Drafting और Structuring the Blog Post Title: "असुरक्षित ऋण: भारतीय बैंकिंग क्षेत्र और अर्थव्यवस्था पर प्रभाव, और RBI की भूमिका" Structure: परिचय असुरक्षित ऋण का मतलब और यह क्यों महत्वपूर्ण है। भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में असुरक्षित ऋणों का वर्तमान परिदृश्य। असुरक्षित ऋणों के बढ़ने के कारण आसान कर्ज नीति। उधारकर्ताओं की क्रेडिट प्रोफाइल का सही मूल्यांकन न होना। आर्थिक मंदी और बाहरी कारक। बैंकिंग क्षेत्र पर प्रभाव वित्तीय स्थिरता को खतरा। बैंकों की लाभप्रदता में गिरावट। अन्य उधारकर्ताओं को कर्ज मिलने में कठिनाई। व्यापक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव आर्थिक विकास में बाधा। निवेश में कमी। रोजगार और व्यापार पर नकारात्मक प्रभाव। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की भूमिका और समाधान सख्त नियामक नीतियां। उधार देने के मानकों को सुधारना। डूबत ऋण प्रबंधन (NPA) के लिए विशेष उपाय। डिजिटल और तकनीकी साधनों का उपयोग। उदाहरण और केस स्टडी भारतीय बैंकिंग संकट 2015-2020। YES बैंक और IL&FS के मामले। निष्कर्ष पाठकों के लिए सुझाव और RBI की जिम्मेदारी। B...
कोविड-19 के खिलाफ भारत के जंग में संपर्क की निगरानी पर आधारित आरोग्य सेतु एप महत्वपूर्ण संसाधन है इसे लांच होने के एक पखवाड़े के भीतर 50000000 डाउनलोड हासिल हुए हैं. और विश्व बैंक की रिपोर्ट में इसकी प्रशंसा भी की गई है लेकिन इसकी गोपनीयता प्रावधानों को लेकर बहस के लिए पर्याप्त जगह साइबर विशेषज्ञ मानते हैं कि यह एक उपयोगकर्ताओं से बहुत अधिक व्यक्तिगत जानकारी मांगता है वे सरकार के इस आश्वासन के भरोसे का पर्याप्त आधार नहीं पाते हैं केंद्रीय सर्वर पर कोविड-19 पॉजिटिव उपयोगकर्ताओं का डाटा और वह भी अनाम रूप से अपलोड किया जाएगा तथा संक्रमित व्यक्ति के स्वस्थ होने के 60 दिनों के बाद उसका डाटा मिटा दिया जाएगा.
15 मिनट में यह उपयोगकर्ताओं के स्थान और उनके ब्राह्मण के स्थानों के बारे में डाटा एकत्र करता है ऐप की सेवा की शर्तों के अनुसार व्यक्तिगत जानकारी और लोकेशन के डाटा को मोबाइल डिवाइस में सुरक्षित रूप से संग्रह किया जाता है जानकारी को सिर्फ तभी एक केंद्रीय सर्वर पर अपलोड किया जाता है जब जांच के बाद उपयोगकर्ता के कोविड-19 से संक्रमित होने की पुष्टि होती है या लक्षणों का आत्म मूल्यांकन और में संक्रमण की संभावना जताता है.
सर्वर पर अपलोड करते वक्त जानकारी खोए की योनि और रेंडम तरीके से उत्पन्न डिवाइस आईडी नंबर के साथ अलग किया जाता है जिसका इस्तेमाल उपयोगकर्ता के ऐप संबंधित सभी वाद की गतिविधियों को पहचानने के लिए किया जाता है इस ऐप को विकसित करने में केंद्र सरकार ने कई विशेषज्ञों से परामर्श भी लिया था जिनमें साइबर डिफेंस एक्सपर्ट भी शामिल है जब उपयोगकर्ता के संक्रमण का खतरा इतना अधिक हो कि सरकार को उस शख्स को जांच के लिए कहने की जरूरत महसूस होती है.
जब दो पंजीकृत उपयोगकर्ता एक दूसरे के ब्लूटूथ रेंज में आते हैं तो उनके एप्स चालित रूप से डीआईडी और सूचनाओं का आदान प्रदान करते हैं कि दोनों के बीच संपर्क कहां और कितनी देर तक हुआ हर फोन अपने नजदीक आए हर दूसरे फोन का एक लॉक बनाता है जिससे एक उपयोगकर्ता के संपर्क में आने वाले लोगों की एक सामाजिक संखला बन जाती है अगर एक उपयोगकर्ता को कोविड-19 की जांच में संक्रमित पाया जाता है तो सिस्टम उन सभी को अलग करता है जो उस व्यक्ति के नजदीक संपर्क में आए थे ऐसे उपयोगकर्ताओं को सलाह दी जाती है कि वह स्वयं को कैंटीन करें और अगर उनमें लक्षण विकसित हो तो वे जांच कराएं आरोग्य सेतु की उपयोगिता.
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