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असुरक्षित ऋण क्या होते हैं? भारतीय बैंकिंग संकट, अर्थव्यवस्था पर प्रभाव और RBI के समाधान की एक विस्तृत विवेचना करो।

Drafting और Structuring the Blog Post Title: "असुरक्षित ऋण: भारतीय बैंकिंग क्षेत्र और अर्थव्यवस्था पर प्रभाव, और RBI की भूमिका" Structure: परिचय असुरक्षित ऋण का मतलब और यह क्यों महत्वपूर्ण है। भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में असुरक्षित ऋणों का वर्तमान परिदृश्य। असुरक्षित ऋणों के बढ़ने के कारण आसान कर्ज नीति। उधारकर्ताओं की क्रेडिट प्रोफाइल का सही मूल्यांकन न होना। आर्थिक मंदी और बाहरी कारक। बैंकिंग क्षेत्र पर प्रभाव वित्तीय स्थिरता को खतरा। बैंकों की लाभप्रदता में गिरावट। अन्य उधारकर्ताओं को कर्ज मिलने में कठिनाई। व्यापक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव आर्थिक विकास में बाधा। निवेश में कमी। रोजगार और व्यापार पर नकारात्मक प्रभाव। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की भूमिका और समाधान सख्त नियामक नीतियां। उधार देने के मानकों को सुधारना। डूबत ऋण प्रबंधन (NPA) के लिए विशेष उपाय। डिजिटल और तकनीकी साधनों का उपयोग। उदाहरण और केस स्टडी भारतीय बैंकिंग संकट 2015-2020। YES बैंक और IL&FS के मामले। निष्कर्ष पाठकों के लिए सुझाव और RBI की जिम्मेदारी। B...

नागरिकता (Citizenship) का भारत में क्या मतलब है विस्तार से जानकारी दो?

भारतीय नागरिकता से संबंधित सभी महत्वपूर्ण पहलुओं को समझना किसी प्रतियोगी परीक्षा के दृष्टिकोण से अत्यंत आवश्यक है। इस विषय में भारतीय संविधान, नागरिकता अधिनियम, 1955, और नागरिकता अर्जित करने के विभिन्न तरीकों का संपूर्ण विवरण नीचे दिया गया है। 1. भारतीय संविधान में नागरिकता से संबंधित प्रावधान भारतीय संविधान के भाग II (अनुच्छेद 5 से 11) में नागरिकता से संबंधित प्रावधान दिए गए हैं: (i) अनुच्छेद 5 : भारत की प्रारंभिक नागरिकता यह प्रावधान बताता है कि 26 जनवरी 1950 (संविधान के लागू होने की तारीख) को कौन व्यक्ति भारत का नागरिक होगा। वे व्यक्ति जो भारत में जन्मे हों। वे व्यक्ति जिनके माता-पिता में से कोई एक भारत में जन्मा हो। वे व्यक्ति जो सामान्यतः भारत में 5 साल से निवास कर रहे हों। (ii) अनुच्छेद 6 : पाकिस्तान से भारत में प्रवास करने वाले व्यक्तियों की नागरिकता यदि कोई व्यक्ति 19 जुलाई 1948 से पहले भारत आया है और उसने यहाँ निवास करना शुरू कर दिया है। यदि कोई व्यक्ति 19 जुलाई 1948 के बाद भारत आया है, तो उसे सक्षम प्राधिकारी के समक्ष अपना पंजीकरण कराना होगा। (iii) अनुच्छेद 7 :...

भारतीय संविधान की प्रस्तावना: संप्रभुता, समाजवाद, धर्मनिरपेक्षता और लोकतंत्र का व्यापक विश्लेषण

भारतीय संविधान की प्रस्तावना (Preamble) भारतीय संविधान का पहला भाग है, जो संविधान की उद्देश्य और दिशा को स्पष्ट करता है। यह प्रस्तावना संविधान की आत्मा मानी जाती है, क्योंकि इसके माध्यम से भारतीय राज्य के लक्ष्यों और उद्देश्य का संकेत मिलता है। प्रस्तावना में निम्नलिखित प्रमुख तत्व होते हैं: 1. "हम, भारत के लोग" यह वाक्यांश भारतीय जनता की सर्वोच्च सत्ता को दर्शाता है। यह इस बात का संकेत देता है कि भारतीय संविधान को भारतीय नागरिकों द्वारा स्वीकार किया गया है और उनकी इच्छा के अनुसार बनाया गया है। इसमें यह भी अभिप्रेत है कि सरकार और कानून जनता के लिए और जनता द्वारा होंगे। 2. "संविधान को अंगीकार करते हुए" यह वाक्य यह दर्शाता है कि भारतीय लोग संविधान को अपने जीवन का मार्गदर्शक मानते हैं और इसे अपने सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक जीवन के सिद्धांतों के रूप में अपनाते हैं। 3. "सम्पूर्ण भारत" यह शब्द भारत के सम्पूर्ण क्षेत्र को संबोधित करता है, जो संविधान के दायरे में आता है। यह भारतीय संघ के क्षेत्रीय एकता और अखंडता को प्रमाणित करता है। 4. "लोकतंत्रात्मक ...

गौतम बुद्ध: एक राजा से तपस्वी बनने की अद्भुत यात्रा

गौतम बुद्ध (563 ईसा पूर्व - 483 ईसा पूर्व), जिन्हें सिद्धार्थ गौतम या शाक्यमुनि बुद्ध भी कहा जाता है, बौद्ध धर्म के संस्थापक थे। उनका जीवन एक प्रेरणा है और उनके उपदेश मानवता के लिए जीवन के गहन सत्य को उजागर करते हैं। उनका जीवन परिचय इस प्रकार है: जन्म और प्रारंभिक जीवन→ गौतम बुद्ध का जन्म 563 ईसा पूर्व में लुंबिनी (वर्तमान नेपाल) में हुआ था। उनके पिता राजा शुद्धोधन शाक्य गणराज्य के शासक थे, और माता महामाया थीं। सिद्धार्थ का जन्म शाही परिवार में हुआ और उन्हें राजकुमार का दर्जा मिला। जन्म के समय, अष्टांग ज्योतिषियों ने भविष्यवाणी की कि वे या तो एक महान सम्राट बनेंगे या एक महान संत। उनके पिता ने उन्हें सांसारिक जीवन के सुख-सुविधाओं में रखा ताकि वे गृहस्थ जीवन अपनाएं। गृहस्थ जीवन→ गौतम का विवाह यशोधरा नामक राजकुमारी से हुआ और उनके पुत्र का नाम राहुल था। हालांकि, सिद्धार्थ सांसारिक सुखों से संतुष्ट नहीं थे। संसार के दुखों का बोध→ 29 वर्ष की आयु में सिद्धार्थ ने चार महत्वपूर्ण दृश्यों का अनुभव किया:→ •एक वृद्ध व्यक्ति •एक बीमार व्यक्ति •एक मृत व्यक्ति •एक सन्यासी इन दृश्यों ने उन...