सिविल सेवा परीक्षा में भारतीय कला एवं संस्कृति एक महत्त्वपूर्ण विषय है। इसमें भारतीय कला एवं संस्कृति से सम्बन्धित प्रारंभिक परीक्षा तथा मुख्य परीक्षा में यह बहुत ही महत्त्वपूर्ण Topic में रखा गया है। इसमें अगर महत्वपूर्ण Topic की बात की जाये भारतीय वास्तुकला, मूर्तिकला और मृद्भाण्ड, भारतीय चित्रकलायें, भारतीय हस्तशिल्प, भारतीय संगीत से सम्बन्धित संगीत में आधुनिक विकास, जैसे महत्वपूर्ण विन्दुओं को UPSC Exam में पूछे जाते हैं। भारतीय कला एवं संस्कृति में भारतीय वास्तुकला को भारत में होने वाले विकास के रूप में देखा जाता है। भारत में होने वाले विकास के काल की यदि चर्चा कि जाये तो हड़प्पा घाटी सभ्यता से आजाद भारत की कहानी बताता है। भारतीय वास्तुकला में राजवंशों के उदय से लेकर उनके पतन, विदेशी शासकों का आक्रमण, विभिन्न संस्कृतियों और शैलियों का संगम आदि भारतीय वास्तुकला को बताते हैं। भारतीय वास्तुकला में शासकों द्वारा बनवाये गये भवनों की आकृतियाँ [डिजाइन] आकार व विस्तार के...
भारत में आधुनिक डाक व्यवस्था की स्थापना 18वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में हुई थी वर 1766 में लॉर्ड क्लाइव ने इसकी स्थापना की थी ढाका और विकास हुआ जब वारेन हेस्टिंग नेवर 1774 में एक पोस्ट मास्टर जनरल के अधीन कोलकाता जीपीओ की स्थापना की मुंबई की अन्य प्रेसिडेंट सीईओ में जनरल पोस्ट ऑफिस क्रमशः 1786 एवं 1793 में बनाए गए 1837 के अधिनियम ने सर्वप्रथम तीन प्रेसिडेंसी ओं में पोस्ट ऑफिस संगठन को अखिल भारतीय सेवा के रूप में सामान आधार पर एक करने के लिए यह निर्णय लिया था 18 54 के पोस्ट ऑफिस अधिनियम ने डाक प्रणाली के स्वरूप में आमूलचूल संशोधन किए और भारतीय पोस्ट ऑफिस व्यवस्था की 1 अक्टूबर 1854 को वर्तमान स्तर पर इसकी प्रशासनिक तौर पर बुनियाद रखी गई.
पोस्ट ऑफिस नेटवर्क डाक संचार सुविधा प्रदान करने के अतिरिक्त उन्नीसवीं सदी के आस पास पैसे भेजने बैंकिंग और बीमा सेवाओं की सुविधाओं के लिए भी इसका उपयोग शुरू हो चुका था एक तरह से हम कह सकते हैं कि भारतीय पोस्ट ऑफिस में बैंकिंग और बीमा के कार्य सर्वप्रथम पोस्ट ऑफिस से ही शुरू हुए पैसों का आदान-प्रदान सर्वप्रथम पोस्ट ऑफिस से ही शुरू हुआ पैसे भेजने की प्रक्रिया मनीआर्डर की प्रक्रिया अगर हिंदुस्तान में कहीं शुरू हुई थी तो वह पोस्ट ऑफिस के द्वारा ही शुरू की गई थी.
पोस्टल नेटवर्क
घर में 23344 डाकघर थे इनमें से 19184 डाकघर ग्रामीण क्षेत्रों में और 4160 शहरी क्षेत्रों में थे अब देशभर में 155035 डाकघर से अधिक डाकघर है जिनमें से 139144 से अधिक डाकघर ग्रामीण क्षेत्रों और 15871 से अधिक शहरी क्षेत्रों में है पोस्टल नेटवर्क में बहुत विकास के परिणाम स्वरूप आज भारत में विश्व का सबसे बड़ा पोस्टल नेटवर्क है.
पोस्टल नेटवर्क में चार श्रेणियों के डाकघर हैं
प्रधान डाकघर, उप डाकघर अतिरिक्त विभागीय उप डाकघर और अतिरिक्त विभागीय शाखा डाकघर ओके डाकघर समान पोस्टल सेवाएं प्रदान करते हैं हाला की डिलीवरी का काम विशिष्ट डॉक्टरों के लिए निश्चित है प्रबंधन नियंत्रण के लिए शाखा डाकघरों से कोर्स को उप डाकघरों में और अंत में प्रधान डाकघर में जाकर जमा किया जाता है.
विभाग में करीब 210000 विभागीय कर्मचारी और लगभग दो लाख 73 हजार ग्रामीण डाक सेवक है उनके प्रशिक्षण की आवश्यकताओं के लिए स्वीकृत प्रशिक्षण तंत्र मौजूद है.
अंतर्राष्ट्रीय डाक
भारत में 1876 से यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन और 1964 में एशिया पेसिफिक पोस्टल यूनियन का सदस्य ह इन संगठनों का उद्देश्य है अन्य देशों के बीच डाक संबंधों को बढ़ाना सुगम करना और सुधारना स भारत 217 े अधिक देशों के साथ स्थली और विमान सेवा के जरिए पत्रों का आदान प्रदान करता है.
स्पीड पोस्ट
पोस्ट सेवा 1 अगस्त 1986 को शुरू की गई थी इस सेवा के अंतर्गत पत्रों दस्तावेज और पार्षदों की डिलीवरी निश्चित अवधि के अंतर्गत की गई थी. निश्चित अवधि में डिलीवरी ना होने पर ग्राहक को डाक शुल्क पूर्ण रूप से वापस कर दिया जाता है. स्पीड पोस्ट नेटवर्क में 266 राष्ट्रीय और करीब 900 राज्य स्पीड केंद्र शामिल है यह सेवा अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में लगभग 100 देशों में उपलब्ध है.
डाक टिकट संग्रह
ऐतिहासिक और प्राकृतिक विरासत है यह हमारी संस्कृति और परंपराओं की समृद्धि विविधता की रंग बिरंगी बस लाती ह. ै बहुत सारे विषय वस्तु पर केंद्रित यह डाक टिकट महत्वपूर्ण राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय घटनाओं मशहूर व्यक्तियों संस्थाओं के योगदान और खेलकूद तथा विज्ञान और प्रौद्योगिकी तैयारी जैसे विभिन्न क्षेत्रों में हमारे उपलब्धियों को भी दर्शाते हैं. यह डाक टिकट बहुत लोकप्रिय है.
वित्तीय सेवाएं
डाकघर बचत बैंक डाकघर बचत बैंक भारत सरकार के वित्त मंत्रालय की लघु बचत योजनाओं को एक एजेंसी के आधार पर कार्यान्वित करता है.
मनी ऑर्डर
पोस्ट ऑफिस से जारी किया गया आदेश है जो डाकघर की एजेंसी के माध्यम से रुपए के भुगतान के लिए दिया जाता है एक मनीआर्डर के अंतर्गत अधिकतम ₹5000 की राशि के भुगतान का आदेश जारी किया जा सकता है प्राचीन समय में जब लोग नौकरी के लिए बाहर जाते थे वह अपनी सैलरी का कुछ हिस्सा बचा करके अपने परिवार को मनीआर्डर के जरिए ही दूर बैठे शहर से वह अपने घर पर पैसे को भेजते थे इस पैसे को डाकघर विभाग के डाकिए द्वारा उस पते पर भिजवाया जाता था यह प्रक्रिया उस दौर में काफी सुविधाजनक और सुचारू रूप से चलती थी इस प्रक्रिया के जरिए पैसे का आवागमन काफी अच्छी तरह से हो जाता था क्योंकि पहले के वक्त इतने बैंकों की सुविधा उपलब्ध नहीं थे इसलिए एक आम आदमी को इस मनीआर्डर की सुविधा पर ही डिपेंड होना पड़ता था . ये सुविधाएं करीब-करीब लगभग 100 वर्षों तक लगातार लोगों को लाभ प्रदान करती रहे इन सुविधाओं को लगभग 100 वर्ष तक इस देश में सेवारत होने का अवसर मिला.
तत्काल मनी ऑर्डर
यह ऑनलाइन घरेलू मनी ट्रांसमिशन सेवा है जिसका उद्देश्य बाजार में ग्राहकों को उनके लिए भेजे गए रुपए को उसी चरणों में उपलब्ध कराना इस सेवा के जरिए ग्राहक आई एम ओ सेवा प्रदान करने वाले किसी भी डाकघर में मिनटों में रुपए प्राप्त कर सकते हैं या सेवा 20 जनवरी 2006 को शुरू की गई थी इस सेवा के अंतर्गत एक व्यक्ति एक बार में ₹1000 से लेकर ₹50000 तक की रकम भेज सकता है.
म्यूच्यूअल फंड एवं बॉन्ड वितरण
फरवरी 2001 से 1000 डाकघरों का निरंतर बढ़ता नेटवर्क चुनिंदा मैचुअल फंड का वितरण कर रहा है यह फंड प्लीज पर यूपीआई एसबीआई एवं रिलायंस म्युचुअल फंड है यह सेवा देश के पूंजी बाजार का दायरा आम आदमी तक फैला रही है और साथ ही उसे बाजार आधारित निवेश विकल्प भी उपलब्ध करा रही है.
पी ओ एस बी खाताधारकों को दुर्घटना वर्ष मृत्यु बीमा
इस विभाग ने ओरिएंटल बीमा कंपनी लिमिटेड के साथ गठबंधन किया है और यह मामूली प्रीमियम अदा करने वाले बचत खाताधारकों को दुर्घटना बस मृत्यु बीमा अनुरोध के आधार पर प्रदान कर रहा है यह योजना 20 जनवरी 2006 को प्रारंभ की गई थी.
डाक विभाग ने सन 2008 में ईएमओ सेवा आरंभ की इलेक्ट्रॉनिक मनी ऑर्डर प्रणाली के अंतर्गत मनी ऑर्डर की राशि को इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से भेजा जाता है इसके लिए डाकघर में ब्रॉडबैंड कनेक्शन की सुविधा होनी चाहिए आपस में जुड़े एच ओ तथा एस ओ अपने से संबंध अन्य एच ओ एवं ईएमओ संप्रेषित खाताधारकों के पास प्रदान किया जाता है.
सूचना का अधिकार अधिनियम 2005
सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 को विभाग में लागू करने के अतिरिक्त भारतीय डाक विभाग आम जनता को विशिष्ट सेवा दे रहा है जिसके अंतर्गत केंद्र सरकार के मंत्रालयों विभागों एवं संगठनों के कुछ विशिष्ट केंद्रीय सार्वजनिक अधिकरण से संबंध आरटीआई प्रार्थना पत्रों को जिला उप जिला स्त्री डाकघरों में निर्धारित करके उनके पास जमा कराया जा सकता है इस प्रकार के आवेदनों को कॉपियों के जरिए अभिलंब संबंधित सार्वजनिक प्राधिकरणों के निर्धारण प्रभारी अधिकारी को भेज दिया जाता है.
डाकघरों को कंप्यूटरीकृत कर के नेटवर्क से जोड़ना
डाकघरों तथा बड़ी संख्या में उप डाकघरों को कंप्यूटर तथा उससे संबंधित उपकरण यथा प्रिंटर स्कैनर तुला मॉडल आदि तथा उन्हें चलाने के लिए उचित बिजली उपकरणों जैसे जनरेटर सेट टॉप बॉक्स यूपीएस आदि की आपूर्ति कर चुका है देश के अधिकतर डाकघरों को कंप्यूटरीकृत किया जा चुका है.
दूरसंचार विभाग
और टेलीफोन के आविष्कार के तुरंत बाद ही भारत में दूरसंचार सेवाओं की शुरुआत हो गई थी कोलकाता और डायमंड हर्बल के बीच पहली टेलीग्राफ लाइन 18 सो 51 में चालू हुई मार्च 18 से 84 तक आगरा से कोलकाता को तार संदेश भेजे जा सकते थे उन्नीस सौ तक भारतीय रेलवे में टेलीग्राफ और टेलीफोन का उपयोग होने लगा था टेलीग्राफ की तरह टेलीफोन सेवा की शुरुआत भी 180 81 82 में टेलीफोन के आविष्कार के सिर 6 साल बाद कोलकाता में 17 00 लाइनों की चिंता वाला पहला स्वचालित टेलीफोन एक्सचेंज में शिमला में चालू किया गया था.
भारत में दूरसंचार सेवाओं में स्वतंत्रता प्राप्ति के समय से अब तक महत्वपूर्ण सुधार हुआ है दूरसंचार क्षेत्र में निजी निवेश की अनुमति दिए जाने तथा स्वतंत्र नियामक की स्थापना के साथ ही दूरसंचार विभाग के सेवा प्रावधान कार्यकलापों को अलग करने तथा सरकारी सेवा प्रदाता सहित विभिन्न सेवा प्रदाताओं को समान अवसर प्रदान करने का मामला हाल हो गया है 1 अक्टूबर 2000 को नए सार्वजनिक उपक्रम भारत संचार निगम लिमिटेड का गठन किया गया इस उपक्रम को पूर्व दूरसंचार सेवा विभाग के सभी सेवा कार्य सौंप दिए गए थे.
वायस मेल ऑडियो ट्रेक्स एकीकृत संदेश सेवा
एनटीपी 1999 के अनुसार वायरमैन सेवा के लिए नई नीति जुलाई 2001 में घोषित की गई थी जिसमें एक ही क्रश संदेश सेवा नामक नई सेवा भी शामिल की गई थी यह एक ऐसी प्रणाली है जिसके माध्यम से टेलीफोन उपकरण फैक्स मशीन मोबाइल फोन इंटरनेट ब्राउज़र इत्यादि का इस्तेमाल करते हुए एक ही मेल बॉक्स ए वायर मेल फैक्स और ईमेल किए जा सकते हैं वायर मेल ऑडियोटेक सेवा प्रदान करने के लिए कोई लाइसेंस शुल्क नहीं लेता है इस समय लगभग 10 शहरों में इन सेवाओं को प्रदान करने हेतु 15 कंपनियों के पास करीब 30 लाइसेंस है.
पब्लिक रेडियो ट्रंक सेवा लाइसेंस के लिए नीति
एंटी p99 के अनुसार पब्लिक मोबाइल रेडियो ट्रंक सेवा के लिए नीति की घोषणा 1 नवंबर 2001 को की गई थी नए पीएम आरटीएस लाइसेंस पहले आओ पहले पाओ गैर विशिष्ट आधार पर प्रदान किए जाते हैं
मैं 3 महानगरों और 17 सर्किल के क्षेत्रों में पीएम आरटीएस सेवा प्रदान करने के लिए 15 कंपनियों के पास करीब 60 लाइसेंस है.
सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम भारत संचार निगम लिमिटेड
भारत संचार निगम लिमिटेड की स्थापना 1 अक्टूबर 2000 को तत्कालीन दूरसंचार सेवा विभाग का निम्नीकरण करके की गई थी कंपनी ने देश के सभी भागों में दूरसंचार सेवाओं की व्यवस्था से संबंधित दूरसंचार विभाग के तत्कालीन कार्यों को अपने हाथ में ले लिया था बीएसएनएल भारत सरकार के 100% स्वामित्व वाली सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है जिसकी प्रदत्त पूंजी 12500 करोड रुपए थी जिसमें 5000 करोड रुपए की क्वालिटी तथा 9% अधिमानी शेरों के 7500 करोड रुपए शामिल है.
बीएसएनल एक कंपनी है और सभी प्रकार की दूरसंचार सेवाएं अर्थात लैंडलाइन पर फोन सेवाएं w.l.l तथा मोबाइल और लंबी दूरी की दूरसंचार सेवाएं प्रदान करता है बीएसएनएल के कर्मचारियों की संख्या करीब 500000 से अधिक है कंपनी देश में शत-प्रतिशत नहीं डिजिटल स्विचिंग नेटवर्क के साथ क्षेत्र में अब इसका शेयर प्रेषित और इसके घाटे अनुमान लगाया जा रहा है इस हिसाब से बीएसएनएल कंपनी को भारत सरकार लगभग पूर्णतया बंद करने की ओर अग्रसर हो रही है और इसको प्राइवेट सेक्टर को सौंपने का एक अधिनियमित सुंदरबन प्रस्तुत करने के लिए सरकार किसी भी वक्त एक नए बिल को पास कर सकती है क्योंकि बीएसएनल को बहुत अधिक घाटे में चल रही यह सरकारी कंपनी है जो कि भारत सरकार को बीएसएनल को पोर्टल मॉडल के रूप में विकसित करने के लिए इसे एक प्राइवेटाइजेशन करने की प्रक्रिया की ओर अग्रसर होना चाहिए.
बीएसएनएल ने वायरलेस इन लोकल लूप नेटवर्क में सीडीएम प्रौद्योगिकी आधारित उपकरण लगाए हैं.
बीएसएनएल ने 19 अक्टूबर 2002 को अपने जीएसएम आधारित देशव्यापी सेल्यूलर मोबाइल सेवाओं की शुरुआत की बीएसएनल मोबाइल नेटवर्क के अंतर्गत लगभग सभी शहर तथा अधिकांश राष्ट्रीय राजमार्ग रेल मार्ग तथा राज्यों के राज्य मार्ग शामिल थे बीएसएनल का उपभोक्ता आधार 3.79 2 करोड रुपए है तथा 200000 गांव में अनुषांगिक कवरेज सहित उपसर्ग युक्त क्षमता थी.
महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड ( एमटीएनएल)
महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड दूरसंचार विभाग संचार मंत्रालय के अंतर्गत सरकार द्वारा पूर्ण स्वामित्व प्राप्त कंपनी के रूप में पहली बार अप्रैल 1986 में अस्तित्व में आया एमटीएनएल मुंबई और नवी मुंबई और दिल्ली फरीदाबाद और गाजियाबाद 4000 मोबाइल सेवा के लिए शामिल थे महानगरी सीमाओं में दूरसंचार सेवाओं के प्रबंधन नियंत्रण और परिचालन का कार्य एमटीएनएल द्वारा किया जा रहा था.
आधुनिक युग में पैसे ट्रांसफर करने की प्रक्रिया को मोबाइल कंपनियों और उनके एप्लीकेशन द्वारा और सरलता पूर्वक कर दिया गया है इस प्रक्रिया के अनुसार ग्राहक अपने मोबाइल को द्वारा किसी दूसरे व्यक्ति को मिनटों में ही अपने मोबाइल से एक रुपए से लगा कर के एक लाख तक की धनराशि को किसी के पास भेज सकता है ऐसी प्रक्रिया को संपन्न करने के लिए ग्राहक को अपने मोबाइल नंबर को बैंक अकाउंट नंबर में कनेक्ट करना होगा जब उसका बैंक अकाउंट उसके मोबाइल नंबर से लिंक हो जाएगा तो इस प्रक्रिया के द्वारा वह अपने पैसों को जिस व्यक्ति को चाहे उसको ट्रांसफर कर सकता है इस प्रक्रिया में होने वाले सभी प्रकार के अवरोधों की कोई भी उत्पन्न होने की कोई भी प्रक्रिया नहीं होती है.
आज के दौर में पेटीएम गूगल पर अमेजॉन जैसे आज एप्लीकेशन ओं द्वारा पैसे को एक अकाउंट से दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर करने की प्रक्रिया को बहुत ही सरलता पूर्वक किया जा रहा है इस प्रक्रिया के द्वारा ग्राहक कहीं से भी बैठे बैठे हैं पैसे को प्राप्त कर सकता है या पैसे को किसी भी अकाउंट में ट्रांसफर कर सकता है यह प्रक्रिया बेहद सरल और सुरक्षित मानी जाती है इस प्रक्रिया के शुरू होने से पैसे की पारदर्शिता को भी प्रदर्शित किया जा सकता है इससे कई कंपनियों का रेवेन्यू जनरेट होने की प्रक्रिया में भारत अग्रणी भूमिका निभा रहा है भारत में धीरे-धीरे कैशलेस ट्रांजैक्शन का पूरा पूरा एक नया प्रारूप देखने को मिल रहा है.
भारतीय प्रेस
प्रदेश में चल रहे घटनाक्रमों को जन जन तक पहुंचाने और जन भावनाओं को से सरकार को अवगत कराने का माध्यम है पत्रिकाएं और समाचार पत्र ना केवल आम लोगों के लिए सूचना मनोरंजन के साधन है बल्कि वे उनके व्यक्तित्व का भी विकास करते हैं प्रिंस का कोई भी रूप हो सकता है और उसका राष्ट्रीय समाज के विकास में महत्वपूर्ण योगदान होता है.
संपूर्ण देश में कब 30 मार्च 2014 को भारतीय प्रेस में समाचार पत्र-पत्रिकाओं की संख्या करीब 100000 थी 2013 और 14 के दौरान कुल 5642 ने प्रकाशन पंजीकृत हुए पिछले वर्ष की तुलना में प्रिंट मीडिया में 5 पॉइंट में 5% वृद्धि हुई हिंदी में सबसे अधिक 40 दशमलव 159 समाचार पत्र पत्रिकाएं प्रकाशित हुए दूसरे स्थान पर अंग्रेजी में करीब 18000 समाचार पत्र और अधिक प्रकाशित हुए हैं 2016 17 में करीब 5000000 प्रतियां की तुलना में समाचार पत्रों में कुल 7000000 प्रतियां प्रकाशित हो रही थी.
समाचार पत्रों का इतिहास
भारतीय समाचार पत्र उद्योग में 41 संस्थाएं ऐसी है जो शताब्दी पूरी कर चुकी है मुंबई से प्रकाशित हो रहा है गुजराती अखबार मुंबई समाचार ना केवल भारत में बल्कि पूरे एशिया में सबसे पुराना अखबार है इसकी स्थापना 1822 में हुई थी भारत में छपने वाला पहला सप्ताहिक बंगाल गजट 1780 में कोलकाता से प्रकाशित हुआ उसके संपादक जेम्स हिक्की अंग्रेज थे.
दिग्दर्शक भी कोलकाता से छपने वाला पहला भारतीय भाषा का 1818 में प्रकाशित होने वाला पत्र है भारत में रजिस्ट्रार न्यूज़पेपर ऑफ इंडिया की स्थापना 1 जुलाई 1556 को ही थी.
समाचार एजेंसी क्या होती है?
समाचार एजेंसी आफ प्रेस ट्रस्ट आफ इंडिया पीटीआई यूनाइटेड न्यूज़ ऑफ़ इंडिया यू एन आई भारत समाचार भारती और हिंदुस्तान समाचार प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया की स्थापना 27 अगस्त 1947 को ही यह भारत की सबसे बड़ी समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस ऑफ इंडिया और राइटर के स्थान पर बनाया गया था देश में इसके 124 समाचार ब्यूरो है जिनमें चार महानगरों के कंप्यूटर सज्जित कार्यालय भी सम्मिलित है यूएन का पंजीकरण कंपनी के रूप में 19 दिसंबर 1959 को हुआ था और इनके समाचार का काम 21 मार्च 1961 को आरंभ हुआ 18 सो 82 में इसने हिंदी समाचार सेवा यूनीवार्ता के नाम से शुरू कि नब्बे के दशक के शुरू में इसने उर्दू सेवा शुरू की खाड़ी के 4 देशों के समाचार पत्रों को भी समाचार पत्र देने के लिए समाचार सेवा चलाती है.
प्रेस परिषद
प्रेस परिषद एक्ट 1978 के अधीन भारत की पहली प्रेस परिषद का गठन 1979 में किया गया था प्रेस परिषद का उद्देश्य समाचार पत्रों की स्वाधीनता की रक्षा करना समाचार पत्रों समाचार जंतुओं के स्तर को बनाए रखना तथा उनमें सुधार करना है आर एस एस की स्थापना 1956 में की गई आर एन आई कागज कोटे को नियत करती थी और विदेश से कागज में छपाई की मशीनें आयात करने की संतुष्टि प्रदान करती थी प्रत्येक अखबार पत्रिका को आर एन आई से पंजीकरण कराना होता था.
प्रेस इनफॉरमेशन ब्यूरो ( पीआईबी)
भारत सरकार की यह केंद्रीय एजेंसी है इसके 40 क्षेत्रीय कार्यालय एपियाई भी समय सरकारी सूचनाएं कार्यवाही व अन्य कार्यक्रमों को पत्र-पत्रिकाओं को उपलब्ध कराती है पत्रकार और फोटोग्राफर एवं तकनीशियन ओं को यह मान्यता भी प्रदान करती है.
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