Skip to main content

इजरायल ईरान war और भारत ।

इजराइल ने बीते दिन ईरान पर 200 इजरायली फाइटर जेट्स से ईरान के 4 न्यूक्लियर और 2 मिलिट्री ठिकानों पर हमला किये। जिनमें करीब 100 से ज्यादा की मारे जाने की खबरे आ रही है। जिनमें ईरान के 6 परमाणु वैज्ञानिक और टॉप 4  मिलिट्री कमांडर समेत 20 सैन्य अफसर हैं।                    इजराइल और ईरान के बीच दशकों से चले आ रहे तनाव ने सैन्य टकराव का रूप ले लिया है - जैसे कि इजरायल ने सीधे ईरान पर हमला कर दिया है तो इसके परिणाम न केवल पश्चिम एशिया बल्कि पूरी दुनिया पर व्यापक असर डाल सकते हैं। यह हमला क्षेत्रीय संघर्ष को अंतरराष्ट्रीय संकट में बदल सकता है। इस post में हम जानेगे  कि इस तरह के हमले से वैश्विक राजनीति, अर्थव्यवस्था, कूटनीति, सुरक्षा और अंतराष्ट्रीय संगठनों पर क्या प्रभाव पडेगा और दुनिया का झुकाव किस ओर हो सकता है।  [1. ]अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति पर प्रभाव:   सैन्य गुटों का पुनर्गठन : इजराइल द्वारा ईरान पर हमले के कारण वैश्विक स्तर पर गुटबंदी तेज हो गयी है। अमेरिका, यूरोपीय देश और कुछ अरब राष्ट्र जैसे सऊदी अरब इजर...

खांसी के इलाज के लिए कुछ घरेलू नुस्खे: Khansi Ke ILAaj Ke Liye Kuchh gharelu nuskhe

Lakshan (खांसी के लक्षण): -
खांसी का दौरा किसी समय में प्रारंभ हो सकता है कुछ खाते पीते समय श्वास मार्ग अवरुद्ध होने पर तीव्र रूप से खासी शुरू होती है खासते खांसते रोगी परेशान हो जाता है जब तक बलगम ना निकले खांसी चलती रहती है चेहरा लाल हो जाता है खाने से पेट में दर्द क्यों होने लगता है.

खांसी के प्रकार: -
सुखी वा  तर खासी

सोठ पीपला मूल पीपल बहेड़ा की छाल बराबर लेकर चूर्ण बना लें फिर शहद में मिलाकर चटाएं।

कफ वाली खांसी
अदरक के रस में शहद मिलाकर चाटे। अगर कफ गिरता हो तो एक छुहारे की गुठली निकाल कर उसमें तीन लौंग तीन काली मिर्च भरकर अरंड के पत्ते में लपेट कर आग में जलाएं फिर उसकी राख शहद में मिलाकर चाटे.

हिचकी की दवा: -
बकरी के दूध में सोंठ मिलाकर पिए या आम के पत्ते हुक्के में रखकर पिलाएं या शहद चट़ाएं।

खांसी हिचकी की दवा
काली मिर्च अजवाइन सोंठ  कांकडासिंगी पीपल पोहकर मूल जायफल इन सबको बराबर बराबर लेकर कूट छानकर शहद में चटाऐ काली मिर्च का चूर्ण बनाकर उसमें उतनी ही मिश्री मिलाकर दो रत्ती   शहद में मिलाकर चाटे।

सांस की खांसी: -

तालीसपत्र एक तोला छोटी इलायची एक तोला काली मिर्च दो तोला सोंठ दो तोला तेज पत्र दो टोला वंशलोचन 4 तोला नीले रंग का पीपल 4 तोला मिश्री एक छटाक इन सब को बारीक पीसकर घी या मक्खन के साथ खाएँ ।

 पसली का दर्द
छोटी इलायची 9 मसे वंशलोचन 2 तोला तेज पत्र तीन माशे एक तोला मिश्री चारो को पीसकर शहद में मिलाकर चटाने और तारपीन का तेल तथा कपूर का तेल मिलाकर छाती की मालिश करें।


अदरक का रस 5 ग्राम 3 ग्राम शहद मिलाकर चाटने से बहुत लाभ होता है.
काली मिर्च का चूर्ण 3 ग्राम सोंठ का चूर्ण 3 ग्राम के साथ शहद मिलाकर चाटने से खांसी खत्म हो जाती है.


2 ग्राम हल्दी के चूर्ण में थोड़ा-सा सेंधा नमक मिलाकर मुंह में डालकर ऊपर से हल्का गर्म जल पीने से खांसी का प्रकोप नष्ट होता है.

सितोपलादि चूर्ण 3 ग्राम रस में मिश्री मिलाकर चाट कर खाने से खांसी नष्ट होती है.

तुलसी के पत्ते के 3 ग्राम रस में मिश्री मिलाकर चाट कर खाने से खांसी का प्रकोप शांत होता है.

बच्चों को खांसी होने पर उनके वक्ष स्थल और पीठ पर कपूर को तेल में मिलाकर मालिश करने से खांसी का प्रकोप शांत होता है।

यह सब कुछ घरेलू उपाय हैं जिनसे आप खांसी से बचाव कर सकते हैं लेकिन सिर्फ यदि आप डॉक्टर की सलाह पर बात करें और डॉक्टर को अपनी समस्याएं बताएं तो डॉक्टर एक सही और उचित इलाज करने के लिए सक्षम है यह सिर्फ कुछ घरेलू जानकारियां हैं इनका प्रयोग घर में ना करें इसकी जिम्मेदारी इस ब्लॉग की नहीं होगी आप उचित परामर्श डॉक्टर से ही लें और डॉक्टर के द्वारा सही परामर्श के बाद ही आप उचित उपचार के लिए डॉक्टर की सलाह बहुत जरूरी है.

Comments

Popular posts from this blog

पर्यावरण का क्या अर्थ है ?इसकी विशेषताएं बताइए।

पर्यावरण की कल्पना भारतीय संस्कृति में सदैव प्रकृति से की गई है। पर्यावरण में सभी भौतिक तत्व एवं जीव सम्मिलित होते हैं जो प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से उसकी जीवन क्रियाओं को प्रभावित करते हैं। भारत में पर्यावरण परिवेश या उन स्थितियों का द्योतन करता है जिसमें व्यक्ति या वस्तु अस्तित्व में रहते हैं और अपने स्वरूप का विकास करते हैं। पर्यावरण में भौतिक पर्यावरण और जौव पर्यावरण शामिल है। भौतिक पर्यावरण में स्थल, जल और वायु जैसे तत्व शामिल हैं जबकि जैव पर्यावरण में पेड़ पौधों और छोटे बड़े सभी जीव जंतु सम्मिलित हैं। भौतिक और जैव पर्यावरण एक दूसरों को प्रभावित करते हैं। भौतिक पर्यावरण में कोई परिवर्तन जैव पर्यावरण में भी परिवर्तन कर देता है।           पर्यावरण में सभी भौतिक तत्व एवं जीव सम्मिलित होते हैं जो प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से उसकी जीवन क्रियाओं को प्रभावित करते हैं। वातावरण केवल वायुमंडल से संबंधित तत्वों का समूह होने के कारण पर्यावरण का ही अंग है। पर्यावरण में अनेक जैविक व अजैविक कारक पाए जाते हैं। जिनका परस्पर गहरा संबंध होता है। प्रत्येक  जीव को जीवन के लिए...

सौरमंडल क्या होता है ?पृथ्वी का सौरमंडल से क्या सम्बन्ध है ? Saur Mandal mein kitne Grah Hote Hain aur Hamari Prithvi ka kya sthan?

  खगोलीय पिंड     सूर्य चंद्रमा और रात के समय आकाश में जगमगाते लाखों पिंड खगोलीय पिंड कहलाते हैं इन्हें आकाशीय पिंड भी कहा जाता है हमारी पृथ्वी भी एक खगोलीय पिंड है. सभी खगोलीय पिंडों को दो वर्गों में बांटा गया है जो कि निम्नलिखित हैं - ( 1) तारे:              जिन खगोलीय पिंडों में अपनी उष्मा और प्रकाश होता है वे तारे कहलाते हैं .पिन्ड गैसों से बने होते हैं और आकार में बहुत बड़े और गर्म होते हैं इनमें बहुत अधिक मात्रा में ऊष्मा और प्रकाश का विकिरण भी होता है अत्यंत दूर होने के कारण ही यह पिंड हमें बहुत छोटे दिखाई पड़ते आता है यह हमें बड़ा चमकीला दिखाई देता है। ( 2) ग्रह:             जिन खगोलीय पिंडों में अपनी उष्मा और अपना प्रकाश नहीं होता है वह ग्रह कहलाते हैं ग्रह केवल सूरज जैसे तारों से प्रकाश को परावर्तित करते हैं ग्रह के लिए अंग्रेजी में प्लेनेट शब्द का प्रयोग किया गया है जिसका अर्थ होता है घूमने वाला हमारी पृथ्वी भी एक ग्रह है जो सूर्य से उष्मा और प्रकाश लेती है ग्रहों की कुल संख्या नाम है।...

भारतीय संविधान का स्वरूप संघात्मक है किंतु उसका सार एकात्मक है . इस कथन पर टिप्पणी कीजिए? (the Indian constitutional is Federal in form but unitary is substance comments

संविधान को प्राया दो भागों में विभक्त किया गया है. परिसंघात्मक तथा एकात्मक. एकात्मक संविधान व संविधान है जिसके अंतर्गत सारी शक्तियां एक ही सरकार में निहित होती है जो कि प्राया केंद्रीय सरकार होती है जोकि प्रांतों को केंद्रीय सरकार के अधीन रहना पड़ता है. इसके विपरीत परिसंघात्मक संविधान वह संविधान है जिसमें शक्तियों का केंद्र एवं राज्यों के बीच विभाजन रहता और सरकारें अपने-अपने क्षेत्रों में स्वतंत्र रूप से कार्य करती हैं भारतीय संविधान की प्रकृति क्या है यह संविधान विशेषज्ञों के बीच विवाद का विषय रहा है. कुछ विद्वानों का मत है कि भारतीय संविधान एकात्मक है केवल उसमें कुछ परिसंघीय लक्षण विद्यमान है। प्रोफेसर हियर के अनुसार भारत प्रबल केंद्रीय करण प्रवृत्ति युक्त परिषदीय है कोई संविधान परिसंघात्मक है या नहीं इसके लिए हमें यह जानना जरूरी है कि उस के आवश्यक तत्व क्या है? जिस संविधान में उक्त तत्व मौजूद होते हैं उसे परिसंघात्मक संविधान कहते हैं. परिसंघात्मक संविधान के आवश्यक तत्व ( essential characteristic of Federal constitution): - संघात्मक संविधान के आवश्यक तत्व इस प्रकार हैं...