूल पीपल बहेड़ा की छाल बराबर लेकर चूर्ण बना लें फिर शहद में मिलाकर चटाएं।
कफ वाली खांसी
अदरक के रस में शहद मिलाकर चाटे। अगर कफ गिरता हो तो एक छुहारे की गुठली निकाल कर उसमें तीन लौंग तीन काली मिर्च भरकर अरंड के पत्ते में लपेट कर आग में जलाएं फिर उसकी राख शहद में मिलाकर चाटे.
हिचकी की दवा: -
बकरी के दूध में सोंठ मिलाकर पिए या आम के पत्ते हुक्के में रखकर पिलाएं या शहद चट़ाएं।
खांसी हिचकी की दवा
काली मिर्च अजवाइन सोंठ कांकडासिंगी पीपल पोहकर मूल जायफल इन सबको बराबर बराबर लेकर कूट छानकर शहद में चटाऐ काली मिर्च का चूर्ण बनाकर उसमें उतनी ही मिश्री मिलाकर दो रत्ती शहद में मिलाकर चाटे।
सांस की खांसी: -
तालीसपत्र एक तोला छोटी इलायची एक तोला काली मिर्च दो तोला सोंठ दो तोला तेज पत्र दो टोला वंशलोचन 4 तोला नीले रंग का पीपल 4 तोला मिश्री एक छटाक इन सब को बारीक पीसकर घी या मक्खन के साथ खाएँ ।
पसली का दर्द
छोटी इलायची 9 मसे वंशलोचन 2 तोला तेज पत्र तीन माशे एक तोला मिश्री चारो को पीसकर शहद में मिलाकर चटाने और तारपीन का तेल तथा कपूर का तेल मिलाकर छाती की मालिश करें।
अदरक का रस 5 ग्राम 3 ग्राम शहद मिलाकर चाटने से बहुत लाभ होता है.
काली मिर्च का चूर्ण 3 ग्राम सोंठ का चूर्ण 3 ग्राम के साथ शहद मिलाकर चाटने से खांसी खत्म हो जाती है.
2 ग्राम हल्दी के चूर्ण में थोड़ा-सा सेंधा नमक मिलाकर मुंह में डालकर ऊपर से हल्का गर्म जल पीने से खांसी का प्रकोप नष्ट होता है.
सितोपलादि चूर्ण 3 ग्राम रस में मिश्री मिलाकर चाट कर खाने से खांसी नष्ट होती है.
तुलसी के पत्ते के 3 ग्राम रस में मिश्री मिलाकर चाट कर खाने से खांसी का प्रकोप शांत होता है.
बच्चों को खांसी होने पर उनके वक्ष स्थल और पीठ पर कपूर को तेल में मिलाकर मालिश करने से खांसी का प्रकोप शांत होता है।
यह सब कुछ घरेलू उपाय हैं जिनसे आप खांसी से बचाव कर सकते हैं लेकिन सिर्फ यदि आप डॉक्टर की सलाह पर बात करें और डॉक्टर को अपनी समस्याएं बताएं तो डॉक्टर एक सही और उचित इलाज करने के लिए सक्षम है यह सिर्फ कुछ घरेलू जानकारियां हैं इनका प्रयोग घर में ना करें इसकी जिम्मेदारी इस ब्लॉग की नहीं होगी आप उचित परामर्श डॉक्टर से ही लें और डॉक्टर के द्वारा सही परामर्श के बाद ही आप उचित उपचार के लिए डॉक्टर की सलाह बहुत जरूरी है.
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