🧾 सबसे पहले — ब्लॉग की ड्राफ्टिंग (Outline) आपका ब्लॉग “ सिंधु घाटी सभ्यता (Indus Valley Civilization) ” पर होगा, और इसे SEO और शैक्षणिक दोनों दृष्टि से इस तरह ड्राफ्ट किया गया है ।👇 🔹 ब्लॉग का संपूर्ण ढांचा परिचय (Introduction) सिंधु घाटी सभ्यता का उद्भव और समयकाल विकास के चरण (Pre, Early, Mature, Late Harappan) मुख्य स्थल एवं खोजें (Important Sites and Excavations) नगर योजना और वास्तुकला (Town Planning & Architecture) आर्थिक जीवन, कृषि एवं व्यापार (Economy, Agriculture & Trade) कला, उद्योग एवं हस्तकला (Art, Craft & Industry) धर्म, सामाजिक जीवन और संस्कृति (Religion & Social Life) लिपि एवं भाषा (Script & Language) सभ्यता के पतन के कारण (Causes of Decline) सिंधु सभ्यता और अन्य सभ्यताओं की तुलना (Comparative Study) महत्वपूर्ण पुरातात्त्विक खोजें और केस स्टडी (Key Archaeological Cases) भारत में आधुनिक शहरी योजना पर प्रभाव (Legacy & Modern Relevance) निष्कर्ष (Conclusion) FAQ / सामान्य प्रश्न 🏛️ अब ...
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने भारत में ई-कॉमर्स पर बाजार अध्ययन महत्वपूर्ण निष्कर्ष एवं अवलोकन नामक एक शीर्षक में एक रिपोर्ट जारी की है जिस रिपोर्ट के अनुसार भारत में होने वाले व्यापार ओं का ई कॉमर्स व्यापार पर होने वाले असुरों का किस प्रकार भारतीय बाजार पर असर हुआ है इस बारे में चर्चा की गई है.
भारत में इकॉमर्स पारितंत्र की प्रमुख विशेषताओं के बारे में चर्चा
विश्व में सर्वाधिक तेजी से बढ़ता बाजार भारत के इकॉमर्स क्षेत्र से प्राप्त होने वाले राजस्व के वर्ष 2017 के 39 बिलियन अमेरिकी डालर से बढ़कर वर्ष 2020 में 120 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचना अपेक्षित है जिसकी वृद्धि 51% प्रतिवर्ष है जो कि विश्व में सर्वाधिक है. वर्ष 2009 के पश्चात से ही कामा क्षेत्र को विश्व भर में लगभग 13338 मिलियन अमेरिकी डालर का निवेश प्राप्त हुआ है.
एमएसएमई की भागीदारी
यूनाइटेड नेशन इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन एक वर्किंग पेपर के अनुसार भारत में विनिर्माण उत्पादों का लगभग आधा भाग सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यमों से आता है तथा 45% भारत में ऑनलाइन बिक्री से आने की शुरुआत हो चुकी है.
ऑनलाइन व्यापार से मूल पारदर्शिता में वृद्धि हुई है और इसके परिणाम स्वरूप ग्राहकों के लिए मूल्यों की तुलना करना आसान हो गया है इससे विक्रेताओं को भी प्रतिस्पर्धी ओं की कीमतों पर नजर रखने तथा अपनी कीमतें निर्धारित करने में इसको इनपुट के रूप में भी उपयोग करने में सहायता प्राप्त होती है.
ई-कॉमर्स के प्रति रणनीति अनुक्रिया
खुदरा विक्रेता ऑनलाइन उपभोक्ताओं तक पहुंचने के लिए मुख्य रूप से तृतीय पक्ष के मार्केट प्लेस प्लेटफार्म का उपयोग कर रहे हैं कुछ विक्रेताओं ने प्रत्यक्ष बिक्री के पूरक के रूप में स्वयं अपनी वेबसाइट लाइंस कर ली है इसके अतिरिक्त ऐसे विक्रेता भी हैं जो बिना किसी दुकान के विशिष्ट रूप से केवल ऑनलाइन माध्यम से ही बिक्री करते हैं.
वृद्धि के कारण या भारतीय बाजार में ऑनलाइन ई-कॉमर्स वृद्धि के क्या-क्या कारण हो
ई-कॉमर्स क्षेत्र की वृद्धि के लिए निम्नलिखित कारक सहायक हो सकते हैं इस स्मार्टफोन का बढ़ता उपयोग और इंटरनेट तक पहुंच में वृद्धि मार्केटप्लेस द्वारा डिलीवरी के समय नगद में मूल्य चुकाने की सुविधा मार्केट पुलिस द्वारा दी जाने वाली छूट और मूल्य प्रणाली द्वारा डिलीवरी उत्पादों की व्यापक रेंज की उपलब्धता शहरों में भी इसकी मांग बढ़ी है क्योंकि वहां यह पहले से विकल्प सीमित थे.
ई-कॉमर्स क्षेत्र के समक्ष कौन-कौन सी चुनौतियां निकट भविष्य में हो सकती हैं?
भारत में कुल इंटरनेट उपयोगकर्ता आधार वर्ष 2019 के 665 मिलियन से बढ़कर वर्ष 2021 तक 829 मिलियन हो जाएगा या फिर भी ई कॉमर्स की पहुंच अत्यंत कम अर्थात केवल 50 मिलियन खरीददारों तक ही है विश्व बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में कुल खुदरा बिक्री में ऑनलाइन बिक्री की भागीदारी मात्र 1 पॉइंट 6 प्रतिशत है जबकि चीन का आंकड़ा 15% और वैश्विक स्तर पर लगभग 14% है.
भारत में टियर 2 और 3 शहरों में भाभी उपभोक्ताओं के उभरने की संभावना है विविध भामाशाह डिजिटल सिस्टम की जानकारी ना होना और उसमें बाजारों में उत्पादों की एक ग्रहण सीन प्राथमिकताएं इस क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण चुनौतियां हैं.
और संरचनात्मक अक्षमता के अतिरिक्त डिलीवरी की उच्च लागत व उच्च वापसी दर्ज डिलीवरी के समय नगद भुगतान वाले ऑर्डर की अधिकता आदि इस संबंध में प्रमुख चुनौतियां हैं या नहीं थी वॉलमार्ट फ्लिपकार्ट और अमेजन जैसे ऑनलाइन बड़े खुदरा विक्रेताओं पर ऐसे डाटा के संग्रह एवं भंडारण के लिए स्थानीय डाटा केंद्र स्थापित करने का अतिरिक्त दबाव डालती है मार्केटप्लेस अपने पसंदीदा विक्रेता या निजी लेबलों के पक्ष में प्रतिस्पर्धा को प्रभावित करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण डेटा का उपयोग करते हैं जैसे प्रतिस्पर्धी उत्पादों का मूल्य भुगतान आदि. सभी व्यवसाय के उपयोगकर्ताओं के लिए प्लेटफार्म का कोई मानक अनुबंध उपलब्ध नहीं है विक्रेताओं सेवा प्रदाताओं की व्यक्तिगत आवश्यकताओं को पूर्ण करने के लिए अनुबंधों को अनुकूल किया जाता है जो समान रूप से लागू नहीं होते हैं ऊंट की प्रथा के साथ साथ अलग-अलग छूट संरचना के कारण पक्षपातपूर्ण स्थिति रैंकिंग में गिरावट लाभ प्रदाता में गिरावट और ब्रांड इक्विटी में भी मुस्कान आदि की समस्याएं देखी जा सकती हैं विशेष व्यवस्था जैसे कि किसी विशेष प्लेटफार्म पर किसी उत्पाद को लांच करने या उत्पाद श्रेणी में केवल एक ब्रांड को सूचित करने के लिए आमतौर पर कीमतें बढ़ती हैं तथा उपभोक्ताओं के लिए विकल्पों की कमी हो जाती है प्लेटफार्म मूल्य क्षमता अनुच्छेद विक्रेता सेवाओं को अन्य प्लेटफार्म पर कम कीमत पर अपने माल या सेवाओं की पेशकश करने से रोकता है. इनमें से कुछ प्लेटफार्म की उपयोगकर्ता समीक्षा तथा रेटिंग नीति में पारदर्शिता और सा की कमी से जुड़ी समस्याएं भी मौजूद है.
सरकार की क्या भूमिका होनी चाहिए?
सरकार की भूमिका के बारे में अगर हम बात करते हैं तो नागरिकों की औपचारिक बैंकिंग हम आसान ऋण सुविधाओं तक पहुंच को विस्तृत करना विशेष रूप से औद्योगिक गलियारों लॉजिस्टिक पार्क और विशेष आर्थिक क्षेत्रों की स्थापना के माध्यम से मेक इन इंडिया पहल के लिए सरकार द्वारा सहयोग बढ़ाने के लिए प्रयास किए जाने की आवश्यकता है शुद्र डेटा संरक्षण ढांचे को मजबूत करने सीमापार यही काम आरसीएनएन पर अप्रत्यक्ष कराधान और प्रतिबंधों में यादों के संदर्भ में स्थानीय ऑफलाइन और ऑनलाइन प्रतिभागियों के मध्य समानता लाना आधुनिक लार्जेस्ट साझेदार और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हुए नवीन को जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मशीन लर्निंग आदि वर्तमान समस्याओं का समाधान प्रदान करते हैं जिससे ई-कॉमर्स कंपनियों को लौटाने दरों में कमी ला सकती हैं जब आर्डर डिलीवर नहीं किया जा सकते हैं उन्हें वापस भेजना पड़ता है प्लेटफॉर्म नियंत्रण के लिए ऐसे तरीके विकसित कर सकते हैं जिससे हनुमान के सभी पक्षों के हितों का संरक्षण निबंध के आधार पर तालमेल की रूपरेखा छूट नहीं दी और विवाद का समाधान हो सके.
ई-कॉमर्स क्षेत्र
नमस्कार से डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक नेटवर्क पर डिजिटल उत्पादन सहित वस्तुओं एवं सेवाओं की खरीद बिक्री से इसी कॉमर्स गतिविधि में माल और सेवाओं की इन्वेंटरी का स्वामी टी कॉमर्स के निकाय के पास होता है तथा वह इन्हें सीधा उपभोक्ता को भेजता है इसमें ई-कॉमर्स निकाय द्वारा एक डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक नेटवर्क पर सूचना पदों की प्लेटफार्म प्रदान किया जाता है तथा उक्त निकाय खरीदार और विक्रेता के बीच मध्यस्थता का कार्य करता है उदाहरण के तौर पर अमेजॉन फ्लिपकार्ट पेटीएम स्नैपडील आदि. ई-कॉमर्स के मल्टीप्लेक्स मॉडल से स्वचालित मार के अंतर्गत 100% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति है ई कॉमर्स में इन्वेंटरी आधारित मॉडल को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति नहीं दी जाती है.
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