Drafting और Structuring the Blog Post Title: "असुरक्षित ऋण: भारतीय बैंकिंग क्षेत्र और अर्थव्यवस्था पर प्रभाव, और RBI की भूमिका" Structure: परिचय असुरक्षित ऋण का मतलब और यह क्यों महत्वपूर्ण है। भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में असुरक्षित ऋणों का वर्तमान परिदृश्य। असुरक्षित ऋणों के बढ़ने के कारण आसान कर्ज नीति। उधारकर्ताओं की क्रेडिट प्रोफाइल का सही मूल्यांकन न होना। आर्थिक मंदी और बाहरी कारक। बैंकिंग क्षेत्र पर प्रभाव वित्तीय स्थिरता को खतरा। बैंकों की लाभप्रदता में गिरावट। अन्य उधारकर्ताओं को कर्ज मिलने में कठिनाई। व्यापक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव आर्थिक विकास में बाधा। निवेश में कमी। रोजगार और व्यापार पर नकारात्मक प्रभाव। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की भूमिका और समाधान सख्त नियामक नीतियां। उधार देने के मानकों को सुधारना। डूबत ऋण प्रबंधन (NPA) के लिए विशेष उपाय। डिजिटल और तकनीकी साधनों का उपयोग। उदाहरण और केस स्टडी भारतीय बैंकिंग संकट 2015-2020। YES बैंक और IL&FS के मामले। निष्कर्ष पाठकों के लिए सुझाव और RBI की जिम्मेदारी। B...
आप अगर अपने मेल पर निगाह डालें तो कभी ना कभी आप रूबरू हुए होंगे कि कभी आपको रिजर्व बैंक की तरफ से मेल है कि आपको लाखों रुपए बैंक दे रहा है लेकिन आपको पेपर वर्क के लिए पहले 10 से ₹15000 देने होंगे कभी नौकरी वह भी मारुति जैसे प्रतिष्ठान से वहां भी लिखा होगा कि ₹15000 आप भेजें जिससे वह आपका हवाई टिकट भेज सकें दरअसल अब साइबर क्राइम का दायरा दिनों दिन बढ़ता जा रहा है आप ठगे भी जा सकते हैं मानसिक रूप से आज भी किए जा सकते हैं आप ब्लैकमेल भी हो सकते हैं जरूरत है सावधान रहने की साइबर शब्द सबसे पहले विलियम गिब्सन ने अपने उपन्यास न्यूरो मेंशन में 1984 में गढ़ा था भारतीय कानून में साइबर अपराध की कोई परिभाषा नहीं है भारतीय दंड संहिता में तो इसका जिक्र भी नहीं है किंतु कैंब्रिज एडवांस्ड लर्नर्स डिक्शनरी के अनुसार साइबर अपराध व अपराध है जो कंप्यूटर खासकर इंटरनेट के जरिए या उससे जुड़ा होता है सीधी सरल भाषा में कहें तो साइबर अपराध एक अवैध अपराध की श्रेणी में आता है जिसमें कंप्यूटर साधन या लक्ष्य अथवा दोनों ही आईटी संशोधन अधिनियम 2008 के जरिए संशोधन किया गया है इसमें साइबर अपराधों के लिए दीवानी अदालतों में मुकदमा चलाने और दंड का प्रावधान है साइबर अपराध में साइबर नियमों का उल्लंघन और साइबर अपराध दोनों शामिल हैं दोनों के बीच आपराधिक गतिविधि की डिग्री और हद का अंतर है यह अधिनियम राष्ट्रीयता के भेदभाव के बिना किसी व्यक्ति द्वारा भारत से बाहर किए गए अपराधों या उल्लंघन ओं पर भी लागू होता है बशर्ते इसके लिए भारत में स्थित कंप्यूटर सिस्टम या कंप्यूटर नेटवर्क का इस्तेमाल किया जाए उदाहरण के लिए यदि लंदन में बैठक हुई व्यक्ति चेन्नई में बैठे व्यक्ति के ईमेल पते पर अपात्र या अश्लील एसएमएस भेजता है तो ईमेल भेजने वाला व्यक्ति आईपी अधिनियम की संपत धाराओं के अंतर्गत जवाब दे होगा क्योंकि उसके कृत्य से भारत में स्थित एक कंप्यूटर सिस्टम प्रभावित हुआ है
साइबर अपराध के कारणों में शामिल है
शिकार और आरोपी दोनों व्यक्तियों में जानकारी का अभाव
इनफॉरमेशन सिक्योरिटी का भाव और कानून की जानकारी का अभाव
है किंग के साधनों की आसान उपलब्धता ग्लोबल कनेक्टिविटी ई-कॉमर्स आसानी से छिपा अनगिनत लाचार लक्ष्य उपकरण की कम लागत जैसे कुछ कारकों ने भी साइबर अपराध बेहिसाब बढ़ाने में योगदान किया है
इनफॉरमेशन सिक्योरिटी का भाव और कानून की जानकारी का अभाव
है किंग के साधनों की आसान उपलब्धता ग्लोबल कनेक्टिविटी ई-कॉमर्स आसानी से छिपा अनगिनत लाचार लक्ष्य उपकरण की कम लागत जैसे कुछ कारकों ने भी साइबर अपराध बेहिसाब बढ़ाने में योगदान किया है
साइबर जगत में आमतौर पर इस्तेमाल होने वाले कुछ शब्द
हैकिंग
डिक्शनरी के अनुसार हैकिंग का अर्थ आपके सिक्योरिटी तंत्र में पैठ बना लेना अगर हम इस को सरल शब्दों में कहे की हैकिंग क्या होती है तो हैकिंग वह है जब आप अपना कंप्यूटर या मोबाइल इस्तेमाल करते हैं या किसी सोशल मीडिया साइट का इस्तेमाल करते हैं और वह आपको इस्तेमाल करने से उसमें परेशानी आती है या किसी प्रकार की समस्या जो कि आपके समझ में नहीं आती है यह कंप्यूटर सिस्टम में घुसपैठ करना है घड़ी से लेकर महज मस्ती तक कुछ भी हो सकते हैं उद्देश्य के आधार पर है किन को वित्तीय मनोरंजन खुफिया सैन्य और आतंकवादी हैकिंग के वर्गों में बांटा जा सकता है संशोधित आईटी अधिनियम में हैकिंग को परिभाषित नहीं किया गया है धारा 43 ईयर धारा 66 को भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के साथ पढ़ा जाता है खाद से किसी कंप्यूटर में प्रवेश किसी को धोखा देना इसके लिए 3 वर्ष तक की सजा देने का प्रावधान है या ₹500000 जुर्माना या दोनों हो सकता है और दोषी व्यक्ति को प्रभावित व्यक्ति के लिए हर्जाना भी देना पड़ सकता है.
ईमेल स्पूफिंग
स्पूफिंग वास्तव में किसी कंप्यूटर को इलेक्ट्रॉनिक विधि से वेश बदलकर दूसरे कंप्यूटर जैसा दिखाना है ताकि सीमित एक्सेस सिस्टम में प्रवेश किया जा सके विकिपीडिया के अनुसार ईमेल स्पूफिंग ऐसी ईमेल गतिविधि है जिसमें ईमेल भेजने वाले के पते और ईमेल शीर्ष के अन्य हिस्सों में ऐसा बदलाव किया जाता है जिससे आवासों की ईमेल किसी दूसरे स्रोत से भेजी गई है इसका आम उदाहरण यह है कि साइबर अपराधी मशहूर हस्तियों के मित्रों को मेल भेजकर सूचित करते हैं कि वह हस्ती विदेश में कहीं फस गई है और किसी भी हालत में वित्तीय मदद की जरूरत है स्पूफिंग का अर्थ यह नहीं कि ईमेल खाते से छेड़छाड़ की जाए ऐसा आमतौर पर वांछित ईमेल या वायरस फैलाने के लिए किया जाता है इस पर लागू होने वाली भारतीय दंड संहिता की धारा 416 और धारा 463 है धारा 626 पर लागू होगी धारा 6 चड्डी इस पर लागू होती है जिसमें कहा गया है कि जो कोई व्यक्ति किसी कम्युनिकेशन डिवाइस कंप्यूटर रिसोर्सेज जानकारी को छुपा कर के अपनी गलत जानकारी देता है रूप में 3 वर्ष तक बढ़ाए जा सकने वाले कारावास की सजा हो सकती है और ₹200000 तक जुर्माना तथा दोनों ही हो सकता है.
पहचान चोरी या आईडेंटिटी को चुराना
पहचान की चोरी के लिए आई थी संशोधन अधिनियम 2009 से जोड़ी गई धारा 66 सी लागू होती है जिसमें कहा गया है कि जो कोई व्यक्ति किसी और व्यक्ति के इलेक्ट्रॉनिक हस्ताक्षर पासवर्ड या किसी अन्य अंगूठे पहचान संकेत का छल से या बेईमानी से उपयोग करता है उसे किसी भी रूप में 3 साल तक बढ़ाए जा सकने वाले कारावास की सजा हो सकती है और ₹100000 तक का जुर्माना या उस जुड़वाने को या दोनों की सजा हो सकती है भारतीय दंड संहिता की धारा 416 भी लागू हो सकती है इस सब का उद्देश्य ऑनलाइन उपभोक्ताओं की व्यक्तिगत जानकारी सहित प्राइवेसी की हिफाजत करना है पहचान चोरी के समय आम उदाहरणों में किसी और की पहचान धारण करके उसकी ईमेल पढ़ना या पैसे चुराना या अन्य लाभ लेना है पहचान चोरी का एक बड़ा रास्ता सर्विस प्रोवाइडर से होकर गुजरता है पहचान की नकल ड्राइविंग सोल्डर सर्फिंग आदमी पहचान चोरी के दायरे में आते हैं उदाहरण के लिए फिशिंग का मतलब है कोई अपराधी ईमेल के माध्यम से किसी व्यक्ति को जाली वेबसाइट पर लॉग करने और क्रेडिट कार्ड तथा गोपनीय जानकारी देने के लिए उसे प्रेरित करता है हाल ही में भारतीय स्टेट बैंक के ग्राहकों का फिशिंग हमले के लिए एसबीआई वेबसाइट का क्लोन इस्तेमाल किया गया यहां यह बताना जरूरी है कि जिस व्यक्ति ने कभी कंप्यूटर का इस्तेमाल ना किया हो उसकी पहचान भी चोरी हो सकती है.
कंप्यूटर सिस्टम पर वायरस को फैलाना
आईटी अधिनियम की धारा 45 में दी गई परिभाषा के अनुसार कंप्यूटर वायरस वह है जो ऐसे कोई भी कंप्यूटर निर्देश सूचना डाटा या प्रोग्राम जो किसी कंप्यूटर कोर्स को नष्ट करें नुकसान पहुंचाए क्षमता कम करें या उसके प्रदर्शन पर विपरीत असर डाले अथवा जो किसी और कंप्यूटर रिसोर्सेज उड़ जाए और program.in निर्देश का निष्पादन किए जाने पर काम करने लगे अथवा कंप्यूटर कोर्स में कोई और काम होने पर सक्रिय हो जाए वायरस को दो वर्गों में बांटा जा सकता है फाइल इन फैक्ट वायरस बूट रिकॉर्डिंग फैक्टर्स वायरस आई लव यू वायरस और ट्रोजन हॉर्स वायरस इसके उदाहरण है उधर वंश ऐसे वायरस है जो दूसरे प्रोग्राम में से बहू गणित नहीं होते हैं.
आईटी अधिनियम की धारा 43 सी में प्रावधान है कि यदि कोई व्यक्ति किसी भी कंप्यूटर सिस्टम या कंप्यूटर नेटवर्क में उसके मालिक या प्रभारी व्यक्ति की अनुमति के बिना कोई कंप्यूटर दूषित करने वाला अंग या कंप्यूटर वायरस डालता है तो उसे हर्जाना देना होगा उदाहरण अगर कोई व्यक्ति किसी को कंप्यूटर वायरस डालता है तो उसे हर्जाना देना होता है व्यक्ति किसी को कंप्यूटर वायरस वाली फाइल भेजता है तो वह कंप्यूटर मालिक की अनुमति के बिना उसके कंप्यूटर में वायरस पहुंचाता है इसलिए उसे धारा 45 के तहत दोषी माना जाएगा तथा व्यक्ति को बेशक अपनी क्षमता की मात्रा तय करने का अधिकार है अगर यह कृत्य बेमानी से या धोखे के इरादे से किया गया है तो वह 66 धारा 66 के अंतर्गत 3 वर्ष तक की सजा या 500000 तक का जुर्माना या दोनों के तहत कार्यवाही हो सकती है वायरस फैलाने के मामले में धारा 45 के प्रावधान भी लागू किए जा सकते हैं.
यहां उल्लेखनीय है कि आईटी अधिनियम में ऐसे कंप्यूटर प्रोग्राम जो केवल तबाही मचाने या व्यवसायिक पर डाले जाते हैं और यह आटोमेटिक ईमेल भेज देते हैं के लिए कोई प्रावधान नहीं है.
डाटा चोरी
डाटा चोरी के लिए आईटी अधिनियम की धारा 43 बी में प्रावधान किया गया है यह 3 शब्दों पर लागू होते हैं डाउनलोड कॉपी जो भी व्यक्ति मालिक या प्रभारी की अनुमति के बिना किसी कंप्यूटर सिस्टम में या नेटवर्क से कोई डाटा डाउनलोड या नकल करता है अथवा निकालता है उसे हर्जाना देना पड़ता है इसे कॉपीराइट अधिनियम के तहत देखा जा सकता है इस बात को थोड़ा अलग तरह से समझे तो मालिक के पास दोबारा प्रस्तुत करने के लिए विशेष डिजिटल कंटेंट अधिकार होते हैं यदि यह काम बेईमानी या धोखे से किया जाए तो ऐसा करने वालों को धारा 66 के तहत 3 वर्ष तक बढ़ाए जा सकने वाले कारावास और ₹500000 तक बढ़ाई जा सकने वाले जुर्माना अथवा दोनों की सजा हो सकती है धारा 45 के तहत यदि कोई कंपनी अथवा कारपोरेट संस्था अपने डेटा का संरक्षण नहीं करती है तो उसे हर्जाना देना पड़ता है आज की दुनिया में जब ईमेल और यूएसबी डिवाइसेज के माध्यम से बड़ी-बड़ी फाइल्स भेजिए मंगाई जाती है तो डाटा की चोरी की चिंता बढ़ना स्वाभाविक है और इस समस्या से तुरंत निपटाना होना चाहिए.
साइबर पॉर्नोग्राफी
नो काफी का अर्थ इंटरनेट पर सेक्स संबंधी अन्य कामुक गतिविधियों को प्रोत्साहित करना है साइबर पोर्नोग्राफी के लिए दंडित करने वाला सबसे बड़ा कानून आईटी अधिनियम धारा 7 विषय वस्तु के आधार पर धारा 67b चाइल्ड प्रोनोग्राफी भी लगाई जा सकती है धारा 66 ए के तहत प्राइवेसी के उल्लंघन के लिए दंड दिया जा सकता है इस धारा में वीडियो भी शामिल है कपड़े बदलने के कैमरों होटल आदि के कमरों और कैमरे छिपाने जैसे कृतियों के लिए 3 वर्ष तक कारावास का प्रावधान है पोर्नोग्राफी से निपटने के लिए अन्य कानूनों में महिलाओं की अभद्र प्रस्तुति निषेध अधिनियम और भारतीय दंड संहिता शामिल है.
आईटी अधिनियम की धारा सिक्सटी सेवन के अनुसार जो भी व्यक्ति ऐसे किसी भी सामग्री इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रकाशित या संप्रेषित करता है तो वह संप्रेषण का माध्यम बनता है तो उस सामग्री में शामिल विषय वस्तु को पढ़ने देखने और सुनने वाले व्यक्ति काम का माथुर करती है या उसमें वासना जगाती है या उसे दुष्ट चरित्र अथवा भ्रष्ट बनाती है तो उसे पहली बार दोषी पाए जाने पर 3 वर्ष तक की सजा दिए जाने का प्रावधान है किसी भी तरह के कारावास और ₹500000 तक के जुर्माने का भी प्रावधान हो सकता है ऐसे व्यक्ति को दूसरी बार होता इसके बाद भी दोषी पाए जाने पर 5 वर्ष तक बढ़ाए सजा को बढ़ाया जा सकता है अथवा किसी भी तरह के कारावास और ₹1000000 तक के जुर्माने का भी प्रावधान है.
साइबर आतंकवाद
आतंकवाद का मिलन होता है इसका उद्देश्य 26 नवंबर 2008 जैसे हम लोग को अंजाम देना है जब हमलावरों ने होटल के कंप्यूटर में घुसपैठ करके वहां ठहरे अमेरिकी और ब्रिटिश नागरिकों की सूचना निकाल ली थी और उन्हें चुन-चुन कर मारा था सितंबर 11 2011 के हमलों की साजिश रचने और उन्हें अंजाम देने के लिए भी इंटरनेट का खूब इस्तेमाल हुआ था आईटी अधिनियम धारा 66 ए साइबर आतंकवाद से संबंध है और इस अपराध से तीन रूप बताए गए हैं.
साइबर आतंकवाद के लिए कारावास की सजा का प्रावधान है जिसकी अवधि अजीवन हो सकती है परमाणु रिएक्टरों बांधो रेलवे आदि में बाधा डालने में से बड़ी संख्या में लोग हताहत हो सकते हैं इसलिए इसे भी साइबर आतंक के दायरे में रखा गया है.
साइबर मानहानि
प्रकाशित या सार्वजनिक रूप से बोला गया ऐसा झूठ प्रचार है जो किसी व्यक्ति की साख या भले नाम को खराब करता है लिखित रूप से मानहानि या अपमान ले कहलाती है मौखिक रूप से इसे स्कैंडल या अपचन कहते हैं इंटरनेट पर अपमान लेख या आप वचन दोनों तरह की मानहानि हो सकती है मानहानि से निपटने के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 499 502 के तहत प्रावधान किए गए हैं धारा 499 के अंतर्गत संकेत और दृश्य भी आते हैं इसलिए इलेक्ट्रॉनिक रूप से मानहानि पर यह धारा लागू होती है इसमें अपमानजनक ईमेल ऑनलाइन बुलेटिन बोर्ड संदेश चैट रूम संदेश म्यूजिक डाउनलोड ऑडियो फाइल और डिजिटल फोटोग्राफी तैयार करना और भेजना शामिल है मोबाइल फोन पर अपमानजनक फोटो और वीडियो भेजना भी माना जाएगा हानी का एक सबसे बड़ा उदाहरण किसी महिला के मित्रों और रिश्तेदारों को अश्लील एसएमएस ईमेल महिला के खाते से भेजी गई .
ईमेल जालसाजी
जरिए वित्तीय बैंकिंग अथवा सामाजिक धोखाधड़ी को ईमेल जालसाजी कहते हैं इसका सबसे आम उदाहरण लॉटरी जालसाजी है जिसमें किसी भी व्यक्ति को अचानक ई-मेल से सूचना मिलती है कि उसने एक अंतरराष्ट्रीय लॉटरी जीती है जबकि वास्तव में ना कोई लॉटरी होती है और ना कोई इनाम नाइजीरिया में 419 घोटालों में किसी व्यक्ति को किसी कथित रही बारिश से ईमेल पर सूचना मिलती है कि वह रहीस बड़ी रकम देश से बाहर भेजना चाहता है घोटाले का नाम जालसाजी रोकने के लिए नाइजीरिया की जन संहिता की धारा पर रखा गया भारत में जालसाजी से निपटने के लिए आईटी अधिनियम की धारा 66 सी और चड्डी के साथ भारतीय दंड संहिता के संबंध प्रावधान लागू होते हैं.
साइबरस्टॉकिंग
स्टॉकिंग का अर्थ है छिपकर पीछा करना साइबर स्टॉकिंग का मतलब है किसी व्यक्ति का पीछा करने या उसे परेशान करने के लिए इंटरनेट ईमेल या अन्य इलेक्ट्रॉनिक कम्युनिकेशन डिवाइस का उपयोग करना इसमें उन बुलेटिन बोर्ड पर संदेश छोड़ना उसके प्रिय चैट रूम में घुसना और ईमेल आदि की बौछार करना यानी इंटरनेट पर अपने शिकार की हरकतों पर नजर रखना स्टॉकिंग की शिकार अक्सर महिलाएं होती हैं जिनकी इच्छा पुरुष करते हैं या बच्चे होते हैं इनका पीछा पीडोफिलिया बाल रति करने वाले करते हैं बच्चों के मामले में इसे साइबर बुकिंग कहते हैं अमेरिका में इसकी एक मिसाल देखने को मिली है जब एक महिला ने अपने दफ्तर में तैनात चौकीदार की आबाद रहा तो पर नाराजगी जाहिर की तो उसने पोर्नोग्राफी चैट रूम में उसका नाम पता ईमेल आईडी और फोन नंबर डाल दिया उस महिला को अश्लील प्रस्ताव मिलने लगे उसके घर पर लोग नजर रखने लगे उसके कामकाज पर असर पड़ने लगा उसने अदालत में मुकदमा किया और चौकीदार को 6 साल की सजा हो गई भाड़ में साइबरस्टॉकिंग धमकी वाली मैसेज ऐसे में शादी के लिए सजा का प्रावधान है लगातार टैक्स संदेश भेजना और सेक्स चैटिंग यानी जॉन गतिविधियां दिखाने वाले फोटोग्राफ्स भेजना प्रमुख साइबर अपराधों के लिए दंड का प्रावधान है.
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