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असुरक्षित ऋण क्या होते हैं? भारतीय बैंकिंग संकट, अर्थव्यवस्था पर प्रभाव और RBI के समाधान की एक विस्तृत विवेचना करो।

Drafting और Structuring the Blog Post Title: "असुरक्षित ऋण: भारतीय बैंकिंग क्षेत्र और अर्थव्यवस्था पर प्रभाव, और RBI की भूमिका" Structure: परिचय असुरक्षित ऋण का मतलब और यह क्यों महत्वपूर्ण है। भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में असुरक्षित ऋणों का वर्तमान परिदृश्य। असुरक्षित ऋणों के बढ़ने के कारण आसान कर्ज नीति। उधारकर्ताओं की क्रेडिट प्रोफाइल का सही मूल्यांकन न होना। आर्थिक मंदी और बाहरी कारक। बैंकिंग क्षेत्र पर प्रभाव वित्तीय स्थिरता को खतरा। बैंकों की लाभप्रदता में गिरावट। अन्य उधारकर्ताओं को कर्ज मिलने में कठिनाई। व्यापक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव आर्थिक विकास में बाधा। निवेश में कमी। रोजगार और व्यापार पर नकारात्मक प्रभाव। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की भूमिका और समाधान सख्त नियामक नीतियां। उधार देने के मानकों को सुधारना। डूबत ऋण प्रबंधन (NPA) के लिए विशेष उपाय। डिजिटल और तकनीकी साधनों का उपयोग। उदाहरण और केस स्टडी भारतीय बैंकिंग संकट 2015-2020। YES बैंक और IL&FS के मामले। निष्कर्ष पाठकों के लिए सुझाव और RBI की जिम्मेदारी। B...

लाकडाउन से पर्यावरण मे सुधार की सुरुआत

वातावरण ऐसे खिल उठा है मानव लॉक डाउनलोड के लिए वरदान बन कर आया है यकीनन कोरोनावायरस के प्रकोप की रोकथाम के लिए 24 मार्च से लागू लाग डाउन करीब और प्रवासी मजदूरों के लिए आफत बन कर आया है लेकिन इसका एक नतीजा हर तरह के प्रदूषण में भारी कमी के रूप में देख रहा है. वाकई है सुखद अहसास पैदा करता है मानव प्रकृति अपने मूल स्वरूप में लौट आई है हवा पानी अपने शुद्ध साफ स्वरूप में दिखने लगा है इसके नजारे उत्तराखंड में सबसे स्पष्ट दिख रहे हैं देश के प्रमुख तीर्थ स्थल हरिद्वार और रिकी ऋषिकेश में गंगा जल एकदम साफ और नीला दिखाई देता है और इसमें मछलियां भी साफ साफ दिखाई दे रही हैं और वैज्ञानिक इसे पीने योग्य बता रहे हैं वैज्ञानिकों के अनुसार गंगा का पानी की वजह से इसके पानी में घुले दी सॉलिड की मात्रा में आई 50% की कमी है जाहिर है सा तीर्थ नगरी में मौजूद धर्मशाला होटल से आने वाले और अन्य प्रदेशों में कमी की वजह से हुआ है पानी की गुणवत्ता में आया असर साफ दिखाई दे रहा है ऋषिकेश में इस पानी को साफ किया जा सकता है हरिद्वार में नहाने योग्य और कुछ ट्रीटमेंट के बाद पीने योग्य आसानी से किया जा सकता है उत्तराखंड पर्यावरण प्रदूषण बोर्ड के अध्ययन कर रहे हैं.

             उत्तराखंड के प्रमुख पार्टियों शहर में या फिर देवभूमि के धार्मिक महत्व के तीर्थ या नगर हर जगह लाख डाउन के चलते पर्यावरण में बहुत सुधार दिख रहा है अप्रैल मई और जून के महीनों में यहां लगभग शहरों कस्बों में लोगों की भीड़ लगी रहती थी लेकिन इन दिनों सन्नाटा पसरा हुआ है झील नगरी नैनीताल समिति भीमताल में कुचिया ताल सातताल सभी में झीलों का पानी ना केवल पारदर्शी और निर्मल दिखाई दे रहा है बल्कि इन जिलों की खूबसूरती भी बढ़ गई है पिछले कई साल से झील के जल स्तर में जो गिरावट दिखती थी वह भी इस बार नहीं दिख रही है मछलियां झील की सतह पर आकर अठखेलियां करती दिखाई दे रही है कि साफ-सुथरी और चमकदार दिख रहे हैं कुमाऊं विश्वविद्यालय में वनस्पति विज्ञान विभाग के प्रोफेसर के अनुसार यह शहर के होटलों और रेस्टोरेंट के बंद होने का नतीजा है क्योंकि उनके निकलने वाले कचरे में भारी कमी आई है.

            लाडला उनसे पसरा सन्नाटा वन्यजीवों के लिए वरदान बन गया है इन पार्ट अक्षरों में भारी दुपहरी में तेलुगु एक ऐसा वक्त सड़कों पर आम चहल कदमी करते दिखाई पड़ते हैं राजाजी टाइगर रिजर्व से लगे हरिद्वार में हर की पौड़ी से गजराज कि आज धमके 7 अप्रैल की सुबह सवेरे गजराज हर की पौड़ी घाट पर पानी में उतर आए लेकिन देर तक स्नान के मुख्य शहर का पेड़ लगाया लाल के चलते ड्यूटी में लगे पुलिस वाले भी दहशत में आ गया किसी तरह का सायरन बजाकर को विदा किया गया.

           वैज्ञानिकों के अनुसार हरिद्वार में हर की पौड़ी घाट पर पानी की गुणवत्ता में 40 से 50% सुधार हुआ है वहां रोज हजारों श्रद्धालुओं का आना जाना होता है लेकिन लाख डाउन की आवाजाही बंद है.

          भरौल दंगा आज सोच और शुद्ध होती दिख रही है जिस बचता और निर्मलता के लिए सरकारें करोड़ों रुपए खर्च करके पड़ा मिला था कि वह प्रणाम लाख डाउनलोड मिल गया मछली और अन्य जीव पानी में सांप दिखाई देते हैं घाट पूरी तरह से साफ है एकदम गंगा को सफेद सांप देखना चाहते हैं लाख डाउन के कारण ऐसा हो सका लेकिन हमें खुशी होगी अगर श्रद्धालुओं के आने के बाद ही गंगा का पानी साफ रहे.

          पर्यावरणीय तौर पर इस कारण हवा भी इतनी सुंदर शहरों में पहाड़ियों की चोटियां साथ दिख रही है इतना ही नहीं स्वच्छता का आलम हर कहीं दिखने लगा है नीला आसमान हर जगह से दिखने लगा बाग बगीचे सुंदर हो गए हैं पक्षियों के मधुर स्वर भी लौट आई हैं कहीं शोरगुल नहीं सुनाई दे रहा है चारधाम बरसे ला दे हुए अपनी चमक बिखेर रहे कि सूर्य की रोशनी आंखों को छुपा लिया देती है बेशक हमारी देश की घड़ी है लेकिन इससे हमें शर्म भी लेने चाहिए ताकि प्राकृतिक भी साथ बनी रहे और हमारा जीवन भी सुरक्षित रहें.

     उत्तराखंड पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने देवप्रयाग से लेकर हरिद्वार तक गंगा जल की गुणवत्ता के नमूनों की जांच की तो पता चला कि पहली बार हरिद्वार में हर की पौड़ी में गंगा के पानी की गुणवत्ता एरियानी कुछ साफ करके पीने योग्य हो गई है जो पहले बी सी डी आनी नहाने योग्य ही थी 24 मार्च से जारी लाग डाउन में क्या फर्क है यह जानने के लिए 7 अप्रैल से अध्ययन किया इसके तहत देवप्रयाग से लेकर हरिद्वार तक छह स्थानों पर गंगा के पानी के नमूने लिए गए देहरादून स्थित केंद्रीय प्रयोगशाला में नमूनों की जांच के बाद 14 अप्रैल को इसके आंकड़े जारी किया गया ऋषिकेश से लेकर हरिद्वार तक फार्म की मात्रा में भारी कमी आई अधिकारियों का कहना है कि पशुओं के नजदीक भी गंगा के पानी की गुणवत्ता ए सीआईडी की आई थी जो पहले भी साड़ी किया है वैसे तो उत्तराखंड में गंगा को स्वच्छ और निर्मल बनाने के लिए नमामि गंगे प्रोजेक्ट भी चल रहा है इसके तहत गंगा तट से लगे 15 शहरों और कस्बों में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण का 90 फ़ीसदी पूरा हो चुका है गंगा में गिर रहे गंदे नाले भी टाइप किए गए हैं इस से गोमुख से लेकर ऋषिकेश तक गंगा जल की गुणवत्ता पहले साड़ी की हो गई थी उसके बाद ब्लॉक से लेकर के हरिद्वार तक गंगा जल की गुणवत्ता बी सी डी की हो गई लेकिन 24 मार्च से लागू टाउन के बाद स्थिति बदल रही है.

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