Drafting और Structuring the Blog Post Title: "असुरक्षित ऋण: भारतीय बैंकिंग क्षेत्र और अर्थव्यवस्था पर प्रभाव, और RBI की भूमिका" Structure: परिचय असुरक्षित ऋण का मतलब और यह क्यों महत्वपूर्ण है। भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में असुरक्षित ऋणों का वर्तमान परिदृश्य। असुरक्षित ऋणों के बढ़ने के कारण आसान कर्ज नीति। उधारकर्ताओं की क्रेडिट प्रोफाइल का सही मूल्यांकन न होना। आर्थिक मंदी और बाहरी कारक। बैंकिंग क्षेत्र पर प्रभाव वित्तीय स्थिरता को खतरा। बैंकों की लाभप्रदता में गिरावट। अन्य उधारकर्ताओं को कर्ज मिलने में कठिनाई। व्यापक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव आर्थिक विकास में बाधा। निवेश में कमी। रोजगार और व्यापार पर नकारात्मक प्रभाव। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की भूमिका और समाधान सख्त नियामक नीतियां। उधार देने के मानकों को सुधारना। डूबत ऋण प्रबंधन (NPA) के लिए विशेष उपाय। डिजिटल और तकनीकी साधनों का उपयोग। उदाहरण और केस स्टडी भारतीय बैंकिंग संकट 2015-2020। YES बैंक और IL&FS के मामले। निष्कर्ष पाठकों के लिए सुझाव और RBI की जिम्मेदारी। B...
अक्सर लोग हेल्थ पॉलिसी लेते समय जरूरी बातों को नजरअंदाज कर जाते हैं किन बातों का ध्यान रखना चाहिए सबसे जरूरी होता है इस बात के बारे में जाने ना
पॉलिसी लेते समय तुलना जरूर
करेंफ्रेंड चुनने से पहले आप 34 कंपनियों के प्लान चेक कर लें इससे आपको पता चल जाएगा क्या कि इस प्लान में क्या सुविधा मिल रही है और क्या नहीं ध्यान रखें जिस प्लान में बहुत ज्यादा करते हो उसे खरीदने से बचें हेल्थ पॉलिसी के हर क्लोज पर बारीकी से नजर डालें.
अपनी जरूरतों को समझें
जब भी पॉलिसी लेने के बारे में विचार करें तो अपने परिवार की जरूरतों को ध्यान में रखें परिवार के सदस्यों की संख्या व उम्र का विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है कि यदि यंग फैमिली है तो बेसिक ₹500000 वाली पॉलिसी ले सकते हैं जिसमें पेरेंट्स व दो बच्चे कब होते हैं इसका प्रीमियम ₹16840 के लगभग होता है इसके साथ कई कंपनियां अतिरिक्त डेढ़ सौ प्रतिशत का रिफिल अमाउंट भी देती हैं जैसे अगर आपने ₹500000 की पॉलिसी ली है तो आप 750000 का फायदा उठा सकते हैं लेकिन यदि परिवार में माता-पिता है तो पड़े फ्लोटर कवर वाली पॉलिसी ले ताकि बड़ी बीमारी आने पर जेब पर बोझ ना पड़े इस बात का भी ध्यान रखें कि आप जो भी पॉलिसी ने उसका प्रीमियम अदा करने में सक्षम हो.
क्लेम प्रोसेस आसान
जब भी पॉलिसी खरीदा तो क्लेम प्रोसेस जरूरत मुझे जैसे क्लेम को कितने घंटे में अप्रूवल मिल जाता है पैनल में कितने हॉस्पिटल आते हैं और अगर पैनल के बाहर के हॉस्पिटल में ट्रीटमेंट ले तो रिवर्स कितने दिनों में आ जाता है यह सारी जानकारी उनकी साइट पर जाकर ले सकते हैं आमतौर पर क्लेम को 3 से 9 घंटों में अप्रूवल मिल जाता है और 20 से 25 दिनों में रीवा आ जाता है इसलिए आसान क्लेम प्रोसेस वाली पॉलिसी का चयन करने की में ही समझदारी है.
क्या जानना जरूरी है
एक्सीडेंटल डैमेज कवर है या नहीं सीजनल बीमारियां कब से कब होंगी पॉलिसी लेने के कितने दिनों बाद गंभीर बीमारी खबर होंगी कुछ कंपनियां शुरुआत से ही प्लांट सर्जरी जैसे स्टोन गाल ब्लैडर आदि को शामिल करती हैं तो इस बात की पूरी जानकारी पहले ही ले ले.
लाइफटाइम रिनुअल
आप ऐसी हेल्थ पॉलिसी लें जो लाइफटाइम रिन्यूअल की सुविधा दे क्योंकि किसी को नहीं पता होता है कि वह कभी मार पड़ जाए ऐसे में सही पॉलिसी का चयन जीवन भर सुरक्षा प्रदान करेगा.
फ्री मेडिकल चेक अप
मैं फ्री मेडिकल चेकअप की सुविधा हो कुछ कंपनियों के अपने डायग्नोस्टिक सेंटर या पैनल हॉस्पिटल होते हैं उन्हें में चेकअप कराया जाता है तो कुछ कंपनियां यह सुविधा देती है कि आप बाहर से टेस्ट करा कर रिकवर करवा सकते हैं.
फ्री एंड पोस्ट हॉस्पिटलाइजेशन
ऑपरेशन करवाने से पहले या बाद में डॉक्टर को दिखाने व टेस्ट करवाने के नाम पर ही ढेरों रुपए खर्च हो जाते हैं ऐसे में पॉलिसी लेते समय पूछने की इसमें फ्री एंड पोस्ट हॉस्पिटलाइजेशन की सुविधा है या नहीं इससे आपको लाइफटाइम की सुविधा रहेगी.
शर्तों के बंधन में ना बंधे हैं
कंपनियों की पॉलिसी में यह स्पष्ट होता है कि आप हॉस्पिटल में भर्ती होने पर रूम का किराया तय रुपयों से ज्यादा नहीं मिलेगा अगर पॉलिसी में ऐसी कोई शर्त हो तो पॉलिसी ना ले क्योंकि आपको नहीं पता है कि किस बीमारी की स्थिति में आपको उसके लिए कितना देना पड़ेगा.
पुरानी बीमारी ना छिपाए
बीमा कंपनियां यह चाहते हैं कि भी हमारी हो वह हैबिट्स के बारे में कस्टमर के तरफ से हर बात स्पष्ट हो लाइफस्टाइल कैसा है मेडिकल हिस्ट्री आदि ताकि कंपनी को आपको बीमा राशि देने में कोई दिक्कत न आए इसलिए आप अपनी बीमारी की सही जानकारी दें भले आपको थोड़ा ज्यादा प्रीमियम देना पड़े.
महिलाओं के लिए पॉलिसी की जरूरत
कैरियर के प्रति महिलाओं में सजगता बड़ी है कामकाजी महिलाएं निवेश और अलग-अलग तरह के इंश्योरेंस पॉलिसियों की जरूरत को समझते हुए समय रहते जरूरी कदम उठा रही है कि रानियों को भी इंश्योरेंस पॉलिसी के महत्व को समझना चाहिए खासतौर पर हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को ज्यादातर घरों में ग्रहण यही गृहस्थी चलाने के लिए एक घर खर्च का हिसाब रखती हैं ऐसे में घर के किसी सदस्य को अचानक कोई भी मारी खेल ले या फिर वह खुद गर्भवती हो जाए तो बजट गड़बड़ा जाना स्वाभाविक है ऐसे में हेल्थ इंश्योरेंस बेहद काम आता है हाल ही में एक सर्वे में यह बात सामने आई है कि ज्यादातर भारतीय ग्रहणी या अपना रेगुलर हेल्थ चेकअप नहीं कराती हैं जिसकी वजह से उनकी छोटी-छोटी हेल्थ प्रॉब्लम बड़ा रूप ले लेती है और फिर हॉस्पिटल जाने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचता है ब्रेस्ट कैंसर युटेरस कैंसर इत्यादि महिलाओं में आम समस्याएं हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी मैटरनल हेल्थ के साथ इन सभी समस्याओं के इलाज पर होने वाले खर्च को भी कवर करती है.
महिलाओं के लिए हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के मुख्य फायदे:
आर्थिक मजबूती:
बीमारी होने पर जो खर्च बचेगा तो प्रॉपर्टी का आपका बजट भी मजबूत होगा जिससे आप अपने परिवार और बच्चों के साथ-साथ खुद के लिए भी अच्छा भविष्य प्लान कर पाएंगे मन शैली में सबसे ज्यादा महिलाएं प्रभावित हो जाती है ब्रेस्ट कैंसर वेजाइनल कैंसर इत्यादि समस्या दिन पर दिन पड़ रही है इनके इलाज पर बड़ी रकम खर्च करनी पड़ती हेल्प इंश्योरेंस ऐसे समय में आप का आर्थिक आधार पर आपके बॉस को कम करता है जीवन शैली के बदलाव का ही नतीजा है कि आज कल मैंने ड्यूटी पर होने वाले खर्च का काफी बढ़ गया है डिलीवरी के पहले और बाद में मां को काफी सारी बदलाव से गुजरना पड़ता है ऐसे में हॉस्पिटल में एडमिट होने के अलावा डिलीवरी से पहले और बाद के खातों का बिल काफी ज्यादा हो जाता है जो कि मध्यवर्ग के परिवार का बजट बिगाड़ने के लिए काफी हेल्प थे ऐसे में हेल्थ इंश्योरेंस देते समय मॉर्निंग कवर के बारे में पूरी जानकारी लें ताकि मां बनने का एहसास को खुलकर जी सके
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