Drafting और Structuring the Blog Post Title: "असुरक्षित ऋण: भारतीय बैंकिंग क्षेत्र और अर्थव्यवस्था पर प्रभाव, और RBI की भूमिका" Structure: परिचय असुरक्षित ऋण का मतलब और यह क्यों महत्वपूर्ण है। भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में असुरक्षित ऋणों का वर्तमान परिदृश्य। असुरक्षित ऋणों के बढ़ने के कारण आसान कर्ज नीति। उधारकर्ताओं की क्रेडिट प्रोफाइल का सही मूल्यांकन न होना। आर्थिक मंदी और बाहरी कारक। बैंकिंग क्षेत्र पर प्रभाव वित्तीय स्थिरता को खतरा। बैंकों की लाभप्रदता में गिरावट। अन्य उधारकर्ताओं को कर्ज मिलने में कठिनाई। व्यापक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव आर्थिक विकास में बाधा। निवेश में कमी। रोजगार और व्यापार पर नकारात्मक प्रभाव। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की भूमिका और समाधान सख्त नियामक नीतियां। उधार देने के मानकों को सुधारना। डूबत ऋण प्रबंधन (NPA) के लिए विशेष उपाय। डिजिटल और तकनीकी साधनों का उपयोग। उदाहरण और केस स्टडी भारतीय बैंकिंग संकट 2015-2020। YES बैंक और IL&FS के मामले। निष्कर्ष पाठकों के लिए सुझाव और RBI की जिम्मेदारी। B...
बॉलीवुड हमारे दिमाग में बॉलीवुड का नाम आता है तो हिंदी सिनेमा की फ़िल्में हमारे दिमाग में चलने लगती हैं हमारे देश में हिंदी सिनेमा का इतिहास काफी पुराना है और इस इतिहास को जिस तरीके से हमारे देश के कलाकारों ने पेश किया है वह काफी है सराहनीय काम उन्होंने किया है जो कि हमारे आने वाले समय को जिस प्रकार से भारतीय सिनेमा ने पेश किया है वह काफी सराहनीय काम है.
भारतीय सिनेमा का इतिहास काफी पुराना है यह सभी जानते हैं लेकिन आज के युग में जिस प्रकार से पिक्चर देखने का चलन बदलता चला जा रहा है अब बड़े पर्दे से पिक्चर छोटे से मोबाइल तक में देखी जा रही है इस प्रकार की सोच को जिस प्रकार से ₹1 गया है वह काफी है सराहनीय काम है. भारतीय सिनेमा की अगर बात की जाए तो भारतीय सिनेमा की इंडस्ट्री काफी बड़ी इंडस्ट्री है यहां पर जिस प्रकार से बॉलीवुड इंडस्ट्री में अमिताभ बच्चन से लगाकर के दिलीप कुमार से लगा कर के शाहरुख खान आमिर खान सलमान खान अजय देवगन अक्षय कुमार जैसे सितारों ने इस इंडस्ट्री पर राज किया है और यह लोग अभी भी रात करते चले आ रहे हैं.
लेकिन बदलता हुआ सिनेमा और सिनेमा देखने वाले लोगों को अभी कुछ नया देखने की उम्मीद आती है मेरा कहने का मतलब है जिस प्रकार से लोग 80 90 के दशक में सिर्फ और सिर्फ बॉलीवुड के सितारों को ही पहचानते थे लेकिन आज का दौर बदल चुका है और सिनेमा देखने वाले लोग भी बदल चुके हैं आज के दौर में यदि भारतीय सिनेमा में को बॉलीवुड कहा जाता है तो इस बॉलीवुड सिनेमा को इसी देश में साउथ की इंडस्ट्री या साउथ का सिनेमा कड़ी चुनौती देते हुए नजर आता है उनके डायरेक्शन उनकी क्रिएटिविटी और उनके कलाकारों का जिस प्रकार से अपने रोल के प्रति लगन दिखाई देती है वह काफी सराहनीय है बॉलीवुड सिनेमा में यदि शाहरुख खान सलमान खान आमिर खान तीन खानों का नाम आज भी चमकता है तो साउथ की दृष्टि की बात करें तो वहां पर सुपरस्टार रजनीकांत कमल हासन मोहनलाल आदि सितारों ने जिस प्रकार से ऊंचाई पर अपने आप को स्थापित किया है वह काबिले तारीफ नजर आता है जिस प्रकार से सुपरस्टार रजनीकांत की फिल्मों का बिजनेस पान 500 करोड़ के आसपास का जाता है भारतीय सिनेमा को काफी सुखद एहसास और यह बताता है कि अब भारतीय सिनेमा इंडस्ट्री कितनी बदल चुकी है और कितना बिजनेस कर रही है.
जिस प्रकार से साउथ इंडस्ट्री की फिल्म बाहुबली ने अपना एक अलग रुतबा हासिल किया है वह काफी प्रशंसनीय है जिस प्रकार से उनके कलाकारों और उनकी क्रिएटिव टीम ने जिस प्रकार से फिल्म को फिल्म आया है और उस फिल्म में जिस प्रकार के लोगों को बांध के रखा है वह काफी प्रशंसनीय काम नजर आता है भारतीय सिनेमा धीरे धीरे बदलता हुआ सिनेमा नजर आता है और साउथ इंडस्ट्री ने जिस प्रकार से भारतीय सिनेमा की ग्रोथ में तेजी लाई है आने वाले भविष्य में हो सकता है कि भारतीय सिनेमा क्या प्रख्यात और डंका पूरे विश्व में जोर-जोर से बचना चालू हो जाए.
जिस प्रकार से बॉलीवुड सिनेमा में पहले के टाइम में सिनेमा का आधार एक हीरो होता था और उस हीरो का आधार एक हीरोइन हुआ करती थी और उन दोनों के प्रेम संबंधों को जिस प्रकार से भारतीय सिनेमा में दर्शाया जाता था और उनके प्रेम संबंधों में जिस प्रकार से एक विलेन आ जाता था और विलेन के द्वारा जिस प्रकार से उस पूरी पिक्चर में उठापटक की जाती थी यह भारतीय सिनेमा की एक पहचान थी इस पहचान को तोड़ते हुए साउथ इंडस्ट्री के सिनेमा ने यह दिखाया है कि पिक्चरों को इमोशनल प्रपोज भी बनाया जा सकता है और सिनेमा का संदर्भ और प्रेरक प्रेम को ना लेकर के और भी कई तरह के टॉपिक्स को लिया जा सकता है.
इसमें कोई दो राय नहीं है कि भारतीय सिनेमा में जिस प्रकार से संगीतकारों ने संगीत दिया है और जिस प्रकार के प्रेम संबंधों की भी अच्छा हीरो और हीरोइन के बीच में की जाती है वह भी एक अतुलनीय है जिस प्रकार से कई सारी फिल्मों ने बॉलीवुड सिनेमा को एक नई पहचान दी है वह भी काफी काबिले तारीफ नजर आती है लेकिन आज के दौर में जिस प्रकार से डिजिटल होती हुई जनरेशन ने कुछ नया देखना चाहती है और कुछ नया करना चाहती है इसलिए सिनेमा स्टारों को अपने आपको नई-नई तरकीब ओं के हिसाब से नए नए लोगों में डालना होगा ताकि उनको देखने वाले उनके प्रशंसक को यह ना लगेगी यह तो हमने पहले भी देखा है इस रोल में हमने इस हीरो को पहले भी देखा है और यह पुरानी और घिसी पिटी ही कहानी को अपग्रेड वर्जन करके हमारे सामने पेश किया जा रहा है.
जिस प्रकार से आजकल डिजिटल होती दुनिया में जिस प्रकार से नई नई वेब सीरीज का इंटरनेट पर रोज-रोज रिलीज होना और उन वेब सीरीज की नई-नई और सामाजिक कहानियों को ताना-बाना फोन करके दिखाए जाना काफी लोकप्रिय नजर आ रहा है अभी हाल ही में रिलीज हुई तो वेब सीरीज एक तो मिर्जापुर टू और दूसरा आश्रम जिस प्रकार की वेब सीरीज ओं को सामाजिक ताने-बाने के साथ बन कर के दिखाया जा रहा है इस प्रकार की बीएफ सीरियस ने दर्शकों को काफी हद तक बांध के रखा हुआ है और दर्शक डिजिटल प्लेटफार्म की ओर जाने के लिए काफी उत्साहित नजर आ रहे हैं.
यदि हम बात करते हैं आश्रम वेब सीरीज की तो जिस प्रकार से आश्रम के डायरेक्टर प्रकाश झा ने बॉबी देवल से काम लिया है वह बॉबी देओल का अब तक का सबसे सर्वश्रेष्ठ काम नजर आता है बॉबी देओल ने जिस प्रकार से आश्रम में किरदार निभाया है वह उनके एक्टिंग की दम को दिखाता है बॉबी देवल को यह बताने की जरूरत नहीं है कि उनका पूरा परिवार अभिनेताओं का ही परिवार है लेकिन जिस प्रकार से बॉबी देवल ने आश्रम सीरीज में एक्टिंग की है वह एक तरह से उनके किरदार और उनकी पर्सनालिटी से एकदम सटीक हटके एक्टिंग थी जो अब तक वह फिल्मों में करते हैं उनके फिल्मों की जिस प्रकार से एक एक्शन हीरो की जो इमेज उन्होंने बना रखी थी आश्रम में बिल्कुल ही नॉर्मल जिस प्रकार से उन्होंने अपने आप को उस बाबा के किरदार में डाला है वह उनकी एक्टिंग को काफी ऊंचाइयों तक ले जा रहा है और जिस प्रकार के रोल बॉबी देओल के द्वारा किए जा रहे हैं यह बॉबी देओल के कैरियर का सबसे ही शानदार रोल में से 1 दिन आ जाएगा.
अगर हम बॉलीवुड के आज के दौर की बात करते हैं तो जिस प्रकार से नए नए अभिनेताओं ने आकर के बॉलीवुड में एक अलग ही मुकाम हासिल किया है वह भी काबिले तारीफ नजर आता है लेकिन जिस प्रकार के साउथ के युवा स्टारों ने अपनी एक अलग हिंदी सिनेमा में पहचान बनाई है वह कभी ना भूलने वाली पहचान है जिस प्रकार से धनुष ने रांझणा पिक्चर में जिस प्रकार का रोल उन्होंने किया था उस रोल को लोग आज भी याद करते हैं और धनुष की एक्टिंग की जो तारीफ की जाए वह कम ही नजर आती है धनुष जैसे साउथ के स्टार ने बता दिया है कि वह किसी भी रोल के लिए और किसी भी फिल्म इंडस्ट्री के लिए कितना पर्फेक्ट है इसमें किसी से कुछ भी कहने की जरूरत नहीं है बल्कि उनकी एक्टिंग ने जिस प्रकार से रांझना में हिंदी सिनेमा के दर्शकों को अपनी ओर खींचा है और उनकी तारीफ करने पर मजबूर कर दिया है यह उनकी ख्याति ही है जो हिंदी सिनेमा के दर्शक उनकी हिंदी में डब और साउथ इंडिया की जितनी भी मूवी है वह हिंदी सिनेमा के दर्शक बड़े ही उत्साहित हो कर के देखते नजर आते हैं.
यदि रजनीकांत की बात की जाए तो जिस प्रकार से उन्होंने एशिया के सबसे महंगे हीरो का तप का शिवाजी द बॉस की रिलीज के बाद हासिल किया था वह आज भी उनकी फिल्मों की सफलता के अनुसार आज भी बरकरार है कि वही एशिया के नंबर 1 सुपरस्टार और सबसे महंगी हीरो नजर आते हैं रजनीकांत 68 साल के होने के बावजूद भी आज भी वही पुराने अंदाज में नजर आते हैं और वही चाल और वही पंचम डायलॉग जिंदा लोगों की वजह से और जिस स्टाइल की वजह से रजनीकांत आज भी हिंदी और साउथ सिनेमा के सबसे बड़े स्टार हैं.
अमिताभ बच्चन की आधी आधी बात की जाए तो उन्होंने तो हिंदी सिनेमा को बढ़ते हुए देखा है अमिताभ बच्चन ही सदी के महानायक कह जाते हैं अमिताभ बच्चन ने जिस प्रकार से हिंदी सिनेमा में अपने परचम गाड़ी हैं यदि उनकी तारीफ की जाए तो यह तारीफ भी उनकी कमी नजर आती है क्योंकि अमिताभ बच्चन ने अपने 75 प्लस एज में भी जिस प्रकार से कोई फिल्मों से आज भी बंधे हुए हैं और एक नई स्फूर्ति के साथ में फिल्में करते हुए नजर आते हैं उनकी इस उर्जा के कारण ही उनके फैन फॉलोइंग आज की जनरेशन के लोग भी जो यंग जनरेशन है वह भी उनकी फैन फॉलोइंग है वह भी उनको दिल से लगाओ रखती है जो अंदाज अमिताभ बच्चन का है जिस प्रकार से अभी अमिताभ बच्चन ने अपने आपको कई सारे किरदारों में करने के बाद भी वह एक नए किरदार की तलाश में रहते हैं यही भूख उनके अंदर बताती है कि वह क्यों सदी के महानायक हैं.
अमिताभ बच्चन का काम के प्रति और फिल्मों के प्रति जिस प्रकार का लगा हुआ है उस लगाओ को देखते हुए हम अमिताभ बच्चन जी से आशा करते हैं कि आने वाले 100 सालों तक भी हो इसी तरह से काम करते रहे और सफलता का परचम बढ़ते रहे और हमें अपने नए नए किरदारों से सभी लोगों का मनोरंजन करते रहें.
साउथ इंडस्ट्री की लेडी अमिताभ बच्चन की बात की जाए तो आज के दौर में वह नयनतारा ही नजर आती हैं नयनतारा साउथ इंडस्ट्री की सबसे बड़ी अभिनेत्री के रूप में जिस प्रकार से उन्होंने मुकाम हासिल किया है वह उनकी लिए काबिले तारीफ है नयनतारा को बॉलीवुड सिनेमा के दर्शक भी काफी अच्छी तरह से पहचानते हैं और उनकी फिल्में और उनकी खूबसूरती के बॉलीवुड सिनेमा के हिंदी भाषी दर्शक भी काफी दीवाने हैं यदि श्रीदेवी को 80 90 के दशक में लेडी अमिताभ बच्चन का तमगा दिया जाता था तो आज की दौर की लेडी अमिताभ बच्चन का तमगा जरूर और जरूर नयनतारा को ही मिलना चाहिए जिस प्रकार से नयनतारा ने अपने लिए एक अलग मुकाम बना कर रखा हुआ है वह उनकी पर्सनालिटी के हिसाब से उन पर काफी अच्छी तरह से सूट करता हुआ नजर आता है.
बॉलीवुड की बात और तीनों खानों की बात ना हो तो यह पूरा का पूरा आर्टिकल ही बेकार हो जाता है मेरा कहने का मतलब है जिस प्रकार से शाहरुख खान सलमान खान और आमिर खान ने जिस प्रकार से बॉलीवुड में एक को एक अलग ऊंचाइयों तक पहुंचाया है वह काबिले तारीफ है इन तीनों खानों के योगदान की वजह से ही बॉलीवुड सिनेमा के जो बिजनेस है वह काफी हद तक बढ़ता चला गया है जिस प्रकार से लगातार 10 सालों से सलमान खान ने अभी तक कोई भी पिक्चर फ्लॉप नहीं दिया और वह अब ग्रोइंग सुपरस्टार 2009 के बाद से जो उन्होंने वांटेड फिल्म की थी उसके बाद से उनका ग्राफ कभी भी घटा नहीं है बल्कि उनका ग्राफ हमेशा बढ़ता ही चला गया है और इस ग्राफ के साथ-साथ उनकी फिल्मों की कमाई भी बढ़ती चली गई है अगर कमाई के मामले में बात की जाए तो दूसरे नंबर पर मैं बात कर लूंगा अक्षय कुमार की अक्षय कुमार ने जिस प्रकार से फिल्मों की कमाई का दौर शुरू किया है वह कमाई का दौर हमेशा से चलता ही चला गया है जिस प्रकार से उनके नाम से और सलमान खान के नाम से दर्शक सिनेमा हॉल तक पहुंचने के लिए मजबूर हो जाते हैं यह मजबूरी ही उनकी फैन फॉलोइंग को दर्शाती है कि उनकी फैन फॉलोइंग और उनके दर्शकों के बीच उनकी पकड़ मजबूत है.
अब बात कर लेते हैं थोड़ा सा अजय देवगन की जिस प्रकार से अजय देवगन ने गंगाजल में जिस प्रकार से एक खड़क और इमानदार आईपीएस का रोड रोल किया था वह आज भी लोगों के लिए काफी सम्माननीय नजर से देखे जाते हैं और जिस प्रकार से उन्होंने गोलमाल में बता दिया कि उनके अंदर कॉमेडी भी कूट-कूट कर भरी हुई है उस कॉमेडी से वह काफी हंसा सकते हैं यदि हम बात करें तो 90 के दशक की बात करें तो 90 के दशक में यदि किसी को सॉन्ग अच्छे सुनने होते थे तो वह सिर्फ और सिर्फ अजय देवगन के ही शाम काफी लोकप्रिय 90 के दशक में थे अगर 2000 के दशक की बात करते हैं तो उस दौर से इमरान हाशमी ने जिस प्रकार से बॉलीवुड इंडस्ट्री में अपने सॉन्ग की वजह से एक अलग पहचान बनाई सिर्फ और सिर्फ मैं बात कर रहा हूं कि अगर बॉलीवुड सिनेमा में जिस प्रकार से म्यूजिक और गानों का चलन बढ़ा है वह इमरान हाशमी और अजय देवगन की फिल्म की वजह से ही लोगों के पास काफी अच्छे-अच्छे गाने सुनने को मिले हैं और अजय देवगन की एक्टिंग की बात की जाए तो जिस प्रकार से उन्होंने हिंदी सिनेमा में अपनी एक अलग पहचान बनाई है तानाजी रिलीज होने के बाद जिस प्रकार से अजय देवगन ने देशभक्ति की ओर अपने आपको फिल्मों को वह काबिले तारीफ नजर आता है यदि सैफ अली खान की बात की जाए तो सैफ अली खान भी काफी बड़े स्टार हैं लेकिन हिंदी सिनेमा के दर्शक उनके स्टारडम को इसलिए नहीं पहचान पाते हैं क्योंकि उन्होंने हमेशा से ही अपने आप को सपोर्ट इन रोल में ही पाया है इन कारणों की वजह से सैफ अली खान मुझे लगता है कि हिंदी सिनेमा के दर्शकों के बीच एक सुपरस्टार का तमगा नहीं पापा लेकिन यदि सैफ अली खान और अभिषेक बच्चन की एक्टिंग की बात की जाए तो इन दोनों में बहुत ही बाकी है इन दोनों की एक्टिंग की बात की जाए तो यह दोनों एक्टर काफी बेहतरीन एक्टर हैं लेकिन हिंदी सिनेमा के दर्शकों को यह लोग अपनी ओर खींचने में थोड़ा सा असमर्थ नजर आते हैं.
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