Drafting और Structuring the Blog Post Title: "असुरक्षित ऋण: भारतीय बैंकिंग क्षेत्र और अर्थव्यवस्था पर प्रभाव, और RBI की भूमिका" Structure: परिचय असुरक्षित ऋण का मतलब और यह क्यों महत्वपूर्ण है। भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में असुरक्षित ऋणों का वर्तमान परिदृश्य। असुरक्षित ऋणों के बढ़ने के कारण आसान कर्ज नीति। उधारकर्ताओं की क्रेडिट प्रोफाइल का सही मूल्यांकन न होना। आर्थिक मंदी और बाहरी कारक। बैंकिंग क्षेत्र पर प्रभाव वित्तीय स्थिरता को खतरा। बैंकों की लाभप्रदता में गिरावट। अन्य उधारकर्ताओं को कर्ज मिलने में कठिनाई। व्यापक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव आर्थिक विकास में बाधा। निवेश में कमी। रोजगार और व्यापार पर नकारात्मक प्रभाव। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की भूमिका और समाधान सख्त नियामक नीतियां। उधार देने के मानकों को सुधारना। डूबत ऋण प्रबंधन (NPA) के लिए विशेष उपाय। डिजिटल और तकनीकी साधनों का उपयोग। उदाहरण और केस स्टडी भारतीय बैंकिंग संकट 2015-2020। YES बैंक और IL&FS के मामले। निष्कर्ष पाठकों के लिए सुझाव और RBI की जिम्मेदारी। B...
थोड़े कर्ज का सवाल है
यह बड़ा बेमिसाल है
लेकर हम मालामाल हैं
देते वक्त कंगाल है
बस कुछ कर्ज का सवाल है

इसमें लोक है ना लाज है
यह रिश्तो में खटास है
कर्ज लेकर चैन देते हैं
फिर भी चैन से सोते हैं
यह दिन रात वृद्धि करता है
फिर भी हम पर सजता है
जवानी से बुढ़ापे तक
चिंता से चिता पर लाता है
परिवार को झुकाता है
इसमें भी एक नशा है
यह भी एक मजा है
इसका कोई मोल नहीं
यह भी अनमोल बन जाता है
इसको देते देते सब कुछ अपना बिक जाता है
फिर भी ब्याज का चक्कर खूब नाचाता है
मूल का तो पता नहीं
पर ब्याज से दम घुट जाता है।।
यह बड़ा बेमिसाल है
लेकर हम मालामाल हैं
देते वक्त कंगाल है
बस कुछ कर्ज का सवाल है

इसमें लोक है ना लाज है
यह रिश्तो में खटास है
कर्ज लेकर चैन देते हैं
फिर भी चैन से सोते हैं
यह दिन रात वृद्धि करता है
फिर भी हम पर सजता है
जवानी से बुढ़ापे तक
चिंता से चिता पर लाता है
परिवार को झुकाता है
इसमें भी एक नशा है
यह भी एक मजा है
इसका कोई मोल नहीं
यह भी अनमोल बन जाता है
इसको देते देते सब कुछ अपना बिक जाता है
फिर भी ब्याज का चक्कर खूब नाचाता है
मूल का तो पता नहीं
पर ब्याज से दम घुट जाता है।।
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