🧾 सबसे पहले — ब्लॉग की ड्राफ्टिंग (Outline) आपका ब्लॉग “ सिंधु घाटी सभ्यता (Indus Valley Civilization) ” पर होगा, और इसे SEO और शैक्षणिक दोनों दृष्टि से इस तरह ड्राफ्ट किया गया है ।👇 🔹 ब्लॉग का संपूर्ण ढांचा परिचय (Introduction) सिंधु घाटी सभ्यता का उद्भव और समयकाल विकास के चरण (Pre, Early, Mature, Late Harappan) मुख्य स्थल एवं खोजें (Important Sites and Excavations) नगर योजना और वास्तुकला (Town Planning & Architecture) आर्थिक जीवन, कृषि एवं व्यापार (Economy, Agriculture & Trade) कला, उद्योग एवं हस्तकला (Art, Craft & Industry) धर्म, सामाजिक जीवन और संस्कृति (Religion & Social Life) लिपि एवं भाषा (Script & Language) सभ्यता के पतन के कारण (Causes of Decline) सिंधु सभ्यता और अन्य सभ्यताओं की तुलना (Comparative Study) महत्वपूर्ण पुरातात्त्विक खोजें और केस स्टडी (Key Archaeological Cases) भारत में आधुनिक शहरी योजना पर प्रभाव (Legacy & Modern Relevance) निष्कर्ष (Conclusion) FAQ / सामान्य प्रश्न 🏛️ अब ...
कोविड-19 के खिलाफ भारत के जंग में संपर्क की निगरानी पर आधारित आरोग्य सेतु एप महत्वपूर्ण संसाधन है इसे लांच होने के एक पखवाड़े के भीतर 50000000 डाउनलोड हासिल हुए हैं. और विश्व बैंक की रिपोर्ट में इसकी प्रशंसा भी की गई है लेकिन इसकी गोपनीयता प्रावधानों को लेकर बहस के लिए पर्याप्त जगह साइबर विशेषज्ञ मानते हैं कि यह एक उपयोगकर्ताओं से बहुत अधिक व्यक्तिगत जानकारी मांगता है वे सरकार के इस आश्वासन के भरोसे का पर्याप्त आधार नहीं पाते हैं केंद्रीय सर्वर पर कोविड-19 पॉजिटिव उपयोगकर्ताओं का डाटा और वह भी अनाम रूप से अपलोड किया जाएगा तथा संक्रमित व्यक्ति के स्वस्थ होने के 60 दिनों के बाद उसका डाटा मिटा दिया जाएगा.
15 मिनट में यह उपयोगकर्ताओं के स्थान और उनके ब्राह्मण के स्थानों के बारे में डाटा एकत्र करता है ऐप की सेवा की शर्तों के अनुसार व्यक्तिगत जानकारी और लोकेशन के डाटा को मोबाइल डिवाइस में सुरक्षित रूप से संग्रह किया जाता है जानकारी को सिर्फ तभी एक केंद्रीय सर्वर पर अपलोड किया जाता है जब जांच के बाद उपयोगकर्ता के कोविड-19 से संक्रमित होने की पुष्टि होती है या लक्षणों का आत्म मूल्यांकन और में संक्रमण की संभावना जताता है.
सर्वर पर अपलोड करते वक्त जानकारी खोए की योनि और रेंडम तरीके से उत्पन्न डिवाइस आईडी नंबर के साथ अलग किया जाता है जिसका इस्तेमाल उपयोगकर्ता के ऐप संबंधित सभी वाद की गतिविधियों को पहचानने के लिए किया जाता है इस ऐप को विकसित करने में केंद्र सरकार ने कई विशेषज्ञों से परामर्श भी लिया था जिनमें साइबर डिफेंस एक्सपर्ट भी शामिल है जब उपयोगकर्ता के संक्रमण का खतरा इतना अधिक हो कि सरकार को उस शख्स को जांच के लिए कहने की जरूरत महसूस होती है.
जब दो पंजीकृत उपयोगकर्ता एक दूसरे के ब्लूटूथ रेंज में आते हैं तो उनके एप्स चालित रूप से डीआईडी और सूचनाओं का आदान प्रदान करते हैं कि दोनों के बीच संपर्क कहां और कितनी देर तक हुआ हर फोन अपने नजदीक आए हर दूसरे फोन का एक लॉक बनाता है जिससे एक उपयोगकर्ता के संपर्क में आने वाले लोगों की एक सामाजिक संखला बन जाती है अगर एक उपयोगकर्ता को कोविड-19 की जांच में संक्रमित पाया जाता है तो सिस्टम उन सभी को अलग करता है जो उस व्यक्ति के नजदीक संपर्क में आए थे ऐसे उपयोगकर्ताओं को सलाह दी जाती है कि वह स्वयं को कैंटीन करें और अगर उनमें लक्षण विकसित हो तो वे जांच कराएं आरोग्य सेतु की उपयोगिता.
Comments